रक्त समूह
(Blood Group)
रक्त समूह (Blood Group)-
➠रक्त समूह की खोज लैंडस्टीनर के द्वारा 1900 ई. में की गई थी।
एंटीजन (Antigen)-
➠रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं (RBC) के उपर पाये जाने वाली संरचना को एंटीजन कहा जाता है।
➠लाल रक्त कोशिकाओं के उपर पाये जाने वाली संरचना प्रोटीन की बनी होती है। अर्थात् एंटीजन प्रोटीन की बनी होती है।
➠रक्त में एंटीजन दो प्रकार की होती है। जैसे-
1. एंटीजन (Antigen)- 'A'
2. एंटीजन (Antigen)- 'B'
➠एंटीजन 'B' एवं एंटीजन 'A' के आधार पर रक्त समूह 4 प्रकार के होते है। जैसे-
1. रक्त समूह (Blood Group)- 'A'
2. रक्त समूह (Blood Group)- 'B'
3. रक्त समूह (Blood Group)- 'AB'
4. रक्त समूह (Blood Group)- 'O'
एंटीबाॅडी (Antibody)-
➠रक्त में प्लाजमा में पायी जाने वाली संरचना को एंटीबाॅडी कहा जाता है।
➠रक्त में प्लाजमा में पायी जाने वाली संरचना प्रोटीन की बनी होती है। अर्थात् एंडीबाॅडी प्रोटीन की बनी होती है।
➠जब व्यक्ति के शरीर या रक्त में कोई एंटीजन प्रवेश करता है तो व्यक्ति का शरीर या रक्त उस एंटीजन को मारने के लिए एंटीबाॅडी का निर्माण करता है।
➠रक्त में एंटीबाॅडी दो प्रकार की होती है। जैसे-
1. एंटीबाॅडी (Antibody)- 'a'
2. एंटीबाॅडी (Antibody)- 'b'
निम्नलिखित रक्त समूह में उपयुक्त एंटीजन एवं एंटीबाॅडी पायी जाती है।-
Blood Group | Antigen | Antibody |
---|---|---|
A | A | b |
B | B | a |
AB | A & B | Absent |
O | Absent | a & b |
विशेष-
➠यदि किसी व्यक्ति के रक्त में एंटीजन एवं एंटीबाॅडी दोनों ही समान हो तो एंटीजन व एंटीबाॅडी आपस में क्रिया कर लेते है तथा इस क्रिया के कारण व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। इसीलिए एंटीजन व एंडीबाॅडी की क्रिया को रोकने के लिए व्यक्ति के रक्त में एंटीजन व एंटीबाॅडी दोनों को असमान रखा जाता है।
अग्लूटीनेशन (Agglutination)-
➠व्यक्ति के शरीर में रक्त में एंटीजन व एंटीबाॅडी के द्वारा आपस में की जाने वाली क्रिया को अग्लूटीनेशन कहते है।
➠व्यक्ति के शरीर में रक्त में अग्लूटीनेशन की क्रिया केवल एंटीजन व एंटीबाॅडी दोनों समान होने पर ही होती है। अन्य किसी स्थिति में अग्लूटीनेशन की क्रिया नहीं होती है।
विशेष-
➠रक्त समूह 'AB' में एंटीबाॅडी अनुपस्थित होती है इसीलिए रक्त समूह 'AB' की प्रतिरक्षा (Immunity) कमजोर होती है।
➠रक्त समूह 'O' में दोनों एंटीबाॅडी पायी जाती है इसीलिए रक्त समूह 'O' की प्रतिरक्षा (Immunity) मजबूत होती है।
➠उपर्युक्त दोनों बाते पूरी तरह से गलत है क्योंकी रक्त समूह की एंटीबाॅडी का प्रतिरक्षा से कोई संबंध नहीं है। अर्थात् सभी रक्त समूह वाले व्यक्तियों की प्रतिरक्षा (Immunity) समान होती है।
रक्त स्थानांतरण (Blood Transfusion)-
1. रक्त समूह (Blood Group)- 'A'
2. रक्त समूह (Blood Group)- 'B'
3. रक्त समूह (Blood Group)- 'AB'
4. रक्त समूह (Blood Group)- 'O'
1. रक्त समूह (Blood Group)- 'A'
➠रक्त समूह 'A' वाला व्यक्ति रक्त समूह 'A' तथा रक्त समूह 'O' वाले व्यक्ति से रक्त ले सकता है।
➠रक्त समूह 'A' वाला व्यक्ति रक्त समूह 'B' तथा रक्त समूह 'AB' वाले व्यक्ति से रक्त नहीं ले सकता है।
➠रक्त समूह 'A' वाला व्यक्ति रक्त समूह 'A' तथा रक्त समूह 'AB' वाले व्यक्ति को रक्त दे सकता है।
➠रक्त समूह 'A' वाला व्यक्ति रक्त समूह 'B' तथा रक्त समूह 'O' वाले व्यक्ति को रक्त नहीं दे सकता है।
2. रक्त समूह (Blood Group)- 'B'
➠रक्त समूह 'B' वाला व्यक्ति रक्त समूह 'B' तथा रक्त समूह 'O' वाले व्यक्ति से रक्त ले सकता है।
➠रक्त समूह 'B' वाला व्यक्ति रक्त समूह 'A' तथा रक्त समूह 'AB' वाले व्यक्ति से रक्त नहीं ले सकता है।
➠रक्त समूह 'B' वाला व्यक्ति रक्त समूह 'B' तथा रक्त समूह 'AB' वाले व्यक्ति को रक्त दे सकता है।
➠रक्त समूह 'B' वाला व्यक्ति रक्त समूह 'A' तथा रक्त समूह 'O' वाले व्यक्ति को रक्त नहीं दे सकता है।
3. रक्त समूह (Blood Group)- 'AB'
➠रक्त समूह 'AB' वाले व्यक्ति में दोनों एंटीबाॅडी नहीं पायी जाती या अनुपस्थित रहती है इसीलिए रक्त समूह 'AB' वाला व्यक्ति सभी रक्त समूह वाले व्यक्तियों से रक्त ले सकता है इसीलिए रक्त समूह 'AB' को सर्वग्राही (Universal Acceptor) रक्त समूह करते है।
➠रक्त समूह 'AB' में भी रक्त समूह 'AB+' (AB+Positive) ही सर्वग्राही रक्त समूह होता है।
➠रक्त समूह 'AB' वाला व्यक्ति रक्त समूह 'A', रक्त समूह 'B', रक्त समूह 'AB' तथा रक्त समूह 'O' वाले व्यक्ति से रक्त ले सकता है। अर्थात् रक्त समूह 'AB' वाला व्यक्ति सभी रक्त समूह वाले व्यक्तियों से रक्त ले सकता है।
➠रक्त समूह 'AB' वाला व्यक्ति रक्त समूह 'AB' वाले व्यक्ति को ही रक्त दे सकता है।
➠रक्त समूह 'AB' वाला व्यक्ति रक्त समूह 'A', रक्त समूह 'B' तथा रक्त समूह 'O' वाले व्यक्ति को रक्त नहीं दे सकता है।
➠'AB+' धनात्मक (AB+Positive) रक्त समूह सर्वाग्राही रक्त समूह होता है क्योंकि 'AB+' धनात्मक रक्त समूह में एंटीबाॅडी अनुपस्थित होती है एवं Rh-एंटीजन पाया जाता है।
4. रक्त समूह (Blood Group)- 'O'
➠रक्त समूह 'O' वाला व्यक्ति केवल रक्त समूह 'O' वाले व्यक्ति से ही रक्त ले सकता है।
➠रक्त समूह 'O' वाला व्यक्ति सभी रक्त समूह वाले व्यक्तियों को रक्त दे सकता है क्योंकि रक्त समूह 'O' में एंटीजन नहीं होता है या अनुपस्थित रहता है इसीलिए रक्त समूह 'O' को सर्वदाता (Universal Donor) रक्त समूह कहते है।
➠रक्त समूह 'O' में भी रक्त समूह 'O-' (O-Negative) ही सर्वदाता रक्त समूह होता है।
➠रक्त समूह 'O' वाला व्यक्ति केवल रक्त समूह 'O' वाले व्यक्ति से ही रक्त ले सकता है।
➠रक्त समूह 'O' वाला व्यक्ति रक्त समूह 'A', रक्त समूह 'B' तथा रक्त समूह 'AB' वाले व्यक्ति से रक्त नहीं ले सकता है।
➠रक्त समूह 'O' वाला व्यक्ति रक्त समूह 'A', रक्त समूह 'B', रक्त समूह 'AB' तथा रक्त समूह 'O' वाले व्यक्ति को रक्त दे सकता है। अर्थात् रक्त समूह 'O' वाला व्यक्ति सभी रक्त समूह वाले व्यक्तियों को रक्त दे सकता है।
➠'O-' ऋणात्मक (O-Negative) रक्त समूह सर्व दाता रक्त समूह होता है क्योंकि 'O-' ऋणात्मक रक्त समूह में एंटीजन एवं Rh-एंटीजन दोनों अनुपस्थित होते है।
निम्नलिखित रक्त समूह अन्य रक्त समूह से रक्त ले सकता है।
Blood Group | Blood Group से ले सकता है |
---|---|
A | O, A |
B | O, B |
AB | O, A, B, AB |
O | O |
निम्नलिखित रक्त समूह अन्य रक्त समूह से रक्त नहीं ले सकता है।
Blood Group | Blood Group से नहीं ले सकता है |
---|---|
A | B, AB |
B | A, AB |
AB | - |
O | A, B, AB |
निम्नलिखित रक्त समूह अन्य रक्त समूह को रक्त दे सकता है।
Blood Group | Blood Group को दे सकता है |
---|---|
A | A, AB |
B | B, AB |
AB | AB |
O | A, B, AB, O |
निम्नलिखित रक्त समूह अन्य रक्त समूह को रक्त नहीं दे सकता है।
Blood Group | Blood Group को नहीं दे सकता है |
---|---|
A | O, B |
B | O, A |
AB | O, A, B |
O | - |
त्रणात्मक रक्त समूह (Negative Blood Group)-
➠भारत में लगभग 7 प्रतिशत जनसंख्या में त्रणात्मक (-ve) रक्त समूह पाया जाता है।
➠विश्व में लगभग 15 प्रतिशत जनसंख्या में त्रणात्मक (-ve) रक्त समूह पाया जाता है।
धनात्मक रक्त समूह (Positive Blood Group)-
➠भारत में लगभग 93 प्रतिशत जनसंख्या में धनात्मक (+ve) रक्त समूह पाया जाता है।
➠विश्व में लगभग 85 प्रतिशत जनसंख्या में धनात्मक (+ve) रक्त समूह पाया जाता है।