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अंडाशय ग्रंथि (Ovary Gland)

अंडाशय ग्रंथि

(Ovary Gland)


अंडाशय ग्रंथि (Ovary Gland)-

➠अंडाशय ग्रंथि मनुष्य के शरीर में पायी जाने वाली अंतःस्रावी ग्रंथि (Endocrine Gland) है।

➠अंडाशय ग्रंथि केवल महिला में पायी जाती है।

➠मनुष्य (महिला) के शरीर में अंडाशय ग्रंथि की संख्या एक होती है।

➠महिला में अंडाशय (Ovary) का होना प्राथमिक लैंगिक लक्षण (Primary Sexual Character) है।

➠अंडाशय ग्रंथि निम्नलिखित हार्मोन स्रावित होते है जैसे-

1. एस्ट्रोजन हार्मोन (Estrogen Hormone)

2. प्रोजेस्टेरोन हार्मोन (Progesterone Hormone)


1. एस्ट्रोजन हार्मोन (Estrogen Hormone)-

➠एस्ट्रोजन हार्मोन महिलाओं में अंडाशय ग्रंथि में स्रावित होता है अर्थात् एस्ट्रोजन हार्मोन महिलाओं में अंडाशय ग्रंथि से निकलने वाला हार्मोन है।

➠एस्ट्रोजन हार्मोन महिलाओं में पाया जाने वाला लिंग हार्मोन (Sex Hormone) है।

➠एस्ट्रोजन हार्मोन को सुंदरता का हार्मोन (Beauty Hormone) भी कहते है। क्योंकि एस्ट्रोजन हार्मोन त्वचा को साॅफ्ट या मुलायम बनाये रखता है।

➠एस्ट्रोजन हार्मोन स्टेराॅयड (Steroid) का बना होता है। अर्थात् एस्ट्रोजन हार्मोन स्टेराॅयड हार्मोन (Steroid Hormone) है।

➠एस्ट्रोजन हार्मोन महिलाओं में द्वितीयक लैंगिक लक्षण लेकर आता है। जैसे-

(I) महिलाओं में स्तनों का आकार बढ़ना (Breast Development) द्वितीयक लैंगिक लक्षण है।

(II) महिलाओं में मांसपेशियों का कमजोर (Muscle Weak) होना द्वितीयक लैंगिक लक्षण है।

(III) महिलाओं में आवाज का पतला या हल्का (Voice Thin) होना द्वितीयक लैंगिक लक्षण है।


2. प्रोजेस्टेरोन हार्मोन (Progesterone Hormone)-

➠प्रोजेस्टेरोन हार्मोन महिलाओं में अंडाशय ग्रंथि में स्रावित होने वाला हार्मोन है। अर्थात् प्रोजेस्टेरोन हार्मोन महिलाओं में अंडाशय ग्रंथि से निकलता है।

➠प्रोजेस्टेरोन हार्मोन स्टेराॅयड (Steroid) का बना होता है। अर्थात् प्रोजेस्टेरोन हार्मोन स्टेराॅयड हार्मोन (Steroid Hormone) है।

➠प्रोजेस्टेरोन हार्मोन महिलाओं में गर्भावस्था के लिए आवश्यक हार्मोन है इसीलिए प्रोजेस्टेरोन हार्मोन को गर्भावस्था का हार्मोन (Pregnancy Hormone) भी कहते है।


लैंगिक लक्षण (Sexual Character)-

➠वह लक्षण जो एक ही लिंग (Sex) में हो लैंगिक लक्षण कहलाते है।

➠लैंगिक लक्षणों को दो भागों में विभाजित किया गया है जैसे-

1. प्राथमिक लैंगिक लक्षण (Primary Sexual Character)

2. द्वितीय लैंगिक लक्षण (Secondary Sexual Character)


1. प्राथमिक लैंगिक लक्षण (Primary Sexual Character)-

➠प्राथमिक लैंगिक लक्षण के अंतर्गत वे लक्षण आते है जो बच्चे पैदा करने में सहायक होते है उन्हें प्राथमिक लैंगिक लक्षण कहा जाता है। जैसे- पुरुष में वृषण (Testis) का होना, महिला में अंडाशय (Ovary) का होना आदि प्राथमिक लैंगिक लक्षण के अंतर्गत आते है।


2. द्वितीय लैंगिक लक्षण (Secondary Sexual Character)-

➠द्वितीय लैंगिक लक्षण के अंतर्गत वे लक्षण आते है जो बाहरी रूप (External Appearance) में दिखाई देते है उन्हें द्वितीय लैंगिक लक्षण कहा जाता है। जैसे- पुरुष के पूरे शरीर पर बालों का आना, महिला के स्तनों का विकास होना आदि द्वितीय लैंगिक लक्षण के अंतर्गत आते है।

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