वृषण ग्रंथि
(Testis Gland)
वृषण ग्रंथि (Testis Gland)-
➠वृषण ग्रंथि मनुष्य के शरीर में पायी जाने वाली अंतःस्रावी ग्रंथि (Endocrine Gland) है।
➠पुरुष में वृषण उदर गुहिका के बाहर एक थैली में स्थित होता है। अर्थात् पुरुष में वृषण वृषणकोश में स्थित होता है।
➠वृषण ग्रंथि केवल पुरुष में ही पायी जाती है।
➠मनुष्य (पुरुष) के शरीर में वृषण ग्रंथि की संख्या एक होती है।
➠पुरुष में वृषण (Testis) का होना प्राथमिक लैंगिक लक्षण (Primary Sexual Character) है।
➠वृषण ग्रंथि से स्रावित होने वाले हार्मोन जैसे-
1. टेस्टोस्टेरोन हार्मोन (Testosterone Hormone)
1. टेस्टोस्टेरोन हार्मोन (Testosterone Hormone)-
➠टेस्टोस्टेरोन हार्मोन पुरुषों में वृषण ग्रंथि से स्रावित होता है। अर्थात् टेस्टोस्टेरोन हार्मोन पुरुषों में वृषण ग्रंथि से निकलने वाला हार्मोन है।
➠टेस्टोस्टेरोन हार्मोन को एंड्रोजेन हार्मोन (Androgen Hormone) भी कहा जाता है।
➠टेस्टोस्टेरोन हार्मोन पुरुषों में पाया जाने वाला लिंग हार्मोन (Sex Hormone) है।
➠टेस्टोस्टेरोन हार्मोन स्टेराॅयड (Steroid) का बना होता है। अर्थात टेस्टोस्टेरोन हार्मोन स्टेराॅयड हार्मोन (Steroid Hormone) है।
➠टेस्टोस्टेरोन हार्मोन पुरुषों में द्वितीयक लैंगिक लक्षण लेकर आता है। जैसे-
(I) पुरुषों के पूरे शरीर पर बालों का होना या दाढ़ी मूछों का आना द्वितीयक लैंगिक लक्षण है।
(II) पुरुषों में मांसपेशियों का मजबूत (Muscle Strong) होना द्वितीयक लैंगिक लक्षण है।
➠टेस्टोस्टेरोन हार्मोन पुरुष में लैंगिक अंगों का विकास करने से सहायक है।
➠टेस्टोस्टेरोन हार्मोन पुरुष में शुक्राणुओं के निर्माण की प्रक्रिया में आवश्यक होता है। अर्थात् पुरुष में शुक्राणुओं के बनने में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन आवश्यक होता है।
लैंगिक लक्षण (Sexual Character)-
➠वह लक्षण जो एक ही लिंग (Sex) में हो लैंगिक लक्षण कहलाते है।
➠लैंगिक लक्षणों को दो भागों में विभाजित किया गया है जैसे-
1. प्राथमिक लैंगिक लक्षण (Primary Sexual Character)
2. द्वितीय लैंगिक लक्षण (Secondary Sexual Character)
1. प्राथमिक लैंगिक लक्षण (Primary Sexual Character)-
➠प्राथमिक लैंगिक लक्षण के अंतर्गत वे लक्षण आते है जो संतान (बच्चे) पैदा करने में सहायक होते है उन्हें प्राथमिक लैंगिक लक्षण कहा जाता है। जैसे- पुरुष में वृषण (Testis) का होना, महिला में अंडाशय (Ovary) का होना आदि प्राथमिक लैंगिक लक्षण के अंतर्गत आते है।
2. द्वितीय लैंगिक लक्षण (Secondary Sexual Character)-
➠द्वितीय लैंगिक लक्षण के अंतर्गत वे लक्षण आते है जो बाहरी रूप (External Appearance) में दिखाई देते है उन्हें द्वितीय लैंगिक लक्षण कहा जाता है। जैसे- पुरुष के पूरे शरीर पर बालों का आना, महिला के स्तनों का विकास होना आदि द्वितीय लैंगिक लक्षण के अंतर्गत आते है।