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पीयूष ग्रंथि (Pituitary Gland)

पीयूष ग्रंथि

(Pituitary Gland)


पीयूष ग्रंथि (Pituitary Gland)-

➠पीयूष ग्रंथि मनुष्य के शरीर में पायी जाने वाली एक अंतःस्रावी ग्रंथि (Endocrine Gland) है।

➠मनुष्य के शरीर में पीयूष ग्रंथि की संख्या एक होती है।

➠पीयूष ग्रंथि पुरुष तथा महिला दोनों में पायी जाती है।

➠पीयूष ग्रंथि का आकार मटर के दाने के समान होता है।

➠मनुष्य के शरीर में पीयूष ग्रंथि का वजन 0.6 ग्राम होता है।

➠पीयूष ग्रंथि व्यक्ति के शरीर में मस्तिष्क के तल पर हाइपोथैलेमस (Hypothalamus) के निचले भाग में पायी जाती है।

➠पीयूष ग्रंथि में तीन भाग होते है जैसे-

1. अग्र पाली (Anterior Lobe)

2. मध्य पाली (Middle Lobe)

3. पश्च पाली (Posterior Lobe)


1. अग्र पाली (Anterior Lobe)-

➠पीयूष ग्रंथि के आगे के भाग को अग्र पाली कहा जाता है।

➠पीयूष ग्रंथि की अग्र पाली को एडीनोहाइपोफिसिस (Adenohypophysis) कहा जाता है।

➠पीयूष ग्रंथि के अग्र पाली या अगले भाग से निम्नलिखित हार्मोन निकलते है या स्रावित होते है। जैसे-

(I) वृद्धि हार्मोन (Growth Hormone)

(II) प्रोलेक्टिन हार्मोन (Prolactin Hormone)

(III) थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन (Thyroid Stimulating Hormone- TSH)

(IV) एड्रेनोकाॅर्टिकोट्रोपिक हार्मोन (Adrenocorticotropic Hormone- ACTH)

(V) फाॅलिकल स्टिमुलेटिंग हार्मोन (Follicle Stimulating Hormone- FSH)

(VI) ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (Luteinizing Hormone- LH)


(I) वृद्धि हार्मोन (Growth Hormone)-

➠वृद्धि हार्मोन पीयूष ग्रंथि के अग्र भाग से स्रावित होने वाला या निकलने वाला हार्मोन है।

➠ग्रोथ हार्मोन प्रोटीन (Protein) का बना होता है। अर्थात् ग्रोथ हार्मोन Protein Hormone है।

➠मनुष्य के शरीर में हड्डियों की प्लेट में ओस्टियोब्लास्ट कोशिका (Osteoblast Cell) पायी जाती है।

➠ओस्टियोब्लास्ट कोशिका मनुष्य के शरीर में हड्डियों का निर्माण करती है इसीलिए ओस्टियोब्लास्ट कोशिका को हड्डी निर्माणकारी कोशिका (Bone Forming Cell) भी कहते है।

➠ओस्टियोब्लास्ट कोशिका विभाजित होकर ऑस्टियोसाइट कोशिका (Osteocyte Cell) बनाती है।

ऑस्टियोसाइट कोशिका को हड्डी की कोशिका (Bone's Cell) भी कहते है।

➠ओस्टियोब्लास्ट कोशिका में कोशिका विभाजन वृद्धि हार्मोन एवं थायरोक्सिन हार्मोन (Thyroxine Hormone) के कारण होता है।

➠बाल्यावस्था में ग्रोथ हार्मोन की कमी से बोनापन हो जाता है।

➠बाल्यावस्था में ग्रोथ हार्मोन की अधिकता से भीमकायता हो जाता है।

➠व्यक्ति की ऊंचाई (Height) कम या अधिक होने में ग्रोथ हार्मोन जिम्मेदार होता है। अर्थात् यदि व्यक्ति के शरीर में ग्रोथ हार्मोन कमी स्रावित हो रहा है तो व्यक्ति की ऊंचाई कम बढ़ती है तथा यदि व्यक्ति के शरीर में ग्रोथ हार्मोन अधिक स्रावित हो रहा है तो व्यक्ति की ऊंचाई अधिक बढ़ती है।


(II) प्रोलेक्टिन हार्मोन (Prolactin Hormone)

➠प्रोलेक्टिन हार्मोन महिलाओं के स्तन में पीयूष ग्रंथि की अग्र पाली से स्रावित होता है।

➠प्रोलेक्टिन हार्मोन प्रोटीन (Protein) का बना होता है। अर्थात् प्रोलेक्टिन हार्मोन Protein Hormone है।

➠प्रोलेक्टिन हार्मोन गर्भावस्था के बाद माता के स्तन में दूध का निर्माण करता है इसीलिए प्रोलेक्टिन हार्मोन को दूध निर्माण हार्मोन (Milk Formation Hormone) भी कहते है।

➠प्रोलेक्टिन हार्मोन केवल महिलाओं में ही पाया जाता या उपस्थित होता है। अर्थात् प्रोलेक्टिन हार्मोन पुरुषों में नहीं पाया जाता या अनुपस्थित होता है।

➠महिलाओं में प्रोलेक्टिन हार्मोन गर्भावस्था के बाद 6 से 8 महीने तक ही निकलता है।


(III) थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन (Thyroid Stimulating Hormone- TSH)-

➠मनुष्य के शरीर में थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन पीयूष ग्रंथि में स्रावित होता है अर्थात् थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन पीयूष ग्रंथि से निकलता है।

➠थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन प्रोटीन (Protein) का बना होता है। अर्थात् थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन Protein Hormone है।


(IV) एड्रेनोकाॅर्टिकोट्रोपिक हार्मोन (Adrenocorticotropic Hormone- ACTH)-

➠मनुष्य के शरीर में एड्रेनोकाॅर्टिकोट्रोपिक हार्मोन (ACTH Hormone) पीयूष ग्रंथि की अग्र पाली में स्रावित होता है। अर्थात् एड्रेनोकाॅर्टिकोट्रोपिक हार्मोन पीयूष ग्रंथि के अगले भाग से निकलता है।

➠एड्रेनोकाॅर्टिकोट्रोपिक हार्मोन (ACTH हार्मोन) प्रोटीन (Protein) का बना होता है। अर्थात् एड्रेनोकाॅर्टिकोट्रोपिक हार्मोन Protein Hormone है।


(V) फाॅलिकल स्टिमुलेटिंग हार्मोन (Follicle Stimulating Hormone- FSH)-

➠मनुष्य के शरीर में फाॅलिकल स्टिमुलेटिंग हार्मोन (FSH Hormone) पीयूष ग्रंथि की अग्र पाली में स्रावित होता है। अर्थात् FSH हार्मोन पीयूष ग्रंथि के अगले भाग से निकलता है।

➠फाॅलिकल स्टिमुलेटिंग (FSH) हार्मोन प्रोटीन (Protein) का बना होता है। अर्थात् FSH हार्मोन Protein Hormone है।


(VI) ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (Luteinizing Hormone- LH)-

➠मनुष्य के शरीर में ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH Hormone) पीयूष ग्रंथि की अग्र पाली में स्रावित होता है। अर्थात् LH हार्मोन पीयूष ग्रंथि के अगले भाग से निकलता है।

➠ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH Hormone) प्रोटीन (Protein) का बना होता है। अर्थात् LH हार्मोन Protein Hormone है।


2. मध्य पाली (Middle Lobe)-

➠पीयूष ग्रंथि के मध्यम भाग या बीच के भाग को मध्य पाली कहा जाता है।

➠पीयूष ग्रंथि की मध्य पाली या मध्यम भाग से मेलानोसाइट स्टिमुलेटिंग हार्मोन (Melanocyte Stimulating Hormone- MSH) स्रावित होता है या निकलता है।


मेलानोसाइट स्टिमुलेटिंग हार्मोन (Melanocyte Stimulating Hormone- MSH)-

➠मेलानोसाइट स्टिमुलेटिंग हार्मोन पीयूष ग्रंथि के मध्य पाली से स्रावित होने वाला हार्मोन है।

➠मेलानोसाइट स्टिमुलेटिंग हार्मोन प्रोटीन (Protein) का बना होता है। अर्थात् मेलानोसाइट स्टिमुलेटिंग हार्मोन Protein Hormone है।


3. पश्च पाली (Posterior Lobe)-

➠पीयूष ग्रंथि के पिछले भाग को पश्च पाली कहा जाता है।

➠पीयूष ग्रंथि की पश्च पाली को न्यूरोहाइपोफिसिस (Neurohypophysis) कहा जाता है।

➠पीयूष ग्रंथि की पश्च पाली या पिछले भाग से निम्नलिखित हार्मोन निकलते है। जैसे-

(I) ऑक्सीटोसिन हार्मोन (Oxytocin Hormone)

(II) एंटीडाइयूरेटिक हार्मोन (Anti-Diuretic Hormone- ADH)


(I) ऑक्सीटोसिन हार्मोन (Oxytocin Hormone)-

➠ऑक्सीटोसिन हार्मोन पीयूष ग्रंथि के पश्च पाली से स्रावित या निकलने वाला हार्मोन है।

➠ऑक्सीटोसिन हार्मोन प्रोटीन (Protein) का बना होता है। अर्थात् ऑक्सीटोसिन हार्मोन Protein Hormone है।

ऑक्सीटोसिन हार्मोन पुरुष की तुलना में महिलाओं में ज्यादा पाया जाता है।

गर्भावस्था (Pregnancy) के बाद ऑक्सीटोसिन हार्मोन माता के स्तन से दूध को बाहर निकालने का कार्य करता है। इसीलिए ऑक्सीटोसिन हार्मोन को दुग्ध स्रावित हार्मोन या दुगधजनक हार्मोन कहते है।

ऑक्सीटोसिन हार्मोन को लैक्टोजेनिक ट्राॅपिक हार्मोन भी कहा जाता है।

प्रसव के समय ऑक्सीटोसिन हार्मोन गर्भाशय (Uterus) में संकुचन (Contraction) करता है ताकि शिशु जन्म (प्रसव) संभव हो सके इसीलिए ऑक्सीटोसिन हार्मोन को प्रसव हार्मोन भी कहा जाता है।

ऑक्सीटोसिन हार्मोन मनुष्य में प्यार, भावुकता एवं स्नेह के लिए जिम्मेदार होता है। इसीलिए ऑक्सीटोसिन हार्मोन को लव हार्मोन (Love Hormone) भी कहते है।

वर्तमान में ऑक्सीटोसिन हार्मोन का दुरुपयोग फलों को पकाने तथा मवेशियों से अत्यधिक दूध बाहर निकलवाने में किया जा रहा है। इस कारण से मनुष्य में कैंसर, चिड़चिड़ापन, तनाव आत्महत्या करने की प्रवृत्ति जैसे लक्षण लगातार बढ़ते जा रहे है।

➠मवेशियों से अत्यधिक दूध निकालने के लिए ऑक्सीटोसिन हार्मोन का इंजेक्शन लगाया जाता है।

➠फलों को पकाने के लिए ऑक्सीटोसिन हार्मोन का इंजेक्शन लगाया जाता है।

➠प्रसव के समय महिलाओं में संकुचन के लिए ऑक्सीटोसिन हार्मोन का इंजेक्शन लगाया जाता है।


(II) एंटीडाइयूरेटिक हार्मोन (Anti-Diuretic Hormone-ADH)-

➠एंटीडाइयूरेटिक हार्मोन (ADH) पीयूष ग्रंथि के पश्च भाग से स्रावित होने या निकलने वाला हार्मोन है।

➠एंटीडाइयूरेटिक हार्मोन प्रोटीन (Protein) का बना होता है। अर्थात् एंटीडाइयूरेटिक हार्मोन Protein Hormone है।

➠एंटीडाइयूरेटिक हार्मोन या ADH को वैसोप्रेसिन भी कहा जाता है।

➠ADH हार्मोन पानी को मूत्र से रक्त में लेकर आता है। इसीलिए ADH हार्मोन शरीर में मूत्र के द्वारा होने वाली पानी की हानी को कम कर देता है।

➠ADH हार्मोन के द्वारा मूत्र से पानी की 10 से 15 प्रतिशत मात्रा रक्त में लेकर आता है।

➠ADH हार्मोन की कमी से डाईयूरीया (Diurea) हो जाता है इसीलिए ADH हार्मोन को एंटीडाइयूरेटिक हार्मोन कहते है।

➠ADH हार्मोन की कमी से डाईयूरीया हो जाने पर व्यक्ति के शरीर में मूत्र ज्यादा बनने लगता है।

➠ADH हार्मोन व्यक्ति के शरीर में रक्तचाप (Blood Pressure- BP) को बढ़ा देता है इसीलिए ADH हार्मोन को वैसोप्रेसिन कहते है।

➠व्यक्ति के द्वारा चाय, काॅफी एवं अल्कोहल के अत्यधिक सेवन करने से ADH हार्मोन कम हो जाता है इसीलिए व्यक्ति के मूत्र त्यागने की संख्या बढ़ जाती है।

➠ADH हार्मोन की कमी से डायबिटीज इन्सीपिडस हो जाता है। और इन्सुलिन हार्मोन की कमी से डायबिटीज मेलिटस हो जाता है।

➠डायबिटीज इन्सीपिडस में व्यक्ति के शरीर में स्वादहीन (Tasteless) मूत्र बनता है।

➠रेगिस्तानी जानवर में ADH हार्मोन की अधिकता होती है।


ADH हार्मोन की कमी से-

➠ADH हार्मोन की कमी से व्यक्ति के शरीर में मूत्र में पानी की मात्रा बढ़ने लगती है।

➠ADH हार्मोन की कमी से व्यक्ति के शरीर में मूत्र की मात्रा बढ़ जाती है।

➠ADH हार्मोन की कमी से व्यक्ति के शरीर में मूत्र त्यागने की संख्या बढ़ जाती है।


ADH हार्मोन की अधिकता से-

➠ADH हार्मोन की अधिकता से व्यक्ति के शरीर में मूत्र में पानी की मात्रा कम होने लगती है।

➠ADH हार्मोन की अधिकता से व्यक्ति के शरीर में मूत्र की मात्रा भी कम हो जाती है।

➠ADH हार्मोन की अधिकता से व्यक्ति के शरीर में मूत्र त्यागने की संख्या कम हो जाती है।


रक्तचाप (Blood Pressure- BP)-

➠मनुष्य के शरीर में रक्त के द्वारा रक्त वाहिनी (Blood Vessel) की दीवार पर जो दाब लगाया जाता है उसे रक्तचाप कहते है।

➠रक्त चाप को ही BP या Blood Pressure कहते है।

➠ADH हार्मोन व्यक्ति के शरीर में रक्त में पानी की मात्रा को बढ़ा देता है तथा रक्त में पानी की मात्रा बढ़ने से व्यक्ति के शरीर में रक्त अधिक बढ़ जाता है और व्यक्ति के शरीर में रक्त के बढ़ने के व्यक्ति की रक्तचाप (BP) बढ़ता है।

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