चोल वंश (Chola Dynasty)-
- चोल दक्षिण भारत का एक राजवंश था।
- चोल वंश की राजधानी उरैयूर थी।
- उरैयूर भारत के तमिलनाडु राज्य में स्थित है।
- चोल वंश का प्रतीक चिह्न बाघ था।
- चोल वंश के शासकों ने तमिलनाडु के मध्य भाग तथा उत्तरी भाग पर शासन किया था।
- चोल वंश के शासकों के पास एक कुशल नौसेना थी।
चोल वंश के प्रमुख शासक-
- 1. करिकाल
1. करिकाल-
- करिकाल दक्षिण भारत के चोल वंश का प्रमुख शासक था।
- करिकाल संगमकाल का सबसे महान एवं पराक्रमी शासक था।
- करिकाल का शाब्दिक अर्थ जले हुए पैर वाला है।
- पाणिनी की पुस्तक अष्टाध्यायी में चोल वंश की जानकारी मिलती है।
- पाणिनी की अष्टाध्यायी पुस्तक संस्कृत व्याकरण की प्रथम पुस्तक है।
- करिकाल ने कावेरी नदी पर कल्लनई बाँध या ग्रांड एनीकट बांध (Grand Anicut Dam) का निर्माण करवाया था।
- करिकाल ने पट्टिप्पालै के लेखक को 1,60,000 स्वर्ण मुद्रायें उपहार के रूप में दी थी।
- करिकाल वैदिक धर्म का अनुयायी थी।
- करिकाल को सात स्वरों का ज्ञाता माना जाता है।
- चोल वंश के शासक करिकाल ने कावेरीपत्तनम या पुहार नगर की स्थापनी की थी।
- करिकाल ने कावेरीपत्तनम या पुहार नगर की स्थापना पर कावेरीपत्तनम या पुहार को अपनी राजधानी बनाया था।
- करिकाल ने अपनी पहली राजधानी उरैयूर को बनाया था।
- करिकाल ने अपनी दूसरी राजधानी उरैयूर से स्थानांतरित कर कावेरीपत्तनम या पुहार को बनाया था।
- करिकाल ने अपने शासक काल के दौरान व्यापार व वाणिज्य क्षेत्र को संपन्न बनाया था।
कल्लनई बाँध (ग्रैंड एनीकट)-
- कल्लनई बाँध का निर्माण चोल वंश के शासक करिकाल ने करवाया था।
- कल्लनई बाँध का निर्माण लगभग 2000 वर्ष पहले करवाया गया था अर्थात् कल्लनई बाँध लगभग 2000 साल पुराना बाँध है।
- कल्लनई बाँध की लम्बाई लगभग 1000 फीट है।
- कल्लनई बाँध की चौड़ाई 60 फीट है।
- कल्लनई बाँध भारत के तमिलनाडु राज्य के तंजावर जिले में स्थित है।
- करिकाल के द्वारा बनवाये गये कल्लनई बाँध को ग्रांड एनीकट (ग्रैंड एनीकट) के नाम से भी जाना जाता है।
चोल राज्य के प्रमुख बंदरगाह-
- 1. पुहार बंदरगाह
- 2. उरई बंदरगाह