राष्ट्रकूट वंश (Rashtrakuta Dynasty)-
- राष्ट्रकूट वंश का संस्थापक दंतिदुर्ग था।
- राष्ट्रकूट वंश की राजधानी मान्यखेत या मान्यखेट थी।
- मान्यखेत या मान्यखेट भारत के कर्नाटक राज्य के गुलबर्ग जिले में सेदम तालुका में कगिना नदी के किनारे स्थित नगर है।
- वर्तमान में मान्यखेत या मान्यखेट को मालखेड़ कहा जाता है।
राष्ट्रकूट वंश के प्रमुख शासक-
- दंतिदुर्ग
- कृष्ण प्रथम
- ध्रुव
- गोविन्द तृतीय
1. दंतिदुर्ग-
- दंतिदुर्ग ने चालुक्य वंश के शासक कीर्तिवर्मन द्वितीय की हत्या करके राष्ट्रकूट वंश की स्थापना की थी।
2. कृष्ण प्रथम-
- कृष्ण प्रथम ने एलोरा के कैलाश मंदिर का निर्माण करवाया था।
- एलोरा का कैलाश मंदिर भारत के महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद जिले में एलोरा की गुफाओं में स्थित है।
- एलोरा का कैलाश मंदिर एकाश्मक मंदिर है अर्थात् एलोरा का कैलाश मंदिर एक ही पत्थर को काटकर बनाया गया है।
- एलोरा का कैलाश मंदिर भारतीय मंदिर स्थापत्य कला का अनूठा उदाहरण है अर्थात् एलोरा का कैलाश मंदिर पहाड़ी को काटकर बनाया गया है।
- राष्ट्रकूट वंश के शासकों ने एलोरा की 34 गुफाओं का निर्माण करवाया था।
- राष्ट्रकूट वंश के शासकों के द्वारा निर्मित एलोरा की 34 गुफाओं का संबंध हिन्दू धर्म, जैन धर्म तथा बौद्ध धर्म से है।
3. ध्रुव-
- ध्रुव राष्ट्रकूट वंश का शासक था।
- राष्ट्रकूट वंश के शासक ध्रुव ने धारावर्ष की उपाधि धारण की थी।
4. गोविन्द तृतीय-
- गोविन्द तृतीय राष्ट्रकूट वंश का सबसे महान शासक था।
5. अमोघवर्ष-
- अमोघवर्ष राष्ट्रकूट वंश का शासक था।
- राष्ट्रकूट वंश का शासक अमोघवर्ष जैन धर्म का अनुयायी था।
- राष्ट्रकूट वंश का शासक अमोघवर्ष माता लक्ष्मी का भक्त था।
- राष्ट्रकूट वंश के शासक अमोघवर्ष ने अपनी अंगुली काटकर माता लक्ष्मी को अर्पित की थी।
- अमोघवर्ष एक विद्वान शासक था।
- राष्ट्रकूट वंश के शासक अमोघवर्ष को दक्षिण भारत का अशोक कहा जाता है।
- अमोघवर्ष की पुत्री चन्द्रवल्लभे या चन्द्रवल्लबे को रायचूर दोआब का राजस्व मिलता था।
- रायचूर भारत के कर्नाटक राज्य के रायचूर जिले में स्थित एक नगर का नाम है।
- अरब यात्री सुलेमान ने अमोघवर्ष को दुनिया के चार सर्वश्रेष्ठ शासकों में से एक बताया है।
अमोघवर्ष की पुस्तकें-
- (I) कविराज मार्ग
- (II) रतनमालिका या रत्नमालिका
(I) कविराज मार्ग-
- कविराज मार्ग पुस्तक राष्ट्रकूट वंश के शासक अमोघवर्ष के द्वारा लिखी गई है।
- कविराज मार्ग पुस्तक कन्नड़ भाषा की प्रथम पुस्तक तथा कन्नड़ भाषा की प्रथम कविता है।
(II) रतनमालिका या रत्नमालिका-
- रत्नमालिका पुस्तक राष्ट्रकूट वंश के शासक अमोघवर्ष के द्वारा लिखी गई है।
अमोघवर्ष के दरबारी विद्वान-
- (I) जिनसेन
- (II) महावीराचार्य
- (III) शक्तायन
(I) जिनसेन-
- जिनसेन राष्ट्रकूट वंश के शासक अमोघवर्ष का दरबारी विद्वान था।
- जिनसेन ने आदिपुराण पुस्तक की रचना की थी।
(II) महावीराचार्य-
- महावीराचार्य राष्ट्रकूट वंश के शासक अमोघवर्ष का दरबारी विद्वान था।
- महावीराचार्य ने गणितसारसंग्रह पुस्तक की रचना की थी।
(III) शक्तायन या शाक्तायन-
- शक्तायन राष्ट्रकूट वंश के शासक अमोघवर्ष का दरबारी विद्वान था।
- शक्तायन या शाक्तायन ने अमोघवृति पुस्तक की रचना की थी।
6. इन्द्र तृतीय-
- इन्द्र तृतीय राष्ट्रकूट वंश का शासक था।
7. कृष्ण तृतीय-
- कृष्ण तृतीय राष्ट्रकूट वंश का शासक था।
- राष्ट्रकूट वंश के शासक कृष्ण तृतीय ने तक्कोलम के युद्ध में चोल शासक परांतक प्रथम को पराजित किया था।