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भारतीय संविधान सभा (Constituent Assembly of India)

भारतीय संविधान सभा (Constituent Assembly of India)-

  • 1857 ई. में बाल गंगाधर तिलक ने सर्वप्रथम संविधान सभा की मांग की थी।
  • 1922 ई. में महात्मा गाँधी (Mahatma Gandhi) ने संविधान सभा (स्वराज) की मांग की थी।
  • 1928 ई. में नेहरू समिति (Nehru Committee) ने संविधान सभा की मांग की थी।
  • 1934 ई. में मानवेन्द्र नाथ राय (Manabendra Nath Roy/ M.N. Roy) ने संविधान सभा की मांग की थी।
  • 1934 ई. में स्वराज पार्टी (Swaraj Party) ने संविधान सभा की मांग की थी।
  • भारत के लिए संविधान की रचना हेतु संविधान सभा का विचार सर्वप्रथम स्वराज पार्टी ने 1934 ई. में प्रस्तुत किया था।
  • 1935 ई. में कांग्रेस पार्टी (Congress Party) ने आधिकारिक तौर पर संविधान सभा की मांग की थी।
  • 1938 ई. में पंडित जवाहरलाल नेहरू (Pandit Jawaharlal Nehru) ने कांग्रेस के प्रतिनिधि के तौर पर सार्वभौमिक वयस्क मतदान के आधार पर निर्वाचित संविधान सभा की मांग की थी।


अगस्त प्रस्ताव 1940 ई. (August Offer)-

  • 1940 ई. के अगस्त प्रस्ताव में अंग्रेजों ने पहली बार संविधान सभा की मांग को स्वीकार किया था।
  • 1940 ई. के अगस्त प्रस्ताव में संविधान सभा शब्द का उल्लेख नहीं है।
  • अगस्त प्रस्ताव की घोषणा 8 अगस्त 1940 ई. को भारत के तात्कालीक वायसराय लॉर्ड लिनलिथगो ने की थी।
  • अगस्त प्रस्ताव 1940 जब भारत में आया था तब भारत का वायसराय लॉर्ड लिनलिथगो था।


क्रिप्स मिशन 1942 ई. (Cripps Mission)-

  • क्रिप्स मिशन 22 मार्च 1942 ई. को ब्रिटिश सरकार के द्वारा भारत भेजा गया था अर्थात् क्रिप्स मिशन 22 मार्च 1942 ई. को भारत आया था।
  • क्रिप्स मिशन 1942 में अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित संविधान सभा का प्रावधान था।
  • क्रिप्स मिशन 1942 के अनुसार अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित संविधान सभा प्रांतिय विधानमण्डल के निम्न सदन के सदस्यों के द्वारा चुनी जानी थी।


कैबिनेट मिशन 1946 ई. (Cabinet Mission)-

  • कैबिनेट मिशन क्लीमेंट रिचर्ड एटली मंत्रिमण्डल के द्वारा 1946 ई. में भारत भेजा गया था।
  • भारत में स्वतंत्रता के समय ब्रिटेन का प्रधानमंत्री क्लीमेंट रिचर्ड एटली था।
  • कैबिनेट मिशन 1946 के समय ब्रिटेन का प्रधानमंत्री क्लीमेंट रिचर्ड एटली (Clement Richard Attlee) था।
  • 1946 ई. के केबिनेट मिशन की सिफारिश के आधार पर संविधान सभा का निर्वाचन किया गया था।


संविधान सभा में कुल सदस्य (Total Members of The Constituent Assembly)-

  • संविधान सभा में कुल 389 सदस्य थे।
  • संविधान सभा में कुल 389 सदस्यों में से 93 सदस्य देशी रियासतों से मनोनीत (Nominated) हुए थे।
  • संविधान सभा में कुल 389 सदस्यों में से 296 सदस्य ब्रिटिश भारत से निर्वाचित (Elected) हुए थे।
  • संविधान सभा में ब्रिटिश भारत से निर्वाचित कुल 296 सदस्यों में से 292 सदस्य प्रातों (Provinces) से थे।
  • संविधान सभा में ब्रिटिश भारत से निर्वाचित कुल 296 सदस्यों में से 4 सदस्य उच्चायुक्त प्रांतो से थे।
  • उच्चायुक्त प्रांत (Chief Commissionerate) जैसे-
  • 1. अजमेर मेरवाड़ा (Ajmer Merwara)
  • 2. ब्लूचिस्तान (Baluchistan)
  • 3. कुर्ग (Coorg)
  • 4. दिल्ली (Delhi)


संविधान सभा का निर्वाचन (Election of Constituent Assembly)-

  • संविधान सभा में 10 लाख की जनसंख्या के आधार पर एक प्रतिनिधि निर्वाचित किया गया था।
  • संविधान सभा का निर्वाचन अप्रत्यक्ष रीति या अप्रत्यक्ष रूप से किया गया था।
  • भारत में संविधान सभा का निर्वाचन जुलाई-अगस्त 1946 में हुआ था।
  • भारतीय संविधान सभा में कांग्रेस पार्टी के 208 सदस्य निर्वाचित हुए थे। जैसे-
  • (I) सामान्य सीट पर 119 सदस्य निर्वाचित हुए थे।
  • (II) सिक्ख आरक्षित सीट पर 3 सदस्य निर्वाचित हुए थे।
  • (III) मुस्लिम आरक्षित सीट पर 3 सदस्य निर्वाचित हुए थे।
  • (IV) उच्चायुक्त प्रांतों से 3 सदस्य निर्वाचित हुए थे।
  • (V) भारतीय संविधान सभा में मुस्लिम लीग के 73 सदस्य निर्वाचित हुए थे।


निर्वाचन मंडल (Electoral College)-

  • प्रांतीय विधानमण्डल के निम्न सदन के सदस्यों के द्वारा संविधान सभा का निर्वाचन किया गया था।


निर्वाचन पद्धति (Manner of Election)-

  • संविधान सभा का निर्वाचन आनुपातिक प्रतिनिधि पद्धती के एकल संक्रमण मत द्वारा किया गया था।
  • संविधान सभा के निर्वाचन में आनुपातिक प्रतिनिधि पद्धती के तहत तीन श्रेणियां बनाई गई थी। जैसे-
  • 1. मुस्लिम (आरक्षित सीटें- 78)
  • 2. सिक्ख (आरक्षित सीटें- 4)
  • 3. सामान्य (आरक्षित सीटें- 210)


महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi)-

  • महात्मा गांधी ने संविधान सभा का चुनाव नहीं लड़ा था।


मोहम्मद अली जिन्नाह (Muhammad Ali Jinnah)-

  • मोहम्मद अली जिन्नाह ने संविधान सभा का चुनाव नहीं लड़ा था।


जयप्रकाश नारायण (Jayaprakash Narayan)-

  • जयप्रकाश नारायण ने संविधान सभा में निर्वाचित होने या जीतने के बाद संविधान सभा से अपना त्यागपत्र दे दिया था।


तेज बहादुर सप्रू (Tej Bahadur Sapru)-

  • तेज बहादुर सप्रू ने संविधान सभा में निर्वाचित होने या जीतने के बाद संविधान सभा से अपना त्यागपत्र दे दिया था।


भारतीय संविधान सभा में निर्वाचित महिलाएं-

  • भारतीय संविधान सभा में कुल 15 महिला सदस्य भी निर्वाचित हुई थी। जैसे-
  • 1. विजय लक्ष्मी पंडित (Vijaya Lakshmi Pandit)
  • 2. सुचेता कृपलानी (Sucheta Kripalani)
  • 3. सरोजिनी नायडू (Sarojini Naidu)
  • 4. राजकुमारी अमृत कौर (Rajkumari Amrit Kaur)
  • 5. दक्षयनी वेलायुधन (Dakshayani Velayudhan)
  • 6. बेगम एजाज रसूल (Begum Aizaz Rasul)
  • 7. अम्मू स्वामीनाथन (Ammu Swaminathan)
  • 8. हंसा जीवराज मेहता (Hansa Jivraj Mehta)
  • 9. लीला रॉय (Leela Roy)
  • 10. पूर्णिमा बनर्जी (Purnima Banerjee)
  • 11. रेणुका राय (Renuka Ray)
  • 12. एनी मास्करीन (Annie Mascarene)
  • 13. दुर्गाबाई देशमुख (Durgabai Deshmukh)
  • 14. कमला चौधरी (Kamla Choudhary)
  • 15. मालती चौधरी (Malati Choudhary)


1. विजय लक्ष्मी पंडित (Vijaya Lakshmi Pandit)-

  • विजय लक्ष्मी पंडित भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की बहन थी।
  • विजय लक्ष्मी पंडित भारतीय संविधान सभा की निर्वाचित महिला सदस्य थी।
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly- UNGA) की पहली महिला अध्यक्ष विजय लक्ष्मी पंडित थी।
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत की पहली महिला अध्यक्ष विजय लक्ष्मी पंडित बनी थी।
  • भारत की एकमात्र संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्ष विजय लक्ष्मी पंडित थी।
  • विजय लक्ष्मी पंडित 1953 ई. में संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्ष बनी थी।


2. सुचेता कृपलानी (Sucheta Kripalani)-

  • सुचेता कृपलानी भारतीय संविधान सभा की निर्वाचित महिला सदस्य थी।
  • भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री सुचेता कृपलानी थी।
  • सुचेता कृपलानी भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश राज्य से चुनी गई थी।
  • विशेष- राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे सिंधिया (Vasundhara Raje Scindia) थी।


3. सरोजिनी नायडू (Sarojini Naidu)-

  • सरोजिनी नायडू भारतीय संविधान सभा की निर्वाचित महिला सदस्य थी।
  • भारत की पहली महिला राज्यपाल सरोजिनी नायडू थी।
  • सरोजिनी नायडू भारत की पहली महिला राज्यपाल उत्तर प्रदेश राज्य की राज्यपाल बनी थी।
  • सरोजिनी नायडू भारतीय संविधान सभा में कांग्रेस पार्टी की सदस्य थी।


4. राजकुमारी अमृत कौर (Rajkumari Amrit Kaur)-

  • राजकुमारी अमृत कौर भारतीय संविधान सभा की निर्वाचित महिला सदस्य थी।
  • भारत की पहली महिला कैबिनेट मंत्री राजकुमारी अमृत कौर थी राजकुमारी अमृत कौर को स्वास्थ्य मंत्रालय दिया गया था।
  • भारत की पहली स्वास्थ्य मंत्री राजकुमारी अमृत कौर थी।
  • भारत की पहली महिला स्वास्थ्य मंत्री राजकुमारी अमृत कौर थी।


5. दक्षयनी वेलायुधन (Dakshayani Velayudhan)-

  • दक्षयनी वेलायुधन भारतीय संविधान सभा की निर्वाचित महिला सदस्य थी।
  • संविधान सभा में भारत की एकमात्र दलित महिला सदस्य दक्षयनी वेलायुधन थी।
  • दक्षयनी वेलायुधन भारत की पहली महिला जिसने विज्ञान विषय में ग्रेजुएशन (Science Graduate) किया था।
  • दक्षयनी वेलायुधन भारत की पहली दलित महिला जिसने विज्ञान विषय में ग्रेजुएशन (Science Graduate) किया था।


6. बेगम एजाज रसूल (Begum Aizaz Rasul)-

  • बेगम एजाज रसूल भारतीय संविधान सभा की निर्वाचित महिला सदस्य थी।
  • भारतीय संविधान सभा में एकमात्र मुस्लिम महिला सदस्य बेगम एजाज रसूल थी।


7. अम्मू स्वामीनाथन (Ammu Swaminathan)-

  • अम्मू स्वामीनाथन भारतीय संविधान सभा की निर्वाचित महिला सदस्य थी।
  • अम्मू स्वामीनाथन को अम्मुकुट्टी स्वामीनाथन के नाम से भी जाना जाता है।


भारतीय संविधान सभा में राजस्थान से सदस्य-

  • 1. वी. टी. कृष्णामाचारी- जयपुर
  • 2. हीरालाल शास्त्री- जयपुर
  • 3. सरदार सिंह- खेतड़ी (झुंझुनू)
  • 4. विजय राघवाचारी, बलवंत सिंह मेहता- उदयपुर (विजय राघवाचारी के स्थान पर बलवंत सिंह मेहता आये थे।)
  • 5. माणिक्यलाल वर्मा- उदयपुर
  • 6. राय बहादुर- भरतपुर
  • 7. सी. एस. वेंकटाचारी- जोधपुर
  • 8. जयनारायण व्यास- जोधपुर
  • 9. मुकुल बिहारी भार्गव- अजमेर मेरवाड़ा
  • 10. के.एम. पण्णिकर, जसवंत सिंह- बीकानेर (के.एम. पण्मिकर के स्थान पर जसवंत सिंह आये थे।)
  • 11. गोकुल लाल असावा- शाहपुरा (भीलवाड़ा)
  • 12. दलेल सिंह- कोटा
  • 13. रामचन्द्र उपाध्याय- अवलर

  • विशेष- RPSC के अनुसार संविधान सभी में कुल 12 सदस्य थे क्योंकि अजमेर मेरवाड़ा राजस्थान का हिस्सा नहीं था। (अजमेर मेरवाड़ा उच्चायुक्त प्रांत था।)


संविधान सभा में पार्टीयों के अनुसार परिणाम-

  • कांग्रेस- 208 सदस्य
  • मुस्लिम लीग- 73 सदस्य
  • यूनियनिस्ट पार्टी- 1 सदस्य
  • यूनियनिस्ट मुस्लिम- 1 सदस्य
  • यूनियनिस्ट शिड्यूल कास्ट्स- 1 सदस्य
  • कृषक प्रजा पार्टी- 1 सदस्य
  • शेड्यूल कास्ट फेडरेशन- 1 सदस्य
  • सिक्ख (गैर-कांग्रेसी)- 1 सदस्य
  • वामपंथी पार्टी- 1 सदस्य
  • निर्दलीय- 8 सदस्य
  • कुल सदस्य- 296


संविधान सभा में समुदाय आधारित भागीदारी-

  • हिन्दू- 163 सदस्य
  • मुस्लिम- 80 सदस्य
  • अनुसूचित जाति- 31 सदस्य
  • भारतीय ईसाई- 6 सदस्य
  • पिछड़ी जनजातियाँ- 6 सदस्य
  • सिक्ख- 4 सदस्य
  • आंग्ल भारतीय- 3 सदस्य
  • पारसी- 3 सदस्य
  • कुल सदस्य- 296


मुस्लिम लीग (Muslim League)-

  • संविधान सभा के चुनावों के ठीक बाद मुस्लिम लीग ने संविधान सभा का बहिष्कार कर दिया था।


संविधान सभा का गठन-

  • संविधान सभा का गठन 9 दिसम्बर, 1946 को हुआ था।

  • विशेष- RPSC के अनुसार संविधान सभा का गठन नवम्बर, 1946 को हुआ था।


संविधान सभा की बैठकें-

  • 9 दिसम्बर 1946 से लेकर 26 नवम्बर 1949 तक संविधान सभा की कुल 11 बैठकें हुई थी।
  • 9 दिसम्बर 1946 से लेकर 24 जनवरी 1950 तक संविधान सभा की कुल 12 बैठकें हुई थी।
  • संविधान सभा की प्रमुख बैठकें-
  • 1. संविधान सभा की पहली बैठक- 9 दिसम्बर 1946
  • 2. संविधान सभा की दूसरी बैठक- 11 दिसम्बर 1946
  • 3. संविधान सभा की तीसरी बैठक- 13 दिसम्बर 1946
  • 4. संविधान सभा की ग्यारहवीं बैठक- 26 नवम्बर 1949
  • 5. संविधान सभा की बारहवीं बैठक- 24 जनवरी 1950


1. संविधान सभा की पहली बैठक-

  • 9 दिसम्बर 1946 संविधान सभा की पहली बैठक हुई थी।
  • संविधान सभा की पहली बैठक में कुल 207 सदस्यों ने भाग लिया था।
  • संविधान सभा की पहली बैठक में उपस्थित 207 सदस्यों में से 9 महिला सदस्य थी अर्थात् संविधान सभा की पहली बैठक में 9 महिलाओं ने भी भाग लिया था। (लोकसभा की वेबसाइट व NCERT के अनुसार 207)
  • संविधान सभा के उद्घाटन सत्र की शुरुआत आचार्य कृपलानी ने की थी।
  • आचार्य कृपलानी का पूरा नाम जीवटराम भगवानदास कृपलानी (J.B. Kripalani) था।
  • संविधान सभा की पहली बैठक में संविधान सभा का प्रथम अस्थायी अध्यक्ष डॉ. सच्चिदानन्द सिन्हा (Sachchidananda Sinha) को चुना गया था।
  • डॉ. सच्चिदानन्द सिन्हा को संविधान सभा का प्रथम अस्थायी अध्यक्ष फ्रांसीसी परम्परा के अनुसार वरिष्ठता के आधार पर बनाया गया था अर्थात् संविधान सभा की पहली बैठक में सबसे वरिष्ठ सदस्य डॉ. सच्चिदानन्द सिन्हा थे।


2. संविधान सभा की दूसरी बैठक-

  • संविधान सभा की दूसरी बैठक पहली बैठक के ठीक 2 दिन बाद 11 दिसम्बर 1946 को हुई थी।

  • विशेष- संविधान सभा की दूसरी बैठक 10 या 11 दिसम्बर, 1946

  • संविधान सभा की दूसरी बैठक में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद (Rajendra Prasad) को संविधान सभा का प्रथम स्थायी अध्यक्ष चुना गया था।
  • संविधान सभा की दूसरी बैठक में एच.सी. मुखर्जी (H.C. Mukherjee) को संविधान सभा का प्रथम उपाध्यक्ष चुना (निर्वाचित) गया था।
  • एच.सी. मुखर्जी का पूरा नाम हरेन्द्र कुमार मुखर्जी (Harendra Kumar Mukherjee/ Harendra Coomar Mookeerjee) है।
  • संविधान सभा की दूसरी बैठक में बी.एन. राव (B.N. Rau) को संविधान सभा के प्रथम संवैधानिक सलाहकार के रूप में नियुक्त किया था।


बी.एन. राव (B.N. Rau)-

  • बी.एन. राव का पूरा नाम बेनेगल नरसिंह राव (Benegal Narsimha Rau) है।
  • बी.एन. राव ने बर्मा के संविधान निर्माण में भी सहयोग किया था।
  • बर्मा का वर्तमान नाम म्यांमार है।
  • बी.एन. राव ने भारतीय संविधान का पहला प्रारूप तैयार किया था।
  • भारतीय संविधान का अंतिम प्रारूप, प्रारूप समिति के द्वारा तैयार किया गया था।


वी.टी. कृष्णमाचारी (V.T. Krishnamachari)-

  • कालांतर में वी.टी. कृष्णमाचारी (V.T. Krishnamachari) को संविधान सभा का दूसरा उपाध्यक्ष निर्वाचित किया गया था। (दूसरी बैठक में)
  • वी.टी. कृष्णमाचारी का पूरा नाम रायबहादुर सर वंगल तिरुवेंकटचारी कृष्णमाचारी है।

  • वी.टी. कृष्णमाचारी जयपुर रियासत से थे।


3. संविधान सभा की तीसरी बैठक-

  • संविधान सभा की तीसरी बैठक दूसरी बैठक के ठीक 2 दिन बाद 13 दिसम्बर 1946 को आयोजित की गई थी।
  • संविधान सभा की तीसरी बैठक में पण्डित जवाहर लाल नेहरू ने उद्देश्य प्रस्ताव प्रस्तुत किया था।


उद्देश्य प्रस्ताव (Objective Proposal)-

  • उद्देश्य प्रस्ताव को संविधान सभा में 13 दिसम्बर 1946 को प्रस्तुत किया गया था।
  • उद्देश्य प्रस्ताव को 22 जनवरी 1947 को संविधान सभा के द्वारा पारित किया गया था।


उद्देश्य प्रस्ताव की प्रमुख विशेषताएँ (Key Feature of The Objective Proposal)-

  • (1) स्वतंत्र सम्प्रभु भारतीय गणराज्य की स्थापना करना तथा भारत के लिए संविधान का निर्माण करने का उल्लेख किया गया था।
  • (2) उद्देश्य प्रस्ताव के अनुसार स्वतंत्र भारतीय संघ में निम्नलिखित क्षेत्र सम्मिलित होने चाहिए:-
  • (I) ब्रिटिश भारत
  • (II) भारतीय राज्य (रियासतें)
  • (III) अन्य भारतीय क्षेत्र (गोवा, पुडुचेरी आदि)
  • (IV) अन्य राज्य या क्षेत्र जो स्वेच्छा से भारत में शामिल होना चाहते हो।
  • (3) उद्देश्य प्रस्ताव के अनुसार भारतीय संघ में राज्यों को स्वायत्तता प्रदान की जाए तथा अवशिष्ट शक्तियाँ राज्यों को दी जाए।
  • (4) उद्देश्य प्रस्ताव के अनुसार स्वतंत्र भारत में शासन की समस्त अधिकारिता व शक्तियों का स्रोत जनता हो। अर्थात् भारत में लोकतंत्र हो।
  • (5) उद्देश्य प्रस्ताव के अनुसार भारत के सभी नागरिकों को सामाजिक न्याय, आर्थिक न्याय तथा रानीतिक न्याय मिलना चाहिए।
  • भारत के सभी नागरिकों को विचारों की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, विश्वास की स्वतंत्रता, धर्म की स्वतंत्रता, उपासना की स्वतंत्रता, व्यवसाय की स्वतंत्रता, संघ बनाने की स्वतंत्रता, कार्य करने की स्वतंत्रता आदि विधि व नैतिकता के दायरे में हो।
  • भारत के सभी नागरिकों को प्रतिष्ठा की समानता, अवसर की समानता, विधि के समक्ष समानता आदि समानताएं सुनिश्चित की जायेगी।
  • (6) उद्देश्य प्रस्ताव के अनुसार निम्नलिखित के हित्तों के संरक्षण के लिए विशेष उपाय किये जाने चाहिए:-
  • (I) अल्पसंख्यक (Minority)
  • (II) पिछड़े व जनजातीय क्षेत्र (Backward and Tribal Area)
  • (III) सामाजिक रूप से पिछड़े व वंचित वर्ग (Socially Backward and Deprived Class)
  • (7) उद्देश्य प्रस्ताव के अनुसार भारतीय राज्य क्षेत्र की अखण्डता को बनाए रखना तथा भारतीय राज्य क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले जल , थल व नभ पर सम्प्रभु अधिकार को बनाए रखना।
  • (8) उद्देश्य प्रस्ताव के अनुसार प्राचीन काल से विश्व में भारत का विशिष्ट स्थान है उस स्थान को बनाए रखना तथा विश्व शांति व मानव कल्याण को बढ़ावा देना।


4. संविधान सभा की ग्यारहवीं बैठक-

  • संविधान सभा की 11वीं बैठक 26 नवम्बर 1949 को आयोजित की गई थी।


5. संविधान सभा की बारहवीं बैठक-

  • संविधान सभा की 12वीं बैठक 24 जनवरी 1950 को आयोजित की गई थी।
  • संविधान सभा की अंतिम बैठक 24 जनवरी 1950 को आयोजित की गई थी। अर्थात् संविधान सभा की 12वीं बैठक की संविधान सभा की अंतिम बैठक थी।


संविधान सभा की समितियाँ-

  • 1. संघीय संविधान समिति (Union Constitution Committee)
  • 2. संघीय शक्ति समिति (Union Power Committee)
  • 3. भारतीय राज्यों के लिए समिति (Committee for Indian States)
  • 4. प्रांतीय संविधान समिति (Provincial Constitution Committee)
  • 5. मौलिक अधिकार, अल्पसंख्यकों, जनजातीय क्षेत्र, बाह्य व आंशिक बाह्य क्षेत्र पर सलाहकारी समिति (Advisory Committee on Fundamental Rights, Minorities, Tribal Areas, Excluded and Partially Excluded Areas)
  • 6. मूल अधिकार समिति (Fundamental Rights Committee)
  • 7. अल्पसंख्यक समिति (Minorities Committee)
  • 8. अनुसूचित व जनजातीय क्षेत्र समिति- असम (Scheduled and Tribal Area Committee- Assam)
  • 9. बाह्य व आंशिक बाह्य क्षेत्र समिति- असम के अलावा (Excluded and Partially Excluded Areas Committee)
  • 10. प्रक्रिया के नियम समिति (Rules of Procedure Committee)
  • 11. राष्ट्रध्वज के लिए तदर्थ समिति (Ad-hoc Committee on The National Flag)
  • 12. संविधान सभा की कार्य समिति (Committee on The Functions of The Constituent Assembly)
  • 13. संविधान के ड्राफ्ट की जाँच हेतु विशेष समिति (Special Committee to Examine Draft of Constitution)


1. संघीय संविधान समिति (Union Constitution Committee)-

  • संविधान सभा की संघीय संविधान समिति का अध्यक्ष पण्डित जवाहर लाल नेहरू (Pandit Jawaharlal Nehru) को बनाया गया था।


2. संघीय शक्ति समिति (Union Power Committee)-

  • संविधान सभा की संघीय शक्ति समिति का अध्यक्ष पण्डित जवाहर लाल नेहरू (Pandit Jawaharlal Nehru) को बनाया गया था।


3. भारतीय राज्यों के लिए समिति (Committee for Indian States)-

  • संविधान सभा की भारतीय राज्यों के लिए समिति का अध्यक्ष पण्डित जवाहर लाल नेहरू (Pandit Jawaharlal Nehru) को बनाय गया था।


4. प्रांतीय संविधान समिति (Provincial Constitution Committee)-

  • संविधान सभा की प्रांतीय संविधान समिति का अध्यक्ष सरदार वल्लभ भाई पटेल (Sardar Vallabhabhi Patel) को बनाया गया था।


5. मौलिक अधिकार, अल्पसंख्यकों, जनजातीय क्षेत्र, बाह्य व आंशिक बाह्य क्षेत्र पर सलाहकारी समिति (Advisory Committee on Fundamental Rights, Minorities, Tribal Areas, Excluded and Partially Excluded Areas)-

  • संविधान सभा की मौलिक अधिकार, अल्पसंख्यकों, जनजातीय क्षेत्र, बाह्य व आंशिक बाह्य क्षेत्र पर सलाहकारी समिति का अध्यक्ष सरदार वल्लभ भाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) को बनाया गया था।
  • संविधान सभा की मौलिक अधिकार, अल्पसंख्यकों, जनजातीय क्षेत्र, बाह्य व आंशिक बाह्य क्षेत्र पर सलाहकारी समिति के तहत पाँच उपसमितियों का गठन किया गया था। जैसे-
  • (I) मूल अधिकार उपसमिति (Fundamental Rights Subcommittee)
  • (II) अल्पसंख्यक उपसमिति (Minorities Subcommittee)
  • (III) अनुसूचित व जनजातीय क्षेत्र उपसमिति- असम (Scheduled and Tribal Areas Subcommittee- Assam)
  • (IV) बाह्य व आंशिक बाह्य क्षेत्र उपसमिति- असम के अलावा (Excluded and Partially Excluded Areas Subcommittee)


(I) मूल अधिकार उपसमिति (Fundamental Rights Subcommittee)-

  • संविधान सभा की मूल अधिकार उपसमिति का अध्यक्ष जे बी कृपलानी (J.B. Kripalani) को बनाया गया था।
  • जे बी कृपलानी का पूरा नाम जीवटराम या जीवतराम भगवानदास कृपलानी (Jivatram Bhagwandas Kripalani) है।


(II) अल्पसंख्यक उपसमिति (Minorities Subcommittee)-

  • संविधान सभी की अल्पसंख्यक उपसमिति का अध्यक्ष एच सी मुखर्जी (H.C. Mookerjee) को बनाया गया था।
  • एच सी मुखर्जी का पूरा नाम हरेन्द्र कुमार मुखर्जी (Harendra Coomar Mookerjee) है।


(III) अनुसूचित व जनजातीय क्षेत्र उपसमिति- असम (Scheduled and Tribal Area Subcommittee- Assam)-

  • संविधान सभा की अनुसूचित व जनजातीय क्षेत्र उपसमिति (असम) का अध्यक्ष गोपीनाथ बोरदोलोई (Gopinath Bordoloi) को बनाया गया था।


(IV) बाह्य व आंशिक बाह्य क्षेत्र उपसमिति- असम के अलावा (Excluded and Partially Excluded Areas Subcommittee)

  • संविधान सभा की बाह्य व आंशिक बाह्य क्षेत्र उपसमिति (असम के अलावा) का अध्यक्ष ए वी ठक्कर को बनाया गया है।
  • ए वी ठक्कर का पूरा नाम अमृतलाल विट्ठलदास ठक्कर (Amritlal Vithaldas Thakkar) था।


6. मूल अधिकार समिति (Fundamental Rights Committee)-

  • संविधान सभा की मूल अधिकार समिति का अध्यक्ष सरदार वल्लभ भाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) को बनाया गया था।


7. अल्पसंख्यक समिति (Minorities Committee)-

  • संविधान सभा की अल्पसंख्यक समिति का अध्यक्ष सरदार वल्लभ भाई पटेल (Sardar Vallabhabhi Patel) को बनाया गया था।


8. अनुसूचित व जनजातीय क्षेत्र समिति- असम (Scheduled and Tribal Area Committee- Assam)-

  • संविधान सभा की अनुसूचित व जनजातीय क्षेत्र समिति (असम) का अध्यक्ष सरदार वल्लभ भाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) को बनाया गया था।


9. बाह्य व आंशिक बाह्य क्षेत्र समिति- असम के अलावा (Excluded and Partially Excluded Areas Committee)-

  • संविधान सभा की बाह्य व आंशिक बाह्य क्षेत्र समिति (असम के अलावा) का अध्यक्ष सरदार वल्लभ भाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) को बनाया गया था।


10. प्रक्रिया के नियम समिति (Rules of Procedure Committee)-

  • संविधान सभा की प्रक्रिया के नियम समिति का अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद (Dr. Rajendra Prasad) को बनाया गया था।


11. राष्ट्रध्वज के लिए तदर्थ समिति (Ad-hoc Committee on The National Flag)-

  • संविधान सभा की राष्ट्रध्वज के लिए तदर्थ समिति का अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद (Dr. Rajendra Prasad) को बनाया गया था।


12. संविधान सभा की कार्य समिति (Committee on The Functions of The Constituent Assembly)-

  • संविधान सभा की कार्य समिति का अध्यक्ष जी वी मावलंकर (G.V. Mavalankar) को बनाया गया था।
  • जी वी मावलंकर का पूरा नाम गणेश वासुदेव मावलंकर (Ganesh Vasudev Mavalankar) है।


13. संविधान के ड्राफ्ट की जाँच हेतु विशेष समिति (Special Committee to Examine Draft of Constitution)-

  • संविधान सभा के ड्राफ्ट की जाँच हेतु विशेष समिति का अध्यक्ष पण्डित जवाहर लाल नेहरू (Pandit Jawaharlal Nehru) को बनाया गया था।


प्रारूप समिति (Drafting Committee)-

  • संविधान सभा में प्रारूप समिति का गठन 29 अगस्त 1947 को किया गया था।
  • प्रारूप समिति का अध्यक्ष डॉ. बी आर अम्बेडकर (Dr. B.R. Ambedkar) को बनाया गया था।
  • बी आर अम्बेडकर का पूरा नाम भीमराव रामजी अम्बेडकर (Bhimrao Ramji Ambedkar) है।


प्रारूप समिति का अध्यक्ष व सदस्य-

  • संविधान सभा की प्रारूप समिति का अध्यक्ष व सदस्य निम्नलिखित है।-
  • (I) डॉ. भीमराव अम्बेडकर (Dr. B.R. Ambedkar)- अध्यक्ष
  • (II) एन. गोपालस्वामी अयंगर या नरसिंह अंयगर गोपालस्वामी अयंगर (N. Gopalswami Ayyangar)
  • (III) अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर (Alladi Krishnaswamy Lyer)
  • (IV) सर सैयद मुहम्मद सादुल्ला (Sir Syed Muhammed Saadulah)
  • (V) के एम मुंशी या कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी (Kanaiyalal Maneklal Munshi)- कांग्रेस से थे।
  • (VI) एन माधव राव या न्यापति माधव राव (Nyapathi Madhava Rau)
  • (VII) टी. टी. कृष्णमाचारी या तिरुवेल्लोर थट्टई कृष्णमाचारी (Tiruvellore Thattai Krishnamachari)- कांग्रेस से थे।

  • विशेष- गठन के समय प्रारूप समिति में एकमात्र कांग्रेसी के.एम. मुंशी थे क्योंकि टी.टी. कृष्णमाचारी बाद में शामिल हुए थे।


टिप्पणी-

  • प्रारूप समिति के सदस्य बी. एल. मित्र ने स्वास्थ्य कारणों से प्रारूप समिति से अपना त्यागपत्र दे दिया था।
  • बी. एल. मित्र के त्यागपत्र देने के बाद प्रारूप समिति में बी. एल. मित्र के स्थान पर एन माधव राव या न्यायपति माधव राव को प्रारूप समिति का सदस्य बनाया गया था।
  • प्रारूप समिति के सदस्य डी. पी. खेतान की मृत्यु के बाद डी पी खेतान के स्थान पर टी. टी. कृष्णमाचारी को प्रारूप समिति का सदस्य बनाया गया था।
  • प्रारूप समिति के सदस्य डी. पी. खेतान की मृत्यु 1948 ई. में हुई थी।


भारत का संविधान पारित-

  • प्रारूप समिति ने लगभग 60 देशों के संविधान का अध्ययन किया था।
  • प्रारूप समिति ने लगभग 60 देशों के संविधान का अध्ययन करने के बाद भारतीय संविधान का प्रारूप तैयार किया था।
  • भारतीय संविधान के प्रारूप को संविधान सभा के समक्ष प्रस्तुत किया गया था।
  • भारतीय संविधान के प्रारूप को संविधान सभा के समक्ष प्रस्तुत करने के बाद संविधान सभा ने भारतीय संविधान के प्रारूप को तीन पठन के बाद पारित किया था। अर्थात् भारतीय संविधान के प्रारूप को तीन बार पढ़ने के बाद पारित किया गया था।


भारतीय संविधान के प्रारूप का पठन-

  • संविधान सभा के द्वारा भारतीय संविधान के प्रारूप का तीन बार पठन किया गया था। जैसे-
  • (I) प्रथम पठन (First Reading)
  • (II) द्वितीय पठन (Second Reading)
  • (III) तृतीय पठन (Third Reading)


(I) प्रथम पठन (First Reading)-

  • संविधान सभा के द्वारा भारतीय संविधान के प्रारूप का प्रथम पठन 4 नवम्बर 1948 से लेकर 9 नवम्बर 1948 तक किया गया था। अर्थात् संविधान सभा ने भारतीय संविधान के प्रारूप को पहली बार 4 नवम्बर से लेकर 9 नवम्बर 1948 तक पढ़ा था।


(II) द्वितीय पठन (Second Reading)-

  • संविधान सभा के द्वारा भारतीय संविधान के प्रारूप का द्वितीय पठन 15 नवम्बर 1948 से लेकर 17 अक्टूबर 1949 तक किया गया था। अर्थात् संविधान सभा ने भारतीय संविधान के प्रारूप को दूसरी बार 15 नवम्बर 1948 से लेकर 17 अक्टूबर 1949 तक पढ़ा था।


(III) तृतीय पठन (Third Reading)-

  • संविधान सभा के द्वारा भारतीय संविधान के प्रारूप का तृतीय पठन 14 नवम्बर 1949 से लेकर 26 नवम्बर 1949 तक किया गया था। अर्थात् संविधान सभा ने भारतीय संविधान के प्रारूप को तीसरी बार 14 नवम्बर 1949 से लेकर 26 नवम्बर 1949 तक पढ़ा था।


26 नवम्बर 1949-

  • संविधान सभा ने 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान को पारित किया था इसलिए 26 नवम्बर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है।

  • संविधान सभा के द्वारा 26 नवम्बर 1949 को पारित किये गये संविधान पर 284 सदस्यों ने हस्ताक्षर किया था।

  • 26 नवम्बर 1949 को संविधान सभा के द्वारा भारतीय संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित, आत्मार्पित किया गया था।
  • संविधान सभा के द्वारा भारतीय संविधान को पारित करने के बाद भारतीय संविधान के 15 अनुच्छेद 26 नवम्बर 1949 को ही लागू कर दिय गये थे। जैसे-
  • 1. अनुच्छेद 5 (नागरिकता से संबंधित)
  • 2. अनुच्छेद 6 (नागरिकता से संबंधित)
  • 3. अनुच्छेद 7 (नागरिकता से संबंधित)
  • 4. अनुच्छेद 8 (नागरिकता से संबंधित)
  • 5. अनुच्छेद 9 (नागरिकता से संबंधित)
  • 6. अनुच्छेद 60 (राष्ट्रपति की शपथ से संबंधित)
  • 7. अनुच्छेद 324 (निर्वाचन आयोग से संबंधित)
  • 8. अनुच्छेद 366
  • 9. अनुच्छेद 367
  • 10. अनुच्छेद 379 (अस्थायी प्रावधान)
  • 11. अनुच्छेद 380 (अस्थायी प्रावधान)
  • 12. अनुच्छेद 388 (अस्थायी प्रावधान)
  • 13. अनुच्छेद 391 (अस्थायी प्रावधान)
  • 15. अनुच्छेद 392 (राष्ट्रपति की शक्तियाँ)
  • 15. अनुच्छेद 393 (संक्षिप्त नाम)
  • 16. अनुच्छेद 394 (अनुच्छेद 394 में उल्लेख किया गया है की उपर्युक्त 15 अनुच्छेद आज 26 नवम्बर 1949 से लागू होते है।)


टिप्पणी-

  • अनुच्छेद 394 को शामिल करने पर 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान के 16 अनुच्छेद लागू किये गये थे। लेकिन अनुच्छेद 394 में यह लिखा हुआ है की यह 15 अनुच्छेद आज 26 नवम्बर 1949 से भारत में लागू होता है।
  • भारतीय संविधान में अनुच्छेद 379 से अनुच्छेद 392 तक वर्तमान में हटा दिये गए है।


26 जनवरी 1950-

  • 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान के 15 अनुच्छेद लागू करने के बाद शेष संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था।


संविधान निर्माण का समय-

  • भारतीय संविधान 2 साल, 11 माह व 18 दिनों में बरकर तैयार हुआ था। अर्थात् भारतीय संविधान के निर्माण में 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन का समय लगा था।
  • भारतीय संविधान का निर्माण 9 दिसम्बर 1946 से लेकर 26 नवम्बर 1949 तक किया गया था।
  • भारत के संविधान निर्माण की प्रक्रिया में 9 दिसम्बर 1946 से लेकर 26 नवम्बर 1949 तक भारतीय संविधान सभा की कुल 11 बैठकें आयोजित हुई थी।


15 अगस्त 1947 को संविधान सभा की भूमिका में बदलाव-

  • 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र होने के साथ ही संविधान सभा एक सम्प्रभु संस्था बन गई थी।
  • 15 अगस्त 1947 से पहले संविधान सभा एक सम्प्रभु संस्था नहीं थी क्योंकि संविधान सभा का गठन केबिनेट मिशन की अनुशंसाओं से किया गया था परन्तु 15 अगस्त 1947 को संविधान सभा केबिनेट मिशन की सिफारिशों से मुक्त हो गयी थी।
  • 15 अगस्त 1947 के बाद संविधान सभा ने दौहरी भूमिका निभाई थी। जैसे- संविधान सभा भारत के संविधान निर्माण के साथ-साथ विधायिका का भी कार्य किया था।
  • संविधान सभा जब विधायिका के रूप में कार्य करती थी तब जी.वी. मावलंकर (गणेश वासुदेव मावलंकर) संविधान सभा के अध्यक्ष होते थे।
  • संविधान सभा जब संविधान निर्माण का कार्य करती थी तब डॉ. राजेन्द्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष होते थे।
  • 15 अगस्त 1947 के बाद संविधान सभा की सदस्य संख्या 389 से घटकर 299 रह गई थी। जैसे-
  • (I) 15 अगस्त 1947 को संविधान सभा में कुल 299 सदस्य थे।
  • (II) संविधान सभा के 299 सदस्यों में से 229 सदस्य ब्रिटिश भारत या भारतीय राज्यों से थे।
  • (III) संविधान सभा में 299 सदस्यों में से 70 सदस्य रियासतों से थे।


संविधान सभा के महत्वपूर्ण निर्णय-

  • संविधान सभा ने 22 जुलाई 1947 को भारत के राष्ट्रध्वज को मान्यता दी थी।
  • संविधान सभा ने 13 मई 1949 को भारत ने राष्ट्रमण्डल की सदस्यता को मान्यता दी थी।
  • संविधान सभा ने 24 जनवरी 1950 को भारत के राष्ट्रगान (जन गण मन) को मान्यता दी थी।
  • संविधान सभा ने 24 जनवरी 1950 को भारत के राष्ट्रगीत (वंदे मातरम्) को मान्यता दी थी।
  • संविधान सभा ने 24 जनवरी 1950 को भारत का प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को चुना था।
  • 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा की अंतिम बैठक थी।
  • 9 दिसम्बर 1946 से लेकर 24 जनवरी 1950 तक संविधान सभा की कुल 12 बैठकें हुई थी।
  • 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा को भंग कर दिया गया था परन्तु संविधान सभा विधायिका के रूप में कार्य करती रही थी।
  • संविधान सभा 15 अगस्त 1947 से लेकर 1952 ई. तक विधायिका के रूप में कार्य करती रही थी।


विश्व-

  • विश्व में सबसे बड़ा संविधान भारत का है।
  • विश्व में सबसे बड़ा लिखित संविधान भारत का है।
  • विश्व में सबसे छोटा लिखित संविधान अमेरिका का है।


भारतीय संविधान सभा की आलोचनाएँ-

1. आलोचना-

  • प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित नहीं, रियासतों के सदस्यों का भी मनोनयन अतः संविधान सभा भारतीय जनता का प्रतिनिधित्व नहीं करती थी।

आलोचना का खंडन (Justification)-

  • उपर्युक्त आलोचना उचित नहीं है क्योंकि तत्कालीन परिस्थियों में संविधान सभा का प्रत्यक्ष निर्वाचन अत्यधिक कठीन था। जिसके लिए निम्नलिखित कारण उत्तरदायी थे। जैसे-
  • भारत में राष्ट्रीय आन्दोलन अपने चरम पर था।
  • भारत में राजनीतिक अस्थिरता थी।
  • भारत में साम्प्रदायिक दंगें हो रहे थे।
  • चुनाव करवाने के लिए पर्याप्त आधारभूत ढाँचा व मशीनरी नहीं थी।
  • चुनाव करवाने के लिए समय का अभाव था।
  • उस समय जनता में राजनीतिक जागरूकता व शिक्षा की कमी थी।
  • संचार के साधनों का अभाव था।
  • जहाँ तक देशी रियासतों का प्रश्न है वहाँ सदस्यों का अप्रत्यक्ष निर्वाचन भी नहीं किया जा सका क्योंकि देशी रियासतों में जनप्रतिनिधि संस्थाएं नहीं थी। अर्थात् निर्वाचन हेतु आधारभूत ढाँचे का अभाव था तथा भारत में देशी रियासतों का विलय करना एक मुख्य चुनौती थी।


2. आलोचना- 

  • संविधान सभा एक सम्प्रभु संस्था नहीं थी क्योंकि संविधान सभा का गठन केबिनेट मिशन की सिफारिशों के आधार पर हुआ था।

आलोचना का खंडन (Justification)-

  • 15 अगस्त 1947 को संविधान सभा एक सम्प्रभु संस्था बना गई थी।
  • 15 अगस्त 1947 को संविधान सभा केबिनेट मिशन की अनुशंसाओं से पुर्णतः मुक्त थी।
  • भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 में यह स्पष्ट उल्लेख था की संविधान सभा केबिनेट मिशन की अनुशंसाओं से पुर्णतः मुक्त रहेगी।
  • संविधान सभा ने स्वयम् यह प्रस्ताव पारित किया था की संविधान सभा अपने निर्णय पूर्ण स्वतंत्रता से लेगी।


3. आलोचना-

  • समय का अपव्यय अर्थात् संविधान सभा ने संविधान निर्माण में 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिनों दिन लगाये थे जबकि अमेरिकी संविधान का निर्माण मात्र 4 माह में पूरा कर लिया गया था।

आलोचना का खंडन (Justification)-

  • भारत व अमेरिका की स्थितियाँ भिन्न-भिन्न थी।
  • भारत एक बहुसांस्कृतिक, बहुधार्मिक, बहुभाषायी तथा बहुनृजातीयता वाला देश है।
  • भारत का सामाजिक ढाँचा अत्यधिक जटिल है जिसमें अनेक वंचित व पिछड़े वर्ग तथा जनजातियाँ है। अतः भारत में संविधान का निर्माण में सभी के हितों के लिए विशेष प्रावधान करने थे।
  • अमेरिकी समाज में भारत जितनी विविधताएं नहीं थी और न ही अमेरिकी संविधान में अमेरिका के वंचित वर्गों के हितों हेतु विशेष प्रावधान किए गए। (अमेरिका के वंचित वर्ग जैसे- अमेरिकी व अफ्रीकी मूल के लोग)
  • भारतीय संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान है।
  • भारतीय संविधान में 395 अनुच्छेद है जबकि अमेरिकी संविधान अत्यधिक संक्षिप्त है। अर्थात् अमेरिकी संविधान में केवल 7 ही अनुच्छेद है।
  • भारतीय संविधान में संघ व राज्य दोनों का संविधान शामिल है। अर्थात् भारतीय संविधान में राज्यों के पृथक संविधान नहीं है। जबकि अमेरिकी संविधान केवल परिसंघ का संविधान है तथा अमेरिका में राज्यों के लिए अलग से संविधान है।


4. आलोचना-

  • अधिकांश सदस्य कांग्रेस पार्टी से थे इसलिए संविधान सभा में केवल कांग्रेस पार्टी की विचारधारा को महत्व दिया गया था।
आलोचना का खंडन (Justification)-
  • भारतीय संविधान एक संतुलित संविधान है।
  • भारतीय संविधान पर किसी एक विचारधारा का प्रभाव नहीं है। बल्कि संविधान में सभी विचारधाराओं को महत्व दिया गया है।
  • प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्वयम् कांग्रेस पार्टी के सदस्य नहीं थे।
  • प्रारूप समिति में कांग्रेस पार्टी के केवल 2 सदस्य थे जैसे- के. एम. मुंशी तथा टी. टी. कृष्णामाचारी।
  • हालांकि राष्ट्रीय आन्दोलन का नेतृत्व कांग्रेस पार्टी ने ही किया था।
  • कांग्रेस पार्टी उस समय भारत का सबसे बड़ा राजनीतिक दल था इसलिए संविधान सभा में कांग्रेस के अधिक सदस्य निर्वाचित हुए थे।


5. आलोचना-

  • संविधान सभा के अधिकांश सदस्य हिन्दू थे इसलिए भारतीय संविधान हिन्दू धर्म से प्रभावित है।
आलोचना का खंडन (Justification)-
  • संविधान सभा का निर्वाचन आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति से किया गया चूंकि भारत में हिन्दुओं की संख्या उस समय ज्यादा थी इसलिए वो अधिक संख्या में निर्वाचित हुए।
  • भारत के विभाजन के बाद अधिकांश मुस्लिम पाकिस्तान का हिस्सा बन गए थे इसलिए संविधान सभा में हिन्दुओं का अनुपात अधिक हो गया था।
  • इन सभी के बावजूद भारतीय संविधान पर धार्मिक प्रभाव नहीं है।
  • भारतीय संविधान एक पंथनिरपेक्ष संविधान है।
  • राज्य धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं करता है न ही किसी भी धर्म को विशेष महत्व देता बल्कि सभी धर्मों के प्रति समान भाव रखता है।
  • भारत में धार्मिक स्वतंत्रता एक मूल अधिकार है।


6. आलोचना-

  • संविधान सभा के अधिकांश सदस्य राजनेता व वकील थे संविधान सभा में अन्य वर्गों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया तथा वकीलों के कारण भारतीय संविधान की भाषा अत्यधिक जटिल है।
आलोचना का खंडन (Justification)-
  • विश्व के अधिकांश देशों के संविधान वकीलों तथा नेताओं द्वारा ही तैयार किए जाते हैं। क्योंकि वकील तथा राजनेता संविधान के विशेषज्ञ होते हैं।
  • राजनेता प्रायः समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व करते हैं अतः संविधान सभा के सदस्य समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधि थे तथा भारतीय संविधान में समाज के सभी वर्गों के हितों का संरक्षण किया गया है।
  • भारतीय संविधान में कमजोर व वंचित वर्गों के हितों के लिए विशेष उपाय किये गये है।


भारतीय संविधान सभा का प्रतीक चिह्न-

  • भारतीय संविधान सभा का प्रतीक चिह्न हाथी था।


भारतीय संविधान सभा के सचिव-

  • भारतीय संविधान सभा के सचिव एच. वी. आर. अयंगर थे।


भारतीय संविधान सभा के प्रमुख ड्राफ्टमैन-

  • भारतीय संविधान सभा का ड्राफ्टमैन एस. एन. मुखर्जी था।


भारतीय संविधान के सुलेखक-

  • भारतीय संविधान के सुलेखक प्रेम बिहारी नारायण रायजादा था। अर्थात् भारतीय संविधान प्रेम बिहारी नारायण रायजादा के द्वारा हाथ से लिखा गया था।

  • भारतीय मूल संविधान हस्तलिखित है।

  • प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने भारतीय मूल संविधान को अंग्रेजी भाषा में लिखा था।
  • प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने भारतीय संविधान को इटैलिक शैली में लिखा था।


संविधान का अंलकरण-

  • भारतीय संविधान का अलंकरण शांति निकेतन के नंद लाल बोस एवं ब्योहर राम मनोहर सिन्हा ने किया था।


मूल प्रस्तावना का अलंकरण-

  • भारतीय संविधान  में मूल प्रस्तावना का अलंकरण ब्योहर राम मनोहर सिन्हा ने किया था।


संविधान का हिन्दी संस्करण-

  • संविधान के हिन्दी संस्करण का सुलेखक वसंत कृष्ण वैद्य था।
  • भारतीय संविधान को हिन्दी भाषा में वसंत कृष्ण वैद्य के द्वारा लिखा गया था।


अंतरिम सरकार (Interim Government)-

  • अंतरिम सरकार की घोषणा 24 अगस्त, 1946 को हुई थी।
  • अंतरिम सरकार का गठन 2 सितम्बर, 1946 को हुआ था।
  • अंतरिम सरकार में अध्यक्ष भारत के वायसराय लॉर्ड वेवेल को बनाया गया।
  • अंतिरम सरकार में उपाध्यक्ष पंडित जवाहर लाल नेहरू को बनाया गया।
  • अंतरिम सरकार के मंत्रिमण्डल में कुल 13 सदस्य थे।
  • कालांतर में मंत्रिमण्डल में 2 सदस्य और शामिल हुए जिसके बाद सदस्य 15 हो गये थे।
  • सरदार वल्लभ भाई पटेल को ग्रह मंत्रालय व सूचना मंत्रालय दिया गया था।
  • डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को खाद्य एवं कृषि मंत्रालय दिया गया था।


अन्य महत्वपूर्ण तथ्य-

  • संविधान सभा में ज्यादातर फैसले आपसी सहमति से ही लिए जाते थे लेकिन जहाँ आवश्यकता होती थी वहां मतदान के अनुसार फैसले लिए जाते थे।

  • संविधान सभा 3 वर्ष, 1 माह, 16 दिन अस्तित्व में रही थी। (9 दिसम्बर, 1946 से 24 जनवरी, 1950) 

  • 9 दिसम्बर, 1946 से 24 जनवरी 1950 तक संविधान संभा के 12 सत्र (Session) हुए तथा 166 बैठके हुई।

  • डॉ. भीमराव अम्बेडकर पूर्वी बंगाल से चुनाव जीतकर संविधान सभा में गये थे।

  • संविधान सभा में एंग्लो इंडियन सदस्य फ्रैंक एंथोनी था।

  • भारत में एंग्लो इंडियन के रूप में सर्वाधिक समय तक लोकसभा सांसद रहने वाले सदस्य फ्रैंक एंथोनी थे।

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