राजस्थान लोक सेवा आयोग (Rajasthan Public Service Commission- RPSC)-
- राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) एक संवैधानिक आयोग (Constitutional Commission) है।
- राजस्थान लोक सेवा आयोग एक सलाहकारी आयोग (Advisory Commission) है।
- राजस्थान लोक सेवा आयोग की स्थापना एक अध्यादेश (Ordinance) के द्वारा हुई है। जैसे-
- अध्यादेश (Ordinance)- राजस्थान लोक सेवा आयोग अध्यादेश 1949 (Rajasthan Public Service Commission Ordinance 1949)
- राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की स्थापना के लिए 'राजस्थान लोक सेवा आयोग अध्यादेश 1949' (RPSC Ordinance 1949) पर राज्यपाल ने 16 अगस्त 1949 को हस्ताक्षर किये थे।
- राजस्थान लोक सेवा आयोग अध्यादेश 1949 राजस्थान के राजपत्र या गजट (State Gazette) में 20 अगस्त 1949 को प्रकाशित हुआ था।
- स्थापना (Establishment)- राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की स्थापना 22 अगस्त 1949 को हुई थी।
- स्थापना के समय राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) ने जयपुर में कार्य करना प्रारम्भ किया था।
- कार्य (Function)- राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) ने 22 अगस्त 1949 से कार्य करना प्रारम्भ किया था।
राजस्थान लोक सेवा आयोग का मुख्यालय (Headquarters of Rajasthan Public Service Commission)-
- स्थापना के समय राजस्थान लोक सेवा आयोग का मुख्यलाय जयपुर में स्थित था। अर्थात् राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की स्थापना जयपुर में की गई थी।
- 1 नवम्बर 1956 को राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) को जयपुर से अजमेर स्थानांतरित कर दिया गया था।
- राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) का जयपुर से अजमेर स्थानांतरण सत्यनारायण राव समिति (Satyanarayan Rao Committee) की सिफारिश पर किया गया था।
- वर्तमान में राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) का मुख्यालय राजस्थान राज्य के अजमेर जिले में स्थित है।
स्थापना के समय राजस्थान लोक सेवा आयोग में सदस्य (Member in Rajasthan Public Service Commission at the time of establishment)-
- स्थापना के समय राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) में कुल 3 सदस्य थे। जैसे-
- (I) अध्यक्ष (Chairperson)- 1 अध्यक्ष
- (II) सदस्य (Member)- 2 सदस्य
- स्थापना के समय राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) में निम्नलिखित सदस्य थे।-
- (I) एस. के. घोष (S. K. Ghosh)- अध्यक्ष (Chairperson)
- (II) एन. आर. चंद्राकर या चांडोरकर (N. R. Chandrakar)- सदस्य (Member)
- (III) देवी शंकर तिवारी (Devi Shankar Tiwari/ D. S. Tiwari)- सदस्य (Member)
राजस्थान लोक सेवा आयोग में वर्तमान सदस्य (Present Member in Rajasthan Public Service Commission)-
- वर्तमान में राजस्थान लोक सेवा आयोग में कुल 8 सदस्य है। जैसे-
- (I) अध्यक्ष (Chairperson)- 1 अध्यक्ष
- (II) सदस्य (Member)- 7 सदस्य
- वर्तमान में राजस्थान लोक सेवा आयोग में निम्नलिखित सदस्य है।-
- (I) श्री कैलाश चंद मीना (Shri Kailash Chand Meena)- कार्यवाहक अध्यक्ष (Chairman-Officiating)- 06-08-2024 से 08-07-2026 तक
- (II) संगीता आर्य (Sangeeta Arya)- सदस्य (Member)
- (III) लेफ्टिनेंट कर्नल केसरी सिंह राठौड़ (Lt. Col. Kesari Singh Rathore)- सदस्य (Member)
- (IV) श्री बाबूलाल कटारा (Shri Babu Lal Katara)- सदस्य (Member)- वर्तमान में निलंबित
- (V) मंजू शर्मा (Manju Sharma)- सदस्य (Member)
- (VI) श्री कैलाश चंद मीना (Shri Kailash Chand Meena)- सदस्य (Member)
- (VII) प्रो. अय्यूब खान (Prof. Aiyub Khan)- सदस्य (Member)
- (VIII) सदस्य (Member)- पद रिक्त (Post Vacant)
- वर्तमान में 1 सदस्य का पद रिक्त (Vacant) है।
- वर्तमान में श्री कैलाश चंद मीना राजस्थान लोक सेवा आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष व सदस्य दोनों हैं।
- सन् 2011 में राज्य लोक सेवा आयोग के कुल सदस्यों की संख्या को बढ़ाकर 8 कर दी गई थी।
- सन् 2013 में राजस्थान लोक सेवा आयोग में पहली बार कुल 8 सदस्यों को नियुक्त किया गया था। जिसमें 1 अध्यक्ष व 7 सदस्य शामिल थे।
राजस्थान लोक सेवा आयोग की संरचना (Composition of Rajasthan Service Commission)-
- राजस्थान लोक सेवा आयोग में क्रमशः उच्च अधिकारी से निम्न अधिकारी तक
- अध्यक्ष (Chairperson)- 1 अध्यक्ष
- सदस्य (Member)- 7 सदस्य
- सचिव (Secretary)- (IAS अधिकारी होगा, यह 1969 से लागू है। अर्थात् सन् 1969 के बाद से सचिव के पद के लिए IAS अधिकारी को ही नियुक्त किया जायेगा।)
- संयुक्त सचिव (Joint Secretary)- RAS अधिकारी होगा
- उपसचिव (Deputy Secretary)- RPSC से ही होता है। (अर्थात् RPSC में कार्य कर रहे लोगों में से ही किसी को बनाया जाता है।)
- लोक सेवा आयोग का सचिवालय (Secretariat of Public Service Commission)- सचिव, संयुक्त सचिव, उपसचिव (संयुक्त सचिव व उपसचिव, सचिव से नीचे लोग लोक सेवा आयोग के सचिवालय में बैठते हैं। अर्थात् सचिव, संयुक्त संचिव व उपसचिव तीनों लोक सेवा आयोग के सचिवालय में बैठते हैं। संयुक्त सचिव व उपसचिव, सचिव के अधीन कार्य करते हैं।)
- सचिव, संयुक्त सचिव व उपसचिव का कार्य राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के अध्यक्ष व सदस्यों को सहायता प्रदान करना है।
- राजस्थान लोक सेवा आयोग के सचिवालय का अध्यक्ष सचिव होता है।
राज्य लोक सेवा आयोग के सदस्यों में वृद्धि (Increase in the members of the State Public Service Commission)-
- राज्य लोक सेवा आयोग के सदस्यों की संख्या में वृद्धि राज्यपाल के द्वारा की जा सकती है। अर्थात् 'राजस्थान लोक सेवा आयोग विनियम 1974' के तहत राज्यपाल राज्य लोक सेवा आयोग के सदस्यों की संख्या में वृद्धि कर सकता है।
योग्यता (Qualification)-
- राज्य लोक सेवा आयोग में आधे सदस्य (50% सदस्य) ऐसे होंगे जिन्हें केंद्र या राज्य सरकार के अधीन न्यूनतम 10 वर्ष का अनुभव हो। (इसमें से न्यूनतम 4 सदस्य होगें और अधिक भी हो सकते हैं।)
- आधे सदस्य (50% सदस्य) शिक्षाविद (Educationist), वकील (Advocate), पत्रकार (Journalist) (इनमें से सामान्यतः 4 सदस्य होते हैं।)
नियुक्ति (Appointment)-
- राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री व मंत्रिपरिषद की सलाह पर की जाती है।
- राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति का उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 316 (1) में किया गया है।
कार्यवाहक अध्यक्ष (Acting Chairperson)-
- राज्य लोक सेवा आयोग में कार्यवाहक अध्यक्ष की नियुक्ति राज्यपाल के द्वारा की जाती है। इसका उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 316 (1-A) में किया गया है।
- यदि राज्य लोक सेवा आयोग में अध्यक्ष का पद रिक्त रहता है तो राज्यपाल राज्य लोक सेवा आयोग के सदस्यों में से ही किसी एक को कार्यवाहक अध्यक्ष बना सकता है।
कार्यकाल (Tenure)-
- राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष या 62 वर्ष की आयु जो भी पहली हो।
- भारत के संविधान के 41वें संविधान संशोधन 1976 के द्वारा लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष या 62 वर्ष किया गया था।
- पहले राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष या 60 वर्ष की आयु था।
अध्यक्ष के पुनर्नियुक्ति के प्रावधान (Provision for Reappointment of Chairperson)-
- राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के अध्यक्ष को राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) में अध्यक्ष व सदस्य के रूप में पुनः नियुक्त नहीं किया जा सकता है।
- राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के अध्यक्ष को किसी अन्य राज्य लोक सेवा आयोग (OPSC) में अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया जा सकता है। (अपवाद)
- राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के अध्यक्ष को किसी अन्य राज्य लोक सेवा आयोग (OPSC) में सदस्य के रूप में नियक्त नहीं किया जा सकता है।
- राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के अध्यक्ष को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) में अध्यक्ष व सदस्य के रूप में नियुक्त किया जा सकता है।
सदस्य के पुनर्नियुक्ति के प्रावधान (Provision for Reappointment of Member)-
- राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के सदस्य को राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) में अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया जा सकता है।
- राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के सदस्य को राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) में सदस्य के रूप में पुनः नियुक्त नहीं किया जा सकता है।
- राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के सदस्य को किसी अन्य राज्य लोक सेवा आयोग (OPSC) में अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया जा सकता है।
- राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के सदस्य को किसी अन्य राज्य लोक सेवा आयोग (OPSC) में सदस्य के रूप में नियक्त नहीं किया जा सकता है।
- राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के सदस्य को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) में अध्यक्ष व सदस्य के रूप में नियुक्त किया जा सकता है।
वेतन (Salary)-
- अध्यक्ष (Chairperson)- वर्तमान में राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष का वेतन 2.25 लाख रुपये प्रतिमाह है।
- सदस्य (Member)- वर्तमान में राज्य लोक सेवा आयोग के सदस्यों का वेतन 2.15 लाख रुपये प्रतिमाह है।
- राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों के वेतन व भत्ते राज्य की संचित निधि (Consolidated Fund) पर भारीत होते हैं। अर्थात् राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों के वेतन व भत्ते राज्य की संचित निधि से दिये जाते हैं।
त्यागपत्र या इस्तीफा (Resignation Letter)-
- राज्य लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष व सदस्य अपना त्यागपत्र राज्यपाल को देते हैं।
निष्कासन प्रक्रिया या हटाने की प्रक्रिया (Removal Process)-
- निम्नलिखित मामलों में राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष को पद से हटाया जा सकता है।
- (I) कदाचार (Misbehaviour) के मामले में राष्ट्रपति द्वारा सर्वोच्च न्यायालय की जाँच के पश्चात हटाया जा सकता है।
- (II) असमर्थता (Inability), दिवालियापन (Bankruptcy), लाभ का पद ग्रहण (Office of Profit) तथा नैतिक पतन (Moral Fall) के मामलों में सिधे राष्ट्रपति द्वारा बिना किसी जाँच के ही हटाया जा सकता है।
- राज्य लोक सेवा आयोग के निलम्बन का उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 317 (2) में किया गया है।
- सर्वोच्च न्यायालय की जाँच के दौरान राज्यपाल द्वारा अध्यक्ष या सदस्य को निलम्बित किया जा सकता है।
वार्षिक प्रतिवेदन (Annual Report)-
- राज्य लोक सेवा आयोग अपना वार्षिक प्रतिवेदन राज्यपाल को सौंपता है। इसका उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 323 (2) में किया गया है।
सेवा शर्तों में बदलाव (Changes to Terms of Service)-
- राज्य लोक सेवा आयोग में सेवा शर्तों में बदलाव राज्यपाल द्वारा किया जा सकता है।
अतिरिक्त कार्यभार (Stretch Assignment)-
- राज्य लोक सेवा आयोग को राज्य विधानमण्डल के द्वारा कोई अतिरिक्त कार्यभार दिया जा सकता है अर्थात् अगर कोई अतिरिक्त कार्य देना हो तो राज्य विधामण्डल लोक सेवा आयोग को दे सकता है।
राजस्थान लोक सेवा आयोग के कार्य (Functions of Rajasthan Public Service Commission)-
- भारत के संविधान के अनुच्छेद 320 के अनुसार राज्य लोक सेवा आयोग के निम्नलिखित कार्य है-
- 1. विभिन्न भर्ती परिक्षाओं व साक्षात्कारों का आयोजन करवाना जैसे-
- (I) राजस्थान प्रशासनिक सेवा (Rajasthan Administrative Service- RAS)
- (II) उप-निरीक्षक (Sub Inspector- SI)
- (III) असिस्टेंट प्रोफेसर (Assistant Professor- AP)
- (IV) स्कूल व्याख्याता (School Lecture- SL)
- 2. राज्य सरकार को विभिन्न मामलों में सलाह प्रदान करना जैसे-
- (I) भर्ती की पद्धति
- (II) राज्य सरकार के कर्मचारियों के पेंशन संबंधित मामले
- (III) राज्य सरकार के कर्मचारियों के अनुशासनात्मक कार्यवाही के मामले
- (IV) पदोन्नति में अनुभव में छुट
- (V) किसी सेवा का अन्य सेवा में विलय
- (VI) राज्य सरकार के कर्मचारियों से संबंधित नीति निर्माण में सलाह जैसे- स्थानांतरण नीति (Transfer Policy), प्रशिक्षण नीति (Training Policy), पदोन्नति नीति (Promotion Policy)
- 3. संविधान के अनुच्छेद 320 (2) के अनुसार विभागीय पदोन्नती समिति (Departmental Promotion Committee- DPC) की बैठकों का आयोजन करवाना।
- 4. संविधान के अनुच्छेद 323 (2) के अनुसार राज्यपाल को वार्षिक प्रतिवेदन सौंपना।
- 5. राज्य विधानमण्डल द्वारा सौंपा गया कोई अतिरिक्त कार्य करना।
वे मामले जिन पर राज्य सरकार आयोग से सलाह नहीं लेती है। (Matters on which the State Government does not consult the Commission)-
- नयी लोक सेवा (Public Service) का सृजन करना।
- पदों का वर्गीकरण (Classification of Posts)
- प्रोबेशन अवधि या परिवीक्षा काल (Probation Period) का निर्धारण करने में
- प्रशिक्षण अवधि (Training Period) का निर्धारण करने में
- प्रथम नियुक्ति के पश्चात वेतन का निर्धारण करने में
- पदोन्नति के पश्चात वेतन का निर्धारण करने में
- राज्य सरकार के कर्मचारियों के स्थानांतरण करने में
- राज्य सरकार के कर्मचारियों की नियुक्ति करने में
राजस्थान लोक सेवा आयोग की कमियां या आलोचना (Criticism Of Rajasthan Public Service Commission)-
- राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों के निरंतर रिक्त पद रहना।
- राज्य लोक सेवा आयोग में जाति आधारित नियुक्तियां करना।
- राज्य लोक सेवा आयोग में राज्य सरकार का अत्यधिक हस्तक्षेप करना।
- राज्य लोक सेवा आयोग पर भ्रष्टाचार के आरोप लगना।
- राज्य लोक सेवा आयोग का वार्षिक प्रतिवेदन केवल औपचारिक प्रक्रिया है इस पर सदन (विधानसभा) में किसी भी प्रकार का विचार विमर्श नहीं होता है।
- राज्य लोक सेवा आयोग की स्केलिंग प्रक्रिया विवादों में रहती है।
- राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा भर्तियों में अत्यधिक देरी करना।
सुझाव (Suggestion)-
- राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों के पद रिक्त नहीं रहने चाहिए।
- राज्य लोक सेवा आयोग में जाति आधारित नियुक्तियों की बजाय योग्यता के आधार पर नियक्तियां होनी चाहिए।
- राज्य लोक सेवा आयोग में राज्य सरकार का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।
- राज्य लोक सेवा आयोग का वार्षिक प्रतिवेदन (Annual Report) केवल औपचारित प्रक्रिया नहीं होना चाहिए बल्कि वार्षिक प्रतिवेदन पर सदन (विधानसभा) में विचार विमर्श होना चाहिए।
- राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा करवायी जाने वाली भर्तिया पर पूरी करवायी जानी चाहिए।
- राज्य लोक सेवा आयोग को भर्तियों की परीक्षाओं के लिए समय समय पर कैलेंडर जारी करना चाहिए।
राजस्थान लोक सेवा आयोग में हुए सुधार व नवाचार (Reforms or Innovations in Rajasthan Public Service Commission)-
- वन टाइम रजिस्ट्रेशन (One Time Registration- OTR) को अपना गया।
- ऑनस्क्रीन मार्किंग प्रक्रिया (Onscreen Marking System- OSM) का लागू किया।
- माय एग्जाम माय ऑनलाइन रिव्यू (My Exam My Online Review- MEMORY)- ऑनलाइन भर्ती परीक्षाओं हेतु
- प्री लिटिगेशन समिति या पूर्व याचिका समिति (Pre-Litigation Committee- PLC) 2019
- भर्ती परीक्षाओं का वार्षिक कैलेंडर जारी करना।
- परीक्षाओं के पाठ्यक्रम की निरंतर समीक्षा करना।
रियासत काल में राजस्थान में लोक सेवा आयोग (Public Service Commission in Rajasthan During the Princely Period)
- राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) को सन् 1949 में स्थापित किया गया था लेकिन सन् 1949 से पहले रियासते होती थी और उन रियासतों के भी अपने खुद के लोक सेवा आयोग होते थे।
- रियासत काल में तीन रियासतों ने लोक सेवा आयोग (Public Service Commission- PSC) की स्थापना की थी जैसे-
- (I) जोधपुर रियासत (Princely State of Jodhpur)- 1937
- (II) जयपुर रियासत (Princely State of Jaipur)- 1940
- (III) बीकानेर रियासत (Princely State of Bikaner)- 1946
(I) जोधपुर रियासत (Princely State of Jodhpur)
- रियासत काल में राजस्थान में सबसे पहले लोक सेवा आयोग (PSC) की स्थापना जोधपुर रियासत ने की थी। अर्थात् जोधपुर रियासते एक ऐसी रियासत थी जिसने राजस्थान में सबसे पहले अपना खुद का लोक सेवा आयोग (PSC) बनाया था।
- जोधपुर रियासत ने सन् 1937 में लोक सेवा आयोग (PSC) की स्थापना की थी।
- जोधपुर रियासत का लोक सेवा आयोग (PSC) जोधपुर रियासत के लिए भर्तियों का काम करता था।
(II) जयपुर रियासत (Princely State of Jaipur)-
- रियासत काल में राजस्थान में जोधपुर रियासत के बाद जयपुर रियासत ने भी लोक सेवा आयोग (PSC) की स्थापना की थी।
- जयपुर रियासत ने सन् 1940 में लोक सेवा आयोग (PSC) की स्थापना की थी।
- जयपुर रियासत का लोक सेवा आयोग (PSC) जयपुर रियासत के लिए भर्तियों का काम करता था।
(III) बीकानेर रियासत (Princely State of Bikaner)-
- रियासत काल में राजस्थान में जोधपुर रियासत और जयपुर रियासत के बाद बीकानेर रियासत ने भी लोक सेवा आयोग (PSC) की स्थापना की थी।
- बीकानेर रियासत ने सन् 1946 में लोक सेवा आयोग (PSC) की स्थापना की थी।
- बीकानेर रियासत को लोक सेवा आयोग (PSC) बीकानेर रियासत के लिए भर्तियों का काम करता था।
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बहुत ही अच्छा कंटेंट हैं एक किताब से भी बढ़कर जो भविष्य मे किसी एक्जाम की उत्तर लिखने मे मदद कर सकता हैं बहुत ज्यादा
ReplyDeleteTHANK YOU
GK CLASS में आपका स्वागत है।, अपना कीमती सुझाव देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद, आपका दिन शुभ हो
Deleteबहुत शानदार
ReplyDeleteRajendra Bairagi, Thank you for the comment.
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