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अलवर किसान आंदोलन (Alwar Kisan Movement)

अलवर किसान आंदोलन (Alwar Kisan Movement/ Alwar Peasant Movement)- राजस्थान में किसान आंदोलन

  • अलवर में किसान आंदोलन दो स्थानों पर हुआ था। जैसे-
  • 1. नीमूचणा किसान आंदोलन
  • 2. मेव किसान आंदोलन


1. नीमूचणा किसान आंदोलन-

  • नीमूचणा किसान आंदोलन अलवर के नीमूचणा गाँव से प्रारम्भ हुआ था।
  • नीमूचणा किसान आंदोलन राजपूत किसानों के द्वारा किया गया था।
  • नीमूचणा किसान आंदोलन नीमूचणा के बानसूर व थानागाजी नामक स्थानों पर किया गया था।


नीमूचणा किसान आंदोलन के कारण-

  • (I) महाराजा जयसिंह ने 1924 ई. में राजपूत व ब्राह्मण किसानों पर 40% कर बढ़ा दिया था।
  • महाराजा जयसिंह अलवर के राजा थे।
  • (II) महाराजा जयसिंह के द्वारा माफी भूमि को जब्त कर लिया गया था।
  • (III) जंगली सुअरों की समस्या


नीमूचणा किसान आंदोलन के नेता-

  • नीमूचणा किसान आंदोलन के नेता निम्नलिखित थे।-
  • (I) माधोसिंह
  • (II) अमर सिंह
  • (III) गंगा सिंह
  • (IV) गोविन्द सिंह


नीमूचणा किसान आंदोलन का समर्थन-

  • अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने नीमूचणा किसान आंदोलन का समर्थन किया।
  • किसानों ने पुकार नामक पर्चा प्रकाशित किया।


नीमूचणा हत्याकांड- 14 मई 1925 ई.

  • स्थान- नीमूचणा गाँव, अलवर जिला, राजस्थान
  • समय- 14 मई 1925 ई.
  • अंग्रेज अधिकारी छाजू सिंह ने किसानों की सभा पर फायरिंग कर दी।
  • नीमूचणा हत्याकांड में 156 किसान शहीद हुए।
  • यंग इण्डिया (Young India) समाचार पत्र में गांधी जी ने नीमूचणा हत्याकांड को "दोहरी डायरशाही" (Double Dyrism) बताया था।
  • रियासत समाचार पत्र ने नीमूचणा हत्याकांड की तुलना "जलियांवाला बाग हत्याकांड" से की थी।
  • रियासत समाचार पत्र दिल्ली से प्रकाशित होता था।
  • "तरुण राजस्थान" नामक समाचार पत्र ने नीमूचणा हत्याकांड को सचित्र प्रकाशित किया था।
  • तरुण राजस्थान नामक समाचार पत्र राजस्थान से प्रकाशित होता था।
  • तरुण राजस्थान समाचार पत्र में नीमूचणा हत्याकांड को 31 मई 1925 को प्रकाशित किया था क्योंकि तरुण राजस्थान समाचार पत्र एक साप्ताहिक समाचार पत्र था।


2. मेव किसान आंदोलन-

  • मेव किसान आंदोलन अलवर के मेवात क्षेत्र से प्रारम्भ हुआ था।
  • मेव किसान आंदोलन मेव किसानों के द्वारा किया गया था।
  • मेव किसान आंदोलन मेवात के रामगढ़, लक्ष्मणगढ़, किशनगढ़, जिजारा नामक स्थानों पर किया गया था।


मेव किसान आंदोलन के कारण-

  • (I) अधिक भू राजस्व
  • (II) जंगली सुअरों की समस्या
  • (III) मस्जिदों से सरकार का नियंत्रण समाप्त किया जाना चाहिए।
  • (IV) सरकारी नौकरियों में मुस्लिमों की संख्या बढ़ायी जानी चाहिए।
  • (V) उर्दु को भी बढ़ावा दिया जाना चाहिए।


मेव किसान आंदोलन के नेता-

  • (I) यासीन खाँ (Yasin Khan)- गुरुग्राम
  • (II) सैय्यद भीक नारंग (Saiyyad Bhik Narang)- राजस्थान
  • (III) मुहम्मद अली (Muhammad Ali)- राजस्थान
  • (IV) मुहम्मद हादी (Muhammad Hadi)- राजस्थान


मेव किसान आंदोलन का समर्थन-

  • कई संगठनों ने मेव किसान आंदोलन को समर्थन दिया। जैसे-
  • (I) अंजुमन-ए- खादिम-उल-इस्लाम (Anjuman-i-Khadim-ul-Islam)
  • (II) जमीयत-ए-तबलीग-उल-इस्लाम (Jamiyat-i-Tablig-ul- Islam)


जाँच आयोग-

  • महाराजा जयसिंह ने एक जाँच आयोग का गठन किया।
  • जाँच आयोग के सदस्य निम्नलिखित है।-
  • (I) दुर्जन सिंह (Durjan Singh)
  • (II) गणेशी लाल (Ganeshi Lal)
  • (III) गजनाफर अली (Gajnafar Ali)
  • यासिन खान के कहने पर किसानों ने जाँच आयोग का बहिष्कार कर दिया।


अन्य महत्वपूर्ण तथ्य (Other Important Facts)-

  • मेव किसान आंदोलन साम्प्रदायिक व हिंसक हो गया था।

  • तिजारा में साम्प्रदायिक दंगे हो गये तथा अंग्रेजों ने महाराजा जयसिंह का हटा दिया।

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