बूंदी किसान आंदोलन (Bundi Kisan Movement/ Bundi Peasant Movement) या बरड़ किसान आंदोलन (Barar Peasant Movement)- राजस्थान में किसान आंदोलन
- बूंदी किसान आंदोलन को बरड़ किसान आंदोलन भी कहा जाता है।
- बूंदी किसान आंदोलन राजस्थान में बूंदी के गुर्जर किसानों के द्वारा प्रारम्भ किया गया था।
बूंदी किसान आंदोलन के कारण-
- (I) 25 प्रकार के कर
- (II) अधिक भू राजस्व
- (III) लाटा कून्ता व्यवस्था
- (IV) बेगार व्यवस्था
- (V) युद्ध कर
- (VI) चराई कर
- (VII) भ्रष्टाचार
डाबी किसान पंचायत-
- गठन- डाबी किसान पंचायच का गठन 1920 ई. में साधु सीताराम डाबी गाँव में किया गया था।
- अध्यक्ष- डाबी किसान पंचायत का अध्यक्ष हरला भड़क (Harala Bhadak) को बनाया गया था।
बूंदी किसान आंदोलन की शुरुआत-
- 1922 ई. में बूंदी किसान आंदोलन प्रारम्भ होता है।
- किसानों ने सार्वजनिक चारागाहों पर अधिकार कर लिया तथा सरकारी अदालतों का बहिष्कार किया।
- डाबी गाँव के बाद अन्य गाँवों में किसान पंचायतों का गठन किया गया। जैसे-
- (I) बरड़ गाँव- बरड़ किसान पंचायत
- (II) बरुंगन गाँव- बरुंगन किसान पंचायत
- (III) गरदडा- गरदडा किसान पंचायत
डाबी हत्याकांड (Dabi Tragedy)- (2 अप्रैल 1923 ई.)
- स्थान- डाबी गाँव, बूंदी जिला, राजस्थान
- समय- 2 अप्रैल 1923 ई.
- इकराम हुसैन ने किसानों की सभा पर फायरिंग कर दी।
- इस फायरिंग में दो किसान शहीद हो गए। जैसे-
- (I) नानक जी भील (Nanak Ji Bhil)
- (II) देवीलाल गुर्जर (Devilal Gurjar)
- नानक जी भील झंडा गीत गा रहे थे।
- नानक जी भील की याद में माणिक्य लाल वर्मा ने अर्जी (Arji) नामक गीत लिखा था।
बूंदी किसान आंदोलन के नेता-
- बूंदी किसान आंदोलन के नेता निम्नलिखित थे।
- (I) नयनूराम शर्मा (Nayanuram Sharma)
- (II) नारायण सिंह (Narayan Singh)
- (III) भंवरलाल सुनार (Bhanwarlal Sunar)
- नयनूरा शर्मा राजस्थान सेवा संघ से सदस्य थे।
राजस्थान सेवा संघ-
- 1927 ई. में राजस्थान सेवा संघ के बंद होने के कारण बूंदी किसान आंदोलन समाप्त हो गया था।
- बूंदी किसान आंदोलन में महिलाओं ने भी बढ़ चढ़ कर भाग लिया था।
- 1936 ई. में बूंदी किसान आंदोलन का दूसरा चरण प्रारम्भ होता है। तथा दूसरे चरण में किसानों द्वारा समाज सुधार किए गये थे।
हिंडौली सम्मेलन (Hindauli Conference)- 5 अक्टूबर 1936 ई.
- स्थान- हिंडौली गाँव, बूंदी जिला, राजस्थान
- समय- 5 अक्टूबर 1936 ई.
- हिंडौली के हूडेश्वर मंदिर में हिंडौली सम्मेलन आयोजित किया गया था।
- हिंडौली सम्मेलन में 500 से अधिक गुर्जर व मीणा किसानों ने भाग लिया था।
- हूडेश्वर मंदिर भगवान शिव का मंदिरा है।