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बेगूँ किसान आंदोलन (Begun Kisan movement)

बेगूँ किसान आंदोलन (Begun Kisan movement/ Begun Peasant Movement)- राजस्थान में किसान आंदोलन

  • बेगूं राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित जगह का नाम है।
  • बेगूं मेवाड़ रियासत का प्रथम श्रेणी ठिकाना था।
  • मेवाड़ रियासत में कुल 16 ठिकाने (जागीर) थे।
  • 1921 ई. में "धाकड़" किसानों ने मेनाल के भैरुकुंड नामक स्थान के बेगूं किसान आंदोलन प्रारम्भ किया।
  • 1922 ई. में अजमेर में विजय सिंह पथिक ने किसानों तथा बेगूं के सामंत अनूप सिंह चूंडावत में समझौता करवा दिया।
  • मेवाड़ रियासत ने इस समझौते को अस्वीकार कर दिया।
  • अंग्रेज अधिकारी ट्रेंच ने इस समझौते को बोल्शेविक समझौता कहा था।
  • ट्रेंच भूमि बंदोबस्त अधिकारी था।
  • अनूप सिंह चूंडावत को गिरफ्तार कर लिया गया।
  • अनूप सिंह चूंडावत के स्थान पर अमृतलाल को बेगूं का प्रशासक बना दिया गया।
  • ट्रेंच को जाँच अधिकारी बना दिया गया।

  • बेगूं किसान आंदोलन के दौरान 10 सितम्बर 1923 ई. को विजय सिंह पथिक को गिरफ्तार कर लिया गया।


बेगूं किसान आंदोलन के कारण-

  • (I) 53 प्रकार के कर
  • (II) अधिक भू राजस्व
  • (III) लाटा कून्ता व्यवस्था
  • (IV) बेगार व्यवस्था


बेगूं किसान आंदोलन का नेता-

  • बेगूं किसान आंदोलन का नेता राम नारायण चौधरी था।


गोविन्दपुरा हत्याकांड- (13 जुलाई 1923)

  • गोविन्दपुरा हत्याकांड 13 जुलाई 1923 ई. को राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले को गोविन्दपुरा गाँव में हुआ था।
  • बेगूं किसान आंदोलन के दौरान गोविन्दपुरा गाँव में किसानों की सभा पर अंग्रेज अधिकारी ट्रेंच ने फायरिंग कर दी तथा गोविन्दपुरा हत्याकांड में दो किसान शहीद हो गए। जैसे-
    • (I) रुपाजी धाकड़ (Roopaji Dhakar)
    • (II) किरपाजी धाकड़ (Kirapaji Dhakar)


बेगूं किसान आंदोलन के अन्य केंद्र-

  • (I) चांदखेड़ी गाँव
  • (II) मंडावरी गाँव

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