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भारत की प्रमुख फसलें (Major Crops of India)

भारत की प्रमुख फसले (Major Crops of India)- कृषि (Agriculture)- भारत का भूगोल

  • भारत की प्रमुख फसलें (Major Crops of India)-
  • 1. गेहूँ (Wheat)
  • 2. चावल (Rice)
  • 3. कपास (Cotton)
  • 4. गन्ना (Sugarcane)
  • 5. चाय (Tea)
  • 6. कॉफी (Coffee)


1. गेंहू (Wheat)-

  • फसल (Crop)- गेंहू रबी (Rabi) की फसल है।
  • तापमान (Temperature)- गेंहू की फसल के लिए 15℃ से 20℃ तक तापमान की आवश्यकता होती है।
  • गेंहू की फसल को उगते (Sowing) समय 10℃ तापमान की आवश्यकता होती है।
  • गेंहू की फसल को बढ़ते (Growing) समय 15℃ की आवश्यकता होती है।
  • गेंहू की फसल को पकते व काटते (Reaping) समय 20℃ तापमान की आवश्यकता होती है।
  • जलवायु क्षेत्र (Climate Zone)- गेंहू की फसल के लिए शीतोष्ण कटिबंधीय (Temperate) जलवायु की आवश्यकता होती है।
  • वर्षा (Rainfall)- गेंहू की फसल के लिए 50 से 75 सेमी (cm) वर्षा की आवश्यकता होती है।
  • गेंहू की फसल में 100 दिन पाला (Frost) रहित होना आवश्यकत है।
  • गेंहू की फसल में उगते समय अधिक वर्षा की आवश्यकता होती है।
  • मृदा (Soil)- गेंहू की फसल के लिए बलुई दोमट (Sandy Loam) मिट्टी उपयुक्त होती है।
  • विशेषताएं-
  • गेंहू के खेती 2700 मीटर तक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी की जा सकती है।
  • भारत में खाद्यान फसलों में गेंहू की उत्पादकता (Productivity) सर्वाधिक है।
  • 100 cm की समवर्षा रेखा (Equinoctial) गेंहू व चावल उत्पादक क्षेत्रों को अलग करती है।
  • गेंहू की किस्म (Variety of Wheat)-
  • (I) गिरिजा (Girija)
  • (II) अर्जुन (Arjun)
  • (III) मालविया-12 (Malviya-12)
  • (IV) सोनालिका (Sonalika)- बोनी किस्म (Dwarf Variety)
  • वैश्विक उत्पादन (Global Production)-
  • (I) विश्व में गेंहू उत्पादन में प्रथम स्थान पर चीन है।
  • (II) विश्व में गेंहू उत्पादन में भारत दूसरे स्थान पर है।
  • भारत में उत्पादन (Production in India)- (2020-21 के अनुसार)
  • (I) भारत में गेंहू उत्पादन में प्रथम स्थान पर उत्तर प्रदेश (UP) है।
  • (II) भारत में गेंहू उत्पादन में दूसरे स्थान पर मध्य प्रदेश (MP) है।
  • (III) भारत में गेंहू उत्पादन में तीसरे स्थान पर पंजाब (Panjab) है।
  • सर्वाधिक उत्पादकता (Maximum Productivity)- (2020-21 के अनुसार)
  • (I) भारत में गेंहू की सर्वाधिक उत्पादकता पंजाब (Punjab) में होती है।
  • सर्वाधिक क्षेत्रफल (Maximum Area)- (2020-21 के अनुसार)
  • (I) भारत में गेंहू की खेती सर्वाधिक क्षेत्रफल में उत्तर प्रदेश में की जाती है।
  • क्षेत्रफल (Area)- (2018-19 के अनुसार)
  • (I) भारत में 15% क्षेत्रफल में गेंहू की खेती की जाती है।
  • उत्पादन (Production)-
  • 2019-20 में भारत में गेंहू का उत्पादन 107.86 Million Tonnes
  • 2020-21 में भारत में गेंहू का उत्पादन 109.52 Million Tonnes


2. चावल (Rice)-

  • फसल (Crop)- चावल खरीफ (Kharif) की फसल है।
  • तापमान (Temperature)- चावल की फसल के लिए 20℃ से 27℃ तक तापमान की आवश्यकता होती है।
  • चावल की फसल को बोते (Sowing) समय 20℃ तापमान की आवश्यकता होती है।
  • चावल की फसल को पकते (Reaping) समय 27℃ तापमान की आवश्यकता होती है।
  • जलवायु क्षेत्र (Climate Zone)-
  • (I) उष्ण कटिबंधीय (Tropical) क्षेत्र का चावल इंडिका (Indica) कहलाता है।
  • (II) शीतोष्ण कटिबंधीय (Temperate) क्षेत्र का चावल जेपोनिका (Jeponica) कहलाता है।
  • वर्षा (Rainfall)- चावल की फसल के लिए 150 से 200 सेमी (cm) वर्षा की आवश्यकता होती है।
  • चावल की फसल बोते समय 20 से 30 सेमी (cm) गहरा जल 75 दिन तक आवश्यक होता है।
  • मृदा (Soil)- चावल की फसल के लिए चीकायुक्त दोमट (Clay Loam) या जलोढ़ मृदा (Alluvial Soil) उपयुक्त होती है।
  • विशेषताएं-
  • चावल की खेती 2000 मीटर तक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी की जा सकती है।
  • चावल के खेती के लिए धरातल समतल (Flat) होना चाहिए।
  • दलदली (Swampy) निम्न भूमि का चावल स्वादिष्ट होता है।
  • उच्च भूमि का चावल का दाना छोटा एवं लाल रंग का होता है।
  • पश्चिमी बंगाल में वर्ष में चावल की तीन फसलें जैसे-
  • (I) ओस (Aus)- शरदकालीन (Autumn) चावल की फसल को ओस कहते हैं।
  • (II) अमन (Aman)- शीतकालीन (Winter) चावल की फसल को अमन कहते हैं।
  • (III) बोरो (Boro)- ग्रीष्मकालीन (Summer) चावल की फसल को बोरो कहते हैं।
  • केंद्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (Central Rice Research Institute) ओडिशा (Odisha) राज्य के कटक (Cuttack) में स्थित है।
  • भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान (India Institute of Rice Research) हैदराबाद (Hyderabad) में स्थित है।
  • चावल की किस्म (Variety of Rice)-
    • (I) जया (Jaya)- पहली बौनी किस्म (First Dwarf Variety)
    • (II) जमुना (Jamuna)
    • (III) पदमा (Padma)
    • (IV) कृष्णा (Krishna)
    • (V) रत्ना (Ratan)
    • (VI) IR8
    • (VII) चाक (Chak)- मणिपुर (Manipur)
  • भारत में खाद्यान फसलों में सर्वाधिक उत्पादन चावल का होता है।
  • प्रमुख रोग (Major Disease)- चावल की फसल में लगने वाला प्रमुख रोग ब्राउन स्पॉट (Brown Spot) है।
  • ब्राउन स्पॉट एक फंगल या कवक रोग (Fungal Disease) है।

  • वैश्विक उत्पादन (Global Production)-
  • (I) विश्व में चावल उत्पादन में प्रथम स्थान पर चीन है।
  • (II) विश्व में चावल उत्पादन में भारत दूसरे स्थान पर है।
  • भारत में उत्पादन (Production in India)- (2020-21 के अनुसार)
  • (I) भारत में चावल उत्पादन में प्रथम स्थान पर पश्चिम बंगाल (West Bengal) है।
  • (II) भारत में चावल उत्पादन में दूसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश (UP) है।
  • (III) भारत में चावल उत्पादन में तीसरे स्थान पर पंजाब (Panjab) है।
  • सर्वाधिक उत्पादकता (Maximum Productivity)- (2020-21 के अनुसार)
  • (I) भारत में चावल की सर्वाधिक उत्पादकता पंजाब (Punjab) में होती है।
  • सर्वाधिक क्षेत्रफल (Maximum Area)- (2020-21 के अनुसार)
  • (I) भारत में चावल की खेती सर्वाधिक क्षेत्रफल में उत्तर प्रदेश में की जाती है।
  • क्षेत्रफल (Area)- (2018-19 के अनुसार)
  • (I) भारत में 23% क्षेत्रफल में चावल की खेती की जाती है।

  • उत्पादन (Production)-
  • 2019-20 में भारत में चावल का उत्पादन 118.87 Million Tonnes

  • 2020-21 में भारत में चावल का उत्पादन 122.27 Million Tonnes


3. कपास (Cotton)-

  • फसल (Crop)- कपास खरीफ (Kharif) की फसल है।

  • तापमान (Temperature)- कपास की फसल के लिए 20℃ से 30℃ तक तापमान की आवश्यकता होती है।
  • जलवायु क्षेत्र (Climate Zone)- कपास की फसल के लिए उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों (Tropical Region) के अर्द्ध शुष्क (Semi Arid) भाग की आवश्यकता होती है।
  • वर्षा (Rainfall)- कपास की फसल के लिए 50-100 सेमी (cm) तक वर्षा की आवश्यकता होती है।
  • कपास की फसल 210 दिन में तैयार होती है।
  • कपास की फसल के तैयार होने के दौरान या 210 दिन पाला रहित (Frost Free) होने चाहिए।
  • कपास की फसल के पकते समय (During Ripening) शुष्क परिस्थितियां (Dry Conditions) होनी चाहिए।
  • मृदा (Soil)- कपास की फसल के लिए लावा से निर्मित काली मृदा (Black Soil) उपयुक्त होती है।
  • कपास की फसल के लिए जलप्रवाह युक्त धरातल (Well drained field is required) की आवश्यकता होती है।
  • विशेषताएं-
  •  उत्तर-पश्चिमी भारत में उत्पादित अमेरिकन कपास को नरमा (Narma) कहा जाता है।
  • उत्तर-पश्चिमी भारत में उत्पादित अमेरिकन कपास में लम्बा रेशा (Long Staple or Fiber) होता है।
  • भारतीय कपास का रेशा छोटा (Short Staple or Fiber) होता है।
  • उत्तरी कर्नाटक में स्थित काली मिट्टी वाले क्षेत्र को सलहट्टी (Salhatti) कहा जाता है।
  • दक्षिणी कर्नाटक में स्थित लाल मिट्टी वाले क्षेत्र को दौड़हट्टी (Daudahatti) कहा जाता है।
  • किस्म (Veriety)- विकास (Vikas), विक्रम (Vikram), कल्याण (Kalyan), विजय (Vijay), नर्मदा (Narmada) आदि कपास की किस्में है।
  • वैश्विक उत्पादन (Global Production)-
  • (I) विश्व में कपास उत्पादन में प्रथम स्थान पर चीन है।
  • (II) विश्व में कपास उत्पादन में भारत दूसरे स्थान पर है।
  • भारत में उत्पादन (Production in India)- (2020-21 के अनुसार)
  • (I) भारत में कपास उत्पादन में प्रथम स्थान पर महाराष्ट्र (Maharashtra) है।
  • (II) भारत में कपास उत्पादन में दूसरे स्थान पर गुजरात (Gujrat) है।
  • (III) भारत में कपास उत्पादन में तीसरे स्थान पर तेलंगाना (Telangana) है।
  • सर्वाधिक उत्पादकता (Maximum Productivity)- (2020-21 के अनुसार)
  • (I) भारत में कपास की सर्वाधिक उत्पादकता राजस्थान (Rajasthan) में होती है।
  • सर्वाधिक क्षेत्रफल (Maximum Area)- (2020-21 के अनुसार)
  • (I) भारत में कपास की खेती सर्वाधिक क्षेत्रफल में महाराष्ट्र में की जाती है।
  • क्षेत्रफल (Area)- (2018-19 के अनुसार)
  • (I) भारत में 7% क्षेत्रफल में कपास की खेती की जाती है।
  • उत्पादन (Production)-
  • 2019-20 में भारत में कपास का उत्पादन 36.07 Million Bale
  • 2020-21 में भारत में कपास का उत्पादन 35.38 Million Bale
  • 1 Bale = 170 KG


4. गन्ना (Sugarcane)-

  • फसल (Crop)- गन्ना खरीफ (Kharif) की फसल है।
  • तापमान (Temperature)- गन्ने की फसल के लिए 20℃ से 30℃ तक तापमान की आवश्यकता होती है।
  • गन्ने को बोते समय (During Sowing) सामान्य तापमान की आवश्यकता होती है।
  • गन्ने को बढ़ते समय (During Growing) अधिक तापमान की आवश्यकता होती है।
  • गन्ने को पकते समय (During Ripening) कम तापमान की आवश्यकता होती है।
  • जलवायु क्षेत्र (Climate Zone)- गन्ना उष्ण कटिबंधीय फसल (Tropical Crop) है।
  • गन्ने की फसल को आर्द्र (Humid) व उपार्द्र जलवायु (Sub Humid Climate) वाले क्षेत्र की आवश्यकता होती है।
  • वर्षा (Rainfall)- गन्ने की फसल के लिए 125 सेमी (cm) तक वर्षा की आवश्यकता होती है।
  • गन्ने की फसल में कटाई से पहले (Before Harvesting) शुष्क परिस्थिति (Dry Condition) की आवश्यकता होती है।
  • मृदा (Soil)- गन्ने की फसल के लिए दोमट गहरी चिकनी (Loamy Deep Clay) व लावा से निर्मित काली मिट्टी (Black Soil) उपयुक्त होती है।
  • विशेषताएं-
  • गन्ने की फसल को पकने में लगभग 11 से 12 महीने लगते हैं।
  • गन्ने की फसल के लिए पाला हानिकारक (Frost is harmful) होता है।

  • दक्षिण भारत में गन्ने की उत्पादकता (Productivity) अधिक होती है।
  • दक्षिण भारत में गन्ने में सुक्रोज (Sucrose) की मात्रा अधिक होती है। अर्थात् मिठास की मात्रा अधिक होती है।
  • वैश्विक उत्पादन (Global Production)-
  • (I) विश्व में गन्ना उत्पादन में प्रथम स्थान पर चीन है।
  • (II) विश्व में गन्ना उत्पादन में भारत दूसरे स्थान पर है।
  • भारत में उत्पादन (Production in India)- (2020-21 के अनुसार)
  • (I) भारत में गन्ना उत्पादन में प्रथम स्थान पर उत्तर प्रदेश (UP) है।
  • (II) भारत में गन्ना उत्पादन में दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र (Maharashtra) है।
  • (III) भारत में गन्ना उत्पादन में तीसरे स्थान पर कर्नाटक (Karnataka) है।
  • सर्वाधिक उत्पादकता (Maximum Productivity)- (2020-21 के अनुसार)
  • (I) भारत में गन्ने की सर्वाधिक उत्पादकता तमिलनाडु (Tamil Nadu) में होती है।
  • सर्वाधिक क्षेत्रफल (Maximum Area)- (2020-21 के अनुसार)
  • (I) भारत में गन्ने की खेती सर्वाधिक क्षेत्रफल में उत्तर प्रदेश में की जाती है।
  • क्षेत्रफल (Area)- (2018-19 के अनुसार)
  • (I) भारत में 3% क्षेत्रफल में गन्ने की खेती की जाती है।
  • उत्पादन (Production)-

  • 2019-20 में भारत में गन्ने का उत्पादन 370.5 Million Tonnes
  • 2020-21 में भारत में गन्ने का उत्पादन 399.25 Million Tonnes


5. चाय (Tea)-

  • तापमान (Temperature)- चाय की फसल के लिए 25℃ से 30℃ तक तापमान की आवश्यकता होती है।
  • जलवायु क्षेत्र (Climate Zone)- चाय की फसल को उष्ण एवं उपोष्ण कटिबंध आर्द्र जलवायु (Tropical and sub-tropical humid climate) की आवश्यकता होती है।
  • वर्षा (Rainfall)- चाय की फसल के लिए 200 सेमी (cm) तक वर्षा की आवश्यकता होती है।
  • मृदा (Soil)- चाय की फसल के लिए लेटराइट मृदा (Laterite Soil) उपयुक्त होती है।
  • विशेषताएं-
  • चाय की फसल में पत्तियों के निरंतर विकास के लिए पूरे साल समान रूप से वर्षा की आवश्यकता होती है।
  • चाय की फसल के लिए सुप्रवाहित ढाल (Drained Slopes) की आवश्यकता होती है।
  • चाय की काली पत्तियां किण्वित (Fermented) होती है।
  • चाय की हरी पत्तियां अकिण्वित (Unfermented) होती है।
  • टोकलाई चाय अनुसंधान संस्थान (Tolkai Tea Research Institute) असम राज्य के जोरहट (Jorhat) में स्थित है।

  • भारत में चाय की खेती (Tea Cultivation) 1840 ई. में असम (Assam) राज्य की ब्रह्मपुत्र घाटी (Brahmaputra Valley) से प्रारम्भ हुई थी।
  • वैश्विक उत्पादन (Global Production)-
  • (I) विश्व में चाय उत्पादन में प्रथम स्थान पर चीन है।
  • (II) विश्व में चाय उत्पादन में भारत दूसरे स्थान पर है।
  • भारत में उत्पादन (Production in India)- (2020-21 के अनुसार)
  • (I) भारत में चाय उत्पादन में प्रथम स्थान पर असम (Assam) है।
  • (II) भारत में चाय उत्पादन में दूसरे स्थान पर पश्चिम बंगाल (West Bengal) है।
  • (III) भारत में चाय उत्पादन में तीसरे स्थान पर तमिलनाडु (Tamil Nadu) है।
  • सर्वाधिक उत्पादकता (Maximum Productivity)- (2020-21 के अनुसार)
  • (I) भारत में चाय की सर्वाधिक उत्पादकता असम (Assam) में होती है।
  • सर्वाधिक क्षेत्रफल (Maximum Area)- (2020-21 के अनुसार)
  • (I) भारत में चाय की खेती सर्वाधिक क्षेत्रफल में असम में की जाती है।

  • उत्पादन (Production)-
  • 2017-18 में भारत में चाय का उत्पादन 1325.05 Million KG
  • 2018-19 में भारत में चाय का उत्पादन 1350.04 Million KG
  • 2019-20 में भारत में चाय का उत्पादन 1360.81 Million KG
  • 2020-21 में भारत में चाय का उत्पादन 1281.03 Million KG
  • 2021-22 में भारत में चाय का उत्पादन 1344.4 Million KG
  • Source- Tea Board of India


6. कॉफी (Coffee)-

  • तापमान (Temperature)- कॉफी की फसल के लिए 20℃ से 25℃ तक तापमान की आवश्यकता होती है।
  • जलवायु क्षेत्र (Climate Zone)- कॉफी की फसल को गर्म (Hot) व आर्द्र जलवायु (Humid Climate) की आवश्यकता होती है।
  • वर्षा (Rainfall)- कॉफी की फसल के लिए 200 सेमी (cm) तक वर्षा की आवश्यकता होती है।
  • मृदा (Soil)- कॉफी की फसल के लिए लेटराइट मृदा (Laterite Soil) उपयुक्त होती है।
  • किस्में (Varieties)- कॉफी की तीन प्रमुख किस्में है। जैसे-
    • (I) अरेबिका (Arabica)
    • (II) रोबस्ता (Robusta)
    • (III) लिबेरिका (Liberica)
  • विशेषताएं-
  • कॉफी का पौधा तेज धूप (Direct Sunlight) को सहन नहीं कर पाता है इसलिए कॉफी के पौधे को अन्य पेड़ों की छाया में उगाया जाता है।
  • भारत में रोबस्ता कॉफी का उत्पादन अधिक होता है।
  • केंद्रीय कॉफी अनुसंधान केंद्र (Central Coffee Research Centre) कर्नाटक राज्य के बालेहोन्नूर (Balehonnur) में स्थित है।
  • भारत में कॉफी का उत्पादन बुदन पहाड़ियों (Baba Budan Hills) से प्रारम्भ हुआ था।
  • वैश्विक उत्पादन (Global Production)-
  • (I) विश्व में कॉफी उत्पादन में प्रथम स्थान पर ब्राजील है।
  • (II) विश्व में कॉफी उत्पादन में भारत आठवें स्थान पर है।
  • भारत में उत्पादन (Production in India)- (2020-21 के अनुसार)
  • (I) भारत में कॉफी उत्पादन में प्रथम स्थान पर कर्नाटक (Karnataka) है।
  • (II) भारत में कॉफी उत्पादन में दूसरे स्थान पर केरल (Kerala) है।
  • (III) भारत में कॉफी उत्पादन में तीसरे स्थान पर तमिलनाडु (Tamil Nadu) है।
  • सर्वाधिक उत्पादकता (Maximum Productivity)- (2020-21 के अनुसार)
  • (I) भारत में कॉफी की सर्वाधिक उत्पादकता कर्नाटक (Karnataka) में होती है।
  • सर्वाधिक क्षेत्रफल (Maximum Area)- (2020-21 के अनुसार)
  • (I) भारत में कॉफी की खेती सर्वाधिक क्षेत्रफल में कर्नाटक में की जाती है।
  • उत्पादन (Production)-
  • 2020-21 में भारत में कॉफी का उत्पादन 334000 MTs हुआ है जिसमें से-
  • (I) अरेबिका (Arabica) का उत्पादन- 99000 MTs
  • (II) रोबस्ता (Robusta) का उत्पादन- 235000 MTs
  • Source- Coffee Board of India
  • MTs = मीट्रिक टन या टन

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