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राज्य सूचना आयोग (State Information Commission)

राज्य सूचना आयोग (State Information Commission)-

  • विश्व में स्वीडन (Sweden) ऐसा पहला देश है जहाँ सूचना का अधिकार लाया गया था। अर्थात् विश्व में सर्वप्रथम सूचना का अधिकार स्वीडन में लाया गया था।

  • स्वीडन में सूचना का अधिकार 1766 ई. में लाया गया था।

  • भारत में सूचना का अधिकार सर्वप्रथम तमिलनाडु (Tamil Nadu) राज्य में लाया गया था।
  • भारत के तमिलनाडु राज्य में सूचना का अधिकार सन् 1996-97 में लाया गया था।
  • राजस्थान में सूचना का अधिकार कानून (Right to Information Act) वर्ष 2000 में लाया गया था।
  • राजस्थान में सूचना का अधिकार कानून (RTI Act) 26 जनवरी 2001 को क्रियानंवीत या लागू किया गया था।
  • सूचना का अधिकार कानून 2005 में 'मजदूर किसान शक्ति संगठन' (Mazdoor Kisan Shakti Sangathan- MKSS) का महत्वपूर्ण योगदान रहा था।
  • मजदूर किसान शक्ति संगठन श्रीमती अरुणा रॉय का संगठन है।
  • श्रीमती अरुणा रॉय एक पूर्व IAS अधिकारी है।
  • राज्य सूचना आयोग एक सांविधिक आयोग या वैधानिक आयोग (Statutory Commission) है।


राजस्थान राज्य सूचना आयोग (Rajasthan State Information Commission)-

  • राजस्थान राज्य सूचना आयोग एक सांविधिक या वैधानिक आयोग है क्योंकि राज्य सूचना आयोग का गठन 'सूचना का अधिकार कानून 2005' (RTI Act, 2005 'Section-15') की धारा 15 के अंतर्गत किया गया है।
  • राजस्थान राज्य सूचना आयोग की स्थापना की अधिसूचना (Notification) 13 अप्रैल 2006 को जारी हुई।
  • राजस्थान राज्य सूचना आयोग की स्थापना 18 अप्रैल 2006 में की गई थी।


योग्यता (Qualification)-

  • राज्य सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त व राज्य सूचना आयुक्त के पद के लिए वकील (Advocate), पत्रकार (Journalist), समाज सेवक (Social Worker), विज्ञान व प्रौद्योगिकी के विशेषज्ञ (Science and Technology Experts), न्यायिक अधिकारी (Judicial Officer), प्रशासनिक अधिकारी (Administrative Officer) आदि को नियुक्त किया जा सकता है।


संगठन या संरचना (Structure)-

  • 1. मुख्य सूचना आयुक्त-1 (Chief Information Commissioner)
  • 2. राज्य सूचना आयुक्त- 10 (State Information Commissioner- SIC)


वर्तमान संरचना (Current Structure)-

  • राजस्थान राज्य सूचना आयोग की वर्तमान संरचना-
  • 1. मुख्य सूचना आयुक्त (Chief Information Commissioner)- श्री देवेंद्र भूषण गुप्ता (Shri Devendra Bhushan Gupta/ DB Gupta)
  • 2. राज्य सूचना आयुक्त (State Information Commissioner- SIC)-
    • (I) श्री राजेन्द्र प्रसार बरवड़ (मुख्य अभीयंता)
    • (II) शीतल धनखड़ (समाज सेवक)
    • (III) लक्षमणसिंह राठौड़ (न्यायिक अधिकारी)
    • (IV) श्री एम एल लाठर (पूर्व पुलिस महानिदेशक/DGP- Director General of Police)


नियुक्ति (Appointment)-

  • राज्य सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त (Chief Information Commissioner) राज्य सूचना आयुक्त (State Information Commissioner- SIC) की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा एक समिति की सिफारिश पर की जाती है।
  • समिति की संरचना निम्नलिखित है-
  • 1. मुख्यमंत्री (Chief Minister/ CM)
  • 2. विधानसभा में विपक्ष का नेता (Leader of Opposition in Legislative Assemblies)
  • 3. कैबिनेट मंत्री (Cabinet Minister)- मुख्यमंत्री द्वारा मनोनित केबिनेट मंत्री


कार्यकाल (Tenure)-

  • सूचना का अधिकार अधिनियम 2019 के तहत राज्य सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त व राज्य सूचना आयुक्त का कार्यकाल केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किया जाएगा।

  • वर्तमान कार्यकाल 3 वर्ष या 65 वर्ष की आयु जो भी पहले हो।


वेतन व भत्ते (Salary and Allowances)-

  • सूचना का अधिकार संशोधन अधिनियम 2019 के तहत राज्य सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त व राज्य सूचना आयुक्त क वेतन व भत्ते का निर्धारण केंद्र सरकार द्वारा किया जाएगा।
  • वर्तमान वेतन व भत्ते-
  • (I) मुख्य सूचना आयुक्त (Chief Information Commissioner)- उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के समान
  • (II) राज्य सूचना आयुक्य(State Information Commissioner- SIC) या अन्य आयुक्त- उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के समान


त्यागपत्र या इस्तीफा (Resignation Letter)-

  • राज्य सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त व राज्य सूचना आयुक्त अपना त्यागपत्रा या इस्तीफा राज्यपाल को देते हैं।


निष्कासन प्रक्रिया (Termination Process)-

  • निष्कासन के आधार या कारण निम्नलिखित है।

    • 1. कदाचार (Misbehavior)
    • 2. असमर्थता (Inability)
    • 3. दिवालियापन (Bankruptcy)
    • 4. नैतिक पतन (Moral Fall)
    • 5. लाभ का पद (Office of Profit)

  • कदाचार व असमर्थता के मामले में राज्य सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त व राज्य सूचना आयुक्त को राज्यपाल द्वारा सर्वोच्च न्यायालय की जाँच के पश्चात पद से हटाया जा सकता है।
  • दिवालियापन, नैतिक पतन व लाभ का पद ग्रहण करने राज्य सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त व राज्य सूचना आयुक्त को राज्यपाल द्वारा बिना किसी जाँच के प्रत्यक्ष या सीधा निष्कासित किया जा सकता है.


निलंबन (Suspension)-

  • राज्य सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त व राज्य सूचना आयुक्त पर कदाचार व असमर्थता के मामले में सर्वोच्च न्यायालय की जाँच के दौरान राज्यपाल को मुख्य सूचना आयुक्त व राज्य सूचना आयुक्त को निलंबित करने का अधिकार है।


वार्षिक प्रतिवेदन (Annual Report)-

  • राज्य सूचना आयोग अपना वार्षिक प्रतिवेदन (Annual Report) राज्य सरकार को सौंपता है।


सूचना का अधिकार 2005 के महत्वपूर्ण प्रावधान (धाराएं)-

  • निम्नलिखित धाराओं का उल्लेख संविधान के भाग-4 में किया गया है।
  • धारा 6 (1)- सूचना का अधिकार 2005 की धारा 6 (1) में अपील का प्रारूप है।
  • धारा 15- सूचना का अधिकार 2005 की धारा 15 में आयोग का संगठन या संरचना का उल्लेख किया गया है।
  • धारा 16- सूचना का अधिकार 2005 की धारा 16 में मुख्य सूचना आयुक्त व राज्य सूचना आयुक्त के कार्यकाल का उल्लेख किया गया है।
  • धारा 17- सूचना का अधिकार 2005 की धारा 17 में निष्कासन प्रक्रिया उल्लेख किया गया है।
  • धारा 18, 19, 20, 25- सूचना का अधिकार 2005 की धारा 18, 19, 20 व 25 में आयोग के कार्य व शक्तियों का उल्लेख किया गया है।
  • धारा 19- सूचना का अधिकार 2005 की धारा 19 में अपील की प्रक्रिया का उल्लेख किया गया है।
  • धारा 19 (1)- सूचना का अधिकार 2005 की धारा 19 (1) में प्रथम अपील अधिकारी (PIO) का उल्लेख किया गया है।
  • धारा 19 (3)- सूचना का अधिकार 2005 की धारा 19 (3) में द्वितीय अपील अधिकारी (SIC या राज्य सूचना आयुक्त) का उल्लेख किया गया है।
  • धारा 19 (7)- सूचना का अधिकार 2005 की धारा 19 (7) के अनुसार आयोग के आदेश बाध्यकारी होंगे


जुर्माना (Fine)-

  • राज्य सूचना आयोग को 250 से लेकर 25000 रुपये तक का जुर्माना लगाने का अधिकार है।


अन्य महत्वपूर्ण तथ्य (Other Important Facts)-

  • भारत में सूचना का अधिकार कानून लाने वाला पहला राज्य तमिलनाडु है।
  • तमिलनाडु में सूचना का अधिकार कानून सन् 1996 में लाया गया था।
  • भारत में सूचना का अधिकार कानून लाने वाला दूसरा राज्य गोवा है।
  • गोवा में सूचना का अधिकार कानून सन् 1997 में लाया गया था।
  • भारत में सूचना का अधिकार कानून लाने वाला तीसरा राज्य राजस्थान है। 
  • राजस्थान में सूचना का अधिकार कानून सन् 2000 में लाया गया गया था।
  • भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 1982 में  एस.पी. गुप्त बनाम भारत संघ (SP Gupta Banam Bharat Sangh) केस में फेसला सुनाया था जिसमें सर्वोच्च न्यायालय ने पहली बार कहा था की भारत सरकार को पारदर्शिता के लिए सूचना का अधिकार कानून (Right to Information Act) लाने चाहिए।

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