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विधान सभा (Legislative Assembly)

राज्य विधानमंडल (State Legislature)-

  • राज्य विधानमंडल का उल्लेख भारतीय संविधान के अनुच्छेद 168 में किया गया है।
  • राज्य विधानमंडल के अंग या भाग-
    • (I) राज्यपाल (Governor)
    • (II) विधान परिषद (Legislative Council)
    • (III) विधान सभा (Legislative Assembly)
  • राज्य विधानमंडल राज्यपाल, विधानपरिषद व विधानसभा से मिलकर बनी होती है।
  • राज्यपाल का उल्लेख भारतीय संविधान के अनुच्छेद 153 में किया गया है।
  • विधान परिषद का उल्लेख भारतीय संविधान के अनुच्छेद 169 में किया गया है।
  • विधान सभा का उल्लेख भारतीय संविधा के अनुच्छेद 174 में किया गया है।


राज्यों में द्विसदनात्मक व्यवस्था (Bicameral System in States)-

  • भारत में कुल 6 राज्यों में द्विसदनात्मक व्यवस्था है अर्थात् भारत के कुल 6 राज्य ऐसे है जहाँ विधानसभा के साथ-साथ विधानपरिषद भी है। जैसे-
  • (I) महाराष्ट्र (Maharashtra)
  • (II) कर्नाटक (Karnataka)
  • (III) उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)
  • (IV) बिहार (Bihar)
  • (V) आंध्रप्रदेश (Andhra Pradesh)
  • (VI) तेलंगाना (Telangana)


विधान सभा की संरचना या संगठन (Composition or Organization of Legislative Assembly)-

  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 170 के अनुसार राज्य विधानसभा में अधिकतम 500 सदस्य तथा न्यूनतम 60 सदस्य हो सकते हैं।
  • अपवाद जैसे- (निम्नलिखित वे राज्य है जहां विधानसभा सदस्यों की संख्या 60 से कम है।)
  • (I) सिक्किम (Sikkim)
  • (II) गोवा (Goa)
  • (III) मिजोरम (Mizoram)


राजस्थान में विधान सभा की संरचना या संगठन (Structure or Organization of the Legislative Assembly in Rajasthan)-

  • राजस्थान की प्रथम विधानसभा (1952) में सदस्य संख्या 160 थी।
  • राजस्थान में प्रथम विधानसभा का गठन 1952 में किया गया था।
  • सन् 1956 में अजमेर के राजस्थान में विलय पर राजस्थान विधानसभा में सदस्य संख्या 160 + 30 = 190 हो गयी थे। (30 सदस्य अजमेर)
  • राजस्थान में दूसरी व तीसरी विधानसभा में सदस्य संख्या 176 थी।
  • राजस्थान में चौथी व पांचवीं विधानसभा में सदस्य संख्या 184 थी।
  • राजस्थान में छठी विधानसभा (1977) में सदस्य संख्या 200 हो गई थी।
  • राजस्थान विधानसभा में 200 सीटें 2026 तक स्थिर रहेगी है। अर्थात् राजस्थान में 2026 के बाद ही विधानसभा में सदस्यों की संख्या को 200 से बढ़ाया जा सकता है।


राजस्थान विधान सभा में अनुसूचित जाति (SC) व अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षण (Reservation for Scheduled Castes and Scheduled Tribes in Rajasthan Legislative Assembly)-

  • राजस्थान विधानसभा में अनुसूचित जाति (SC) व अनुसूचित जनजाति (ST) हेतु आरक्षण के प्रावधान भारतीय संविधान के अनुच्छेद 332 में किया गया है।
  • राजस्थान विधानसभा में अनुसूचित जाति (SC) व अनुसूचित जनजाति (ST) हेतु कुल 59 सीटें आरक्षित है।
  • राजस्थान विधानसभा में अनुसूचित जाति (SC) हेतु कुल 34 सीटें आरक्षित है। जैसे-
  • (I) जयपुर- 3 सीटें
  • राजस्थान विधानसभा में अनुसूचित जनजाति (ST) हेतु कुल 25 सीटें आरक्षित है। जैसे-
  • (I) डूंगरपुर- 4 सीटें
  • (II) बांसवाड़ा- 5 सीटें
  • (III) प्रतापगढ़- 2 सीटें
  • डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ जिलों की सभी सीटें अनुसूचित जनजाति (ST) हेतु आरक्षित है।
  • राजस्थान विधानसभा में अनुसूचित जाति (SC) हेतु सर्वाधिक आरक्षित सीटें जयपुर जिले में है।
  • जयपुर जिले में अनुसूचित जाति (SC) हेतु कुल 3 सीटें आरक्षित है।

  • राजस्थान के राजसमंद व जैसलमेर जिले में विधानसभा की कोई भी सीट आरक्षित नहीं है। अर्थात् राजसमंद व जैसलमेर जिले में विधानसभा की सभी सीटें अनारक्षित है।


अनुच्छेद 333-

  • भारत के संविधान के अनुच्छेद 333 में विधानसभा में एंग्लोइंडियन हेतु आरक्षण का प्रावधान किया गया है।

  • एंग्लोइंडियन के आरक्षण को 104 वें संविधान संशोधन 2019 के द्वारा समाप्त कर दिया गया है।


विधान सभा का कार्यकाल-

  • विधानसभा का कार्यकाल 5 वर्ष होता है।


विधान सभा सदस्य (MLA) हेतु योग्यता (Qualification for Member of Legislative Assembly)-

  • विधानसभा सदस्य या MLA बनने हेतु निम्नलिखित योग्यता की आवश्यकता होती है।-
  • (I) वह भारत का नागरिक हो।
  • (II) न्यूनतम आयु 25 वर्ष होनी चाहिए।
  • (III) वह किसी लाभ के पद पर ना हो।
  • (IV) संसद द्वारा निर्धारित अन्य योग्यताए।


विधान सभा सदस्य (MLA) हेतु अयोग्यता (Disqualification for Member of Legislative Assembly)-

  • विधानसभा सदस्य या MLA पद हेतु अयोग्यताओं का उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 191 में किया गया है। जैसे-
  • (I) MLA व MLC दोनों पद धारण करने पर
  • (II) MLA व MP दोनों पद धारण करने पर
  • (III) दिवालियापन (Bankruptcy)
  • (IV) अनुच्छेद 191 (2) के तहत दल बदल के मामले में अयोग्य
  • (V) 60 दिवस तक विधानसभा अध्यक्ष की पूर्वानुमति के बिना अनुपस्थित रहने पर


विधानसभा के सत्र (Legislative Assembly Session)-

  • भारत के संविधान में विधानसभा के 2 सत्रों का प्रावधान है।
  • संविधान के अनुसार विधानसभा के 2 सत्रों में न्यूनतम 60 बैठक होना अनिवार्य है।
  • राजस्थान की विधानसभा में कुल 3 सत्र बुलाए जाते हैं। जैसे-
  • (I) बजट सत्र (Budget Session)
  • (II) मानसून सत्र (Monsoon Session)
  • (III) शीतकालीन सत्र (Winter Session)


अनुच्छेद 174-

  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 174 के अनुसार विधानसभा का सत्राहूत, सत्रावसान व विघटन राज्यपाल द्वारा किया जाता है।


अनुच्छेद 176-

  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 176 के अनुसार विधानसभा का विशेष सत्र राज्यपाल द्वारा बुलाया जाता है।


अनुच्छेद 175-

  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 175 में राज्य विधानसभा में राज्यपाल का प्रारम्भिक व वार्षिक अभिभाषण का उल्लेख किया गया है।


विधानसभा की बैठक-

  • विधानसभा सत्र की बैठक का स्थगन करने का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष का होता है।


विधानसभा सदस्यों शपथ (Legislative Assembly Members Oath)-

  • विधानसभा सदस्यों (MLA) को शपथ राज्यपाल या राज्यपाल द्वारा नामित व्यक्ति के द्वारा दिलायी जाती है।
  • अनुच्छेद 188 के अनुसार विधानसभा में शपथ प्रोटेम स्पीकर द्वारा दिलायी जाती है। अर्थात् प्रोटेम स्पीकर राज्यपाल के द्वारा नामित व्यक्ति के रूप में विधानसभा के सभी सदस्यों को शपथ दिलाता है।
  • प्रोटेम स्पीकर को राज्यपाल द्वारा शपथ दिलायी जाती है।


विधानसभा के पदाधिकारी-

  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 178 में विधासभा के पदाधिकारियों का उल्लेख किया गया है। जैसे-

  • (I) विधानसभा अध्यक्ष (Speaker)

  • (II) विधानसभा उपाध्यक्ष (Deputy Speaker)


(I) विधानसभा अध्यक्ष (Speaker)-

  • विधानसभा अध्यक्ष का उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 178 में किया गया है।
  • विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव की तिथि का निर्धारण राज्यपाल द्वारा किया जाता है।
  • निर्वाचन (Election)- विधानसभा अध्यक्ष का निर्वाचन साधारण बहुमत द्वारा होता है।
  • कार्यकाल (Tenure)- विधानसभा अध्यक्ष का कार्यकाल 5 वर्ष होता है।
  • इस्तीफा या त्याग पत्र (Resignation Letter)-  विधानसभा अध्यक्ष अपना त्याग पत्र विधानसभा उपाध्यक्ष को देता है।
  • वेतन (Salary)- विधानसभा अध्यक्ष का वेतन 70,000 है।
  • विधानसभा अध्यक्ष के वेतन का निर्धारण राज्य विधानमंडल के द्वारा निर्धारित किया जाता है।
  • विधानसभा अध्यक्ष को पद से हटाने हेतु 1/5 सदस्यों (40 सदस्यों) का समर्थन आवश्यक है।
  • राजस्थान में अब तक विधानसभा अध्यक्ष को पद से हटाने के कुल 6 बार प्रस्ताव आ चुके है। जो की पारित नहीं हो सके। जैसे-
  • (I) श्री नरोतम लाल जोशी- 2 बार लाया जा चुका है।
  • (II) श्री निरंजन देव आचार्य
  • (III) गिरिराज प्रसाद तिवारी
  • (IV) श्री शांति लाल चपलोत

  • विधानसभा अध्यक्ष विधानसभा की तीन समितियों का पदेन अध्यक्ष भी होता है । जैसे-
  • (I) कार्य मंत्रणा समिति या कार्य सलाहकार समिति
  • (II) नियम समिति
  • (III) सामान्य उद्देश्य समिति


(II) विधानसभा उपाध्यक्ष (Deputy Speaker)-

  • निर्वाचन तिथि- विधानसभा उपाध्यक्ष के निर्वाचन की तिथि का निर्धारण विधानसभा अध्यक्ष द्वारा किया जाता है।
  • कार्यकाल (Tenure)- विधानसभा उपाध्यक्ष का कार्यकाल 5 वर्ष होता है।
  • निर्वाचन (Election)- विधानसभा उपाध्यक्ष का निर्वाचन साधारण बहुमत द्वारा किया जाता है।
  • इस्तीफा या त्याग पत्र (Resignation)- विधानसभा उपाध्यक्ष अपना त्याग पत्र विधानसभा अध्यक्ष को देता है।


विधानसभा की शक्तियां (Powers of Legislative Assembly)-

    • 1. विधानसभा की विधायी शक्तियां
    • 2. विधानसभा की वित्तीय शक्तियां
    • 3. मंत्रिपरिषद पर नियंत्रण


    1. विधानसभा की विधायी शक्तियां-

    • राज्य सूची व समवर्ती सूची पर कानूनों का निर्माण करना।


    विधानपरिषद-

    • विधान परिषद किसी साधारण विधेयक को अधिकतम 4 माह तक रोक सकती है। जिसमें पहली बार 3 माह के लिए रोक सकती है तथा दूसरी बार 1 माह के लिए रोक सकती है।


    गैर सरकारी विधेयक-

    • राजस्थान विधानसभा में 4 गैर सरकारी विधेयक भी पास हो चुके है। जैसे-
    • (I) प्रथम विधानसभा में 2 गैर सरकारी विधेयक पास हुए।
      • (A) लीगल प्रैक्टिशनर एक्ट 1952 (Legal Practitioners Act 1952)- पहला
    • (II) दूसरी विधानसभा में 1 गैर सरकारी विधेयक पास हुआ।
    • (III) पांचवीं विधानसभा में 1 गैर सरकारी विधेयक पास हुआ है। जैसे-
      • (A) पशु बलि पर रोक 2020


    2. विधानसभा की वित्तीय शक्तियां-

    • धन विधेयक सर्वप्रथम विधानसभा में रखा जाता है।

    • अनुदान की मांग पर मतदान भी विधानसभा में होता है।


    विधानपरिषद-

    • विधानपरिषद धन विधेयक को अधिकतम 14 दिवस तक रोक सकती है।


    3. मंत्रिपरिषद पर नियंत्रण-

    • मंत्रिपरिषद पर नियंत्रण विभिन्न प्रस्तावों द्वारा जैसे-
    • (I) ध्यान आकर्षण प्रस्ताव (Calling Attention Motion)
    • (II) कार्य स्थगन प्रस्ताव (Adjournment Motion)
    • (III) निंदा प्रस्ताव (Censure Motion)
    • (IV) विभिन्न प्रश्न पूछकर (Asking Different Questions)


    अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion)-

    • अविश्वास प्रस्ताव- नियम 132 
    • अविश्वास प्रस्ताव सर्वप्रथम विधानसभा में पेश किया जाता है।
    • राजस्थान विधानसभा में 13 बार अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जा चुका है। जैसे-
    • (I) सर्वप्रथम- श्री टिकाराम पालिवाल- 1952
    • (II) अंतिम अविश्वास प्रस्ताव- श्री हरिदेव जोशी- 1995 (2 बार)
    • अविश्वास प्रस्ताव सर्वाधिक बार श्री मोहन लाल सुखाड़िया के खिलाफ लाया जा चुका है।
    • मोहन लाल सुखाड़िया के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव 6 बार लाया जा चुका है।
    • मोहन लाल सुखाड़िया के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव तीसरी विधानसभा में 5 बार लाया जा चुका है। 


    विश्वास प्रस्ताव (Confidence Motion)-

    • विश्वास प्रस्ताव = नियम 132 (A)
    • विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव मुख्यमंत्री के द्वारा लाया जाता है।
    • राजस्थान में 1990 में 9वीं विधानसभा में मुख्यमंत्री श्री भैरोंसिंह शेखावत के द्वारा 2 बार विश्वास प्रस्ताव लाया गया था।
    • राजस्थान में 1993 में 10वीं विधानसभा में मुख्यमंत्री श्री भेरोंसिंह शेखावत के द्वारा 1 बार विश्वास प्रस्ताव लाया गया था।
    • राजस्थान में 2009 में 13वीं विधानसभा में मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के द्वारा 1 बार विश्वास प्रस्ताव लाया गया था।
    • राजस्थान में 2020 में 15वीं विधानसभा में मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के द्वारा 1 बार विश्वास प्रस्ताव लाया गया था।


    विधानमंडल हेतु सचिवालय-

    • राज्य विधानमंडल हेतु सचिवालय का उल्लेख भारतीय संविधान के अनुच्छेद 187 में किया गया है।


    अन्य महत्वपूर्ण तथ्य (Other Important Facts)-

    • राजस्थान विधानसभा के प्रथम प्रोटेम स्पीकर महारावल संग्राम सिंह थे।
    • राजस्थान में 15वीं विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर श्री गुलाब चंद कटारिया थे।
    • राजस्थान में वर्तमान में 15वीं विधानसभा चल रही है।
    • पूनम चंद विश्नोई राजस्थान विधानसभा में कुल 3 बार प्रोटेम स्पीकर रह चुकी है।
    • पूनम चंद बिश्नोई एकमात्र ऐसी विधानसभा सदस्य है जो राजस्थान विधानसभा में स्पीकर, प्रोटेम स्पीकर, डिप्टी स्पीकर भी रह चुकी है।
    • भैरोंसिंह शेखावत एकमात्र ऐसे मुख्यमंत्री है जो राजस्थान की विधानसभा में प्रोटेम स्पीकर रहे है।
    • राजस्थान विधानसभा के सचिवालय के वर्तमान सचिव श्री महावीर प्रसाद शर्मा है।
    • राजस्थान विधानसभा नियम 1956 के तहत कार्य कर रही है।
    • राजस्थान में वर्तमान व 15वीं विधानसभा में कोई भी उपाध्यक्ष नहीं है।

    • आज तक राजस्थान विधानसभा में मुख्यमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव एक भी बार पास नहीं हुआ है।
    • राज्यपाल के अभिभाषण का समय कार्य मंत्रणा समिति के द्वारा तय किया जाता है।
    • विधानसभा की बैठक की सूचना विधानसभा सचिव द्वारा विधानसभा सदस्यों को 21 दिन पूर्व दी जाती है।

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