Ads Area

राज्यपाल (Governor)

राज्य विधानमंडल (State Legislature)-

  • राज्य विधानमंडल का उल्लेख भारतीय संविधान के अनुच्छेद 168 में किया गया है।
  • राज्य विधानमंडल के अंग या भाग-
  • (I) राज्यपाल (Governor)
  • (II) विधान परिषद (Legislative Council)
  • (III) विधान सभा (Legislative Assembly)
  • राज्य विधानमंडल राज्यपाल, विधानपरिषद व विधानसभा से मिलकर बनी होती है।
  • राज्यपाल का उल्लेख भारतीय संविधान के अनुच्छेद 153 में किया गया है।
  • विधान परिषद का उल्लेख भारतीय संविधान के अनुच्छेद 169 में किया गया है।

  • विधान सभा का उल्लेख भारतीय संविधान के अनुच्छेद 170 में किया गया है।


राज्यपाल (Governor)-

  • राज्यपाल राज्य का संवैधानिक प्रमुख होता है।

  • राज्यपाल कार्यपालिका का प्रमुख होता है।


राज्यपाल पद का प्रावधान-

  • राज्यपाल पद का प्रावधान भारत के संविधान के अनुच्छेद 153 में किया गया है।
  • 7वें संविधान संशोधन 1956 के अनुसार राज्यपाल दो या अधिक राज्यों के राज्यपाल का पद धारण कर सकता है।


नियुक्ति (Appointment)-

  • राज्यपाल की नियुक्ति का उल्लेख भारत के संविधान के अनुच्छेद 155 में किया गया है।
  • राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा केंद्र सरकार की सिफारिश पर की जाती है।
  • राज्यपाल केंद्र सरकार द्वारा नामित व्यक्ति होता है।

कार्यकाल (Tenure)-

  • राज्यपाल राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत अपने पद पर रहता है।

  • सामान्यतः राज्यपाल 5 वर्ष तक पद धारण करता है। अर्थात् सामान्यतः राज्यपाल का कार्यकाल 5 वर्ष होता है।

  • राज्यपाल अपना पद नये राज्यपाल की नियुक्ति (शपथ) के बाद छोड़ता है।


पुनर्नियुक्ति (Reappointment)-

  • राज्यपाल उसी राज्य या अन्य राज्य में पुनर्नियुक्त किया जा सकता है।


स्थानांतरण (Transfer)-

  • राज्यपाल का अन्य राज्य में राष्ट्रपति द्वारा स्थानांतरण किया जा सकता है।

  • राज्यपाल के स्थानांतरण का उल्लेख भारत के संविधान में नहीं किया गया है।


राज्यपाल से संबंधित सर्वोच्च न्यायालय के महत्वपूर्ण निर्णय-

    • (I) रामेश्वर प्रसाद वाद (Rameshwar Prasad Case)-

    • (II) बीपी सिंघल बनाम भारत संघ (B.P. Singhal Vs Union of India)- 2010


    (I) रामेश्वर प्रसाद वाद (Rameshwar Prasad Case)-

    • सर्वोच्च न्यायालय ने रामेश्वर प्रसाद वाद के निर्णय में कहा की राज्यपाल का पद केंद्र सरकार के अधीन रोजगार नहीं है एवं राज्यपाल की नियुक्ति हेतु एक निश्चित प्रक्रिया का अनुसर्ण किया जाना चाहिए।


    (II) बीपी सिंघल बनाम भारत संघ (B.P. Singhal Vs Union of India)- 2010

    • बीपी सिंघल बनाम भारत संघ वाद में सर्वोच्च न्यायालय मे वर्ष 2010 में अपना निर्णय सुनाया था।
    • बीपी सिंघल बनाम भारत संघ वाद में निर्णय के समय सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के.जी. बालकृष्णन (K.G. Balakrishnan) थे।
    • बीपी सिंघल बनाम भारत संघ वाद में निर्णय सर्वोच्च न्यायालय की के.जी. बालाकृष्णन पीठ ने दिया था।
    • बीपी सिंघल बनाम भारत संघ वाद के निर्णय में सर्वोच्च न्यायालय में कहा की राष्ट्रपति द्वारा राज्यपाल को मनमाने तरीके से या जानबूझकर निष्कासित नहीं किया जाना चाहिए।


    योग्यता (Qualification)-

    • राज्यपाल पद के लिए योग्यताओं का उल्लेख भारत के संविधान के अनुच्छेद 157 में किया गया है। जैसे-
    • (I) वह भारत का नागरिक होना चाहिए।
    • (II) न्यूनतम आयु 35 वर्ष होनी चाहिए।


    परंपरा (Convention)-

    • राज्यपाल को बाहरी या अन्य राज्य से होना चाहिए।

    • राष्ट्रपति को राज्यपाल की नियुक्ति से पूर्व राज्य के मुख्यमंत्री से विमर्श करना चाहिए।
    • परंपरा के अपवाद- अब तक इस परंपरा के दो अपवाद जैसे-
    • (I) सरदार उज्जवल सिंह- सरदार उज्जवल सिंह पंजाब के नागरिक थे तथा इन्हें पंजाब का राज्यपाल बनाया गया था।
    • (II) हरीश कूमर मुखर्जी- हरीश कूमर मुखर्जी पश्चिम बंगाल के नागरिक थे तथा इन्हें पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनाया गया था।


    राज्यपाल पद हेतु शर्तें (Conditions for Governor)-

    • राज्यपाल पद हेतु शर्तों का उल्लेख भारत के संविधान के अनुच्छेद 158 में किया गया है। जैसे-
    • (I) उसे सांसद या विधायक नहीं होना चाहिए। (अनुच्छेद 158-1)
    • (II) वह लाभ के पद पर न हो। (अनुच्छेद 158-2)
    • (III) वह वेतन, भत्तों, अन्य उपलब्धियों, सरकारी आवास आदि हेतु अधिकृत होगा। (अनुच्छेद 158-3)
    • (IV) यदि राज्यपाल किसी अन्य राज्य के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार ग्रहण करता है। तो उसे वेतन उसी अनुपात में दिया जाएगा जो राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित किया गया है। (अनुच्छेद 158-3-A, 7वें संविधान संशोधन से बाद में जोड़ा गया है।)
    • (V) राज्यपाल की नियुक्ति के पश्चात सेवा शर्तों में अलाभकारी परिवर्तनों पर रोक (अनुच्छेद 158-4)


    राज्यपाल के वेतन व भत्ते (Salary and Allowances of Governor)-

    • राज्यपाल का वेतन- 3,50,000 रुपये मात्र
    • राज्यपाल को वेतन व भत्ते राज्य की संचित निधि से दिया जाता है।
    • राज्यपाल को पेंशन केंद्र की संचित निधि से दी जाती है।
    • राज्यपाल के वेतन व भत्तों का निर्धारण संसद के द्वारा किया जाता है। अर्थात् संसद में संशोधन के द्वारा राज्यपाल के वेतन व भत्तों का निर्धारण किया जाता है।


    शपथ (Oath)-

    • राज्यपाल की शपथ का उल्लेख भारत के संविधान के अनुच्छेद 159 में किया गया है।
    • अनुच्छेद 159 के अनुसार राज्यपाल के शपथ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा या उच्च न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश द्वारा दिलाई जाती है।
    • शपथ पूर्व राज्यपाल का नियुक्ति पत्र राज्य के मुख्य सचिव (Chief Secretary) के द्वारा पढ़ा जाता है। अर्थात् शपथ से पहले राज्य का मुख्य सचिव राज्यपाल को नियुक्ति पत्र पढ़कर सुनाता है।
    • राज्यपाल संविधान व विधि के परिरक्षण, सरंक्षण व प्रतिरक्षण की शपथ लेता है।


    राज्यपाल की वर्तमान नियुक्ति प्रक्रिया के पक्ष में तर्क-

    • राज्यपाल केवल राज्य का संवैधानिक प्रमुख होता है।
    • राज्यपाल व मुख्यमंत्री के मध्य अनावश्यक विवाद बढ़ेगा यदि राज्यपाल निर्वाचित हो।
    • राज्य में अनावश्यक व्यय कम करने हेतु।
    • केंद्र सरकार के राज्यों पर प्रभावि नियंत्रण हेतु
    • यदि राज्यपाल व मुख्यमंत्री दोनों निर्वाचित होंगे तो राज्य में अलगाववाद प्रोत्साहित हो सकता है। इससे राज्यपाल की राजनीतिक महत्वकांक्षा बढ़ सकती है।


    राज्यपाल की वर्तमान नियुक्ति प्रक्रिया के विपक्ष में तर्क-

    • राज्यों में केंद्र सरकार का अनावश्यक हस्तक्षेप।
    • चुंकी राज्यपाल अन्य राज्य होता है अतः उसका स्थानीय जनता से लगाव या जुड़ाव न के बराबर होता है।
    • वर्तमान नियुक्ति प्रक्रिया के कारण राज्यपाल पद वृद्ध राजनीतिज्ञों हेतु चारागाह बनता जा रहा है।
    • राष्ट्रपति भी संवैधानिक प्रमुख होता है जबकि उसका अप्रत्यक्ष निर्वाचन होता है।
    • पुंछी आयोग ने भी राज्यपाल के वर्तमान नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव या परिवर्तन की सिफारिश की है।
    • पुंछी आयोग के अनुसार राज्यपाल की नियुक्ति हेतु कॉलेजियम सिस्टम को अपनाया जाए।-
    • कॉलेजियनम में निम्नलिखित शामिल होंगे-
      • (I) प्रधानमंत्री
      • (II) उपराष्ट्रपति
      • (III) लोकसभा अध्यक्ष
      • (IV) संबंधित राज्य का मुख्यमंत्री


    राज्यपाल केंद्र सरकार के अभिकर्ता के रूप में या केंद्र सरकार के एजेंट या प्रतिनिधि के रूप में तर्क-

    • राज्यपाल की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाती है।
    • राज्यपाल का कार्यकाल (राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यंत)
    • राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति हेतु विधेयकों का आरक्षण (अनुच्छेद 200)
    • राज्यपाल द्वारा राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश (अनुच्छेद 356)
    • राज्यपाल द्वारा केंद्र सरकार के प्रशासनिक निर्देशों का क्रियान्वयन। (अनुच्छेद 256 व 257)
    • केंद्र सरकार का 2015 का आदेश- राज्यपाल को विदेश यात्रा से पूर्व इसकी सूचना राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री कार्यालय को देनी होगी।


    राज्यपाल केंद्र सरकार का प्रतिनिधि या अभिकर्ता नहीं है तर्क-

    • राज्यपाल का पद एक संवैधानिक पद है। (अनुच्छेद 153)
    • राज्यपाल की शक्तियों का स्रोत भारतीय संविधान है।
    • राज्यपाल का वेतन व भत्ते राज्य की संचित निधि पर भारित होते हैं।

    • सर्वोच्च न्यायालय का 2010 का निर्णय (के.जी. बालकृष्णन बेंच का निर्णय)


    अन्य महत्वपूर्ण तथ्य (Other Important Facts)-

    • "जिला" शब्द का प्रयोग मूल संविधान में केवल एक ही बार हुआ है।
    • भारत के मूल संविधान में जिला शब्द का प्रयोग अनुच्छेद 233 में किया गया है।
    • 73वां व 74वां संविधान संशोधन से अनुच्छेद 243 ZD में जिला शब्द का प्रयोग किया गया है।
    • अनुच्छेद 243 ZD में जिला शब्द का प्रयोग जिला आयोजना समिति के संदर्भ में किया गया है।
    • राजस्थान के पहले निष्कासित राज्यपाल श्री रघुकुल तिलक है।
    • श्री रघुकुल तिलक RPSC के सदस्य भी रह चुके है।


    महत्वपूर्ण लिंक (Important Links)-

    Post a Comment

    0 Comments

    Top Post Ad

    Android App Download Now

    Below Post Ad

    Latest Post Down Ads