राजस्थान के त्योहार एवं मेले (Festivals and Fairs of Rajasthan)-
- हिन्दू त्योहार एवं मेले
- सिन्धी त्योहार एवं मेले
- सिक्ख त्योहार एवं मेले
- जैन त्योहार एवं मेले
- मुस्लिम त्योहार एवं मेले
- ईसाई त्योहार एवं मेले
- हिन्दू त्योहार एवं मेले विक्रमी संवत के अनुसार मनाए जाते हैं।
- 1. चैत्र मास के त्योहार (Festivals of Chaitra Month)
- 2. वैशाख मास के त्योहार (Festivals of Vaishakha Month)
- 3. ज्येष्ठ मास के त्योहार (Festivals of Jyeshta Month)
- 4. आषाढ़ मास के त्योहार (Festivals of Ashadha Month)
- 5. श्रावण मास के त्योहार (Festivals of Shravan Month)
- 6. भाद्रपद मास के त्योहार (Festivals of Bhadrapada Month)
- 7. आश्विन मास के त्योहार (Festivals of Ashwin Month )
- 8. कार्तिक मास के त्योहार (Festivals of Kartik Month)
- 9. मार्गशीर्ष मास के त्योहार (Festivals of Margashirsha Month)
- 10. पौष मास के त्योहार (Festival of Paush Month)
- 11. माघ मास के त्योहार (Festivals of Magha Month)
- 12. फाल्गुन मास के त्योहार (Festivals of Phalguna Month)
1. चैत्र मास के त्योहार (Festivals of Chaitra Month)-
- (I) चैत्र कृष्ण पक्ष के त्योहार (Festivals of Chaitra Krishna Paksha)
- (II) चैत्र शुक्ल पक्ष के त्योहार (Festivals of Chaitra Shukla Paksha)
(I) चैत्र कृष्ण पक्ष के त्योहार (Festivals of Chaitra Krishna Paksha)-
- (A) चैत्र कृष्ण एकम्
- (B) चैत्र कृष्ण अष्टमी
- (C) चैत्र कृष्ण एकादशी
(A) चैत्र कृष्ण एकम्-
- चैत्र कृष्ण एकम् के दिन धुलंडी मनायी जाती है।
(B) चैत्र कृष्ण अष्टमी-
- चैत्र कृष्ण अष्टमी के दिन शीतलाष्टमी मनाई जाती है।
- शीतलाष्टमी को बास्योडा भी कहा जाता है। अर्थात् चैत्र कृष्ण अष्टमी के दिन बास्योडा का त्योहार मनाया जाता है।
- बास्योडा के दिन रात का बना हुआ खाना ही खाया जाता है अर्थात् ठंडा खाना खाया जाता है।
- मेले-
- चैत्र कृष्ण अष्टमी के दिन राजस्थान के जयपुर जिले के चाकसू नामक स्थान पर शीतलामाता का मेला लगता है।
- चाकसू का शीतलामाता का मेला गधों का मेला है।
- चाकसू के शीतलामाता मेले को बैलगाडी मेला भी कहते हैं।
(C) चैत्र कृष्ण एकादशी-
- चैत्र कृष्ण एकादशी के दिन राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में जौहर मेला लगता है।
(II) चैत्र शुक्ल पक्ष के त्योहार (Festivals of Chaitra Shukla Paksha)-
- (A) चैत्र शुक्ल एकम्
- (B) चैत्र शुक्ल तृतीया
- (C) चैत्र शुक्ल चतुर्थी
- (D) चैत्र शुक्ल पंचमी
- (E) चैत्र शुक्ल अष्टमी
- (F) चैत्र शुक्ल नवमी
- (G) चैत्र पूर्णिमा
(A) चैत्र शुक्ल एकम्-
- चैत्र शुक्ल एकम् के दिन हिन्दू नववर्ष मनाई जाती है।
- चैत्र शुक्ल एकम् के दिन बसन्त नवरात्रों की शुरुआत होती है।
(B) चैत्र शुक्ल तृतीया-
- चैत्र शुक्ल तृतीया के दिन गणगौर त्योहार मनाया जाता है।
- राजस्थान में जयपुर तथा उदयपुर की गणगौर प्रसिद्ध है।
- कर्नल जेम्स टॉड ने उदयपुर की गणगौर का वर्णन किया था।
- गणगौर सर्वाधिक लोक गीतों का त्योहार है।
- चैत्र शुक्ल तृतीया या गणगौर के दिन लड़किया अपने लिए अच्छे पति व अच्छी भाभी की कामना का व्रत रखती है।
- ईसर- शिव जी
- गवर- पार्वती
- गणगौर के दिन ईशर व गौर दोनों की सवारी निकलती है।
(C) चैत्र शुक्ल चतुर्थी-
- चैत्र शुक्ल चतुर्थी के दिन राजस्थान के जैसलमेर जिले में केवल गवर की सवारी (गणगौर) निकाली जाती है।
(D) चैत्र शुक्ल पंचमी-
- चैत्र शुक्ल पंचमी के दिन राजस्थान के राजसमंद जिले के नाथद्वारा में गुलाबी गणगौर मनाई जाती है।
- गुलाबी गणगौर को चूनडी गणगौर भी कहा जाता है क्योंकि गुलाबी गणगौर के दिन नाथद्वारा के मंदिर में गुलाबी रंग की चूनडी चढ़ाई जाती है।
(E) चैत्र शुक्ल अष्टमी-
- चैत्र शुक्ल अष्टमी के दिन अशोकाष्टमी मनाई जाती है।
- अशोकाष्टमी के दिन अशोक के पेड़ की पूजा की जाती है।
(F) चैत्र शुक्ल नवमी-
- चैत्र कृष्ण नवमी के दिन रामनवमी मनाई जाती है क्योंकि चैत्र शुक्ल नवमी के दिन भगवान श्री राम का जन्म हुआ था।
(G) चैत्र पूर्णिमा-
- चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जयन्ती मनाई जाती है क्योंकि चैत्र पूर्णिमा के दिन भगवान श्री हनुमान जी का जन्म हुआ है।
- मेले-
- चैत्र पूर्णिमा के दिन राजस्थान के चुरू जिले के सालासर में सालासर मेला लगता है।
- चैत्र पूर्णिमा के दिन राजस्थान के दौसा जिले के मेहंदीपुर नामक स्थान पर मेहंदीपुर मेला लगता है।
- सालासर मंदिर में दाढ़ी-मूंछ वाले हनुमान जी की मूर्ति है।
2. वैशाख मास के त्योहार (Festivals of Vaishakha Month)-
- (I) वैशाख कृष्ण पक्ष के त्योहार (Festivals of Vaishakha Krishna Paksha)
- (II) वैशाख शुक्ल पक्ष के त्योहार (Festivals of Vaishakha Shukla Paksha)
(I) वैशाख कृष्ण पक्ष के त्योहार (Festivals of Vaishakha Krishna Paksha)-
- (A) वैशाख कृष्ण तृतीया
(A) वैशाख कृष्ण तृतीया-
- वैशाख कृष्ण तृतीया के दिन धींगा गवर त्योहार मनाया जाता है।
- वैशाख कृष्ण तृतीया के दिन राजस्थान के जोधपुर जिले में धींगा गवर मेला लगता है।
(II) वैशाख शुक्ल पक्ष के त्योहार (Festivals of Vaishakha Shukla Paksha)-
- (A) वैशाख शुक्ल तृतीया
- (B) वैशाख पूर्णिमा
(A) वैशाख शुक्ल तृतीया-
- वैशाख शुक्ल तृतीया के दिन अक्षय तृतीया मनाई जाती है।
- अक्षय तृतीया को ही आखा तीज कहा जाता है। अर्थात् वैशाख शुक्ल तृतीया को आखा जीज मनाई जाती है।
- वैशाख शुक्ल तृतीय का आखा तीज के दिन बाल विवाह अधिक होते हैं।
(B) वैशाख पूर्णिमा-
- वैशाख पूर्णिमा के दिन बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाती है।
- बुद्ध पूर्णिमा को पीपल पूर्णिमा भी कहते हैं।
- मेले-
- वैशाख पूर्णिमा के दिन राजस्थान के जयपुर जिले के विराटनगर में बाणगंगा मेला लगता है।
- वैशाख पूर्णिमा के दिन राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में मातृकुंडिया मेला लगता है।
- वैशाख पूर्णिमा के दिन राजस्थान के सिरोही जिले के माउंट आबू में नक्की झील मेला लगता है।
- वैशाख पूर्णिमा के दिन राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के अरनोद या अरणोद में गौतमेश्वर मेला लगता है।
- वैशाख पूर्णिमा के दिन राजस्थान के झालावड़ जिले के झालरापाटन में गोमती सागर मेला लगता है।
- गोमती सागर मेला एक पशु मेला है।
- गोमती सागर मेले में मालवी नसल के पशु लाये जाते हैं।
3. ज्येष्ठ मास के त्योहार (Festivals of Jyeshta Month)-
- (I) ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष के त्योहार (Festivals of Jyeshta Krishna Paksha)
- (II) ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष के त्योहार (Festivals of Jyeshta Shukla Paksha)
(I) ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष के त्योहार (Festivals of Jyeshta Krishna Paksha)-
- (A) ज्येष्ठ अमावस्या
(A) ज्येष्ठ अमावस्या-
- ज्येष्ठ अमावस्या के दिन वट वृक्ष अमावस्या मनाई जाती है। तथा इस दिन पेड़े-पौधों की पूजा की जाती है।
- ज्येष्ठ अमावस्या के दिन वट सावित्रि व्रत किया जाता है।
(II) ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष के त्योहार (Festivals of Jyeshta Shukla Paksha)-
- (A) ज्येष्ठ शुक्ल दसमी
- (B) ज्येष्ठ शुक्ल एकदशी
(A) ज्येष्ठ शुक्ल दसमी-
- ज्येष्ठ शुक्ल दसमी के दिन गंगा दसमी मनाई जाती है।
- ज्येष्ठ शुक्ल दसमी के दिन राजस्थान के भरतपुर जिले के कामां में गंगा दसमी का मेला लगता है।
(B) ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी-
- ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी के दिन निर्जला एकादशी मनाई जाती है।
- ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी या निर्जला एकादशी के दिन राजस्थान के उदयपुर जिले में पतंगे उड़ाई जाती है।
4. आषाढ़ मास के त्योहार (Festivals of Ashadha Month)-
- (I) आषाढ़ शुक्ल पक्ष के त्योहार (Festivals of Ashadha Shukla Paksha)
(I) आषाढ़ शुक्ल पक्ष के त्योहार (Festivals of Ashadha Shukla Paksha)-
- (A) आषाढ़ शुक्ल एकम्
- (B) आषाढ़ शुक्ल नवमी
- (C) आषाढ़ शुक्ल एकादशी
- (D) आषाढ़ पूर्णिमा
(A) आषाढ़ शुक्ल एकम्-
- आषाढ़ शुक्ल एकम् के दिन गुप्त नवरात्रा प्रारम्भ होते हैं।
(B) आषाढ़ शुक्ल नवमी-
- आषाढ़ शुक्ल नवमी के दिन भदल्या नवमी मनाई जाती है।
- आषाढ़ शुक्ल नवमी को अबुज सावा माना जाता है।
(C) आषाढ़ शुक्ल एकादशी-
- आषाढ़ शुक्ल एकादशी के दिन देवशयनी एकादशी मनाई जाती है।
(D) आषाढ़ पूर्णिमा-
- आषाढ़ पूर्णिमा के दिन गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है।
- वेदव्यास जी का जन्म दिन है इसलिए आषाढ़ पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं।
5. श्रावण मास के त्योहार (Festivals of Shravan Month)-
- (I) श्रावण कृष्ण पक्ष के त्योहार (Festivals of Shravan Krishna Paksha)
- (II) श्रावण शुक्ल पक्ष के त्योहार (Festivals of Shravan Shukla Paksha)
(I) श्रावण कृष्ण पक्ष के त्योहार (Festivals of Shravan Krishna Paksha)-
- (A) श्रावण कृष्ण पंचमी
- (B) श्रावण कृष्ण नवमी
- (C) श्रावण अमावस्या
(A) श्रावण कृष्ण पंचमी-
- श्रावण कृष्ण पंचमी के दिन नाग पंचमी मनाई जाती है।
(B) श्रावण कृष्ण नवमी-
- श्रावण कृष्ण नवमी के दिन निडरी नवमी मनाई जाती है।
- श्रावण कृष्ण नवमी के दिन नेवले की पूजा की जाती है।
(C) श्रावण अमावस्या-
- श्रावण अमावस्या के दिन हरियाली अमावस्या मनाई जाती है।
- श्रावण अमावस्या के दिन राजस्थान के उदयपुर जिले में फतेहसागर मेला लगता है।
- श्रावण अमावस्या के दिन राजस्थान के अजमेर जिले के मांगलिया वास गाँव में कल्पवृक्ष मेला लगता है।
- श्रावण अमावस्या के दिन राजस्थान के श्री गंगानगर जिले में बुड्ढा जोहड़ मेला लगता है।
(II) श्रावण शुक्ल पक्ष के त्योहार (Festivals of Shravan Shukla Paksha)-
- (A) श्रावण शुक्ल तृतीया
- (B) श्रावण शुक्ल पूर्णिमा
(A) श्रावण शुक्ल तृतीया-
- श्रावण शुक्ल तृतीया को छोटी तीज त्योहार मनाया जाता है।
- राजस्थान में जयपुर की छोटी तीज प्रसिद्ध है।
- छोटी तीज त्योहार पति-पत्नी के प्रेम का त्योहार है।
- छोटी तीज त्योहार पर सिंजारे आते हैं।
- सिंजारा- ससुरा पक्ष द्वारा नवविवाहिता को उपहार भेजे जाते हैं।
- छोटी तीज त्योहार के दिन महिलाएं लहरिया ओढ़नी ओढ़ती है।
- छोटी तीज त्योहार प्रकृति प्रेम का त्योहार भी है।
- छोटी तीज से त्योहारों की शुरुआत मानी जाती है।
(B) श्रावण शुक्ल पूर्णिमा-
- श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को रक्षाबन्धन का त्योहार मनाया जाता है।
- रक्षाबन्धन को नारियल पूर्णिमा भी कहते हैं।
- रक्षाबन्धन के दिन श्रवण कुमार की पूजा की जाती है।
6. भाद्रपद मास के त्योहार (Festivals of Bhadrapada Month)-
- (I) भाद्रपद कृष्ण पक्ष के त्योहार (Festivals of Bhadrapada Krishna Paksha)
- (II) भाद्रपद शुक्ल पक्ष के त्योहार (Festivals of Bhadrapada Shukla Paksha)
(I) भाद्रपद कृष्ण पक्ष के त्योहार (Festivals of Bhadrapada Krishna Paksha)-
- (A) भाद्रपद कृष्ण तृतीया
- (B) भाद्रपद कृष्ण षष्ठी
- (C) भाद्रपद कृष्ण अष्टमी
- (D) भाद्रपद कृष्ण नवमी
- (E) भाद्रपद कृष्ण द्वादशी
- (F) भाद्रपद अमावस्या
(A) भाद्रपद कृष्ण तृतीया-
- भाद्रपद कृष्ण तृतीया को बड़ी तीज त्योहार मनाया जाता है।
- बड़ी तीज त्योहार के अन्य नाम-
- (अ) बूढ़ी तीज- बड़ी तीज त्योहार को बूढ़ी तीज त्योहार भी कहते हैं।
- (ब) सातुडी तीज- बड़ी तीज त्योहार को सातुडी तीज त्योहार भी कहते हैं।
- (स) कजली तीज- बड़ी तीज त्योहार को कजली तीज त्योहार भी कहते हैं।
- राजस्थान में बूंदी की बड़ी तीज प्रसिद्ध है।
(B) भाद्रपद कृष्ण षष्ठी-
- भाद्रपद कृष्ण षष्ठी के दिन ऊब छठ त्योहार मनाया जाता है।
- ऊब छठ त्योहार को हल छठ त्योहार भी कहते हैं।
- हल छठ त्योहार को ही बलराम जयन्ती कहते हैं। अर्थात् भाद्रपद कृष्ण षष्ठी के दिन बलराम जयन्ती मनाई जाती है।
(C) भाद्रपद कृष्ण अष्टमी-
- भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है।
(D) भाद्रपद कृष्ण नवमी-
- भाद्रपद कृष्ण नवमी को गोगानवमी मनाई जाती है।
- गोगाजी के मेले-
- (अ) ददरेवा (चुरू)- गोगानवमी के दिन ददरेवा (चुरू) में गोगाजी का मेला लगता है।
- (ब) गोगामेडी (हनुमानगढ़)- गोगानवमी के दिन गोगामेडी (हनुमानगढ़) में गोगाजी का मेला लगता है।
- गोगानवमी के दिन किसान हल को 9 गांठ वाली साखी बांधते हैं।
(E) भाद्रपद कृष्ण द्वादशी-
- भाद्रपद कृष्ण द्वादशी को बछवारस मनाई जाती है।
- बछबारस के दिन बछड़े की पूजा की जाती है।
- बछबारस के दिन चाकू का प्रयोग नहीं किया जाता है।
(F) भाद्रपद अमावस्या-
- भाद्रपद अमावस्या को सती अमावस्या मनाई जाती है।
- मेला- सती अमावस्या के दिन राजस्थान के झुंझुनूं जिले में रानी सती का मेला लगता था लेकिन वर्तमान में यह मेला नहीं भरता है।
(II) भाद्रपद शुक्ल पक्ष के त्योहार (Festivals of Bhadrapada Shukla Paksha)-
- (A) भाद्रपद शुक्ल द्वितीया
- (B) भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी
- (C) भाद्रपद शुक्ल पंचमी
- (D) भाद्रपद शुक्ल अष्टमी
- (E) भाद्रपद शुक्ल दसमी
- (F) भाद्रपद शुक्ल एकादशी
- (G) भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी
- (H) भाद्रपद पूर्णिमा
(A) भाद्रपद शुक्ल द्वितीया-
- भाद्रपद शुक्ल द्वितीया के दिन रामदेव जयन्ती मनाई जाती है।
- रामदेव जयन्ती को बाबे री बीज भी कहा जाता है।
- मेला- रामदेव जयन्ती पर राजस्थान के जैसलमेर जिले के रुणीचा में राजदेव जी का मेला लगता है।
- रामदेव जी का मेला भाद्रपद शुक्ल द्वितीया से भाद्रपद शुक्ल एकादशी तक भरता है।
- रामदेव जी के मेले को "मारवाड़ का कुम्भ" कहा जाता है।
(B) भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी-
- गणेश चतुर्थी भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन मनाई जाती है।
- शिव चतुर्थी भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन मनाई जाती है।
- कलंक चतुर्थी भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन मनाई जाती है।
- चतरा चौथ भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन मनाई जाती है।
- मेले-
- (अ) त्रिनेत्र गणेश मेला- रणथम्भौर (भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन भरता है।)
- (ब) चुंघी तीर्थ मेला- जैसलमेर (भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन भरता है।)
(C) भाद्रपद शुक्ल पंचमी-
- ऋषि पंचमी भाद्रपद शुक्ल पंचमी के दिन मनाई जाती है।
- भाद्रपद शुक्ल पंचमी के दिन सप्तर्षि की पूजा की जाती है इसलिए भाद्रपद शुक्ल पंचमी को ऋषि पंचमी कहा जाता है।
- भाद्रपद शुक्ल पंचमी या ऋषि पंचमी के दिन माहेश्वरी समाज का रक्षाबन्धन होता है।
- मेला-
- (अ) भोजन थाली मेला- कामां (भरतपुर)
(D) भाद्रपद शुक्ल अष्टमी-
- राधा अष्टमी भाद्रपद शुक्ल अष्टमी के दिन मनाई जाती है।
- मेला- सलेमाबाद (अजमेर)
(E) भाद्रपद शुक्ल दसमी-
- तेजादसमी भाद्रपद शुक्ल दसमी के दिन मनाई जाती है।
- मेला-
- (अ) तेजाजी का मेला- परबतसर (नागौर)- तेजाजी का मेला एक पशु मेला है।
(F) भाद्रपद शुक्ल एकादशी-
- जलझुलनी एकादशी भाद्रपद शुक्ल एकादशी के दिन मनाई जाती है।
- जलझुलनी एकादशी को देवझूलनी एकादशी भी कहा जाता है।
- भाद्रपद शुक्ल एकादशी के दिन भगवान श्री कृष्ण की मूर्तियों को स्नान करवाया जाता है।
(G) भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी-
- अनन्त चतुर्दशी भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी के दिन मनाई जाती है।
- अनन्त चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन किया जाता है। अर्थात् गणेश जी की मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है।
(H) भाद्रपद पूर्णिमा-
- भाद्रपद पूर्णिमा के दिन से श्राद्ध प्रारम्भ होते हैं।
- श्राद्ध कुल 16 दिन तक चलते हैं। जिसमें 1 दिन भाद्रपद पूर्णिमा तथा बाकी 15 दिन आश्विन कृष्ण एकम् से आश्विन कृष्ण अमावस्या तक होते हैं।
7. आश्विन मास के त्योहार (Festivals of Ashwin Month )-
- (I) आश्विन कृष्ण पक्ष के त्योहार (Festivals of Ashwin Krishna Paksha)
- (II) आश्विन शुक्ल पक्ष के त्योहार (Festivals of Ashwin Shukla Paksha)
(I) आश्विन कृष्ण पक्ष के त्योहार (Festivals of Ashwin Krishna Paksha)-
- आश्विन कृष्ण एकम् से आश्विन कृष्ण अमावस्या तक श्राद्ध चलते हैं।
- 16 श्राद्धों में सांझी की पूजा की जाती है।
- 16 श्राद्धों में 16 सांझी बनायी जाती है।
- सांझी माँ पार्वती का प्रतीक है।
- सांझी गोबर व मिट्टी की बनती है।
- नाथद्वारा (वल्लभ सम्प्रदाय) में केले की सांझी बनायी जाती है।
- मत्स्येन्द्र नाथ मंदिर सांझी का मंदिर कहलाता है।
- मत्स्येन्द्र नाथ मंदिर राजस्थान के उदयपुर जिले में स्थित है।
- श्राद्ध के अंतिम दिन या सांझी के अंतिम दिन थम्बुडा व्रत किया जाता है।
(II) आश्विन शुक्ल पक्ष के त्योहार (Festivals of Ashwin Shukla Paksha)-
- (A) आश्विन शुक्ल एकम्
- (B) आश्विन शुक्ल अष्टमी
- (C) आश्विन शुक्ल दसमी
- (D) आश्विन पूर्णिमा
(A) आश्विन शुक्ल एकम्-
- आश्विन शुक्ल एकम् से शरद नवरात्रों की शुरुआत होती है।
(B) आश्विन शुक्ल अष्टमी-
- दुर्गाष्टमी आश्विन शुक्ल अष्टमी के दिन मनाई जाती है।
- आश्विन शुक्ल अष्टमी या दुर्गाष्टमी को होमाष्टमी भी कहा जाता है।
(C) आश्विन शुक्ल दसमी-
- विजयादसमी आश्विन शुक्ल दसमी के दिन मनाई जाती है।
- विजयादसमी को दशहरा भी कहते हैं।
- दशहरा आश्विन शुक्ल दसमी के दिन मनाया जाता है।
- राजस्थान में कोटा का दशहरा प्रसिद्ध है।
- दशहरा के दिन हथियारों की पूजा की जाती है।
- दशहरा के दिन खेजड़ी की पूजा की जाती है।
- खेजड़ी को शमी भी कहा जाता है।
- खेजड़ी राजस्थान का राज्य वृक्ष है।
- दशहरे के दिन लीलटांस पक्षी के दर्शन शुभ माने जाते हैं।
(D) आश्विन पूर्णिमा-
- आश्विन पूर्णिमा के दिन शरद पूर्णिमा मनाई जाती है।
- शरद पूर्णिमा को रास पूर्णिमा भी कहते हैं।
- मेले-
- आश्विन पूर्णिमा के दिन राजस्थान के जोधपुर जिले में मारवाड़ महोत्सव मनाया जाता है।
- मारवाड़ महोत्सव को ही माँड महोत्सव कहा जाता है।
- आश्विन पूर्णिमा के दिन राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में मीरा महोत्सव मनाया जाता है।
8. कार्तिक मास के त्योहार (Festivals of Kartik Month)-
- (I) कार्तिक कृष्ण पक्ष के त्योहार (Festivals of Kartik Krishna Paksha)
- (II) कार्तिक शुक्ल पक्ष के त्योहार (Festivals of Kartik Shukla Paksha)
(I) कार्तिक कृष्ण पक्ष के त्योहार (Festivals of Kartik Krishna Paksha)-
- (A) कार्तिक कृष्ण चतुर्थी
- (B) कार्तिक कृष्ण अष्टमी
- (C) कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी
- (D) कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी
- (E) कार्तिक अमावस्या
(A) कार्तिक कृष्ण चतुर्थी-
- कार्ति कृष्ण चतुर्थी के दिन करवा चौथ का त्योहार मनाया जाता है।
- करवा चौथ का त्योहार पत्नी द्वारा पति के लम्बी आयु के लिए मनाया जाता है।
(B) कार्तिक कृष्ण अष्टमी-
- कार्तिक कृष्ण अष्टमी के दिन अहोई अष्टमी मनाई जाती है।
- अहोई अष्टमी का त्योहार माता के द्वारा अपनी संतान की लम्बी आयु के लिए मनाया जाता है।
(C) कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी-
- कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है।
- धनतेरस को ही धनवन्तरि जयन्ती कहा जाता है। अर्थात् कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन ही धनवन्तरि जयन्ती मनाई जाती है।
- धनतेरस के दिन धातु की खरीददारी की जाती है।
(D) कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी-
- कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी के दिन रूप चतुर्दशी मनाई जाती है।
(E) कार्तिक अमावस्या-
- कार्तिक अमावस्या के दिन दीपावली का त्योहार मनाया जाता है।
- कार्तिक अमावस्या के दिन भगवान महावीर का निर्वाण दिवस मनाया जाता है क्योंकि कार्तिक अमावस्या के दिन जैनो के अंतिम गुरु महावीर की मृत्यु हुई थी।
(II) कार्तिक शुक्ल पक्ष के त्योहार (Festivals of Kartik Shukla Paksha)-
- (A) कार्तिक शुक्ल एकम्
- (B) कार्तिक शुक्ल द्वितीया
- (C) कार्तिक शुक्ल अष्टमी
- (D) कार्तिक शुक्ल नवमी
- (E) कार्तिक शुक्ल एकादशी
- (F) कार्तिक पूर्णिमा
(A) कार्तिक शुक्ल एकम्-
- कार्तिक शुक्ल एकम् के दिन गोवर्धन पूजा की जाती है।
- कार्तिक शुक्ल एकम् के दिन राजस्थान के राजसमंद जिले के नाथद्वारा में अन्नकूट महोत्सव मनाया जाता है।
- नाथद्वारा के अन्नकूट महोत्सव में भील जनजाति भाग लेती है।
(B) कार्तिक शुक्ल द्वितीया-
- कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन भैया दूज मनाई जाती है।
- भैया दूज को यम द्वितीया भी कहा जाता है। अर्थात् कार्तिक शुक्ल द्वितीया को यम द्वितीया भी कहा जाता है।
(C) कार्तिक शुक्ल अष्टमी-
- कार्तिक शुक्ल अष्टमी के दिन गोपाष्टमी मनाई जाती है।
- कार्तिक शुक्ल अष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण पहली बार गाय चराने गये थे इसलिए कार्तिक शुक्ल अष्टमी के दिन गोपाष्टमी मनाई जाती है।
(D) कार्तिक शुक्ल नवमी-
- कार्तिक शुक्ल नवमी के दिन आंवला नवमी मनाई जाती है।
- आंवला नवमी को अक्षय नवमी भी कहते हैं। अर्थात् कार्तिक शुक्ल नवमी के दिन अक्षय नवमी मनाई जाती है।
(E) कार्तिक शुक्ल एकादशी-
- कार्तिक शुक्ल एकादशी के दिन देवउठनी एकादशी मनाई जाती है।
- कार्तिक शुक्ल एकादशी के दिन देवता निंद से जगते (प्रबोध) हैं। अर्थात् देवता सोकर उठते है।
- देवउठनी एकादशी को प्रबोधिनी एकादशी भी कहते हैं।
- कार्तिक शुक्ल एकादशी के दिन तुलसी और शालीग्राम की शादी करवायी जाती है इसलिए तुलसी एकादशी मनाई जाती है।
- शालीग्राम- भगवान विष्णु
- तुलसी- माँ लक्ष्मी
- कार्तिक शुक्ल एकादशी के दिन राजस्थान के अजमेर जिले में पुष्कर मेला प्रारम्भ होता है।
(F) कार्तिक पूर्णिमा-
- कार्तिक पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण पूर्णिमा मनाई जाती है।
- मेले-
- कार्तिक पूर्णिमा के दिन राजस्थान के अजमेर जिले में पुष्कर मेला लगता है।
- कार्तिक पूर्णिमा के दिन राजस्थान के बीकानेर जिले में कोलायत मेला लगता है।
- कार्तिक पूर्णिमा के दिन राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में रामेश्वरम् मेला लगता है।
- कार्तिक पूर्णिमा के दिन राजस्थान के झालावाड़ जिले के झालरापाटन में चन्द्रभागा मेला लगता है।
- झालरापटन के चन्द्रभागा मेले को हाडौती का सुरंगा मेला कहा जाता है।
- झालरापाटन का चन्द्रभागा मेला एक पशु मेला है।
- झालरापाटन के चन्द्रभागा मेले में मालवी नसल के पशु लाये जाते हैं।
9. मार्गशीर्ष मास के त्योहार (Festivals of Margashirsha Month)-
- मार्गशीर्ष मास में कोई त्योहार नहीं आता है।
10. पौष मास के त्योहार (Festival of Paush Month)-
- पौष मास में कोई त्योहार नहीं आता है।
11. माघ मास के त्योहार (Festivals of Magha Month)-
- (I) माघ कृष्ण पक्ष के त्योहार (Festivals of Magha Krishna Paksha)
- (II) माघ शुक्ल पक्ष के त्योहार (Festivals of Magha Shukla Paksha)
(I) माघ कृष्ण पक्ष के त्योहार (Festivals of Magha Krishna Paksha)-
- (A) माघ कृष्ण चतुर्थी
- (B) माघ कृष्ण एकादशी
- (C) माघ अमावस्या
(A) माघ कृष्ण चतुर्थी-
- माघ कृष्ण चतुर्थी के दिन तिल चतुर्थी मनाई जाती है।
- तिल चतुर्थी को संकट हरण चतुर्थी भी कहा जाता है।
- मेले-
- माघ कृष्ण चतुर्थी के दिन राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में चौथ का बरवाड़ा मेला लगता है।
(B) माघ कृष्ण एकादशी-
- माघ कृष्ण एकादशी के दिन षट् तिला एकादशी मनाई जाती है।
(C) माघ अमावस्या-
- माघ अमावस्या के दिन मौनी अमावस्या मनाई जाती है।
- माघ अमावस्या या मौनी अमावस्या के दिन कुम्भ मेले का शाही स्नान होता है।
(II) माघ शुक्ल पक्ष के त्योहार (Festivals of Magha Shukla Paksha)-
- (A) माघ शुक्ल एकम्
- (B) माघ शुक्ल पंचमी
- (C) माघ पूर्णिमा
(A) माघ शुक्ल एकम्-
- माघ शुक्ल एकम् के दिन गुप्त नवरात्रा प्रारम्भ होते हैं।
(B) माघ शुक्ल पंचमी-
- माघ शुक्ल पंचमी के दिन बसन्त पंचमी मनाई जाती है।
- माघ शुक्ल पंचमी के दिन सरस्वती जयन्ती मनाई जाती है। क्योंकि माघ शुक्ल पंचमी के दिन माँ सरस्वती का जन्मदिन होता है।
- माघ शुक्ल पंचमी या बसन्त पंचमी के दिन लड़कियों को गार्गी पुरस्कार दिया जाता है।
- जिन लड़कियों के राजस्थान बोर्ड (RBSE) में 10th Class व 12th Class में 75% अंक आते है उन लड़कियों को राजस्थान सरकार के द्वारा गार्गी पुरस्कार दिया जाता है।
(C) माघ पूर्णिमा-
- माघ पूर्णिमा के दिन राजस्थान के डूंगरपुर जिले में नवाटापरा गाँव में माही, सोम तथा जाखम तीनों नदियों के संगम पर बेणेश्वर मेला लगता है।
- बेणेश्वर मंदिर में खंडित शिवलिंग की पूजा की जाती है।
- बेणेश्वर मंदिर भगवान शिव का मंदिर है।
- बेणेश्वर मेले को वागड़ का पुष्कर कहा जाता है।
- बेणेश्वर मेले को आदिवासियों का कुम्भ कहा जाता है।
- सन्त मावजी ने बेणेश्वर धाम की स्थापना की थी।
- सन्त मावजी की बेटी जनक कुंवरि ने बेणेश्वर धाम में विष्णु मंदिर का निर्माण करवाया था।
- सन्त मावजी के दो शिष्य अजै तथा वजै ने बेणेश्वर धाम में लक्ष्मीनारायण मंदिर का निर्माण करवाया था।
12. फाल्गुन मास के त्योहार (Festivals of Phalguna Month)-
- (I) फाल्गुन कृष्ण पक्ष के त्योहार (Festivals of Phalguna Krishna Paksha)
- (II) फाल्गुन शुक्ल पक्ष के त्योहार (Festivals of Phalguna Shukla Paksha)
(I) फाल्गुन कृष्ण पक्ष के त्योहार (Festivals of Phalguna Krishna Paksha)-
- (A) फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी
(A) फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी-
- फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी के दिन महाशिवरात्रि त्योहार मनाया जाता है।
- फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी के दिन भगवान शिव व माँ पार्वती की शादी होती है।
- मेले-
- फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी के दिन राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में शिवाड़ नामक स्थान पर घुश्मेश्वर मेला लगता है।
(II) फाल्गुन शुक्ल पक्ष के त्योहार (Festivals of Phalguna Shukla Paksha)-
- (A) फाल्गुन शुक्ल द्वितीया
- (B) फाल्गुन पूर्णिमा
(A) फाल्गुन शुक्ल द्वितीया-
- फाल्गुन शुक्ल द्वितीया के दिन फूलेरा दूज मनाई जाती है।
- फूलेरा दूज के दिन अबूझ मुहूर्त होता है।
(B) फाल्गुन पूर्णिमा-
- फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होली का त्योहार मनाया जाता है।
- राजस्थान के अजमेर जिले के भिनाय में कोडामार होली मनाई जाती है।
- राजस्थान के करौली जिले के महावीर जी में लठ्ठमार होली मनाई जाती है।
- राजस्थान के बाड़मेर जिले में पत्थरमार होली मनाई जाती है।
- फाल्गुन पूर्णिमा के दिन राजस्थान के बाड़मेर जिले में ईलोजी की बारात निकाली जाती है।
- फाल्गुन पूर्णिमा के दिन राजस्थान के अजमेर जिले के ब्यावर में बादशाह की सवारी निकाली जाती है।
- ब्यावर में निकाले जाने वाली बादशहा की सवारी में बादशाह टोडरमल होता है।
- अकबर ने टोडरमल को एक दिन का बादशाह बनाया था।
- फाल्गुन पूर्णिमा के दिन राजस्थान के कोटा जिले के सांगोद में भगवान की झांकिया निकाली जाती है जिन्हें 'न्हाण' कहा जाता है।
- फाल्गुन पूर्णिमा के दिन राजस्थान के जयपुर जिले में जन्म-परण-मरण का त्योहार मनाया जाता है।
- जन्म-परण-मरण एक नाटक है जिसमें व्यक्ति के जन्म से मृत्यु तक का जीवन चक्र दिखाया जाता है।
सिन्धी त्योहार एवं मेले-
- 1. चेटीचंड
- 2. असूचंड
- 3. चालीहा महोत्सव
- 4. थदडी सातम
1. चेटीचंड-
- चेटीचंड त्योहार चैत्र शुक्ल एकम् को मनाया जाता है।
- चैत्र शुक्ल एकम् के दिन झूलेलाल जयन्ती मनाई जाती है।
- झूलेलाल जी भगवान वरुण के अवतार थे।
- भगवान वरुण समुद्र के देवता है।
2. असूचंड-
- असूचंड त्योहार आश्विन शुक्ल एकम् के दिन मनाया जाता है।
- आश्विन शुक्ल एकम् के दिन झूलेलाल जी का निर्वाण दिवस है।
3. चालीहा महोत्सव-
- चालीहा महोत्व 16 जुलाई से 24 अगस्त तक सिन्धी समाज के द्वारा मनाया जाता है।
4. थदडी सातम-
- थदडी सातम भाद्रपद कृष्ण सप्तमी के दिन मनाई जाती है।
सिक्ख त्योहार एवं मेले-
- 1. गुरुनानक जयन्ती
- 2. गुरु गोविन्द सिंह जयन्ती
- 3. लोहड़ी
- 4. वैशाखी
1. गुरुनानक जयन्ती
- गुरुनानक जयन्ती कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है।
- कार्तिक पूर्णिमा या गुरुनानक जयन्ती के दिन राजस्थान के बीकानेर जिले में कोलायत मेला लगता है।
- कार्तिक पूर्णिमा या गुरुनानक जयन्ती के दिन राजस्थान के चुरू जिले की तारानगर तहसील में साहवा मेला लगता है।
- कार्तिक पूर्णिमा के दिन राजस्थान के कोलायत में हिन्दू व सिक्ख दोनों इकट्ठे होते हैं क्योंकि हिन्दू सत्यनारायण पूर्णिमा मनाते है तथा सिक्ख गुरुनानक जयन्ती मनाते हैं।
2. गुरु गोविन्द सिंह जयन्ती-
- गुरु गोविन्द सिंह जयन्ती पौष शुक्ल सप्तमी के दिन मनाई जाती है।
3. लोहड़ी-
- प्रतिवर्ष 13 जनवरी के दिन लोहड़ी मनाई जाती है।
4. वैशाखी-
- प्रतिवर्ष 13 अप्रैल को वैशाखी मनाई जाती है।
- 13 अप्रैल 1699 ई. को आनन्दपुर साहिब में गुरु गोविन्द सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी।
- 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बांग हत्याकांड वैशाखी के दिन हुआ था।
जैन त्योहार एवं मेले-
- 1. ऋषभदेव (आदिनाथ) जयन्ती
- 2. महावीर जयन्ती
- 3. रोट तीज
- 4. सुगन्ध दसमी या धूप दसमी
- 5. दसलक्षण पर्व
1. ऋषभदेव (आदिनाथ) जयन्ती-
- चैत्र कृष्ण नवमी के दिन ऋषभदेव (आदिनाथ) जयन्ती मनाई जाती है।
- चेत्र कृष्ण नवमी या ऋषभदेव जयन्ती के दिन राजस्थान के उदयपुर जिले के धुलेव में मेला लगता है।
- भील जनजाति ऋषभदेव (आदिनाथ) को कालाजी या केसरिया जी मानती है।
2. महावीर जयन्ती-
- महावीर जयन्ती चैत्र शुक्ल त्रयोदशी के दिन मनाई जाती है।
3. रोट तीज-
- भाद्रपद शुक्ल तृतीया के दिन रोट तीज मनाई जाती है।
4. सुगन्ध दसमी या धूप दसमी-
- सुगन्ध दसमी भाद्रपद शुक्ल दसमी के दिन मनाई जाती है।
- सुगन्ध दसमी को धूप दसमी भी कहा जाता है।
5. दसलक्षण पर्व-
- दसलक्षण पर्व साल में तीन बार आते हैं। जैसे-
- (I) दसलक्षण पर्व चैत्र शुक्ल पंचमी से चैत्र शुक्ल चतुर्दशी तक मनाया जाता है।
- (II) दसलक्षण पर्व भाद्रपद शुक्ल पंचमी से भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी तक मनाया जाता है।
- भाद्रपद का दसलक्षण पर्व पर्यूषण कहलाता है।
- जैनों की दिगम्बर शाखा के द्वारा पर्यूषण भाद्रपद शुक्ल पंचमी से भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी तक मनाया जाता है।
- जैनों की श्वेताम्बर शाखा के द्वारा पर्यूषण भाद्रपद कृष्ण द्वारशी से भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी तक मनाया जाता है।
- (III) दसलक्षण पर्व माघ शुक्ल पंचमी से माघ शुक्ल चतुर्दशी तक मनाया जाता है।
- जैनों की दिगम्बर शाखा के द्वारा आश्विन कृष्ण एकम् के दिन पडवा ढोक (क्षमा याचना पर्व) मनाया जाता है।
- जैनों की श्वेताम्बर शाखा के द्वारा भाद्रपद शुक्ल पंचमी के दिन संवत्सरी (क्षमा याचना पर्व) मनाया जाता है।
मुस्लिम त्योहार एवं मेले-
- मुस्लिम त्योहार हिजरी कैलेंडर के अनुसार मनाये जाते हैं।
- 1. मोहर्रम मास के त्योहार
- 2. सफर मास के त्योहार
- 3. सबी-उल-अव्वल मास के त्योहार
- 4. रबी-उस्-सानी मास के त्योहार
- 5. जमात-उल-अव्वल मास के त्योहार
- 6. जमात-उस्-सानी मास के त्योहार
- 7. रज्जब मास के त्योहार
- 8. शाबान मास के त्योहार
- 9. रमजान मास के त्योहार
- 10. शव्वाल मास के त्योहार
- 11. जिल्काद मास के त्योहार
- 12. जिल्हिज मास के त्योहार
1. मोहर्रम मास के त्योहार-
- मोहर्रम मास की 10 तारीख के दिन हुसैन की याद में ताजिये निकाले जाते हैं।
- हुसैन पैगम्बर मोहम्मद साहब के दोहिते थे।
- हुसैन कर्बला के युद्ध में लड़ते हुए शहीद हो गये थे।
- कर्बला ईराक में स्थित है।
2. सफर मास के त्योहार-
- सफर मास की 20 तारीख को चेहल्लम मनाई जाती है।
- चेहल्लम हुसैन की मृत्यु के 40 दिन बाद मनाई जाती है।
3. सबी-उल-अव्वल मास के त्योहार-
- सबी-उल-अव्वल मास की 12 तारीख के दिन पैगम्बर मोहम्मद साहब का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन ईद-मिलादुल-नवी होती है।
- सबी-उल-अव्वस मास की 12 तारीख के दिन पैगम्बर मोहम्मद साहब की मृत्यु हुई थी इसलिए इस दिन बारापवफात होता है।
4. रबी-उस्-सानी मास के त्योहार-
- रबी-उस्-सानी मास में मुस्लिम धर्म में कोई त्योहार नहीं होता है।
5. जमात-उल-अव्वल मास के त्योहार-
- जमात-उल-अव्वल मास में मुस्लिम धर्म में कोई त्योहार नहीं होता है।
6. जमात-उस्-सानी मास के त्योहार-
- जमात-उस-सानी मास में मुस्लिम धर्म में कोई त्योहार नहीं होता है।
7. रज्जब मास के त्योहार-
- रज्जब मास की 27 तारीख के दिन शब-ए-मेराज होती है।
- शब-ए-मेराज की रात्री को पैगम्बर मोहम्मद साहब ने अल्लाह से मुलाकात की थी।
8. शाबान मास के त्योहार-
- शबान मास की 14 तारीख को शब-ए-बरात होती है।
- शब-ए-बरात की रात्री को मुस्लिम अपने बुरे कर्मों के लिए माफी मांगते हैं।
9. रमजान मास के त्योहार-
- रमजान मास मुस्लिम धर्म में सबसे पवित्र महीना माना जाता है।
- रमजान महीने में मुस्लिम रोजे रखते हैं।
- रमजान मास की 27 तारीख को शब-ए-कद्र मनाया जाता है।
- शब-ए-कद्र (27 तारीख) की रात्री को कुरान धरती पर भेजी गई थी।
10. शव्वाल मास के त्योहार-
- शव्वाल मास की 1 तारीख को ईद-उल-फितर मनाई जाती है।
- ईद-उल-फितर को मीठी ईद भी कहा जाता है।
- ईद-उल-फितर को भाईचारे का त्योहार भी कहा जाता है।
11. जिल्काद मास के त्योहार-
- जिल्काद मास में मुस्लिम धर्म का कोई त्योहार नहीं होता है।
12. जिल्हिज मास के त्योहार-
- जिल्हिज मास में मुस्लिम हज यात्रा करते हैं।
- जिल्हिज मास की 10 तारीख को ईद-उल-अजहा मनाई जाती है।
- ईद-उल-अजहा को बकर ईद भी कहते हैं।
- ईद-उल-अजहा को कुर्बानी का त्योहार भी कहते हैं।
ईसाई त्योहार एवं मेले-
- 1. क्रिसमस
- 2. नववर्ष
- 3. गुड फ्राइडे (Good Friday)
- 4. ईस्टर (Easter)
- 5. असेन्शन डे (Ascension Day)
1. क्रिसमस-
- क्रिसमस त्योहार 25 दिसम्बर को मनाया जाता है।
- 25 दिसम्बर के दिन ईसा मसीह का जन्म हुआ था।
2. नववर्ष-
- 1 जनवरी के दिन नववर्ष मनाई जाती है।
- 1 जनवरी के दिन ईसा मसीह को ज्ञान की प्राप्ती हुई थी। इस घटना को प्रबोधन कहा जाता है।
- 1 जनवरी के दिन से ही ईसाई कैलेंडर की शुरुआत मानी जाती है।
- 1583 ई. में पोप ग्रेगरी XIII ने ईसाई कैलेंडर तैयार करवाया था।
- ईसाई कैलेंडर सूर्य आधारित कैलेंडर है।
3. गुड फ्राइडे (Good Friday)-
- शुक्रवार के दिन ईसा मसीह को फांसी दी गई थी।
- यह शुक्रवार ईस्टर से ठीक पहला शुक्रवार होता है।
4. ईस्टर (Easter)-
- रविवार के दिन ईसा मसीह का पुनर्जन्म हुआ था।
- प्रतिवर्ष 22 मार्च के बाद आने वाली पूर्णिमा के बाद आने वाले रविवार को ईस्टर होता हैं।
5. असेन्शन डे (Ascension Day)-
- असेन्शन डे ईस्टर के 40 दिन बाद आता है।
- असेन्शन डे के दिन ईसा मसीह वापस स्वर्ग चले गये थे।
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य-
- राजस्थान की पहली सहकारी समिति भिनाय में स्थापित की गई थी।
- भिनाय में सहकारी समिति की स्थापना 1904 ई. में की गई थी।
- भिनाय राजस्थान के अजमेर जिल में स्थित है।
त्योहार तथा मेलों का महत्व (Importance of Festivals and Fairs)-
- राजस्थान में मेले तथा त्योहार खुशियों का संचार करते हैं।
- मेले तथा त्योहार राजस्थान की संस्कृति को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक लेकर जाते हैं।
- राजस्थान में जनजातीय मेलों के दौरान जनजातियों द्वारा विवाह किये जाते हैं।
- राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान राजस्थान के स्वतंत्रता सेनानियों ने त्योहार तथा मेलों का उपयोग जनता को जोड़ने के लिए किया था।
- त्योहार तथा मेले राजस्थान के पर्यटन को बढ़ावा देते हैं जिससे राज्य में आर्थिक गतिविधियों का विकास होता है।
- राजस्थान में प्राचीन तथा मध्य काल में मेले न्याय व्यवस्था का केंद्र थे।
- मेलों ने राजस्थान की हस्तकला को बढ़ावा दिया था।
- मेलों के दौरान खेलकुद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता था।
- मेले राजस्थान में मनोरंजन का केंद्र थे।
महत्वपूर्ण लिंक (Important Link)-