मेहरानगढ़ दुर्ग (Mehrangarh Fort)-
- स्थित- जोधपुर जिला, राजस्थान
- 1459 ई. में सूर्यवंशी राठौड़ राजा राव जोधा ने मेहरानगढ़ किले का निर्माण जोधपुर में करवाया था इसलिए मेहरानगढ़ किले को मिहिरानगढ़ (सूर्य=मिहिर) कहा जाता है।
- मेहरानगढ़ का किला मोर की आकृति में बना हुआ किला है इसलिए मेहरानगढ़ किले को मयूरध्वजगढ़ (Mayurdhwajgarh) भी कहा जाता है।
- मेहरानगढ़ का किला चिड़ियाटूंक (Chidiyatoonk) पहाड़ी पर स्थित है।
- मेहरानगढ़ किले के निर्माण में राजा राम नामक व्यक्ति की बलि दी गई थी।
- रुडयार्ड किपलिंग (Ruduard Kipling) के अनुसार मेहरानगढ़ किले का निर्माण देवताओं तथा परियों ने करवाया है।
- मेहरानगढ़ दुर्ग को "चिन्तामणि दुर्ग" (Chintamani Fort) भी कहा जाता है।
मेहरानगढ़ के किले में स्थित इमारतें-
- (I) फूल महल (Phool Mahal)
- (II) तलहटी महल (Talahatee Mahal)
- (III) शृंगार चौकी (Sringar Chauki)
- (IV) भूरे खाँ की मजरा (Bhure Khan Ki Majar)
- (V) कीरत सिंह सोढा की छतरी (Cenotaph of Kirat Singh Sodha)
- (VI) धन्ना-भींवा की छतरी (Cenotaph of Dhanna-Bhinva)
(I) फूल महल (Phool Mahal)-
- मेहरानगढ़ किले में स्थित फूल महल का निर्माण अभसिंह ने करवाया था।
(II) तलहटी महल (Talahatee Mahal)-
- मेहरनागढ़ किले में स्थित तलहटी महल का निर्माण सूरसिंह (Sur Singh) ने करवाया था।
(III) शृंगार चौकी (Sringar Chauki)-
- मेहरानगढ़ किले में स्थित शृंगार चौकी में राजाओं का राजतिलक किया जाता था।
(IV) भूरे खाँ की मजरा (Bhure Khan Ki Majar)-
- मेहरानगढ़ किले में स्थित भूरे खाँ की मजार भूरे खाँ नामक सैनापति की याद में बनवायी गई थी।
(V) कीरत सिंह सोढा की छतरी (Cenotaph of Kirat Singh Sodha)-
- मेहरानगढ़ किले में स्थित कीरत सिंह सोढा की छतरी कीरत सिंह नामक सैनापति की याद में बनवायी गई थी।
(VI) धन्ना-भींवा की छतरी (Cenotaph of Dhanna-Bhinva)-
- मेहरानगढ़ किले में स्थित धन्ना व भींवा की छतरी को मामा-भान्जा की छतरी (Mama-Bhanja) भी कहा जाता है क्योंकि धन्ना व भींवा मामा व भान्जे थे।
मेहरानगढ़ के किले में स्थित तोपें-
- (I) किलकिला
- (II) भवानी
- (III) शम्भू बाण
- (IV) गजनी (मेहरानगढ़ किले में स्थित गजनी तोप अहमदाबाद से लायी गई थी।)
- (V) गजक
- (VI) गुब्बारा
- (VII) नुसरत