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विशेष आर्थिक क्षेत्र (Special Economic Zone- SEZ)

विशेष आर्थिक क्षेत्र (Special Economic Zone- SEZ)-

    • विशेष आर्थिक क्षेत्र का संक्षिप्त इतिहास (Brief History of Special Economic Zones)
    • विशेष आर्थिक क्षेत्र (Special Economic Zone- SEZ)
    • राजस्थान में विशेष आर्थिक क्षेत्र (Special Economic Zone in Rajasthan)
    • विशेष आर्थिक क्षेत्र के उद्देश्य (Objectives of Special Economic Zone)
    • विशेष आर्थिक क्षेत्र में मिलने वाली छूट (Exemption in Special Economic Zone)
    • भारत में विशेष आर्थिक क्षेत्र के समक्ष चुनौतियां (Challenges Before Special Economic Zones in India)


              विशेष आर्थिक क्षेत्र का संक्षिप्त इतिहास (Brief History of Special Economic Zones)-

              • भारत सरकार ने 1 अप्रैल 2000 को विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) पॉलिसी (Policy) की घोषणा की थी।
              • भारत में सन् 2005 में विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) कानून (SEZ Act) बना था।
              • भारत में फरवरी 2006 में विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) कानून लागू किया गया था।
              • भारत ने विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) की अवधारणा को सन् 2000 में चीन से अपनाया था।
              • चीन ने 1979 में विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) लागू किया था।
              • वर्तमान में भारत में 427 विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) अनुमोदित (Approved) है जिसमें से 267 विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) काम कर रहे हैं।
              • वर्तमान में राजस्थान में कुल 6 विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) है। जैसे-
              • 1. जयपुर (Jaipur)- 3 विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ)
              • 2. जोधपुर (Jodhpur)- 1 विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ)
              • 3. अलवर (Alwar)- 1 विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ)
              • 4. बीकानेर (Bikaner)- 1 विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ)


              विशेष आर्थिक क्षेत्र (Special Economic Zone- SEZ)-

              • विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) देश में स्थित एक ऐसा भौगोलिक क्षेत्र होता है जहाँ देश के अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा आर्थिक कानून अधिक उदार (Liberal) होते हैं।
              • विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) को आर्थिक रूप से विदेशी क्षेत्र (Economically Foreign Territory) का दर्जा दिया जाता है।
              • विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) एकीकृत औद्योगिक क्षेत्र (Integrated Industrial Area) होता है।
              • विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) में उत्पादन हेतु निवेशकों (Investors) को अंतरराष्ट्रीय स्तर (International Level) पर बुनियादी ढाँचा (Infrastructure) उपलब्ध कराया जाता है।
              • विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) में किए गए उत्पादन में कर (Tax) में छूट होती है लेकिन शर्त यह है कि किए गए उत्पादन का 100% निर्यात (Export) करें।
              • यदि विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) में किए गए उत्पादन को घरेलू बाजार (Domestic Market) में बेचा जाता है तो आयात (Import) समझा जाएगा और उस पर सीमा शुल्क (Custom Duty) लगेगी।


              राजस्थान में विशेष आर्थिक क्षेत्र (Special Economic Zone in Rajasthan)-

              • 1. महिंद्रा वर्ल्ड सिटी (जयपुर) लिमिटेड, जयपुर (Mahindra World City (Jaipur) Limited, Jaipur) या टपुकडा सेज
              • 2. जेनपैक्ट इंफ्रास्ट्रक्चर (जयपुर) प्राइवेट लिमिटेड, जयपुर (Genpact Infrastructure (Jaipur) Pvt. Ltd., Jaipur) या सीतापुरा सेज
              • 3. वाटिका जयपुर सेज डेवलपर्स लिमिटेड (Vatika Jaipur SEZ Developers Ltd., Jaipur)
              • 4. मानसरोवर औद्योगिक विकास निगम, जोधपुर (Mansarovar Industrial Development Corporation, Jodhpur)
              • 5. सोमानी वर्स्टेड लिमिटेड, खुशखेड़ा, भिवाड़ी, अलवर (Somani Worsted Ltd. Khushkeda, Bhiwadi, Alwar)
              • 6. आर.आन.बी. इन्फ्राट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड, बीकानेर (RNB Infrastructure Private Limited, Bikaner)


              विशेष आर्थिक क्षेत्र के उद्देश्य (Objectives of Special Economic Zone)-

              • निर्यात को प्रोत्साहन या बढ़ावा देना।
              • घरेलू (Domestic) व विदेशी निवेश (Foreign Investment) को आकर्षित (Attract) करना।
              • आधारभूत संरचना (Strengthen Infrastructure) को मजबूत बनाना।
              • आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाना। (To Increase economic activities)
              • रोजगार के अवसरों में वृद्धि करना। (Increase Employment opportunities)


              विशेष आर्थिक क्षेत्र में मिलने वाली छूट (Exemption in Special Economic Zone)-

              • विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) में निम्नलिखित की छूट होती है।
              • 1. विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) में सभी प्रकार के अप्रत्यक्ष करों (Indirect Tax) में छूट (Exemption) दी जाती है। जैसे- जीएसटी (GST), कस्टम ड्यूटी (Custom Duty)
              • GST Full Form = Goods and Services Tax
              • GST का पूरा नाम = वस्तु एवं सेवा कर
              • 2. विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) में प्रत्यक्ष करों (Direct Tax) में छूट दी जाती है। जैसे-
              • (I) पहले 5 वर्ष तक प्रत्यक्ष करों में 100% तक छूट दी जाती है।
              • (II) अगले 5 वर्षों तक प्रत्यक्ष करों में 50% तक छूट दी जाती है।
              • 3. विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) में 100% एफडीआई (FDI) की अनुमति दी जाती है।
              • FDI Full Form = Foreign Direct Investment
              • FDI का पूरा नाम = प्रत्यक्ष विदेशी निवेश
              • 4. विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) में श्रम कानूनों (Labor Law) में छूट दी जाती है।
              • 5. विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) के लिए सरकरा द्वारा भूमि उपलब्ध करवायी जाती है।


              भारत में विशेष आर्थिक क्षेत्र के समक्ष चुनौतियां (Challenges Before Special Economic Zones in India)-

              • 1. उपजाऊ भूमि (Fertile Land) पर विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) की स्थापना कृषि उत्पादन (Agriculture Production) को प्रभावित करती है।
              • 2. बाहरी उद्योगों को विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) में स्थानांतरित (Shifting) करना।
              • 3. चीन (China) जैसा प्लान नहीं होना।
              • 4. आधारभूत संरचना की चुनौती। (Infrastructure Challenge)
              • 5. लालफीताशाही (Red Tapism)
              • 6. भारत में अनेक राज्यों ने विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) नीति (Policy) ही नहीं बनाई।
              • 7. श्रम कानूनों (Labor Law) से संबंधित चुनौतियां।
              • 8. WTO के नियमों का विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) से विरोधाभासी (Conflict) होना।
              • WTO Full Form = World Trade Organization
              • WTO का पूरा नाम = विश्व व्यापार संगठन
              • 9. विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) की बहुत सी भूमि बिना उपयोग के ही व्यर्थ पड़ी होना।

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