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पर्यावरणीय एवं पारिस्थितिकीय परिवर्तन एवं इनके प्रभाव (Environmental and Ecological Changes and their Impact)

पर्यावरणीय एवं पारिस्थितिकीय परिवर्तन एवं इनके प्रभाव (Environmental and Ecological Changes and their Impact)- 

  • पर्यावरण (Environment)
  • प्रदूषण (Pollution)
  • प्रदूषक (Pollutants)
  • प्रदूषक के प्रकार (Type of Pollutants)


पर्यावरण (Environment)-

  • वह प्राकृतिक संरचना जिससे पृथ्वी चारो ओर से घिरी हुई है, उसे पर्यावरण करते हैं।

  • प्राकृतिक प्रभावों का वह समूह जो अपने भौतिक तथा जैविक शक्तियों से जीव की उत्पत्ति, विकास एवं मृत्यु को प्रभावित करता है उसे पर्यावरण कहते हैं।


प्रदूषण (Pollution)-

  • पर्यावरण के भौतिक (Physical), रासायनिक (Chemical) एवं जैविक संगठन (Biological Composition) या संरचना में होने वाला अवांछनीय परिवर्तन (Undesirable Change) प्रदूषण कहलाता है।
  • प्राकृतिक संसाधनों (Natural Resources) की शुद्धता में होने वाला ऐसा परिवर्तन जो उनकी उपयोगिता को नष्ट कर दे उसे प्रदूषण कहते हैं।
  • प्रदूषण प्राकृतिक (Natural) या मानवजित (Manmade) हो सकता है।
  • पर्यावरण में ऐसे पदार्थों का अधिक या कम मात्रा में मिलना जिनके कारण पर्यावरण जीवों के लिए अनुपयोगी हो जाता है।


प्रदूषक (Pollutants)-

  • वे पदार्थ जो पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं प्रदूषक कहलाते हैं।
  • प्रदूषक ठोस (Solid), द्रव (Liquid) तथा गैस (Gas) के रूप में पाये जाते हैं।
  • मानव जनित कारणों से उत्पन्न होने वाले रासायनिक (Chemicals) तथा अन्य पदार्थ (Other Substances), जो अधिक मात्रा में पर्यावरण में एकत्रित होने पर प्रकृति के स्वाभाविक संतुलन में व्यव्धान पैदा करते हैं प्रदूषक कहलाते हैं।

 

प्रदूषक के प्रकार (Type of Pollutants)-

  • प्रदूषकों को निम्नानुसार वर्गीकृत किया जा सकता है।-
  • 1. अपघटन के आधार पर प्रदूषक के प्रकार (Types of Pollutants on the basis of Degradation)
  • 2. निर्माण के आधार पर प्रदूषक के प्रकार (Types of Pollutants on the Basis of Formation)
  • 3. गुण के आधार पर प्रदूषक के प्रकार (Types of Pollutants on the Basis of Properties)


1. अपघटन के आधार पर प्रदूषक (Types of Pollutants on the Basis of Degradation)-

  • अपघटन के आधार पर प्रदूषक दो प्रकार के होते हैं। जैसे-
  • (I) जैव निम्नीकरणीय प्रदूषक (Biodegradable Pollutant)
  • (II) अजैव निम्नीकरणीय प्रदूषक (Non Biodegradable Pollutant)


(I) जैव निम्नीकरणीय प्रदूषक (Biodegradable)-

  • वे प्रदूषक या पदार्थ जिनका सामान्यतः सुक्ष्म जीवों द्वारा अपघटन कर दिया जाता है परन्तु इनकी मात्रा अधिक हो जाए जो ये प्रदूषण का कारण बनते हैं। जैसे- रसोई का कचरा (Domestic Waste), कागज (Paper), कपड़े (Cloth), पादपों के अपशिष्ट पदार्थ (Plant Waste), सीवेज (Sewage) आदि।


(II) अजैव निम्नीकरणीय प्रदूषक (Non Biodegradable Pollutant)-

  • वे प्रदूषक या पदार्थ जिनका अपघटन पर्यावरण में सूक्ष्म जीवों द्वारा नहीं होता है या आंशिक रूप से होता है, तथा ये एक बार पर्यावरण में प्रवेश करने के बाद लम्बे समय तक बने रहते हैं। जैसे- कीटनाशक (Insecticide), प्लास्टिक (Plastic), रेडियो सक्रिय पदार्थ (Radio Active Substance), धातुओं के अपशिष्ट (Waste Metals), अपमार्जक (Detergent) आदि।


2. निर्माण के आधार पर प्रदूषक के प्रकार (Types of Pollutants on the Basis of Formation)-

  • निर्माण के आधार पर प्रदूषक दो प्रकार के होते हैं। जैसे-
  • (I) प्राथमिक प्रदूषक (Primary Pollutants)
  • (II) द्वितीयक प्रदूषक (Secondary Pollutants)


(I) प्राथमिक प्रदूषक (Primary Pollutants)-

  • वे वायु प्रदूषक जो किसी प्रत्यक्ष स्रोत द्वारा पर्यावरण में उत्सर्जित होते हैं।
  • ये प्रदूषक जिस रूप में उत्पन्न होते हैं उसी रूप में प्रदूषण का कारण बनते हैं प्राथमिक प्रदूषक कहलाते हैं। जैसे- सल्फर डाइऑक्साइड (Sulfur Dioxide- SO2), कार्बन मोनोऑक्साइड (Carbon Monoxide- CO), नाइट्रोजन ऑक्साइड (Nitrogen Oxide- Nox), पारा (Mercury- Hg), कणीय पदार्थ (Particulate Matter), वोलेटाइल आर्गेनिक कंपाउंड (Volatile Organic Compound- VOC), डीडीटी (DDT), प्लास्टिक (Plastic)


(II) द्वितीयक प्रदूषक (Secondary Pollutants)-

  •  वे प्रदूषक जिनका निर्माण पर्वायरण में होता है उन्हें द्वितीयक प्रदूषक कहते हैं।
  • जब दो या अधिक प्राथमिक प्रदूषक रासायनिक रूप से अभिक्रिया करके किसी नये पदार्थ का निर्माण करते हैं तो वह द्वितीयक प्रदूषक कहलाता है। जैसे- स्मोग (Smog), अम्लीय वर्षा (Acid Rain), ओजोन (Ozone- O3), परऑक्सी एसिटिल नाइट्रेट (Peroxy Acetyl Nitrate- PAN)
  • स्मोग (Smog) = धुंआ (Smoke) + कोहरा (Fog)
  • द्वितीयक प्रदूषक प्राथमिक प्रदूषकों की तुलना में ज्यादा घातक होते हैं।


स्मोग के प्रकार (Types of Smog)-

    • (अ) फोटो केमिकल स्मोग (Photochemical Smog)
    • (ब) लन्दन स्मोग (London Smog)


      (अ) फोटो केमिकल स्मोग (Photochemical Smog)-

      • फोटो केमिकल स्मोग के अन्य नाम-
      • (A) लॉस एंज्लस स्मोग (Los Angles Smog)
      • (B) समर स्मोग (Summer Smog)
      • (C) रेड-ब्राउन स्मोग (Red Brown Smog)
      • स्मोग बनने की इस प्रक्रिया में धुंआ (Smoke), कोहरा (Fog), नाइट्रोजन ऑक्साइड (Nitrogen Oxide), हाइड्रोकार्बन (Hydrocarbons), ऑक्सीजन (Oxygen) की आवश्यकता होती है।
      • ये सभी आपस में उच्चताप (High Temperature) तथा पराबैंगनी विकिरणों (UV Rays) की उपस्थिति में अभिक्रिया करके लाल भूरे रंग का स्मोग (Red-Brown Smog) बनाते हैं।
      • फोटो केमिकल स्मोग PAN + O3 + Nitrogen Oxide का मिश्रण होता है।
      • PAN = Peroxy Acetyl Nitrate (परऑक्सी एसिटिल नाइट्रेट)
      • रासायनिक अभिक्रिया-
      • Nox + Hydrocarbon + O2 + Smoke + Fog (उच्च ताप व UV Light की उपस्थित में) = PAN + O3 + Nox (Red Brown Smog) बनता है।


      PAN-

      • PAN = परऑक्सी एसीटिल नाइट्रेट (Peroxy Acetyl Nitrate)
      • जब नाइट्रोजन के ऑक्साइड हाइड्रोकार्बन तथा ऑक्सीजन के साथ प्रकाश की उपस्थिति में अभिक्रिया करते हैं तो PNA का निर्माण होता है।
      • Nox + O2 + Hydrocarbon + Light (उच्च ताप व UV Light की उपस्थित में) = PAN बनता है।


      (ब) लन्दन स्मोग (London Smog)-

      • लन्दन स्मोग के अन्य नाम-
      • (A) सल्फर स्मोग (Sulfar Smog)
      • (B) क्लासिकल स्मोग (Classical Smog)
      • (C) विन्टर स्मोग (Winter Smog)
      • स्मोग बनने की इस प्रक्रिया में कोयले का धुंआ, सल्फर ऑक्साइड तथा कोहरा कम तापमान पर आपस में अभिक्रिया करते हैं तथा सल्फ्यूरिक अम्ल की वाष्प बनाते हैं इसे ही लन्दन स्मोग कहा जाता है।
      • लन्दन स्मोग के कारण लन्दन में सन् 1952 लन्दन में रहने वाले लगभग 4000 व्यक्तियों की मृत्यु हो गई थी।
      • रासायनिक अभिक्रिया-
      • Coal Smoke + Fog + Sox (निम्न तापमान की उपस्थित में) = H2SO4 की वाष्प बनती है।


      3. गुण के आधार पर प्रदूषक के प्रकार (Types of Pollutants on the Basis of Properties)-

      • गुण के आधार पर प्रदूषक दो प्रकार के होते हैं। जैसे-

      • (I) मात्रात्मक प्रदूषक (Quantitative Pollutants)

      • (II) गुणात्मक प्रदूषक (Qualitative Pollutants)


      (I) मात्रात्मक प्रदूषक (Quantitative Pollutants)-

      • वे प्रदूषक या पदार्थ जो सामान्यतः पर्यावरण में उपस्थित होते हैं परन्तु वह प्रदूषक तब बनते हैं जब इनकी मात्रा या सान्द्रता एक निश्चित सीमा से अधिक हो जाती है। जैसे- CO2, नाइट्रोजन के ऑक्साइड (Nox)

      • सान्द्रता बढ़ने पर कार्बन डाई ऑक्साइड (CO2) ग्लोबल वार्मिंग (Global Warning) का कारण बनती है।


      (II) गुणात्मक प्रदूषक (Qualitative Pollutants)-

      • वे पदार्थ जो पर्यावरण में नहीं पाये जाते हैं परन्तु मानवीय गतिविधियों के कारण पर्यावरण में प्रवेश करते हैं तथा इनकी सूक्ष्म मात्रा भी प्रदूषण का कारण बनती है। जैसे- कीटनाशी (Insecticide), कवकनाशी (Fungicides), शाकनाशी (Herbicides) आदि।


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