अम्लीय वर्षा (Acid Rain)-
- वह वर्षा जो अम्लीय प्रकृति (Acidified) की हो उसे अम्लीय वर्षा कहते हैं।
- जब सल्फल (Sulfur) तथा नाइट्रोजन (Nitrogen) के ऑक्साइड (Oxide) वायुमण्डल (Atmosphere) में उपस्थित जलवायु के साथ क्रिया करते हैं तब अम्लीय वर्षा का निर्माण होता है।
- अम्लीय वर्षा का pH मान 5.6 से कम होता है।
- अम्लीय वर्षा में सल्फ्यूरि अम्ल (H2SO4) तथा नाइट्रिक अम्ल (HNO3) का अनुपात सामान्यतः 7 : 3 होता है।
- इनके अतिरिक्त अम्लीय वर्षा में कुछ मात्रा में कार्बोलिक अम्ल (C6H5OH), सल्फेट (Sulfate), नाइट्रेट (Nitrate), अमोनियम (Ammonium- NH4+) तथा हाइड्रोडन (Hydrogen) के आयन भी उपस्थित होते हैं।
अम्लीय वर्षा के प्रकार (Types of Acid Rain)-
- पृथ्वी पर अम्लीय वर्षा दो रूप में होती है। जैसे-
- 1. आर्द्र जमाव (Wet Deposition)
- 2. शुष्क जमाव (Dry Deposition)
1. आर्द्र जमाव (Wet Deposition)-
- अगल पृथ्वी पर अम्ल वर्षा (Rain), कोहरे (Fog) तथा बर्फ (Smog) के रूप में पहुंचते है तो उसे आर्द्र जमाव कहा जाता है।
2. शुष्क जमाव (Dry Deposition)-
- अगल पृथ्वी पर अम्ल धुल कणों (Solid Dust Particle) पर चिपकर पहुंचते हैं तब इसे शुष्क जमाव कहा जाता है।
अम्लीय वर्षा के दुष्प्रभाव (Effects of Acid Rain)-
- अम्लीय वर्षा के कारण मृदा की अम्लीयता (Acidity) बढ़ती है जिससे मृदा की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है।
- मृदा में अम्लीयता बढ़ने के कारण मृदा की pH कम होती है।
- अम्लीय वर्षा के कारण नदी (River), झील (Lake) तथा तालाब (Pond) आदि की अम्लीयता (Acidity) भी बढ़ जाती है जिसका जलीय जीवों (Aquatic Animals) पर प्रतिकूल प्रभाव (Adversely Affects) पड़ता है।
- अम्लीय वर्षा से ऐतिहासिक (Historical) महत्व की इमारतों को भी नुकसान पहुंचता है। जैसे ताजमहल (Taj Mahal)
- अम्लीय वर्षा से विशेष रूप से ताजमहल (Taj Mahal) अधिक प्रभावित होता है क्योंकि ताजमहल संगमरमर (Marble) से बना है।
- CaCo3 (White) + H2SO4________CaSO4 (Black) + CO2 + H2O