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राजस्थान की प्रमुख लोक देवियां (Major Folk Goddesses of Rajasthan)

राजस्थान की लोक देवियां (Folk Goddesses of Rajasthan)-

  • 1. करणी माता (Karni Mata)
  • 2. जीण माता (Jeen Mata)
  • 3. सकराय माता (Sakrai Mata)
  • 4. आशापुरा माता (Ashapura Mata)
  • 5. आई माता (Aai Mata)
  • 6. सच्चियाय माता (Sachchiyay Mata)
  • 7. लटियाल माता (Latiyal Mata)
  • 8. चामुंडा माता (Chamunda Mata)
  • 9. तन्नौट माता या तनोट माता (Tanot Mata)
  • 10. स्वांगिया माता (Swangiya Mata)
  • 11. आवड़ माता (Awar Mata)
  • 12. सुंधा माता (Sundha Mata)
  • 13. शीतला माता (Sheetala Mata)
  • 14. कैला देवी (Kaila Devi)
  • 15. ब्राह्मणी माता (Brahmani Mata)
  • 16. छींक माता (Chhink Mata)
  • 17. ज्वाला माता (Jwala Mata)
  • 18. आवरी माता (Awari Mata)
  • 19. बडली माता (Barali Mata)
  • 20. महामाया (Mahamaya)
  • 21. अम्बिका माता (Ambika Mata)
  • 22. आमज माता (Amaj Mata)
  • 23. त्रिपुर सुन्दरी (Tripur Sundari)
  • 24. माता रानी भटियाणी (Mata Rani Bhatiyani)
  • 25. रानी सती (Rani Sati)
  • 26. नारायणी माता (Narayani Mata)
  • 27. कैवाय माता (Kaivay Mata)
  • 28. दधीमती माता (Dadhimati Mata)
  • 29. भंवाल माता (Bhanwal Mata)
  • 30. कंठेसरी माता (Kanthesari Mata)
  • 31. राजेश्वरी माता (Rajeshwari Mata)
  • 32. हर्षद माता (Harshad Mata)
  • 33. भदाणा माता (Bhadana Mata)
  • 34. मरकंडी माता (Markandi Mata)
  • 35. क्षेमकरी माता (Kshemkari Mata)
  • 36. जिलाड़ी माता (Jiladi mata)
  • 37. धौलागढ़ देवी (Dhaulagarh Devi)
  • 38. नकटी माता (Nakati Mata)
  • 39. वाकल माता (Vakal Mata)
  • 40. अधर देवी (Adhar Devi) या अर्बुद माता (Arbud Mata)
  • 41. हिंगलाज माता (Hinglaj Mata)
  • 42. घेवर माता (Ghevar Mata)
  • 43. ब्रह्माणी माता (Brahmani Mata)


1. करणी माता (Karni Mata)-

  • जन्म स्थान- सुआप, जोधपुर जिला, राजस्थान
  • करणी माता का जन्म एक चारण परिवार में हुआ था।
  • मंदिर- देशनोक, बीकानेर जिला, राजस्थान
  • देशनोक के करणी माता मंदिर को चूहों का मंदिर कहा जाता है।
  • करणी माता के मंदिर में पाये जाने वाले सफेद चूहों को काबा कहा जाता है।
  • सफेद चूहें के दर्शन शुभ माने जाते हैं।
  • देशनोक (बीकानेर) में नेहड़ी जी का मंदिर भी है।
  • नेहड़ी जी के मंदिर में करणी माता स्वयम् रहती थी।
  • करणी माता स्वयम् तेमडेराय माता की पूजा करती थी।
  • तेमडेराय माता का मंदिर राजस्थान के बीकानेर जिले के देशनोक में स्थित है।
  • करणी माता का अन्य नाम-
  • (I) दाढ़ी वाली डोकरी
  • करणी माता का प्रतीक- संवली या चील (Sanwali or Eagle)


2. जीण माता (Jeen Mata)-

  • मंदिर- रेवासा, सीकर जिला, राजस्थान
  • चौहान राजा पृथ्वीराज-I के शासन काल में सामंत हट्टड मोहिल ने रैवास स्थित जीण माता के मंदिर का निर्माण करवाया था। 
  • जीण माता का लोक गीत राजस्थान में सबसे लम्बा लोक गीत है।
  • जीण माता को मधुमक्खियों की देवी भी कहा जाता है।
  • औरंगजेब ने करणी माता के रैवासा स्थित मंदिर में छत्र चढ़ाया था।
  • केंद्र सरकार के द्वारा जीण माता मंदिर का घी भेजा जाता है।
  • जीण माता चौहान वंश की ईष्ट देवी है।
  • जीण माता के मंदिर के पास जीण माता के भाई हर्ष का मंदिर भी बना हुआ है।
  • रैवासा में हर्ष का मंदिर चौहान राजा गूवक-I ने बनवाया था।


3. सकराय माता (Sakrai Mata)-

  • मंदिर- उदयपुर वाटी, झुंझुनूं जिला, राजस्थान
  • सकराय माता का अन्य नाम- शाकम्भरी माता
  • सकराय माता चौहानों की ईष्ट देवी है।
  • सकराय माता खंडेलवालों की कुल देवी है।
  • सकराय माता के अन्य मंदिर-
  • (I) सांभर (जयपुर)
  • (II) सहारनपुर (उत्तर प्रदेश)


4. आशापुरा माता (Ashapura Mata)-

  • आशापुरा माता के मंदिर-
  • (I) नाडौल, पाली जिला, राजस्थान
  • (II) मोदरां, जालौर जिला, राजस्थान
  • आशापुरा माता चौहानों की कुल देवी है।
  • आशापुरा माता बिस्सा ब्राह्मणों की कुल देवी है।
  • आशापुरा माता की पूजा करते समय महिलाएं घूंघट रखती है तथा हाथों में मेहंदी नहीं लगाती है।


5. आई माता (Aai Mata)-

  • मंदिर- बिलाड़ा, जोधपुर जिला, राजस्थान
  • आई माता सिरवी समाज की कुल देवी है।
  • आई माता लोक देवता रामदेव जी की शिष्या थी।
  • आई माता ने सामाजिक भेदभाव कम करने का प्रयास किया।
  • आई माता के मुख्य मंदिर को बड़ेर कहते हैं।
  • आई माता के अन्य मंदिर को दरगाह कहते हैं।
  • आई माता के बिलाड़ा स्थित मंदिर में दीपक की ज्योति से केसर टपकती है।


6. सच्चियाय माता (Sachchiyay Mata)-

  • मंदिर- ओसियां, जोधपुर जिला, राजस्थान

  • सच्चियाय माता ओसवालों की कुल देवी है।


ओसियां (जोधपुर) के अन्य मंदिर-

  • निम्न मंदिर राजस्थान के जोधपुर जिले के ओसियां में स्थित है।

  • (I) पीपला माता मंदिर
  • (II) सूर्य मंदिर
  • (III) हरिहर मंदिर
  • (IV) महावीर मंदिर


7. लटियाल माता (Latiyal Mata)-

  • मंदिर- फलौदी, जोधपुर जिला, राजस्थान
  • लटियाल माता कल्ला ब्राह्मणों की कुल देवी है।
  • अन्य नाम- खेजड़ बेरी राय भवानी


8. चामुंडा माता (Chamunda Mata)-

  • मंदिर- मेहरानगढ़, जोधपुर जिला, राजस्थान
  • चामुंडा माता मंडोर के प्रतिहारों की प्रमुख देवी थी।
  • मंडोर राजस्थान के जोधपुर जिले में स्थित है।
  • कालांतर में राव जोधा चामुंडा माता की मूर्ति मंडोर से मेहरानगढ़ ले गये थे।


मेहरानगढ़ दुखांतिका (Mehrangarh Tragedy)-

  • समय- 30 सितम्बर 2008
  • स्थान- चामुंडा माता मंदिर, मेहरानगढ़ (जोधपुर)
  • मेहरानगढ़ दुखान्तिका की जाँच के लिए जसराज चोपड़ा आयोग (Jasraj Chopara Commission) बनाया गया था।


9. तन्नौट माता या तनोट माता (Tanot Mata)-

  • मंदिर- तन्नौट, जैसलमेर जिला, राजस्थान
  • तन्नौट माता को थार की वैष्णो देवी कहा जाता है।
  • सीमा सुरक्षा बल (B.S.F.) के सैनिक तन्नौट माता की पूजा करते हैं।
  • तन्नौट माता को रुमाल की देवी कहा जाता है।


10. स्वांगिया माता (Swangiya Mata)-

  • मंदिर- भादरिया, जैसलमेर जिला, राजस्थान
  • स्वांगिया माता जैसलमेर के भाटी राजवंश की कुल देवी है।
  • स्वांग का शाब्दिक अर्थ 'भाला' (Javelin) होता है।
  • प्रतीक- स्वांगिया माता का प्रतीक 'सुगन चिड़ी' (Sugan Chidi) होता है।
  • जैसलमेर के राज चिह्न में सुगन चिड़ी के हाथ में मुड़ा हुआ भाला है।
  • भादरिया (जैसलमेर) में भूमिगत पुस्तकालय बना हुआ है।


11. आवड़ माता (Awar Mata)-

  • मंदिर- जैसलमेर, राजस्थान

  • आवड़ माता जैसलमेर के भाटी राजवंश की ईष्ट देवी है।


12. सुंधा माता (Sundha Mata)-

  • मंदिर- जसवन्तपुरा की पहाड़ियां, भीनमाल, जालौर जिला, राजस्थान
  • सुंधा माता कें मंदिर में रोप वे (Rope Way) स्थापित किया जा चुका है। 
  • भीनमाल में पहाड़ियों की रेंज को जसवन्तपुरा की पहाड़ियां कहा जाता है।
  • जसवन्तपुरा की पहाड़ियों में एक पहाड़ी है जिसका नाम सुंधा पहाड़ी और इसी सुंधा पहाड़ी पर चामुंडा माता का मंदिर है इसलिए चामुंडा माता को ही सुंधा माता कहा जाता है


13. शीतला माता (Sheetala Mata)-

  • मंदिर- चाकसू, जयपुर जिला, राजस्थान
  • वाहन- गधा
  • कुम्हार जाति के लोग शीतला माता की पूजा करते हैं।
  • शीतला माता को चेचक रक्षक देवी भी कहा जाता है।
  • महिलाएं संतान प्राप्ति के लिए शीतला माता की पूजा करती है।
  • मेला- शीतला माता का मेला चैत्र कृष्ण अष्टमी के दिन लगता है।
  • शीतला माता राजस्थान की एकमात्र ऐसी लोक देवी है जिनकी खंडित मूर्ति की पूजा की जाती है।


14. कैला देवी (Kaila Devi)-

  • मंदिर- त्रिकूट पर्वत, करौली जिला, राजस्थान
  • कैला देवी करौली के जादौन राजवंश की कुल देवी है।
  • कैला देवी के भक्तों को लांगुरिया कहा जाता है।
  • कैला देवी के भक्तों के द्वारा लांगुरिया गीत गाये जाते हैं।
  • कैला देवी को भगवान श्री कृष्ण की बहन माना जाता है।
  • मेला- कैला देवी का मेला चैत्र शुक्ल अष्टमी के दिन लगता है।
  • कैला देवी का मेला वर्ष में केवल एक बार भरता है।
  • कैला देवी के मंदिर के सामने बोहरा भक्त की छतरी है।
  • बोहरा भक्त की छतरी में छोटे बच्चों का इलाज किया जाता है।


15. ब्राह्मणी माता (Brahmani Mata)-

  • मंदिर- सोरसन, बारां जिला, राजस्थान
  • मेला- ब्राह्मणी माता का मेला माघ शुक्ल सप्तमी के दिन लगता है।
  • ब्राह्मणी माता का मेला गधों का मेला होता है।
  • ब्राह्मणी माता राजस्थान की एकमात्र ऐसी लोक देवी है जिनकी पीठ की पूजा की जाती है।


16. छींक माता (Chhink Mata)-

  • मंदिर- जयपुर, जयपुर जिला, राजस्थान

  • मेला- छींक माता का मेला माघ शुक्ल सप्तमी के दिन लगता है।


17. ज्वाला माता (Jwala Mata)-

  • मंदिर- जोबनेर, जयपुर जिला, राजस्थान

  • ज्वाला माता कछवाह राजवंश की खंगारोत शाखा की ईष्ट देवी है।


18. आवरी माता (Awari Mata)-

  • मंदिर- निकुम्भ, चित्तौड़गढ़ जिला, राजस्थान

  • आवरी माता के निकुम्भ स्थित मंदिर में लकवाग्रस्त लोगो का ईलाज किया जाता है।


19. बडली माता (Barali Mata)-

  • मंदिर- आकोला, चित्तौड़गढ़ जिला, राजस्थान

  • बडली माता के आकोला स्थित मंदिर में दो तिबारियां बनी हुई है। जहाँ छोटे बच्चों का ईलाज किया जाता है।


20. महामाया (Mahamaya)-

  • मंदिर- मावली, उदयपुर जिला, राजस्थान

  • महामाया को शिशुरक्षक लोक देवी कहा जाता है।


21. अम्बिका माता (Ambika Mata)-

  • मंदिर- जगत, उदयपुर जिला, राजस्थान

  • अम्बिका माता के जगत स्थित मंदिर को मेवाड़ का खजुराहो कहा जाता है।


22. आमज माता (Amaj Mata)-

  • मंदिर- रींछेड, राजसमंद जिला, राजस्थान

  • भील जनजाति के लोक आमज माता की पूजा करते हैं।


23. त्रिपुर सुन्दरी (Tripur Sundari)-

  • मंदिर- उमराई, (तलवाड़ा के पास), बांसवाड़ा जिला, राजस्थान
  • लोग जाति के लोग त्रिपुरा सुन्दरी की पूजा करते हैं।
  • अन्य नाम- तुरताई माता


24. माता रानी भटियाणी (Mata Rani Bhatiyani)-

  • जन्म स्थान- जोगीदास, जैसलमेर जिला, राजस्थान
  • मंदिर- जसोल, बाड़मेर जिला, राजस्थान
  • मेला- माता रानी भटियाणी का मेला भाद्रपद शुक्ल त्रियोदशी के दिन लगता है।
  • अन्य नाम- भुआ सा
  • ढोली जाति के लोग माता रानी भटियाणी की पूजा करते हैं।
  • जसोल (बाड़मेर) में लाल सिंह का मंदिर भी बना हुआ है।
  • लाल सिंह माता रानी भटियाणी का पुत्र था।


25. रानी सती (Rani Sati)-

  • वास्तविक नाम- नारायणी देवी
  • अन्य नाम- दादी सती
  • मंदिर- झुंझुनूं, झुंझुनूं जिला, राजस्थान
  • मेला- रानी सती का मेला भाद्रपद अमावस्या के दिन लगता है।
  • पति- तनधनदास अग्रवाल


26. नारायणी माता (Narayani Mata)-

  • मंदिर- बरवा पहाड़ी, अलवर जिला, राजस्थान
  • नारायणी माता नाई जाति की कुल देवी है।
  • मीणा जाती के लोग नारायणी माता की पूजा करते हैं।


27. कैवाय माता (Kaivay Mata)-

  • मंदिर- किणसरिया, नागौर जिला, राजस्थान
  • कैवाय माता दहिया राजपूतों की कुल देवी है।
  • किणसरिया में स्थित कैवाय माता के मंदिर का निर्माण चच्च दहिया ने करवाया था।


28. दधीमती माता (Dadhimati Mata)-

  • मंदिर- गोठ मांगलोद गाँव, नागौर जिला, राजस्थान

  • दधीमती माता दाधीच ब्राह्मणों की कुल देवी है।


29. भंवाल माता (Bhanwal Mata)-

  • मंदिर- भंवाल गाँव, नागौर जिला, राजस्थान
  • भंवाल में स्थित भंवाल माता के मंदिर में ढाई प्याले शराब चढ़ाई जाती है।
  • भंवाल गाँव के नाम पर ही माता का नाम भंवाल माता पड़ा है।


30. कंठेसरी माता (Kanthesari Mata)-

  • कंठेसरी माता आदिवासियों की कुल देवी है।


31. राजेश्वरी माता (Rajeshwari Mata)-

  • मंदिर- भरतपुर जिला, राजस्थान

  • राजेश्वरी माता भरतपुर के जाट राजवंश की कुल देवी है।


32. हर्षद माता (Harshad Mata)-

  • मंदिर- आभानेरी, दौसा जिला, राजस्थान
  • मूल रूप से हर्षद माता का मंदिर एक विष्णु मंदिर था। अर्थात् हर्षद माता के मंदिर के स्थान पर पहले विष्णु मंदिर था।
  • आभानेरी स्थित हर्षद माता के मंदिर का निर्माण प्रतिहार शासन काल में चौहानो ने करवाया था।
  • हर्षद माता के मंदिर के सामने चांद बावडी बनी हुई है।


33. भदाणा माता (Bhadana Mata)-

  • मंदिर- कोटा जिला, राजस्थान


34. मरकंडी माता (Markandi Mata)-

  • मंदिर- निमाज, पाली जिला, राजस्थान


35. क्षेमकरी माता (Kshemkari Mata)-

  • मंदिर- भीनमाला, जालौर जिला, राजस्थान


36. जिलाड़ी माता (Jiladi mata)-

  • मंदिर- बहरोड़, अलवर जिला, राजस्थान


37. धौलागढ़ देवी (Dhaulagarh Devi)-

  • मंदिर- अलवर जिला, राजस्थान


38. नकटी माता (Nakati Mata)-

  • मंदिर- जय भवानीपुरा, जयपुर जिला, राजस्थान


39. वाकल माता (Vakal Mata)-

  • मंदिर- वीरातरा, बाड़मेर जिला, राजस्थान


40. अधर देवी (Adhar Devi) या अर्बुद माता (Arbud Mata)-

  • मंदिर- माउंट आबू, सिरोही जिला, राजस्थान


41. हिंगलाज माता (Hinglaj Mata)-

  • मंदिर- लासवेला, पाकिस्तान


42. घेवर माता (Ghevar Mata)-

  • मंदिर- राजसमंद जिला, राजस्थान


43. ब्रह्माणी माता (Brahmani Mata)-

  • मंदिर- पल्लू, हनुमानगढ़ जिला, राजस्थान

  • पल्लू स्थित ब्रह्माणी माता के मंदिर में कालिका माता की मूर्ति भी लगी हुई है।

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