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मेक इन इंडिया (Make In India)

मेक इन इंडिया (Make In India)- औद्योगिक क्षेत्र से संबंधित प्रमुख योजनाएं (Major Schemes Related to Industry Sector)

  • मेक इन इंडिया की शुरुआत 25 सितंबर 2014 को की गई थी।
  • भारत को विनिर्माण (Manufacturing) क्षेत्र का वैश्विक हब (Global Hub) बनाने तथा भारत को एक आदर्श निवेश स्थल (Ideal Investment Destination) के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से मेन इन इंडिया पहल की शुरुआत की गई थी।
  • मेक इन इंडिया कार्यक्रम भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय (Ministry of Commerce and Industry) के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्ध विभाग (Department for Promotion of Industry and Internal Trade- DPIIT) के अधीन कार्यरत है।
  • मेक इन इंडिया कार्यक्रम विश्व के संभावित निवेशकों तथा भागीदारों को न्यू इंडिया के विकास में भाग लेने के लिए दिया जाने वाला एक खुला निमंत्रण है।
  • मेक इन इंडिया कार्यक्रम का निर्माण सहयोगात्मक प्रयासो को आधार बनाकर किया गया है।


मेक इन इंडिया का उद्देश्य (Objectives of Make in India)-

  • भारत में नए औद्योगिकरण के लिए विदेशी निवेश को आकर्षित करना।

  • मध्यावधि में विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) क्षेत्र की वृद्धि को 12% से 14% वार्षिक करने का लक्ष्य।
  • भारत के सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी को वर्ष 2022 तक 16% से बढ़ाकर 25% करना।
  • वर्ष 2022 तक भारत में 100 Million अतिरिक्त रोजगार सृजित करना।
  • भारत में निर्यात आधारित विकास को बढ़ावा देना।
  • निवेश को सुविधाजनक बनाना।
  • नवप्रयोग को बढ़ावा देना।
  • कौशल विकास में वृद्धि करना।
  • बौद्धिक सम्पदा को सुरक्षा देना।
  • सर्वोत्तम श्रेणी का मैन्युफैक्चरिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्मित करना।


मेक इन इंडिया के चार स्तंभ (Four Pillars of Make in India)-

  • मेक इन इंडिया कार्यक्रम चार स्तंभो पर आधारित है।
  • मेक इन इंडिया पहल के चार स्तंभों को भारत में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए चिह्नित किया गया है।
  • मेक इन इंडिया कार्यक्रम के चार स्तंभ जैसे-
  • (I) नई प्रक्रियाए (New Processes)
  • (II) नया इन्फ्रास्ट्रक्चर (New Infrastructure)
  • (III) नए क्षेत्र (New Sectors)
  • (IV) नया दृष्टिकोण (New Mindset)


(I) नई प्रक्रियाए (New Processes)-

  • मेक इन इंडिया कार्यक्रम में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए सबसे महत्वपूर्ण अकेले कारक के रूप में कारोबार करने की आसानी (Ease of Doing Business) की पहचान की गई।

  • मेक इन इंडिया कार्यक्रम का उद्देश्य है कि किसी कारोबार (Business) के संपूर्ण जीवन चक्र के लिए उद्योग को लाइसेंसमुक्त और विनियमन मुक्त किया जाए।


(II) नया इन्फ्रास्ट्रक्चर (New Infrastructure)-

  • उद्योगों की वृद्धि के लिए आधुनिक और सहायताकारी इन्फ्रास्ट्रक्चर एक बहुत महत्वपूर्ण जरूरत है।
  • भारत सरकार का इरादा आधुनिक हाई-स्पीड संचार और एकीकृत लॉजिस्टिक्स व्यवस्था के साथ आधुनिकतम टेक्नोलॉजी पर आधारित इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराने के लिए औद्योगिक कोरिडोर तथा स्मार्ट सिटीज विकसित करने का है।
  • इंडस्ट्रियल क्लस्टर्स में इन्फ्रास्ट्रक्चर के अपग्रेडेशन के जरिए भारत के मौजूदा इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जाएगा।
  • तेज गति की रजिस्ट्रेशन प्रणाली के जरिए भारत में नवप्रयोग और अनुसंधान कार्यकलापों को समर्थन दिया जाएगा।


(III) नए क्षेत्र (New Sectors)-

  • मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत मैन्युफैक्चरिंग, इन्फ्रास्ट्रक्चर तथा सेवा के क्षेत्र में 25 क्षेत्रों को चिह्नित किया गया है।

  • मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत रक्षा उत्पादन, निर्माण और रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर में भारी पैमाने पर FDI खोल दिया गया है। 


(IV) नया दृष्टिकोण (New Mindset)-

  • मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत भारत सरकार द्वारा उद्योगों के साथ इंटरेक्ट करने के तरीके में आमूल-चूल बदलाव लाना चाहती है।
  • मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत भारत सरकार देश के आर्थिक विकास में उद्योगों के साथ साझेदारी करेगी।
  • मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत भारत सरकार का नजरिया एक सहायता करने वाले का होगा न कि विनियामक का।

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