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भारत के गवर्नर जनरल (Governor General of India)

भारत के गवर्नर जनरल (Governor General of India)-

  • 1833 ई. के चार्टर एक्ट द्वारा बंगाल के गवर्नर जनरल को भारत का गवर्नर जनरल बना दिया गया था।

  • विलियम बैंटिक (William Bentinck) भारत का प्रथम गवर्नर जनरल था।


भारत के गवर्नर जनरल का क्रम (Order of Governor General of India)-

  • 1. विलियम बैंटिक (William Bentinck)- 1828-1835 ई.
  • 2. चार्ल्स मेटकॉफ (Charles Metcalfe)- 1835-1836 ई.
  • 3. लॉर्ड ऑकलैण्ड (Lord Auckland)- 1836-1842 ई.
  • 4. लॉर्ड एलनबरो (Lord Ellen Borough)- 1842-1844 ई.
  • 5. लॉर्ड हार्डिंग प्रथम (Lord Hardinge-I)- 1844-1848 ई.
  • 6. लॉर्ड डलहौजी (Lord Dalhousie)- 1848-1856 ई.


1. विलियम बैंटिक (William Bentinck)-

  • शासन काल (Time Period)- 1828-1835 ई.
  • भारत में बंगाल के गवर्नर जनरल के रूप में आया था।
  • "1833 ई. के चार्टर एक्ट" (Charter Act of 1833 AD.) के द्वारा विलियम बैंटिक को भारत का गवर्नर जनरल बना दिया गया था।
  • विलियम बैंटिक "व्हीग दल" (Whig Group) का सदस्य था।
  • विलियम बैंटिक बेंथम (Bentham) तथा मिल (Mill) के उपयोगितावाद सिद्धांत में विश्वास रखता था।
  • विलियम बैंटिक बेंथम का अनुयायी था।
  • विलियम बैंटिक बेंथम को पत्र लिखा करता था एवं कहता था की वैचारिक रूप से आप ही यहाँ शासन करेंगे।
  • विलियम बैंटिक ने अफीम के व्यापार का नियमन किया था एवं केवल बॉम्बे बंदरगाह से अफीम का व्यापार किया जा सकता था।
  • विलियम बैंटिक ने कॉर्नवालिस द्वारा स्थापित भ्रमणशील अदालतों (Mobile Court) को बंद कर दिया गया था।
  • न्यायालय में फारसी के स्थान पर स्थानीय भाषाओं का प्रयोग भी किया जा सकता था।
  • 1835 ई. में विलियम बैंटिक ने कलकत्ता में मेडिकल कॉलेज (Medical College) की स्थापना की।
  • यह भारत का प्रथम मेडिकल कॉलेज था।
  • 1835 ई. में अंग्रेजी को भारत की प्रशासनिक भाषा (Administrative Language of India) बना दिया गया था।
  • विलियम बैंटिक प्रेस पर प्रतिबंध के खिलाफ था।
  • विलियम बैंटिक ने 1831 ई. में मैसूर (Mysore) तथा 1834 ई. में कुर्ग (Coorg) व कछार (Kachhar) को अंग्रेजी रियासत में मिला लिया था।
  • विलियम बैंटिक ने मैसूर पर कुशासन का आरोप लगाया था।
  • 1833 ई. के चार्टर एक्ट के अनुसार मैकाले विधि सदस्य के रूप में भारत आया था।
  • मैकाले ने भारत में "कानूनों का संहिताकरण" (Codification of Laws) किया था।


सती प्रथा (Practice of Sati)-

  • 1829 ई. में धारा-17 के तहत बंगाल में सती प्रथा पर रोक लगा दी गई।
  • बंगाल में सती प्रथा पर रोक राजा राममोहन राय के प्रयासों से लगी थी।
  • 1830 ई. में सम्पूर्ण ब्रिटिश भारत में सती प्रथा पर रोक लगा दी गई थी।
  • राधाकांत देव ने सती प्रथा पर प्रतिबंध का विरोध किया था।
  • राधाकांत देव के संगठन का नाम धर्मसभा (Dharam Sabha) था।


ठगी प्रथा (Practice of Thuggee)-

  • विलियम बैंटिक ने ठगी प्रथा का उन्मूलन (Suppressed) किया था।

  • कर्नल स्लीमैन (Colonel Salimen) के नेतृत्व में ठगी प्रथा का उन्मूलन किया गया था।


आंग्ल-प्राच्य विवाद (Anglo-Oriental Dispute)-

  • 1813 ई. के चार्टर एक्ट में भारत में शिक्षा के विकास के लिए प्रतिवर्ष 1 लाख रुपये का प्रावधान था।
  • 1833 ई. के चार्टर एक्ट में भारत में शिक्षा के विकास के लिए प्रतिवर्ष 10 लाख रुपये का प्रावधान किया गया। लेकिन इसके उपयोग को लेकर विवाद हो गया था।
  • लोक शिक्षा समिति (Public Education Committee) के 5 सदस्य अंग्रेजी के समर्थक थे तथा शेष 5 सदस्य संस्कृत एवं फारसी भाषा के समर्थक थे।
  • विलियम बैंटिक ने मैकाले को लोक शिक्षा समिति का अध्यक्ष बनाया।
  • 2 फरवरी 1835 ई. को मैकाले स्मरण पत्र (Macaulay Minute) जारी किया गया। तथा मैकाले ने अपना प्रसिद्ध विप्रवेशन या निस्यंदन सिद्धांत (Well-Known Trickle Down Theory) दिया।
  • मैकाले के विप्रवेशन या निस्यंदन सिद्धांत के तहत भारतीय उच्च वर्ग को अंग्रेजी माध्यम में पाश्चात्य शिक्षा दी जायेगी।
  • उच्च वर्ग से यह शिक्षा टपक-टपक कर या छन-छन कर जनसाधारण तक पहुँच जायेगी।
  • 7 मार्च 1835 ई. को मैकाले के विप्रवेशन या निस्यंदन सिद्धांत को सरकार ने स्वीकार कर लिया।
  • कालांतर में गवर्नर जनरल लॉर्ड ऑकलैण्ड के द्वारा विप्रवेशन या निस्यंदन सिंद्धांत को लागू किया था।
  • लोक शिक्षा समिति के अंग्रेजी समर्थक (English Supporters of Public Education Committee)-
  • (I) बैंटिक (Bentinck)
  • (II) मैकाले (Macaulay)
  • (III) मुनरो (Munro)
  • (IV) एलफिंसटन (Elphinstone)
  • (V) ट्रेवेलियन (Trevelyan)
  • (VI) राजा राम मोहन राय (Raja Ram Mohan Ray)
  • प्राच्य समर्थक (Supporter of Oriental)-
  • (I) जेम्स प्रिंसेप (James Princep)
  • (II) थॉमस प्रिंसेप (Thomas Princep)
  • (III) विल्सन (Willson)


अंग्रेज शिक्षा लागू करने के कारण (Reasons of Why Britishers Implemented English)-

  • (I) ईस्ट इंडिया कंपनी को सस्ते कर्मचारी चाहिए थे।
  • (II) ईस्ट इंडिया कंपनी अपने प्रशासनिक सुधारों (Administrative Reforms) को आसानी से लागू करना चाहती थी।
  • (III) शिक्षा के माध्यम से भारतीय की मानसिकता बदली जाये ताकि वे अंग्रेजी राज्य के समर्थक बन जाये।
  • (IV) अंग्रेजी शिक्षा के कारण भारतीय अंग्रेजी संस्कृति के समर्थक बना जायेंगे जिससे अंग्रेजों का व्यापार वाणिज्य बढ़ेगा।
  • (V) अंग्रेजी शिक्षा के माध्यम से ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार करना चाहते थे।


2. चार्ल्स मैटकॉफ (Charles Metcalfe)-

  • शासन काल (Time Period)- 1835-1836 ई.
  • चार्ल्स मेटकॉफ को "समाचार पत्रों का मुक्तिदाता" (Liberator of Press) कहा जाता है।
  • चार्ल्स मेटकॉफ ने 1818 ई. में राजस्थान की रियासतों के साथ संधि करने के लिए अंग्रेजों की तरफ से प्रतिनिधित्व किया था।


3. लॉर्ड ऑकलैण्ड (Lord Auckland)-

  • शासन काल (Time Period)- 1836-1842 ई.
  • लॉर्ड ऑकलैण्ड ने कलकत्ता से दिल्ली के बीच "G.T. Road" (Grand Trunk Road) का पुनर्निर्माण करवाया था।


प्रथम आंग्ल-अफगान युद्ध (First Anglo-Afghan War)-

  • समय- 1839-1842 ई.
  • कारण (Reason)- अफगानिस्तान का शासक दोस्त मोहम्मद रूस से दोस्ती कर रहा था।
  • 1809 ई. अफगानिस्तान का सहजादा (राजकुमार) सुजा भागकर सहायता के लिए रणजीत सिंह के पास आता है।
  • सुजा ने रणजीत सिंह को कोहिनूर हीरा भेंट किया।
  • कालांतर में सुजा भागकर अंग्रेजों के पास चला गया था।
  • 1839 ई. में सुजा + रणजीत सिंह + ईस्ट इंडिया कंपनी के मध्य एक समझौता हुआ एवं अंग्रेजों ने अफगानिस्तान पर आक्रमण कर दिया।
  • आरम्भ में अंग्रेजों को अफगानिस्तान में सफलता मिली एवं अंग्रेजों की सहायता से सुजा अफगानिस्तान का शासक बना।
  • कालांतर में अफगानों ने सुजा की हत्या कर दी।
  • इसके बाद अंग्रेज युद्ध में हारना आरम्भ होते हैं।


4. लॉर्ड एलनबरो (Lord Ellen Borough)-

  • शासन काल (Time Period)- 1842-1844 ई.
  • 1843 ई. में सिन्ध का ब्रिटिश भारत में विलय किया गया।
  • यह विलय चार्ल्स नेपियर के नेतृत्व में हुआ था।
  • चार्ल्स नेपियर ने सिन्ध विलय को अफगानिस्तान अभियान की पूँछ कहा था।
  • 1843 ई. में दारा-5 के तहत दास प्रथा (Slavery System) पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
  • दार प्रथा पर प्रतिबंध की घोषणा 1833 ई. के चार्टर एक्ट के तहत की गई थी।


5. लॉर्ड हार्डिंग प्रथम (Lord Hardinge-I)-

  • शासन काल (Time Period)- 1844-1848 ई.


प्रथम आंग्ल-सिख युद्ध (First Anglo-Sikh War)-

  • समय- 1845-1846 ई.
  • कारण-
  • (I) 1839 ई. में रणजीत सिंह की मृत्यु हो गई थी।
  • (II) रणजीत सिंह की मृत्यु के बाद सिख दो भागों में विभाजित हो गये थे।
  • (III) अंग्रेजों की साम्राज्यवादी निति।
  • (IV) रणजीत सिंह के उत्तराधिकारी अयोग्य थे।
  • रणजीत सिंह के उत्तराधिकारियों के नाम-
  • (I) खडग सिंह
  • (II) नौनिहाल सिंह
  • (III) शेर सिंह
  • (IV) दुलिप सिंह या दिलीप सिंह
  • अंग्रेजों या ईस्ट इंडिया कंपनी ने पंजाब पर आक्रमण कर दिया।


सबराओ का युद्ध (Battle of Sobraon)-

  • स्थान- सबराओ, पंजाब
  • समय- 10 फरवरी 1846 ई.
  • मध्य- सिख Vs अंग्रेज
  • सबराओ के युद्ध में सिख निर्णायक रूप से पराजीत हुए एवं सिखों ने अंग्रजों के साथ लाहौर की संधि की।


लाहौर की संधि (Treaty of Lahore)-

  • समय- 1846 ई.

  • मध्य- अंग्रेज + सिख


लाहौर की संधि के प्रावधान (Provisions of Treaty of Lahore)-

  • सिखो पर 1.5 करोड़ रूप युद्ध हरजाना लगाया।
  • सिखो ने अंग्रेजों को कश्मीर दे दिया।
  • ईस्ट इंडिया कंपनी ने कश्मीर गुलाब सिंह जम्वाल को बेच दिया था।
  • जालन्दर-दोआब ईस्ट इंडिया कंपनी को दे दिया था।
  • सिख सेनिकों की संख्या कम कर दी गई। जैसे- 20,000 पैदल सैनिक व 12,000 सवार सैनिक
  • दिलीप सिंह के सुरक्षा के लिए एक सेना लाहौर में नियुक्त की गई।


6. लॉर्ड डलहौजी (Lord Dalhousie)-

  • शासन काल (Time Period)- 1848-1856 ई.
  • लॉर्ड डलहौजी भारत का सबसे युवा गवर्नर जनरल था।
  • लॉर्ड डलहौजी आधुनिक भारत के मानचित्र का निर्माता था।
  • लॉर्ड डलहौजी ने भारतीय रियासतों का ब्रिटिश साम्राज्य में विलय किया था। जैसे-
  • (A) युद्ध द्वारा किये गये विलय (Merger Through War)
  • (B) शान्तिपूर्ण तरीके से किये गये विलय (Merger Through Peaceful Way)


(A) युद्ध द्वारा किये गये विलय (Merger Through War)-

  • (I) पंजाब (Punjab)- 1849 ई.
  • (II) सिक्किम (Sikkim)- 1850 ई.
  • (III) लोअर बर्मा (Lower Burma)- 1852 ई.
  • (IV) पीगू (Pegu)- 1852 ई.


(I) पंजाब (Punjab)-

  • समय- 1849 ई.
  • कारण- अंग्रेज सिखों के आंतरिक मामलों में अत्यधिक हस्तक्षेप करते थे।
  • मुलतान के गवर्नर मुलराज ने एक ब्रिटिश अधिकारी की हत्या कर दी इस कारण पंजाब में कई अंग्रेजों की हत्या कर दी गई थी।
  • लॉर्ड डलहौजी ने पंजाब पर आक्रमण कर दिया एवं कहा की मैं यह युद्ध बदले की भावना से लडूंगा।


चिलयानवाला युद्ध (Battle of Chillianwala)-

  • स्थान- चिलयांवाला, पंजाब
  • समय- 1849 ई.
  • मध्य- सिख Vs अंग्रेज
  • चिलयानवाला युद्ध में अंग्रेजों की तरफ से सेनापति गफ ने भाग लिया।
  • चिलयानवाला युद्ध, अनिर्णायक युद्ध था।
  • चिलयानवाला युद्ध में गफ ने जीत का दावा किया था। इस पर लॉर्ड डलहौजी ने कहा था की ऐसी जीत भारत में ब्रिटिश साम्राज्य को बरबाद कर देगी।


गुजरात का युद्ध (Battle of Gujrat)-

  • स्थान- गुजरात, पंजाब
  • समय- 1849 ई.
  • मध्य- सिख Vs अंग्रेज
  • गुजरात युद्ध में अंग्रेजों की तरफ से सेनापति गफ ने भाग लिया था।
  • गुजरात युद्ध को ही तोपों वाला युद्ध भी कहा जाता है।
  • गुजरात युद्ध में सिख निर्णायक रूप से हार गये थे तथा अंग्रेज जीत गये थे।
  • दलीप सिंह को पेंशन देकर लंदन भेज दिया गया था।
  • दलीप सिंह ने ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया एवं यूरोप में ही दलीप सिंह की मृत्यु हो गयी थी।
  • अंग्रेजों ने दलीप सिंह से कोहिनूर हीरा भी ले लिया था।
  • पंजाब का विलय ब्रिटिश साम्राज्य में कर दिया गया था।
  • गुजरात के युद्ध में अंग्रेजों ने चार्ल्स नेपियर को भेजा गया था। लेकिन चार्ल्स नेपियर के आने से पहले ही गफ ने युद्ध लड़ लिया था।


(B) शान्तिपूर्ण तरीके से किये गये विलय (Merger Through Peaceful Way)-

  • शान्तिपूर्ण तरीके से किये गये विलय अर्थात् गोद निषेद नीति या व्यपगत नीति या हड़प नीति (Doctrine of Lapse) के किये गये विलय।
  • लॉर्ड डलहौजी ने भारतीय रियासतों को तीन भागों में बाटा जैसे-
  • (I) वे रियासते जो अंग्रेजों के आने के समय स्वतंत्र थी तथा बाद में अंग्रेजों से संधियां कर लेती थी।
  • (II) वे रियासते जो पहले मुगलों या मराठों के अधीन थी तथा बाद में अंग्रेजों के अधीन हो गई थी।
  • (III) अंग्रेजों द्वारा पुनर्स्थापित की गई रियासतें।
  • पहली श्रेणी की रियासतों को गोद लेने का अधिकार था।
  • दूसरी व तीसरी श्रेणी की रियासतों को गोद लेने से पहले पूछना पड़ेगा।
  • दूसरी श्रेणी की रियासतों को यथासंभव अनुमति दे दी जायेगी लेकिन तीसरी रियासतों का विलय कर दिया जायेगा।
  • शान्तिपूर्ण तरीके से निम्न रियासतों का विलय हुआ-
  • (I) सतारा, महाराष्ट्र (Satara, Maharashtra)- 1848 ई.
  • (II) जैतपुर, उत्तर प्रदेश (Jaitpur, Uttar Pradesh)- 1849 ई.
  • (III) संभलपुर, ओडिशा (Sambhalpur, Odisha)- 1849 ई.
  • (IV) बघाट, हिमाचल प्रदेश (Baghat, Himachal Pradesh)- 1850 ई.
  • (V) उदेपुर, मध्य प्रदेश (Udaipur, Madhya Pradesh)- 1852 ई.
  • (VI) झाँसी, मध्य प्रदेश (Jhansi, Madhya Pradesh)- 1853 ई.
  • (VII) नागपुर, महाराष्ट्र (Nagpur, Maharashtra)- 1854 ई.
  • (VIII) करौली, राजस्थान (Karauli, Rajasthan)- 1855 ई.
  • कोर्ट ऑफ डायरेक्टर्स के कहने पर करौली वापस दे दिया गया था।


लॉर्ड डलहौजी-

  • 1856 ई. में कुशासन का आरोप लगाकर लॉर्ड डलहौजी ने अवध का विलय ब्रिटिश भारत में कर लिया था।
  • यह विलय आउट्रम (Outrum) की रिपोर्ट के आधार पर किया गया था।
  • अवध के ब्रिटश भारत में विलय के समय आउट्रम अवध का रेजीडेंट था।
  • आउट्रम से पहले अवध का रेजीडेंट स्लीमैन था। अर्थात् स्लीमैन को हटाकर आउट्रम को अवध का रेजीडेंट बनाया गया था।
  • 1851 ई. में लॉर्ड डलहौजी ने अवध के बारे में कहा था की "एक दिन यह चेरी (ग्लासफल) हमारे मुँह में आकर गिरेगी।"
  • अवध के नवाब वाजिद अली शाह को कलकत्ता भेज दिया गया था।
  • वाजिद अली शाह ने लखनऊ में कैसरबाग का निर्माण करवाया।
  • बड़ा इमाम बाड़ा एवं छोटा इमाम बाड़ा लखनऊ की प्रसिद्ध इमारते हैं।
  • बड़ा इमाम बाड़ा को लखनऊ की भूल भुलैया कहा जाता है।
  • वाजिद अली शाह को ठुमरी कत्थक का जनक कहा जाता है।
  • 1853 ई. में लॉर्ड डलहौजी ने बकाया धन के बदले हैदराबाद से बरार छीन लिया था।
  • 1853 ई. में लॉर्ड डलहौजी ने पेशवा बाजीराव द्वितीय के पुत्र पेशवा नानासाहब की पेंशन बंद कर दी थी।
  • 1853 ई. में लॉर्ड डलहौजी ने कर्नाटक (Carnatic) के नवाब की पेंशन बंद कर दी थी।
  • 1855 ई. में लॉर्ड डलहौजी ने तंजौर के राजा की उपाधि छीन ली थी।
  • लॉर्ड डलहौजी ने मुगल बादशाह की उपाधि छीनने का प्रयास किया था तथा लाल किला खाली करने के आदेश दिये थे।


लॉर्ड डलहौजी के सुधार (Reforms of Lord Dalhousie)-

  • 1852 ई. में लॉर्ड डलहौजी ने भारत में तार सेवा (Telegram Service) शुरू की थी।
  • तार विभाग का प्रमुख ओ.शेघनेसी (O'Shaughnessy) था।
  • 1853 ई. में लॉर्ड डलहौजी ने भारत में रेल सेवा शुरू की थी।
  • भारत में पहली रेल बॉम्बे (बोरी बंदर) से थाणे के बीच चलाई गई थी।
  • भारत के पहले रेल इंजन का नाम फेयरी क्वीन (Fairy Queen) था।
  • 1854 ई. में लॉर्ड डलहौजी ने डाकघर अधिनियम, 1854 (Postal Act, 1854) के तहत भारत में डाक सेवा शुरू की थी।
  • डाक टिकट 2 पैसे का होता था।
  • लॉर्ड डलहौजी ने सैनिकों के लिए डाक टिकट अनिवार्य कर दिया था। अर्थात् सैनिकों के लिए मुफ्त डाक सेवा को बंद कर दिया था।
  • 1854 ई. में सार्वजनिक निर्माण विभाग (Public Works Department- PWD) बनाया गया था।
  • 1854 ई. में लॉर्ड डलहौजी ने उत्तर प्रदेश में गंग नहर (Gang Canal) का निर्माण करवाया था।
  • 1854 ई. में लॉर्ड डलहौजी ने शिक्षा में सुधार किये थे। ये सुधार चार्ल्स वुड (Charles Wood) के नेतृत्व में किये गये थे इसलिए इन्हें वुड-डिस्पैच (Wood Dispatch) कहा जाता है।
  • चार्ल्स वुड बोर्ड ऑफ कन्ट्रोल का अध्यक्ष था।
  • वुड डिस्पैच को भारतीय शिक्षा का मैग्नाकार्टा (Magna Carta of Indian Education) कहा जाता है।


वुड डिस्पैच के मुख्य प्रावधन (Provisions of Wood Dispatch)-

  • अंग्रेजी शिक्षा नीति का उद्देश्य पाश्चात्य ज्ञान का प्रचार-प्रसार करना है।
  • प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में ही दी जाये तथा माध्यमिक शिक्षा (5-10) अंग्रेजी तथा स्थानीय दोनों भाषा में दी जाये तथा उच्च शिक्षा केवल अंग्रेजी में होनी चाहिए।
  • जिला स्तर पर एंग्लो-वर्नाकुलर (दोनों भाषाओं में) स्कूल खोले जाये।
  • पाँचों प्रांतों में शिक्षा विभाग की स्थापना की जाये तथा इनमें कमिश्नर नियुक्त किया जाये जो गवर्नर जनरल को रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
  • कलकत्ता, बॉम्बे व मद्रास में विश्वविद्यालय खोले जाये।
  • अध्यापकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाये।
  • महिला शिक्षा को बढ़ावा दिया जाये, तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा दिया जाये तथा व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा दिया जाये।


लॉर्ड डलहौजी के प्रशासनिक सुधार (Administrative Reform of Lord Dalhousie)-

  • लॉर्ड डलहौजी ने नए जीते गए क्षेत्रों में "Non-Regulation Arrangement" लागू किया गया तथा इनमें कमिश्नर की नियुक्ति की जाती थी जो सीधा गवर्नर जनरल के प्रति उत्तरदायी होगा।


लॉर्ड डलहौजी के सैनिक सुधार (Military Reform of Lord Dalhousie)-

  • लॉर्ड डलहौजी द्वारा सैनिक मुख्यालय कलकत्ता से शिमला लाया गया।
  • लॉर्ड डलहौजी द्वारा तोपखाना या बारुदखाना कलकत्ता से मेरठ लाया गया।
  • लॉर्ड डलहौजी ने सेना में यूरोपियन्स, सिखों एवं गोरखों की संख्या बढ़ा दी थी।

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