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तापमापी (Thermometer)

तापमापी (Thermometer)-

  • ताप के मापन हेतु तापमापी (थर्मामीटर) का प्रयोग किया जाता है।


ताप (Temperature)-

  • ताप वह मान है जिससे किसी वस्तु के ठण्डे या गर्म होने का मापन किया जाता है।


तापमापी के प्रकार (Types of Thermometer)-

    • तापमापी या थर्मामीटर पाँच प्रकार के होते हैं। जैसे-
    • (I) सामान्यः तापमापी (General Thermometer)
    • (II) एल्कोहॉल तापमापी (Alcohol Thermometer)
    • (III) गैस तापमापी (Gas Thermometer)
    • (IV) प्लेटिनम प्रतिरोध तापमापी (Platinum Resistant Thermometer- PRT)
    • (V) पूर्ण विकिरण तापमापी (Total Radiation Thermometer) या पायरोमीटर (Pyrometer)


            (I) सामान्यः तापमापी (General Thermometer)-

            • सामान्यः तापमापी में पारे (Mercury) का प्रयोग किया जाता है।
            • पारा ऊष्मा पाकर प्रसारित होता है तथा दिखने में चमकिला होने के कारण सामान्यः तापमापी में पारे का प्रयोग किया जाता है।
            • पारे का हिमांक बिन्दु (Freezing Point) -39℃ होता है।
            • पारे का क्वथनांक बिन्दु (Boiling Point) 357℃ होता है।
            • सामान्यः तापमापी की परास (Range) -39℃ से 357℃ तक होती है।


            (II) एल्कोहॉल तापमापी (Alcohol Thermometer)-

            • कम तापमान के मापन के लिए एल्कोहॉल तापमापी का प्रयोग किया जाता है।
            • सामान्यतः एल्कोहॉल थर्मामीटर में एथिल एल्कोहॉल (Ethyl Alcohol = C2H5OH) का प्रयोग किया जाता है।
            • -200℃ से कम तापमान के मापन हेतु हिलियम गैस का प्रयोग किया जाता है।


            (III) गैस तापमापी (Gas Thermometer)-

            • अधिक तापमान के मापन के लिए गैस तापमापी का प्रयोग किया जाता है।
            • 500℃ तक के तापमान के मापन के लिए गैस थर्मामीटर में हाइड्रोजन (H2) गैस का प्रयोग किया जाता है।
            • 1500℃ तक के तापमान के मापन के लिए गैस थर्मामीटर में नाइट्रोजन (N2) गैस का प्रयोग किया जाता है।


            (IV) प्लेटिनम प्रतिरोध तापमापी (Platinum Resistant Thermometer- PRT)-

            • ताप बढ़ने के साथ-साथ चालक का प्रतिरोध बढ़ता है।
            • इसी सिद्धांत पर प्लेटिनम प्रतिरोध तापमापी का निर्माण किया जाता है या कार्य करता है।
            • प्लेटिनम प्रतिरोध तापमापी की परास (Range) -200℃ से 1200℃ तक होती है।
            • वर्तमान में काम में लिए जाने वाले डिजीटल थर्मामीटर, प्रतिरोध तापमापी (Resistance Thermometer) पर आधारित होते हैं।
            • R = R0 (1+αΔT)
            • (α = अल्फा, Δ = डेल्टा)


            (V) पूर्ण विकिरण तापमापी (Total Radiation Thermometer) या पायरोमीटर (Pyrometer)-

            • पूर्ण विकिरण तापमापी को पायरोमीटर (Pyrometer) भी कहा जाता है।
            • अत्यधिक तापमान के मापन के लिए पायरोमीटर का प्रयोग किया जाता है।
            • कोई भी पिण्ड गर्म होने पर विकिरणों का उत्सर्जन करता है अतः यह विकिरणें उस वस्तु के तापमान के चतुर्थ घात के समानुपाती (Proportional) होती है।
            • R ∝ T^4 = स्टीफन का नियम (Stefan's Law)
            • पायरोमीटर स्टीफन के नियम पर आधारित है अर्थात पायरोमीटर इसी सिद्धांत पर कार्य करता है।
            • सूर्य सहित सभी तारों का तापमान पायरोमीटर की सहायता से ज्ञात किया जाता है।
            • पायरोमीटर में तापमान के मापन के लिए न्यूनतम तापमान 800℃ तक होना चाहिए।

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