बंगाल के गवर्नर (Governor of Bengal)-
- 1. गवर्नर रॉबर्ट क्लाइव (Governor Robert Clive)
- 2. गवर्नर वेन्सिटार्ट (Governor Vansittart)
- 3. गवर्नर रॉबर्ट क्लाइव (Governor Robert Clive)
1. गवर्नर रॉबर्ट क्लाइव (Governor Robert Clive)-
- शासन काल (Time Period)- 1757-1760 ई.
- गवर्नर रॉबर्ट क्लाइव को भारत में ब्रिटिश साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक कहा जाता है।
- प्लासी के युद्ध के बाद रॉबर्ट क्लाइव को बंगाल का गवर्नर नियुक्त किया गया था।
- रॉबर्ट क्लाइव ने अंग्रेज सैनिकों के दौहरे भत्ते बंद कर दिये थे इस कारण अंग्रेजों ने रॉबर्ट क्लाइव के विरुद्ध विद्रोह कर दिया था।
- इस विद्रोह को भारत का पहला श्वेत विद्रोह कहा जाता है।
- रॉबर्ट क्लाइव ने इस विद्रोह का दमन कर दिया था।
- रॉबर्ट क्लाइव ने "सोसायटी ऑफ ट्रेड" (Society of Trade) की स्थापना की एवं अंग्रेजों के निजी व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिया था।
2. गवर्नर वेन्सिटार्ट (Governor Vansittart)-
- शासन काल (Time Period)- 1760-1765 ई.
- वेन्सिटार्ट ने मीर कासिम को बंगाल का नवाब बनाया था।
बक्सर का युद्ध (Battle of Buxar)-
- समय- 1764 ई.
- बक्सर के युद्ध के समय बंगाल का नवाब मीर कासिम था।
3. गवर्नर रॉबर्ट क्लाइव (Governor Robert Clive)-
- शासन काल (Time Period)- 1765-1767 ई.
- बंगाल के गवर्नर के रूप में रॉबर्ट क्लाइव का यह दूसरा शासन काल था।
- रॉबर्ट क्लाइव ने इलाहाबाद (प्रयाग) की संधियां की थी।
- रॉबर्ट क्लाइव ने बंगाल में द्वैति शासन लागू किया। (द्वैध शासन- कंपनी के पास दिवानी व नवाब के पास फौजदारी अधिकार)
- रॉबर्ट क्लाइव ने राजा शिताब राय को बिहार एवं मोहम्मद रजा खान को बंगाल का उपदीवान नियुक्त किया था।
रेगुलेटिंग एक्ट, 1773 (Regulating Act, 1773)-
- 1773 ई. के रेगुलेटिंग एक्ट (Regulating Act, 1773) के तहत बंगाल के गवर्नर को गवर्नर जनरल बना दिया गया था।
- 1773 ई. से पहले गवर्नर ही कहा जाता था लेकिन 1773 के बाद गवर्नर जनरल का पद स्थापित किया गया था।
बंगाल के गवर्नर जनरल (Governor General of Bengal)-
- बंगाल के गवर्नर जनरल का क्रम (Order of Governor General of Bengal)-
- 1. वारेन हेस्टिंग्स (Warren Hastings)- 1772-1785 ई.
- 2. लॉर्ड कॉर्नवालिस (Lord Cornwallis)- 1785-1793 ई.
- 3. जॉन शोर (John Shore)- 1793-1798 ई.
- 4. लॉर्ड रिचर्ड वेलेजली (Lord Richard Wellesley)- 1798-1805 ई.
- 5. लॉर्ड कॉर्नवालिस (Lord Cornwallis)- 1805 ई.
- 6. जॉर्ज बार्लो (George Barley)- 1805-1807 ई.
- 7. लॉर्ड मिंटो (Lord Minto)- 1807-1813 ई.
- 8. लॉर्ड हेस्टिंग्स (Lord Hastings)- 1813-1823 ई.
- 9. जॉन एडम (John Adam)- 1823 ई.
- 10. लॉर्ड एमहर्स्ट (Lord Amherst)- 1823-1828 ई.
1. वारेन हेस्टिंग्स (Warren Hastings)-
- शासन काल (Time Period)- 1772-1785 ई.
- वारेन हेस्टिंग्स बंगाल का गवर्नर (Governor) बन कर आया था लेकिन 1773 ई. में वारेन हेस्टिंग्स को गवर्नर जनरल (Governor General) बना दिया गया था।
- वारेन हेस्टिंग्स ने भारत में पहले मदरसे की स्थापना की थी। अर्थात् अंग्रेजों के द्वारा स्थापित किया गया यह पहला मदरसा था।
भू-राजस्व सुधार (Land Revenue Reform)-
- 1765 ई. में लार्ड क्लाइव के द्वारा लगाये गये द्वैध शासन (Diarchy) को भू-राजस्व सुधार के तहत 1772 ई. में वारेन हेस्टिंग्स के द्वारा समाप्त कर दिया गया तथा ईस्ट इण्डिया कंपनी ने सारी शक्तियां अपने पास में ले ली।
- भू-राजस्व सुधार के तहत वारेन हेस्टिंग्स ने 5 वर्षीय ठेका प्रणाली (Contract System) की शुरुआत की गई।
- नए जमीदारों (Zamidars/New Landlords) को ठेके (Contracts) दिए गए थे।
- नये जमीदार अनुभवहीन थे इसलिए ठेका प्रणाली असफल रही।
- 1776 ई. में ठेका प्रणाली को बंद कर 1 वर्षीय ठेका प्रणाली की शुरुआत की गई जिसमें पुराने जमींदारों को ठेके दिए गए।
न्यायिक सुधार (Judicial Reform)-
- जिला स्तर पर दीवानी (Civil Court) तथा फौजदारी (Criminal Court) न्यायालय स्थापित किए गए।
- जिला दीवानी न्यायालय (District Civil Court) में कलेक्टर न्यायाधीश होते थे।
- जिला फौजदारी न्यायालय (District Criminals Court) में भारतीय न्यायाधीश नियुक्त किए गए।
- जिला न्यायालयों से ऊपर अपील करने के लिए सदर दीवानी (Sadar Civil Court) तथा सदर निजामत (Sadar Nizamat Court) या सदर फौजदारी न्यायालय (Sadar Criminal Court) स्थापित किए गए।
- सदर दीवानी न्यायालय (Sadar Civil Court) में 500 रुपये से अधिक के मामले सुने जाते थे।
कलकत्ता सुप्रीम कोर्ट (Calcutta Supreme Court)-
- रेगुलेटिंग एक्ट, 1773 (Regulating Act, 1773) के तहत कलकत्ता में 1774 ई. में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की स्थापना की गई।
- सुप्रीम कोर्ट में भारतीय कानून के साथ-साथ अंग्रेजी कानून भी लागू होते थे।
- सुप्रीम कोर्ट का क्षेत्राधिकार केवल कलकत्ता क्षेत्र ही था।
- यदि दोनों पक्ष समहम हो तो बाहर का मामला भी कलकत्ता सुप्रीम कोर्ट (Calcutta Supreme Court) में सुना जा सकता था।
- कलकत्ता सुप्रीम कोर्ट के प्रमुख न्यायाधीश (Chief Justice of Calcutta Supreme Court)-
- (I) एलिजा इम्पे (Elijah Impey)- मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice)
- (II) चैबर्स (Chambers)
- (III) लीमेस्टर (Lemester)
- (IV) हाइड (Hyde)
- एलिजा इम्पे, वारेन हेस्टिंग्स का बचपन का मित्र था।
- "फतवा-ए-आलमगीर" (Fatwa-e-Alamgir) का अंग्रेजी अनुवाद किया गया था।
- फतवा-ए-आलमगीर इस्लामिक कानूनों का संकलन (Compilation) था।
- फतवा-ए-आलमगीर का संकलन औरंगजेब ने करवाया था।
- औरंगजेब को आलमगीर के नाम से भी जाना जाता था।
- "Code of Gentoo Laws" हिन्दू कानूनों का संकलन था।
- विलियम जॉन्स (William Johns) तथा कॉलब्रुक (Colebrook) ने "Digest of Hindu Laws" नामक पुस्तक लिखी थी।
- विलियम जॉन्स ने मनुस्मृति का अंग्रेजी अनुवाद किया था।
- 1784 ई. में विलिमय जॉन्स ने कलकत्ता में "एशियाटिक सोसाइटी ऑफ बंगाल" (Asiatic Society of Bengal) की स्थापना की थी।
- एशियाटिक सोसाइटी ऑफ बंगाल का कार्य भारतीय पुस्तकों का यूरोपीयन भाषा (European Language) में अनुवाद करना था।
- चार्ल्स विलकिंस (Wilkins) ने भगवत गीता (Bhagavad Gita) का अंग्रेजी अनुवाद किया था।
वारेन हेस्टिंग्स से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदु (Important Points)-
- वारेन हेस्टिंग्स ने अवध की बेगमों से धन लूटा था।
- वारेन हेस्टिंग्स बनारस में धन के बदले चेतसिंह को हटाकर उसके भतीजे महीपनारायण को राजा बना दिया था।
- बंगाली ब्राह्मण महाराज नदलाल को जालसाजी के आपोप में फंसा कर मृत्युदंड दिलवाया था।
- महाराज नदलाल को मृत्युदंड दिलाने के कारण एडमंड बर्क ने वारेन हेस्टिंग्स के खिलाफ महाभियोग (Impeachment) चलाया था।
2. लॉर्ड कॉर्नवालिस (Lord Cornwallis)-
- शासन काल (Time Period)- 1785- 1793 ई.
- लॉर्ड कॉर्नवालिस के शासन काल में जोनाथन डंकन ने बनारस में संस्कृत महाविद्यालय की स्थापना की थी।
- यह भारत का पहला संस्कृत महाविद्यालय था।
भू-राजस्व सुधार (Land Revenue Reform)-
- 1790 ई. में 10 वर्षीय ठेका प्रणाली की शुरुआत की गई।
- 10 वर्षीय ठेका प्रणाली में पुराने जमींदारों को ठेके दिए गए थे।
- 1793 ई. में 10 वर्षीय ठेका प्रणाली को स्थाई कर दिया गया था इसलिए लिए इस व्यवस्था को "स्थायी बंदोबस्त" (Permanent Settlement) कहा जाता है।
- 10 वर्षीय ठेका प्रणाली का प्रारूप (Draft) जॉन शोर ने तैयार किया था इसलिए 10 वर्षीय ठेका प्रणाली को "जॉन शेर व्यवस्था" (John Shore System) भी कहा जाता है।
- 10 वर्षीय ठेका प्रणाली के तहत राजस्व का 10/11 हिस्सा कंपनी को तथा 1/11 हिस्सा जमींदारों को दिया जाता था।
- 10 वर्षीय ठेका प्रणाली ब्रिटिश भारत के 19% क्षेत्रों में लागू होती थी। (राजस्व का 10/11 हिस्सा कंपनी को तथा 1/11 हिस्सा जमींदारों)
- यह व्यवस्था निम्न क्षेत्रों पर लागू होती थी। (स्थायी बंदोबस्त)-
- (I) संपूर्ण बंगाल (Entire Bengal)
- (II) उत्तरी कर्नाटक (Northern Karnataka)
- (III) बनारस (Banaras)
- स्थायी बंदोबस्त व्यवस्था से ईस्ट इंडिया कंपनी को होने वाले लाभ (Benefits of the Permanent Settlement to the East India Company)-
- (I) ईस्ट इण्डिया कंपनी के समय एवं धन दोनों की बचत हुई।
- (II) ईस्ट इण्डिया कंपनी की कार्य कुशलता में वृद्धि हुई क्योंकि राजस्व विभाग के कर्मचारियों को अब अन्य विभागों में लगाया जा सकता था।
- (III) ईस्ट इण्डिया कंपनी की आय निश्चित हो गई तथा अब इसके अनुसार ईस्ट इण्डिया कंपनी भविष्य की योजनाएं बना सकती थी।
- (IV) जमींदारों के रूप में अंग्रेजों को एक स्वामीभक्त वर्ग (Loyalist Class) मिल गया था।
- (V) स्थायी बंदोबस्त से ईस्ट इण्डिया कंपनी को तात्कालिक लाभ हुआ तथा दीर्घकालिक रूप से हानि हुई क्योंकि ईस्ट इण्डिया कंपनी राजस्व नहीं बढ़ा सकती थी इसलिए बाद में दक्षिण भारत में रैयतवाड़ी (Ryotwari System) तथा उत्तर भारत में महालवाड़ी व्यवस्था (Mahalwari System) को लागू किया गया।
- स्थायी बंदोबस्त व्यवस्था की कमियां (Drawbacks of Permanent Settlement System)-
- (I) जमींदार को भूमि का मालिक माना गया इससे किसान मजदूर की भूमिका में आ गया।
- (II) प्रारम्भ में ईस्ट इण्डिया कंपनी द्वारा भू राजस्व अधिक निश्चित किया गया था इसलिए किसानों का शोषण बढ़ा।
- (III) जमींदारों द्वारा समय-समय पर राजस्व बढ़ा दिया जाता था इसलिए किसानों की हालत दयनीय हो गई थी।
- (IV) जमींदारों ने कृषि में कोई सुधार नहीं किया इससे किसानों का शोषण बढ़ा।
- (V) अनुपस्थित जमींदारों की एक श्रृंखला बन गई थी जो किसानों का अधिक शोषण करते थे।
- (VI) ईस्ट इण्डिया कंपनी के स्वामी भक्त जमींदार वर्ग ने राष्ट्रवादी भावनाओं को दबाने का कार्य किया।
- (VII) प्रारम्भ में कई जमींदारों को भी हानि हुई।
- (VIII) जमींदारों पर सूर्यास्त का नियम (Sun Set Rule) लागू होता था। तथा यदि कोई जमींदार समय पर भू-राजस्व जमा नहीं कराता तो उससे उसकी जमींदारी छीन ली जाती थी।
न्यायिक सुधार (Judicial Reform)-
- कलेक्टरों से न्यायिक अधिकार छीन लिए गए।
- दीवानी न्यायालयों की एक श्रृंखला तैयार की गई। जैसे- (क्रमशः नीचे से ऊपर के ओर)
- (I) मुंसिफ (Munsif)- 50 रुपये तक के मामले
- (II) रजिस्ट्रार (Registrar)- 100 रुपये तक के मामले
- (III) जिला दीवानी (Zilla Diwani)- 200 रुपये तक के मामले
- (IV) प्रांतीय दीवानी (Provincial Diwani)- 1000 रुपये तक के मामले
- (V) सदर दीवानी (Sadar Diwani)- 5000 रुपये तक के मामले
- (VI) प्रिवी कौंसिल लंदन (Privy Council London)- 5000 रुपये से अधिक के मामले
- फौजदारी मामलों (Criminal Case) के लिए 4 भ्रमणशील अदालतों (Mobile Court) की स्थापना की गई। जैसे-
- (I) ढाका (Dhaka)
- (II) मुर्शीदाबाद (Murshidabad)
- (III) कलकत्ता (Calcutta)
- (IV) पटना (Patna)
- 1793 ई. में कॉर्नवालिस ने "कॉर्नवालिस कोड" (Cornwallis Code) तैयार करवाया।
कॉर्नवालिस कोड की विशेषताएं (Features of the Cornwallis Code)-
- कॉर्नवालिस कोड में शक्तियों का विकेंद्रिकरण किया गया।
- कानून के समक्ष सभी को समान माना गया।
- हत्या के तरीके के बजाय हत्या के उद्देश्य पर बल दिया जाने लगा।
- रक्त मूल्य की परंपरा समाप्त कर दी गई।
- अंग भग के स्थान पर कठोर कारावास की सजा दी गई।
- गवाह की धार्मिक योग्यता को समाप्त किया गया।
- वकालत का पेशा आरम्भ किया गया।
कॉर्नवालिस कोड का महत्व (Significance of the Cornwallis Code)-
- हमारी आधुनिक न्याय व्यवस्था आरम्भ हुई।
- कॉर्नवालिस कोड पश्चिमी मान्यताओं या यूरोपियन मान्यताओं पर आधारित था।
- कानून की सर्वोच्चता लागू की गई अर्थात् सभी के लिए समानता।
- निष्पक्षता का सिद्धांत लागू होता था।
कॉर्नवालिस कोड की कमियां (Drawbacks of the Cornwallis Code)-
- न्याय धीमा तथा महंगा हो गया था।
- धनवान लोग धन देकर न्याय खरीद लिया करते थे।
- अंग्रेज न्यायाधीश भारतीय परिस्थितियों से परिचित नहीं थे।
- कानून अधिक जटिल थे तथा भारतीय उनको समझ नहीं पाए इसलिए लोग जातीय पंचायतों का सहारा लेने लगे।
प्रशासनिक सेवा (Administrative Service)-
- लॉर्ड कॉर्नवालिस ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (Indian Administrative Service- IAS) तथा भारतीय पुलिस सेवा (Indian Police Service- IPS) की शुरुआत की।
3. जॉन शोर (John Shore)-
- शासन काल (Time Period)- 1793-1798 ई.
4. लॉर्ड रिचर्ड वेलेजली (Lord Richard Wellesley)-
- शासन काल (Time Period)- 1798-1805 ई.
- लॉर्ड रिचर्ड वेलेजली को "बंगाल का शेर" (Lion of Bengal) कहा जाता है।
- लॉर्ड रिचर्ड वेलेजली ने चतुर्थ आंग्ल-मैसूर युद्ध में टीपू सुल्तान की हत्या कर दी थी।
- टिप्पू सुलतान की हत्या के बाद लॉर्ड रिचर्ड वेलेजली के कहा था की अब पूर्व का साम्राज्य हमारे कदमों में है।
- मैसूर विजय के कारण लॉर्ड रिचर्ड वेलेजली को मर्क्विस (Marquess) की उपाधि दी गई थी।
- आर्थर वेलेजली लॉर्ड रिचर्ड वेलेजली का भाई था
- आर्थर ने मराठों को पराजीत किया था।
- कालांतर में आर्थर ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बना था।
- आर्थर ने यूरोप में नेपोलियन को पराजीत किया था।
- लॉर्ड रिचर्ड वेलेजली ने भारत में सहायक संधि प्रणाली को बड़े तौर पर लागू किया था।
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फोर्ट विलियम कॉलेज (Fort William College)-
- लॉर्ड रिचर्ड वेलेजली ने असैनिक अधिकारियों (Civilian Officers) के प्रशिक्षण के लिए कलकत्ता में "फोर्ट विलियम कॉलेज" (Fort William College) की स्थापना की।
- 1802 ई. में इस कॉलेज को बंद कर दिया गया।
- 1802 ई. में इस कॉलेज को हेलबरी (लंदन) में "ईस्ट इंडिया कॉलेज" (East Indian College) के नाम से दोबारा खोला गया।
- हालाकि भाषा संस्थान के रूप में यह कॉलेज भारत में सक्रिय था।
5. लॉर्ड कॉर्नवालिस (Lord Cornwallis)-
- शासन काल (Time Period)- 1805 ई.
- यह लॉर्ड कॉर्नवालिस का दूसरा शासन काल था।
- लॉर्ड कॉर्नवालिस एकमात्र गवर्नर जनरल जिसकी दो बार नियुक्ति हुई थी।
- 1805 ई. में गाजीपुर (Ghazipur) में लॉर्ड कॉर्नवालिस की मृत्यु हो गई थी।
- गाजीपुर में लॉर्ड कॉर्नवालिस का स्मारक बना हुआ है।
विशेष-अफीम एवं क्षार कारखाना (Opium and Alkaloid Factory)-
- भारत में अफीम के कुल 2 कारखाने स्थित है जिनका संचालन भारत सरकार के द्वारा किया जाता है। जैसे-
- (I) अफीम एवं क्षार कारखाना, गाजीपुर-
- 1820 ई. में ईस्ट इंडिया कंपनी ने गाजीपुर में अफीम एवं क्षार कारखाने (Opium and Alkaloid Factory) की स्थापना की।
- यह विश्व की सबसे बड़ी एवं सबसे पूरानी अफीम की फेक्ट्री है।
- (II) अफीम एवं क्षार कारखाना, नीमच
6. जॉर्ज बार्लो (George Barley)-
- शासन काल (Time Period)- 1805-1807 ई.
- जॉर्ज बार्लो कार्यवाहक गवर्नर जनरल (Acting Governor General) था
वेल्लोर विद्रोह, मद्रास (Vellore Rebellion, Madras)-
- कारण (Reason)- अंग्रेजों द्वारा धार्मिक प्रतीकों का प्रयोग बंद कर दिया गया था।
- वेल्लोर विद्रोह के समय मद्रास का गवर्नर विलियम बेंटिक (William Bentinck) था।
- विलियम बेंटिक ने प्रेस पर प्रतिबंध को वेल्लोर विद्रोह का कारण बताया था।
7. लॉर्ड मिंटो (Lord Minto)-
- शासन काल (Time Period)- 1807-1813 ई.
अमृतसर की संधि (Treaty of Amritsar)-
- समय- 1809 ई.
- लॉर्ड मिंटो ने पंजाब के शासक रणजीत सिंह के साथ अमृतसर की संधि की।
- लॉर्ड मिंटो का प्रतिनिधि चार्ल्स मेटकॉफ (Charles Metcalf) था।
- अमृतसर की संधि में सतलज नदी (Sutlej River) को सीमा रेखा निर्धारित किया।
अमृतसर की संधि का प्रभाव (Impact of Treaty of Amritsar)-
- (I) रणजीत सिंह का एकीकृत सिख साम्राज्य का सपना टुट गया था। इस कारण से कुछ सिख सेनिक रणजीत सिंह से नाराज हो गये थे एक सेनिक ने यह तक कहा की आज रणजीत सिंह मर गया।
- (II) अमृतसर संधि के कारण रणजीत सिंह ने अगले 30 वर्षों तक शांतिपूर्ण शासन किया था।
- (III) रणजीत सिंह को उत्तर पश्चिम में साम्राज्य विस्तार का मौका मिला इसलिए रणजीत सिंह ने कश्मीर एवं मुलतान पर अधिकार कर लिया था।
8. लॉर्ड हेस्टिंग्स (Lord Hastings)-
- शासन काल (Time Period)- 1813-1823 ई.
- लॉर्ड हेस्टिंग्स ने बिना बराबरी के स्तर पर मुगल बादशाह से मिलने से मना कर दिया था।
प्रथम आंग्ल नेपाल युद्ध (First Anglo-Nepal War)-
- समय- 1814-1816 ई.
- संगोली या सुगोली की संधि (Treaty of Sangoli/Sugauli) से प्रथम आंग्ल नेपाल युद्ध समाप्त हो गया था।
- प्रथम आंग्ल नेपाल युद्ध भारत के गवर्नर जनरल लॉर्ड हेस्टिंग्स के शासन काल में हुआ था।
संगोली या सुगोली की संधि की शर्ते (Conditions of Treaty of Sangoli/Sugauli)-
- शिमला (Shimla), नैनीताल (Nainital), रानीखेत (Ranikhet), कुमाऊं (Kumaon) आदि पर अंग्रेजों ने अधिकार कर लिया था।
- नेपाल (Nepal) का सिक्किम (Sikkim) से अधिकार समाप्त कर दिया गया था।
- काठमांडू (Kathmandu) में अंग्रेजी सेना तैनात कर दी गई थी।
- प्रथम आंग्ल नेपाल युद्ध के बाद गोरखे अंग्रेजी सेना में शामिल होने लगे।
- गोरखे 1857 ई. की क्रांति में अंग्रेजों के प्रति वफादर थे।
पिंडारी (Pindari)-
- लॉर्ड हेस्टिंग्स ने पिंडारियों (Pindari) का उन्मूलन (Eliminated) किया था।
- उत्तरी सेना का नेतृत्व लॉर्ड हेस्टिंग्स ने किया था।
- दक्षिणी सेना का नेतृत्व टॉमस हिस्लोप (Tomas Hislop) ने किया था।
- मेल्कम ने पिंडारियों को मराठा शिकारियों के शिकारी कुत्ते (Pindari's the hunting dogs of Maratha hunters) कहा था।
पिंडारियों के मुख्य नेता (Chief Leaders of Pindari's)-
- (I) चीतू (Cheetu)- चीतू को जंगल में चीता खा गया था।
- (II) वासिल मोहम्मद (Wasil Mohammed)- वासिल मोहम्मद ने जेल में आत्महत्या कर ली।
- वालिस मोहम्मद को सिंधिया ने गिरफ्तार करवाया था।
- (III) करीम खान (Karim Khan)- करीम खान को गोरखपुर की जागीर दी गई थी।
- (IV) अमीर खान (Ameer Khan)- अमीर खान को टोंक की जागीर दी गई थी।
रैयतवाड़ी व महालवाड़ी (Ryoywari and Mahalwari)-
- इस समय (लॉर्ड हेस्टिंग्स से शासन काल में) दक्षिण भारत में रैयतवाड़ी (Ryotwari) तथा उत्तर भारत में महालवाड़ी (Mahalwari) नामक भू-राजस्व व्यवस्था प्रारम्भ हुई।
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महालवाड़ी व्यवस्था की अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।
9. जॉन एडम (John Adam)-
- शासन काल (Time Period)- 1823 ई.
- जॉन एडम ने प्रेस पर प्रतिबंध लगा दिया था।
- प्रेस पर प्रतिबंध लगाने के कारण राजा राममोहन राय (Raja Rammohaun Roy) का "मिरात उल अखबार" (Mirat-ul-Akhbar) बंद हो गया था।
- मिरात उत अखबार की भाषा फारसी थी।
- मिरात उत अखबार साप्ताहिक था।
- मिरात उत अखबार प्रत्येक शुक्रवार को प्रकाशित होता था।
- जॉन एडम ने राजा राम मोहन राय के लिए कहा था की राम मोहन ईसाई के समक्ष ईसाई है एवं हिन्दू के समक्ष हिन्दू है।
10. लॉर्ड एमहर्स्ट (Lord Amherst)-
- शासन काल (Time Period)- 1823-1828 ई.
- लॉर्ड एमहर्स्ट पहला गवर्नर जनरल था जो मुगल बादशाह से बराबरी के स्तर पर मिला।
प्रथम आंग्ल-बर्मा युद्ध (First Anglo-Burma War)-
- समय- 1824-1826 ई.
- प्रथम आंगल बर्मा युद्ध के समय बैरकपुर छावनी के 47NI (Native Infantry) के सैनिकों ने कलिवज्ये निमय (Kalivijeya Rule) के अनुसार विद्रोह कर दिया क्योंकि वह समुद्री यात्रा नहीं करना चाहते थे।
- यान्दबू या याण्डबू की संधि (Treaty of Yandabu) के द्वारा प्रथम आंगल-बर्मा युद्ध समाप्त हुआ।
यान्दबू या याण्डबू संधि के प्रावधान-
- बर्मा ने मणिपुर एवं भारत के अन्य क्षेत्रों पर अपना अधिकार समाप्त कर लिया।
- अंग्रेजों ने बर्मा के कुछ क्षेत्रों पर अधिकार कर लिया था।
महत्वपूर्ण लिंक (Important Link)-