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ग्रहों की गति के केप्लर के नियम (Kepler's Laws of Planetary Motion)

केप्लर के ग्रहीय गति के नियम (Kepler's Laws of Planetary Motion)-

  • 1. कक्षाओं का नियम (Law of Orbits)- प्रथम नियम (First Law)
  • 2. क्षेत्रीय वेग का नियम (Law of Areal Velocity)- दूसरा नियम (Second Law)
  • 3. परिक्रमण काल का नियम (Law of Periods)- तीसरा नियम (Third Law)


1. कक्षाओं का नियम (Law of Orbits)-

  • यह नियम केप्लर का ग्रहों की गति से संबंधित प्रथम नियम (First Law) है।

  • केप्लर के कक्षाओं के नियम के अनुसार प्रत्येक ग्रह सूर्य के चारों ओर दीर्घवृत्ताकार कक्षा (Elliptical Orbit) में परिक्रमा करता है तथा सूर्य ग्रह की कक्षा के एक फोकस बिन्दु (Focal Point) पर स्थित होता है।


2. क्षेत्रीय वेग का नियम (Law of Areal Velocity)-

  • यह नियम केप्लर का ग्रहों की गति से संबंधित दूसरा नियम (Second Law) है।
  • केप्लर के क्षेत्रीय वेग के नियम के अनुसार प्रत्येक ग्रह का क्षेत्रीय वेग नियत रहता है इसलिए सूर्य तथा ग्रह को मिलाने वाली रेखा समान समय में समान क्षेत्रफल तय करती है।
  • जब ग्रह सूर्य के पास होता है तो ग्रह का वेग बढ़ जाता है।
  • जब ग्रह सूर्य से दूर होता है तो ग्रह का वेग कम हो जाता है।


3. परिक्रमण काल का नियम (Law of Periods)-

  • यह नियम केप्लर का ग्रहों की गति से संबंधित तीसरा नियम (Third Law) है।
  • केप्लर के परिक्रमण काल के नियम के अनुसार किसी ग्रह के परिक्रमण काल (T) का वर्ग उस ग्रह की सूर्य से औसत दूरी (r) के घन (Cube) के समानुपाती होता है।
  • T^2  r^3
  • सूर्य से अधिक दूर स्थित ग्रहों का परिक्रमण काल अधिक होता है। जैसे-
  • (I) बुद्ध ग्रह परिक्रमण काल 88 दिन होता है। (Revolution period of Mercury is 88 days)
  • (II) पृथ्वी का परिक्रमण काल 365 दिन होता है। (Revolution period of Earth is 365 days)
  • (III) वरूण ग्रह का परिक्रमण काल 165 वर्ष होता है। (Revolution period of Neptune is 165 years)

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