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सहायक संधि (Subsidiary Alliance)

सहायक संधि (Subsidiary Alliance)-

  • बंगाल के गवर्नर जनरल लॉर्ड रिचर्ड वेलेजली ने भारत में सहायक संधि प्रणाली को बड़े तौर पर लागू किया था।
  • जिस रियासत के साथ सहायक संधि की जाती थी उसकी रक्षा का भार अंग्रेज अपने पास ले लेते थे इसके बदले में बड़ी रियासतें अंग्रेजों को भूमि तथा छोटी रियासतें अंग्रेजों को नकदी धन देती थी।
  • देशी रियासतों को अपने विदेशी मामले अंग्रेजों को शौंपने पड़ते थे।
  • रियासत में ईस्ट इंडिया कंपनी का प्रतिनिधि रहता था जिसे रेजीडेंट (Resident) कहा जाता था।


सहायक संधि के कारण (Reasons for Subsidiary)-

  • अंग्रेजों को नेपोलियन के आक्रमण का डर था।
  • भारत में मराठों को छोड़कर कोई भी राजनीतिक शक्ति नहीं बची थी जो अंग्रेजों से संघर्ष कर सके लेकिन ईस्ट इंडिया कंपनी को भारतीय रियासतों के संगठन बनाने का डर था।
  • ईस्ट इंडिया कंपनी अपने सैनिक आधार को बढ़ाना चाहती थी।
  • ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में एक राजनीतिक शक्ति थी अब ईस्ट इंडिया कंपनी स्थायित्व प्राप्त करना चाहती थी।


सहायक संधि करने वाली रियासतें (Subsidiary Treaty Signing States)-

  • (I) हैदराबाद रियासत- 1799 ई.
  • (II) मैसूर रियासत- 1800 ई.
  • (III) तंजोर रियासत- 1800 ई.
  • (IV) अवध रियासत- 1801 ई.
  • (V) पेशवा- 1802 ई. (बसीन की संधि)


सहायक संधि से कंपनी को लाभ (Benefits to Company from Subsidiary Alliance)-

  • ईस्ट इंडिया कंपनी को अपना साम्राज्य बढ़ाने में मदद मिली क्योंकि रियासतों के द्वारा ईस्ट इंडिया कंपनी को संप्रभु क्षेत्र दिया जाता था।
  • भारतीय खर्चे पर अंग्रेज एक बड़ी सेना तैयार करने में सफल रहे।
  • सामरिक महत्व के सभी स्थानों पर ईस्ट इंडिया कंपनी का कब्जा या अधिकार हो गया था।
  • ईस्ट इंडिया कंपनी को भारतीय रियासतों के संगठन बनाने का डर समाप्त हो गया था क्योंकि रियासतों ने अपने विदेशी मामले ईस्ट इंडिया कंपनी को सौंप दिये थे।
  • ईस्ट इंडिया कंपनी को फ्रांसीसियों का भय समाप्त हो गया था क्योंकि ईस्ट इंडिया कंपनी से पूछे बिना किसी विदेशी को सेवा में नहीं रख सकते थे।
  • ईस्ट इंडिया कंपनी सभी भारतीय रियासतों के आपनी विवादों की मध्यस्थ बन गई थी।
  • रेजीडेंट, रियासतों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करता था।
  • युद्ध क्षेत्रों को ईस्ट इंडिया कंपनी के क्षेत्रों से दूर कर दिया गया था। जैसे-
  • (I) कलकत्ता (Calcutta)
  • (II) बंगाल (Bengal)
  • (III) मद्रास (Madras)


भारतीय रियासतों को सहायक संधि से हानियां (Losses Suffered by Indian Princely States Due to Subsidiary Alliance)-

  • भारतीय राजाओं (रियासतों) ने अपनी स्वतंत्रता को बेचकर सुरक्षा खरीद ली थी।
  • ईस्ट इंडिया कंपनी के द्वारा अनेक अयोग्य शासकों को संरक्षण दिया गया जिससे जनता का शोषण हुआ।
  • राजाओं की विलासिता पूर्ण जीवन शैली में वृद्धि हुई।
  • रियासत में सत्ता के दो केंद्र बन गए थे जैसे-
  • (I) राजा (King)
  • (II) रेजीडेंट (Resident)
  • रेजीडेंट आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करता था।
  • कई भारतीय राजा आर्थिक दिवालिये हो गए थे क्योंकि ईस्ट इंडिया कंपनी को दिया जाने वाला धन बहुत अधिक था
  • जब राजाओं ने भू-राजस्व (Land Revenue) बढ़ाने की कोशिश की तो किसानों ने विद्रोह कर दिया था।

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