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जैव विविधता अभिसमय (CBD)

जैव विविधता पर सम्मेलन (Convention on Biological Diversity- CBD)-

  • CBD Full Form = Convention on Biological Diversity
  • CBD का पूरा नाम = जैव विविधता अभिसमय
  • जैव विविधता अभिसमय (CBD) जैव विविधता संरक्षण से संबंधित एक अंतर्राष्ट्रीय समझौता है जो रियो सम्मेलन (Rio Summit, 1992) के महत्वपूर्ण दस्तावेज में से एक है।
  • 22 मई, 1992 को नेरोबी सम्मेलन (Nairobi Conference) के दौरान जैव विविधता अभिसमय (CBD) को अंतिम रूप दिया गया था अतः प्रतिवर्ष 22 मई को अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस (International Biodiversity Day) के रूप में मनाया जाता है।
  • जैव विविधता अभिसमय (CBD) 29 दिसम्बर, 1993 को प्रभावी हुआ था।
  • मुख्यालय (Headquarter)- जैव विविधता अभिसमय (CBD) का मुख्यालय मॉन्ट्रियल, कनाडा (Montreal, Canada) में स्थित है।
  • जैव विविधता अभिसमय (CBD) समझौता सदस्य देशों के लिए कानूनन बाध्यकारी (Legally Binding) है।
  • जैव विविधता अभिसमय (CBD) में यह चर्चा की गई कि कोई भी पादप या जन्तु प्रजाति उस राष्ट्र की जैव संपदा मानी जायेगी जिसमें वह मूल रूप से पायी जाती है।
  • यदि कोई बहुराष्ट्रीय कंपनी उस प्रजाति का उपयोग करके कोई उत्पाद विकसित करती है तथा लाभ कमाती है तो उसमें से उस राष्ट्र को एक हिस्सा रॉयल्टी के रूप में दिया जाना चाहिए।
  • जैव विविधता अभिसमय (CBD) के प्रावधानों के स्वीकार्य बनाने हेतु 2 वर्ष के अंतराल से COP on CBD का आयोजन किया जाता है। अर्थात् प्रत्येक 2 वर्ष में जैव विविधता अभिसमय (CBD) की बैठकी (COP) की जाती है।
  • वर्तमान में जैव विविधता अभिसमय (CBD) में विश्व के कुल 196 देश सदस्य है। (अमेरिका को छोड़कर संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य)


जैव विविधता अभिसमय के उद्देश्य (Objective of CBD)-

  • जैव विविधता अभिसमय (CBD) के तीन उद्देश्य है। जैसे-
  • (I) जैव विविधता का संरक्षण करना। (The Conservation of biological diversity)
  • (II) जैव विविधता का प्रयोग करके सतत लाभ प्राप्त करना। (The Sustainable use of the components of biological diversity)
  • (III) आनुवांशिक घटकों (प्रजातियों) के उपयोग से प्राप्त होने वाले लाभ का समान एवं निष्पक्ष वितरण करना।  (The fair and equitable sharing of the benefits arising out of the utilization of genetic resources)


जैव विवधात अभिसमय की प्रमुख बैठकें (Major meetings of the Convention on Biological Diversity)-

    • 1. जैव विविधता अभिसमय की प्रथम बैठक (COP-1 on CBD)
    • 2. जैव विविधता अभिसमय की 10वीं बैठक (COP-10 on CBD)
    • 3. जैव विविधता अभिसमय की 11वीं बैठक (COP-11 on CBD)
    • 4. जैव विविधता अभिसमय की 14वीं बैठक (COP-14 on CBD)
    • 5. जैव विविधता अभिसमय की 15वीं बैठक (COP-15 on CBD)- भाग-I
    • 6. जैव विविधता अभिसमय की 15वीं बैठक (COP-15 on CBD)- भाग-II


            1. जैव विविधता अभिसमय की प्रथम बैठक (COP-1 on CBD)-

            • स्थान- नसाऊ, बहमास (Nassau, Bahamas)

            • CBD COP No- 1

            • COP Full Form = Conference of Parties
            • COP का पूरा नाम = कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (पार्टियों का सम्मेलन)
            • जैव विविधता अभिसमय की पहली बैठक बहमास देश के राजधानी नसाऊ में आयोजित की गई थी।


            जैव सुरक्षा पर कार्टाजेना प्रोटोकॉल (Cartagena Protocol on Biosafety)-

            • स्थान- कोलम्बिया (Colombia)
            • जैव सुरक्षा पर कार्टाजेना प्रोटोकॉल जैव सुरक्षा समझौता है।
            • जैव सुरक्षा पर कार्टाजेना प्रोटोकॉल को जनवरी, 2000 में पेरिस में हुई जैव विविवधता महासभा ने अंगीकृत किया तथा मई 2000 को कोलम्बिया के कार्टाजेना शहर में जैव सुरक्षा पर कार्टाजेना प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किये गये।
            • जैव सुरक्षा पर कार्टाजेना प्रोटोकॉल आनुवांशिक रूप से परिवर्तित कर बनाये गये जीवों (एलएमओ/LMOs) के व्यापार को नियमित करने के उद्देश्य से किया गया था।
            • LMO Full Form = Living Modified Organisms
            • LMO का पूरा नाम = जीवित संशोधित जीव (लिविंग मॉडिफाइड ऑर्गेनिज्म)
            • जैव सुरक्षा पर कार्टाजेना प्रोटोकॉल आधुनिक जैव प्रौद्योगिकी की सहायता से तैयार किये गये एलएमओ (LMOs) द्वारा संभावित जोखिमों से जैव विविधता की सुरक्षा करता है।
            • जैव सुरक्षा पर कार्टाजेना प्रोटोकॉल एक अग्रिम सूचना समझौता प्रणाली (AIA) की व्यवस्था करता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सकते की कोई भी देश अपने क्षेत्र में इन एलएमओ (LMOs) के आयात के लिए सहमत होने से पहले निर्णय लेने के लिए इन एलएमओ (LMOs) की आवश्यक जानकारी प्रदान की जाए।
            • AIA Full Form = Advance Informed Agreement
            • AIA का पूरा नाम = अग्रिम सूचना समझौता
            • यदि सदस्य राष्ट्र यह महसूस करते हैं कि कोई एलएमओ (LMOs) उनके पर्यावरण या जैव विविधता को हानि पहुँचा सकता है तो वे उसे प्रतिबंधित कर सकते हैं।


            जवाबदेही और क्षतिपूर्ति पर नागोया कुआलालांपुर अनुपूरक प्रोटोकॉल (Nagoya Kualalumpur Supplementary Protocol on Liability and Redress)-

            • यह जैव सुरक्षा पर कार्टाजेना प्रोटोकॉल (Cartagena Protocol) का सहायक समझौता है।
            • इसके अंतर्गत एलएमओ (LMOs) का एक देश से दूसरे देश में आयात निर्यात होने पर आयातक देश में हुई जैव विविधता की क्षति हेतु जवाबदेही तथा क्षतिपूर्ति के लिए अन्तर्राष्ट्रीय नियम तथा प्रक्रिया का प्रावधान किया गया है।
            • LMO Full Form = Living Modified Organisms
            • LMO का पूरा नाम = जीवित संशोधित जीव (लिविंग मॉडिफाइड ऑर्गेनिज्म)
            • इस समझौते पर सन् 2010 में सहमती बनी तथा सन् 2011 से इस समझौते को सदस्य देशों के हस्ताक्षर के लिए रखा गया था।
            • 40 सदस्य देशों द्वारा अनुमोदन के पश्चात यह समझौता सन् 2018 से प्रभावी हुआ।
            • भारत ने इस समझौते का अनुमोदन किया है।


            2. जैव विविधता अभिसमय की 10वीं बैठक (COP-10 on CBD)-

            • स्थान- नगोया, जापान (Nagoya, Japan)
            • वर्ष- 2010
            • CBD COP No- 10

            • जैव विविधता अभिसमय की 10वीं बैठक सन् 2010 में जापान के नगोया शहर में आयोजित की गई थी।

            • यह जैव विविधता संरक्षण एवं जैव सुरक्षा से संबंधित सीबीडी (CBD) का सहायक समझौता है।
            • इसका मुख्य उद्देश्य जैव विविधता संरक्षण के साथ-साथ आनुवांशिक संसाधनों (प्रजातियों से मिलने वाले उत्पाद/Genetic Resources) तक पहुँच तथा उनके उपयोग से प्राप्त होने वाले लाभ का समान एवं निष्पक्ष वितरण करना था।
            • सीबीडी (CBD) के लक्ष्यों को प्राप्त करने तथा राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर जैव विविधता संरक्षण के लिए एक 10 वर्षीय कार्ययोजना बनायी गई।
            • इस कार्ययोजना में जो लक्ष्य निर्धारित किये गये उन्हें आईची लक्ष्य (Aichi Targets) कहा जाता है। (आईची जापान का एक राज्य जिसकी राजधानी नगोया है।)
            • आईची के लक्ष्यों की संख्या 20 है जिन्हें 5 श्रेणियों में विभाजित किया गया है। जैसे-
            • (I) जैव विविधता को सरकार एवं समाज की मुख्यधारा (Mainstreaming) में लाते हुए इसकी क्षति के कारणों का समाधान करना। इसलिए संयुक्त राष्ट्र ने सन् 2010 को "अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता वर्ष" (International Day for Biological Diversity) घोषित किया तथा सन् 2010-20 को "अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता दशक" (International Biodiversity Decade) घोषित किया।
            • (II) जैव विविधता पर प्रत्यक्ष दबाव कम करना तथा इसके सतत उपयोग को बढ़ावा देना।
            • (III) जैव विविधता की स्थिति में सुधार लाने के लिए पारिस्थितिकी तंत्र, प्रजातियों तथा आनुवांशिक विविधता की सुरक्षा करना।
            • (IV) जैव विविधता से प्राप्त होने वाली सेवाओं का लाभ सब के लिए बढ़ाना।
            • (V) सहभागी नियोजन (Participatory Planning), ज्ञान प्रबंधन (Knowledge Management) एवं क्षमता निर्माण (Capacity Building) द्वारा जैव विविधता संरक्षण में तेजी लाना।


              3. जैव विविधता अभिसमय की 11वीं बैठक (COP-11 on CBD)-

              • स्थान- हैदराबाद, भारत (Hyderabad, India)
              • वर्ष- 2012
              • CBD COP No- 11
              • जैव विविधता अभिसमय की 11वीं बैठक सन् 2012 में भारत के हैदराबाद शहर में आयोजित की गई थी।


                4. जैव विविधता अभिसमय की 14वीं बैठक (COP-14 on CBD)-

                • स्थान- शर्म-अल-शेख, मिश्र (Sharm-El-Sheikh, Egypt)
                • वर्ष- 2018
                • CBD COP No- 14
                • जैव विविधता अभिसमय की 14वीं बैठक सन् 2018 में मिश्र के शर्म-अल-शेख शहर में आयोजित की गई थी।


                  5. जैव विविधता अभिसमय की 15वीं बैठक (COP-15 on CBD)- भाग-II

                  • स्थान- कुनमिंग, चीन (Kunming, China)
                  • वर्ष- अक्टूबर, 2021 (भाग-1/Part-I)
                  • CBD COP No- 15
                  • जैव विविधता अभिसमय की 15वीं बैठक दो भागों में हुई थी जिसका पहला भाग अक्टूबर, 2021 में चीन के कुनमिंग शहर में आयोजित किया गया था।


                  6. जैव विविधता अभिसमय की 15वीं बैठक (COP-15 on CBD)- भाग-II

                  • स्थान- मॉन्ट्रियल, कनाडा (Montreal, Canada)
                  • वर्ष- 2022 (भाग-2/Part-II)
                  • CBD COP No- 15
                  • जैव विविधता अभिसमय की 15वीं बैठक दो भागों में हुई थी जिसका दूसरा भाग सन् 2022 में कनाडा के मॉन्ट्रियल शहर में आयोजित किया गया था।


                  कुनमिंग-मॉन्ट्रियल घोषणा पत्र (Kunming-Montreal Declaration)-

                  • कुनमिंग-मॉन्ट्रियल घोषणा पत्र के अनुसार CBD के सदस्य देश सन् 2030 तक अपने कुल क्षेत्रफल का 30% भाग संरक्षित क्षेत्र के रूप में घोषित करेंगे।

                  • संरक्षण की यह रणनीति 30/30 कहलाती है।

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