राजस्थान का पूर्वी मैदान (Eastern Plains of Rajasthan) या पूर्वी मैदान (Eastern Plain)-
- क्षेत्रफल (Area)- 23%
- जनसंख्या (Population)- 39%
- जिले (District)- 10 जिले
- मिट्टी (Soil)- जलोढ़ या कछारी मिट्टी (Alluvial Soil)
- जलवायु (Climate)- आर्द्र (Humid)
- निर्माण (Formation)- राजस्थान के पूर्वी मैदान का निर्माण नदियों के द्वारा जमा किये गये अवसादों (Sediments) से हुआ है।
- निर्माण काल (Formation Age)- राजस्थान के पूर्वी मैदान का निर्माण प्लीस्टोसीन (Pleistocene Age) काल में हुआ है।
राजस्थान के पूर्वी मैदान का अध्ययन (Study of Eastern Plain of Rajasthan)-
- अध्ययन की दृष्टि से राजस्थान के पूर्वी मैदान को तीन भागों में बांटा गया है। जैसे-
- 1. माही मैदान (Mahi Plain)
- 2. बनास एवं बाणगंगा मैदान (Banas and Banganga Plain)
- 3. चम्बल मैदान (Chambal Plain)
1. माही मैदान (Mahi Plain)-
- राजस्थान के दक्षिणी मैदान को माही (Mahi) या बागड़ (Vagad) या भाटी मैदान (Bhati Plain) कहा जाता है।
- विस्तार (Extension)- माही मैदान का विस्तार बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ (कांठल) एवं डूंगरपुर में है। लेकिन सर्वाधिक विस्तार बांसवाड़ा जिले में है।
- मिट्टी (Soil)- माही के मैदान में लाल चिकनी मिट्टी (Red Loamy Soil) पायी जाती है।
- माही मैदान में उत्पादित फसलें (Crops Produced in Mahi Plain)-
- (I) मक्का (Maize)- माही कंचन व माही धवल, मक्का की एक उच्च उपज किस्म (HYV) है।
- HYV Full Form = High Yielding Variety
- HYV का पूरा नाम = अधिक उपज देने वाली किस्म
- (II) चावल (Rice)- माही सुगंधा/Mahi Sugandha, चावल की उन्नत किस्म (HYV) है।
- (III) गन्ना (Sugarcane)
- प्रतापगढ़ माही नदी के किनारे स्थित है इसलिए माही नदी को कांठल की गंगा कहा जाता है।
- राजस्थान में कांठल का मैदान माही नदी बनाती है।
- कांठल का मैदान प्रतापगढ़ जिले में स्थित है।
- वागड़ की गंगा माही नदी को कहा जाता है।
- आदिवासियों की गंगा माही नदी को कहा जाता है।
विशेष- छप्पन मैदान (Chappan Plain)-
- बांसवाड़ा एवं प्रतापगढ़ में माही नदी के मैदान को छप्पन का मैदान कहा जाता है क्योंकि छप्पन के मैदान का विस्तार 56 गाँवों में है।
- स्थित (Located)- बनास एवं बाणगंगा का मैदान अरावली के पूर्व में स्थित है।
- (अ) बनास मैदान (Banas Plain)
- (ब) बाणगंगा मैदान (Banganga Plain)
(अ) बनास मैदान (Banas Plain)-
- बनास के मैदान में मुख्यतः भूरी मिट्टी (Brown Soil) पायी जाती है।
बनास मैदान का अध्ययन (Study of Banas Plain)-
- अध्ययन की दृष्टि के बनास के मैदान को दो भागों में बांटा जाता है। जैसे-
- (I) मेवाड़ मैदान (Mewar Palin)
- (II) मालपुरा-करौली मैदान (Malpura-Karauli Plain)
(I) मेवाड़ मैदान (Mewar Palin)-
- बनास के दक्षिणी मैदान को मेवाड़ का मैदान कहा जाता है।
- विस्तार (Extension)-
- (A) उदयपुर (Udaipur)
- (B) राजसमंद (Rajsamand)
- (C) चित्तौड़गढ़ (Chittorgarh Fort)
- (D) भीलवाड़ा (Bhilwara)
(II) मालपुरा-करौली मैदान (Malpura-Karauli Plain)-
- बनास के उत्तरी मैदान को मालपुरा-करौली मैदान कहा जाता है।
- विस्तार (Extension)-
- (A) अजमेर (Ajmer)
- (B) टोंक (Tonk)
- (C) सवाई माधोपुर (Sawai Madhopur)
(ब) बाणगंगा मैदान (Banganga Palin)-
- बाणगंगा के मैदान को रोही का मैदान (Rohi Plain) भी कहा जाता है।
- विस्तार (Extension)-
- (A) भरतपुर (Bharatapur)- सर्वाधिक विस्तार
- (B) दौसा (Dausa)
- (C) जयपुर (Jaipur)
- राजस्थान में बाणगंगा मैदान में जनसंख्या घनत्व अधिक है।
- मिट्टी (Soil)- बाणगंगा मैदान में मुख्यतः जलोढ़ मिट्टी (Alluvial Soil) पायी जाती है।
3. चम्बल मैदान (Chambal Plain)-
- चम्बल नदी के अवनालिका अपरदन (Gully Erosion) से निर्मित उत्खात स्थलाकृतियों (Badland Topography) को बिहड़ (Beehad) कहा जाता है जो चम्बल के मैदान में पाये जाते हैं।
- विस्तार (Extension)-
- (I) चित्तौड़गढ़ (Chittorgarh)
- (II) कोटा (Kota)
- (III) बूंदी (Bundi)
- (IV) सवाई माधोपुर (Sawai Madhopur)
- (V) करौली (Karauli)
- (VI) धौलपुर (Dholpur)
- मिट्टी (Soil)- चम्बल के मैदान में काली-ज्लोढ़ मिट्टी (Black-Alluvial Soil) पायी जाती है।
राजस्थान के पूर्वी मैदानी के अन्य महत्वपूर्ण तथ्य (Other Important Facts related to Eastern Plains of Rajasthan)-
- 1. दिशा के अनुसार राजस्थान के मैदान (Plains of Rajasthan According to Direction)
- 2. राजस्थान के पूर्वी मैदान का महत्व (Significance of Eastern Plains of Rajasthan)
1. दिशा के अनुसार राजस्थान के मैदान (Plains of Rajasthan According to Direction)-
- घग्गर का मैदान- राजस्थान के उत्तर मैदान घग्गर का मैदान है।
- माही का मैदान- राजस्थान के दक्षिण में माही का मैदान है।
- चम्बल का मैदान- राजस्थान के पूर्व में चम्बल का मैदान है।
- लूनी का मैदान- राजस्थान के पश्चिम में लूनी का मैदान है।
- यमुना का मैदान- राजस्थान के उत्तर-पूर्व में यमुना का मैदान है।
- सिंधु का मैदान- राजस्थान के उत्तर-पश्चिम में सिंधु का मैदान है।
2. राजस्थान के पूर्वी मैदान का महत्व (Significance of Eastern Plains of Rajasthan)-
- (I) उपजाऊ मैदान (Fertile Plain)
- (II) जनसंख्या (Population)
- (III) औद्योगिक विकास (Industrial Development)
- (IV) आधारभूत संरचना (Infrastructure)
- (V) पक्षी जैव-विविधता (Bird Biodiversity)
(I) उपजाऊ मैदान (Fertile Plain)-
- राजस्थान के पूर्वी मैदान का निर्माण नदियों के द्वारा जमा किये गये अवसादों से हुआ है।
- मैदानी भागों में मुख्यतः जलोढ़ मिट्टी (Alluvial Soil) पायी जाती है।
(II) जनसंख्या (Population)-
- राजस्थान के पूर्वी मैदान में जनसंख्या घनत्व (Population Density) अधिक होता है क्योंकि राजस्थान के पूर्वी मैदान सर्वाधिक उपजाऊ भौतिक प्रदेश है। जैसे-
- (A) बाणगंगा का मैदान (Banganga Plain)
(III) औद्योगिक विकास (Industrial Development)-
- राजस्थान के पूर्वी मैदानी भाग में अन्य भौतिक प्रदेशों की तुलना में औद्योगिक विकास अधिक हुआ है।
(IV) आधारभूत संरचना (Infrastructure)-
- राजस्थान के पूर्वी मैदानी भाग में आधारभूत संरचना का विकास अधिक हुआ है।
(V) पक्षी जैव-विविधता (Bird Biodiversity)-
- राजस्थान के पूर्वी मैदानी भाग में पक्षी जैव विविधता सर्वाधिक पायी जाती है। जैसे-
- (A) केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (Keoladeo National Park)- भरतपुर
- (B) बंध बारेठा वन्यजीव अभयारण्य (Bandh Baretha Wildlife Sanctuary)- बयाना तहसील, भरतपुर