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होम रूल आंदोलन (Home Rule Movement)

होम रूल आंदोलन (Home Rule Movement) या होम रूल लीग आंदोलन (Home Rule League Movement)-

  • समय- 1916 ई.
  • बाल गंगाधर तिलक तथा एनी बिसेंट ने 1916 ई. में भारत में होमरूल आंदोलन शुरू किया था।
  • होमरूल आंदोलन आयरलैंड (Ireland) से प्रेरित था क्योंकि एनी बिसेंट आयरलैंड से थी।


बाल गंगाधर तिलक का होम रूल आंदोलन (Home Rule Movement of Bal Gangadhar Tilak)-

  • स्थापना (Establishment)- बाल गंगाधर तिलक के द्वारा अप्रैल 1916 ई. में होमरूल लीग (Home Rule League) की स्थापना की गई।
  • मुख्यालय (Headquarter)- बाल गंगाधर तिलक ने होमरूल लीग का मुख्यालय कर्नाटक (Karnataka) के बेलगाम (Belgaum) में बनाया था।
  • अध्यक्ष (President)- बाल गंगाधर तिलक ने होमरूल लीग का अध्यक्ष जोसेफ बेपतिस्ता (Joseph Baptista) को बनाया था।
  • अन्य नेता (Other Leader)- N.C. केलकर
  • क्षेत्र (Region)- निम्न क्षेत्रों में बाल गंगाधर तिलक ने होमरूल आंदोलन चलाया था।
  • (I) महाराष्ट्र (Maharashtra)- बॉम्बे को छोड़कर
  • (II) कर्नाटक (Karnataka)
  • (III) मध्य प्रांत (Middle Province)
  • (IV) बरार (Berar)
  • बाल गंगाधर तिलक ने स्थानीय माँगो को होमरूल आंदोलन के साथ जोड़ दिया था।
  • बाल गंगाधर तिलक ने भाषा के आधार (Linguistic Basis) पर राज्यों के गठन की माँग की थी।
  • बाल गंगाधर तिलक ने मातृभाषा (Mother Tongue) में प्राथमिक शिक्षा (Primary Education) की माँग की थी।
  • बाल गंगाधर तिलक ने अनेक रचनात्मक कार्यक्रम (Constructive Programs) प्रारम्भ किये थे। जैसे-
  • (I) हिन्दु-मुस्लिम एकता (Hindu Muslim Unity)
  • (II) छुआछुत निवारण (Prevention of Untouchability)
  • (III) शिक्षा का प्रचार-प्रसार (Promotion of Education)
  • बाल गंगाधर तिलक के समाचार पत्र (Newspapers of Bal Gangadhar Tilak)-
  • (I) केसरी (Kesari)- मराठी भाषा में
  • (II) मराठा (Maratha)- अंग्रेजी भाषा में
  • बाल गंगाधर तिलक की किताबें (Books of Bal Gangadhar Tilak)-
  • (I) गीता रहस्य (Geeta Rahasya)
  • (II) आर्कटिक होम ऑफ द वेदाज (Arctic Home of the Vedas)
  • (III) टेनेट्स ऑफ ए न्यू पार्टी (Tenets of a New Party)
  • गोपाल कृष्ण गोखले (Gopal Krishna Gokhale) की संस्था "सर्वेन्ट्स ऑफ द इंडिया सोसायटी" (Servants of the India Society) के सदस्य को बाल गंगाधर तिलक की होमरूल लीग में शामिल नहीं किया जाता था।


एनी बिसेंट का होम रूल आंदोलन (Home Rule Movement of Annie Besant)-

  • स्थापना (Establishment)- एनी बिसेंट के द्वारा सितम्बर 1916 ई. में होमरूल लीग की स्थापना की गई।
  • मुख्य केंद्र (Main Centre)- एनी बिसेंट के होमरूल लीग का मुख्य केंद्र अडियार, मद्रास (Adyar, Madras) था।
  • क्षेत्र (Region)- एनी बिसेंट ने होमरूल लीग आंदोलन बाल गंगाधर तिलक के होमरूल लीग के क्षेत्र को छोड़कर शेष भारत में चलाया था।
  • अध्यक्ष (President)- एनी बिसेंट के होमरूल की अध्यक्ष एनी बिसेंट ही थी।
  • सचिव (Secretary)- एनी बिसेंट के होमरूल लीग का सचिव जॉर्ज अरेन्डूल (George Arendale) था।
  • अन्य सदस्य (Other Member)- निम्न सदस्य एनी बिसेंट के होमरूल लीग के सदस्य थे।
  • (I) V.P. वाडिया (V.P. Wadia)
  • (II) रामास्वामी अय्यर (Ramaswami Iyer)
  • जवाहर लाल नेहरु (Jawaharlal Nehru), मोहम्मद अली जिन्ना (Mohammad Ali Jinnah), सुरेन्द्र नाथ बनर्जी (Surrendra Nath Banerjee) आदि एनी बिसेंट के साथ होमरूल लीग में शामिल हो गये थे।
  • एनी बिसेंट के समाचार पत्र (Newspapers of Annie Besant)-
  • (I) न्यू इंडिया (New India)
  • (II) कॉमन वील (Commonweal)
  • आंदोलन के आगे बढ़ने पर अंग्रेजों ने एनी बिसेंट को गिरफ्तार कर लिया।
  • एनी बिसेंट की गिरफ्तारी के विरोध में सुब्रह्मण्यम अय्यर (Subrahmanyam Ayer) ने अपनी नाइटहुड (Knighthood) की उपाधि त्याग दी थी।


मांन्टेग्यू घोषणा (Montague Declaration) या अगस्त घोषणा (August Declaration)-

  • समय- 20 अगस्त 1917
  • भारत सचिव (Indian Secretary)- मांन्टेग्यू (Montague)
  • मांन्टेग्यू घोषणा को ही अगस्त घोषणा कहा जाता है।
  • भारत सचिव मांन्टेग्यू ने घोषणा की कि जल्द ही भारतीयों को क्रमिक रूप से स्वशासन का अधिकार (Right of Self Governance) दिया जायेगा। इसी घोषणा को अगस्त घोषणा कहा जाता है।
  • अगस्त घोषणा के बाद एनी बिसेंट ने अपना होमरूल आंदोलन को वापस ले लिया।


बाल गंगाधर तिलक (Bal Gangadhar Tilak)-

  • बाल गंगाधर तिलक वेलेन्टाइन शिरोल (Valentine Chirol) पर मुकदमा करने के लिए लंदन चले गये।
  • 1 अगस्त 1920 को लंदन (London) में ही बाल गंगाधर तिलक की मृत्यु हो गई थी।
  • कालांतर में गांधी जी ने होमरूल लीग का नाम स्वराज सभा रख दिया था।


होम रूल लीग आंदोलन का महत्व (Importance of Home Rule League Movement)-

  • 1. होमरूल आंदोलन ने राष्ट्रीय आंदोलन (National Movement) में एक दशक की निष्क्रियता (Inactivity) को तोड़ा।
  • 2. होमरूल आंदोलन पहला बड़ा जनआंदोलन (Mass Movement) था जो पूरे भारत में हुआ।
  • 3, होमरूल आंदोलन में सभी वर्गों ने सक्रिय रूप से भाग लिया था।
  • 4. एनी बिसेंट के कारण महिलाऐं होमरूल आंदोलन से जुड़ी जिसने महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) को बढ़ावा दिया।
  • 5. होमरूल आंदोलन के दौरान विभिन्न समितियों का निर्माण किया गया था इससे राष्ट्रीय आंदोलन को संगठनात्मक स्वरुप (Organizational Form) प्राप्त हुआ।
  • 6. होमरूल आंदोलन के दौरान विभिन्न रचनात्मक कार्यक्रम (Constructive Programs) प्रारम्भ किये गये जिन्हें बाद में गांधीजी ने अपनाया था।
  • 7. होमरूल आंदोलन से राष्ट्रीय आंदोलन में दूसरी पंक्ति के नेता तैयार हुये। जैसे-
  • (I) जवाहर लाल नेहरु (Jawaharlal Nehru)
  • (II) मोहम्मद अली जिन्ना (Mohammad Ali Jinnah)
  • 8. होमरूल आंदोलन के समय भारतीय जनता प्रथम विश्व युद्ध के कारण परेशान थी अतः आंदोलन के माध्यम से उन्हें अपना असंतोष व्यक्त करने का अवसर प्राप्त हुआ।
  • 9. होमरूल आंदोलन के दबाव के कारण 1919 ई. में अंग्रेजों को भारत में सुधार करने पड़े।


    होम रूल लीग आंदोलन की कमियां (Drawbacks of Home Rule League Movement)-

    • 1. होमरूल आंदोलन शहरों तक सीमित रहा था अर्थात् गाँवों में नहीं फैला था।
    • 2. गरमपंथियों (Extremists) के मुकाबले होमरूल आंदोलन की स्वशासन की माँग कम थी क्योंकि गरम पंथी 1906 ई. से ही स्वराज (Swaraj) की माँग कर रहे थे।
    • 3. रचनात्मक कार्यक्रम (Constructive Programs) भी सैद्धांतिक ही रहे उन्हें लागू नहीं किया जा सका।
    • 4. भाषा के आधार पर राज्यों की मांग से क्षेत्रवाद (Regionalism) को बढ़ावा मिला।
    • 5. होमरूल आंदोलन अंत में नेतृत्वविहीन (Leaderless) हो गया था तथा बिना किसी स्पष्ट परिणाम के ही समाप्त हो गया था।

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