चुम्बकत्व (Magnetism)-
- प्रत्येक चुम्बक अपने समान अन्य चुम्बकों को आकर्षित (Attraction) या प्रतिकर्षित (Repel) करता है तथा स्वतंत्रता पूर्वक लटकाने पर सदैव उत्तर-दक्षिण दिशा के अनुदिश ठहरता है चुम्बक के इन्हीं गुणों को चुम्बकत्व कहते हैं।
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चुम्बकीय पदार्थों के प्रकार (Types of Magnetic Materials)-
- चुम्बकीय प्रवृति के आधार पर पदार्थ को तीन भागों में बांटा गया है। जैसे-
- 1. अनुचुम्बकीय पदार्थ (Para-magnetic Materials)
- 2. प्रतिचुम्बकीय पदार्थ (Dia-magnetic Materials)
- 3. लौह चुम्बकीय पदार्थ (Fero-magnetic Materials)
1. अनुचुम्बकीय पदार्थ (Para-magnetic Materials)-
- वे पदार्थ जो चुम्बक द्वारा प्रबल रूप से आकर्षित नहीं होते हैं। या दुर्बल रूप से आकर्षित होते हैं।
- वे पदार्थ जो बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र में रखे जाने पर चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा में दुर्बल या क्षीण (Weak) चुम्बकत्व प्राप्त कर लेते हैं अनुचुम्बकीय पदार्थ कहलाते हैं। जैसे-
- (I) प्लैटिनम (Platinum- Pt)
- (II) एल्यूमिनियम (Aluminium- Al)
- (III) सोडियम (Sodium- Na)
- (IV) ऑक्सीजन (Oxygen)
- (V) मैगनीज (Manganese)
- अनुचुम्बकीय का गुण प्रायः उन पदार्थों में पाया जाता है जिनके परमाणुओं में इलेक्ट्रॉनों की संख्या विषम होती है।
2. प्रतिचुम्बकीय पदार्थ (Dia-magnetic Materials)-
- वे पदार्थ जो चुम्बक द्वारा प्रतिकर्षित (Repel) होते हैं।
- वे पदार्थ जो बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र में रखे जाने पर चुम्बकीय क्षेत्र की विपरित दिशा में दुर्बल या क्षीण (Weak) चुम्बकत्व प्राप्त कर लेते हैं प्रति चुम्बकीय पदार्थ कहलाते हैं। जैसे-
- (I) बिस्मथ (Bismuth)
- (II) लेड (Lead)
- (III) जल (Water)
- (IV) सोना (Gold)
- (V) चांदी (Silver)
- (VI) नाइट्रोजन (Nitrogen)
- (VII) हीरा (Diamond)
- (VIII) हाइट्रोजन (Hydrogen)
3. लौह चुम्बकीय पदार्थ (Fero-magnetic Materials)-
- वे पदार्थ जो चुम्बक द्वारा प्रबल रूप से आकर्षित (Strongly Attracted) होते हैं।
- वे पदार्थ जो बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र में रखे जाने पर चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा में प्रबल रूप से चुम्बकित हो जाते हैं तथा किसी चुम्बक के सिरे के समीप लाए जाने पर सिरे की ओर तेजी से आकर्षित होते हैं लौह चुम्बकीय पदार्थ कहलाते हैं। जैसे-
- (I) लोहा (Iron)
- (II) कोबाल्ट (Cobalt)
- (III) मैग्नेटाइट (Magnetite)
- (IV) फेरिक क्लोराइड का जलीय विलयन (Aqueous solution of ferric chloride)
क्यूरी ताप (Curie Temperature)-
- किसी लौह चुम्बकीय पदार्थ की चुम्बकीय प्रवृत्ति उसके परम ताप (Absolute Temperature) के व्युत्क्रमानुपाती (Inversely Proportional) होती है इसे क्यूरी का नियम (Curie's Law) कहते हैं।
- χ = C/T
- (χ = काई/Chi)
- C = क्यूरी नियतांक
- वह तापमान जिस पर लौह चुम्बकीय पदार्थ उष्मीय विक्षोभ के कारण अनुचुम्बकीय पदार्थ में परिवर्तित हो जाता है क्यूरी तापमान कहलाता है।
- लौहे के लिए क्यूरी ताप का मान 770℃ होता है।
- निकिल के लिए क्यूरी ताप का मान 358℃ होता है।
चुम्बकीय क्षेत्र (Magnetic Field)-
- चुम्बक के चारों ओर का वह क्षेत्र जिसमें चुम्बक के प्रभाव को अनुभव किया जा सकता है चुम्बकीय क्षेत्र कहलाता है।
- चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा का निर्धारण चुम्बकीय सुई (Magnetic Needle) द्वारा किया जाता है।
- CGS पद्धति में चुम्बकीय क्षेत्र का मात्रक गौस (Gauss) होता है।
- SI पद्धति में चुम्बकीय क्षेत्र का मात्रक टेसला (Tesla) होता है।
- 1 गौस = 10^-4 टेसला
चुम्बकीय बल रेखाएं (Magnetic Lines of Force)-
- चुम्बकीय बल रेखाएं किसी चुम्बकीय क्षेत्र में वे काल्पनिक वक्र है जिनके किसी बिंदु पर खींची गई स्पर्श रेखा उस बिंदु पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता की दिशा को निरुपित करती है।
चुम्बकीय बल रेखाओं की विशेषताएं या गुण (Properties of Magnetic Lines of Force)-
- चुम्बकीय बल रेखाएं सदैव उत्तरी ध्रुव (North Pole) से प्रारम्भ होकर दक्षिण ध्रुव (South Pole) पर समाप्त होती है।
- चुम्बक के भीतर चुम्बकीय बल रेखाओं की दिशा दक्षिण ध्रुव (South Pole) से उत्तरी ध्रुव (North Pole) की ओर होती है।
- चुम्बकीय बल रेखाएं एक दूसरे को कभी नहीं काटती है।
- चुम्बकीय बल रेखाएं एक बंद लूप (Close Loop) का निर्माण करती है।
- ध्रुवों के पास चुम्बकीय बल रेखाएं पास-पास होती है इसलिए ध्रवों पर चुम्बकीय क्षेत्र शक्तिशाली होता है।
- एक समान चुम्बकीय क्षेत्र के लिए चुम्बकीय बल रेखाएं एक दूसरे के समानांतर (Parallel) तथा बराबर दूरी (Equal Distance) पर होती है।
- जैसे-जैसे चुम्बकीय बल रेखाओं के मध्य की दूरी बढ़ती है चुम्बकीय बल रेखाओं का घनत्व (Density) घटता है।
- सभी चुम्बकीय बल रेखाओं का सामर्थ्य (Strength) समान होता है।