Ads Area

चुंबक (Magnet)

चुम्बक का इतिहास (History of Magnet)-

  • 600 ई.पू. एशिया माइनर (वर्तमान तुर्की) के मैग्नीशिया (Magnesia) नामक स्थान पर ऐसे पत्थर पाय गये जो लोहे के छोटे-छोटे टुकड़ों को अपनी ओर आकर्षित करते थे जिसे चुम्बक कहा गया।

  • ये पत्थर वास्तव में लोहे के मैग्नेटाइट नाम के ऑक्साइड (Fe3O4) है जो पृथ्वी के सभी क्षेत्र में पाये जाते हैं।


चुंबक (Magnet)-

  • वह पदार्थ जो कोबाल्ट (Cobalt), निकिल (Nickel), लोहा (Iron) आदि को आकर्षित करता है उसे चुंबक कहते हैं।


चुम्बकत्व (Magnetism)-

  • प्रत्येक चुम्बक अपने समान अन्य चुम्बकों को आकर्षित (Attraction) या प्रतिकर्षित (Repel) करता है तथा स्वतंत्रता पूर्वक लटकाने पर सदैव उत्तर-दक्षिण दिशा के अनुदिश ठहरता है चुम्बक के इन्हीं गुणों को चुम्बकत्व कहते हैं।


चुम्बक के प्रकार (Types of Magnet)-

  • चुम्बक दो प्रकार की होती है। जैसे-
  • 1. प्राकृतिक चुम्बक (Natural Magnet)
  • 2. कृत्रिम चुम्बक (Artificial Magnet)


1. प्राकृतिक चुम्बक (Natural Magnet)-

  • प्रकृति में स्वतंत्र रूप से मिलने वाले चुम्बक को प्राकृतिक चुम्बक कहते हैं। जैसे-

  • (I) मैग्नेटाइट (Magnetite)


2. कृत्रिम चुम्बक (Artificial Magnet)-

  • लौहे के विभिन्न घटकों से कृत्रिम विधियों द्वारा अलग-अलग आकार व आकृति में अलग-अलग उद्देश्यों हेतु निर्मित चुम्बक को कृत्रिम चुम्बक कहते हैं।
  • कृत्रिम चुम्बक अलग-अलग आकृतियों के होते हैं। जैसे-
  • (I) छड़ चुम्बक (Bar Magnet)- स्थाई चुम्बक
  • (II) नाल चुम्बक (Horse Shoe Magnet)- स्थाई चुम्बक
  • (III) चुम्बकीय सुई चुम्बक (Magnetic Compass)- स्थाई चुम्बक


चुम्बक की विशेषताएं (Characteristics of Magnets)-

  • चुम्बक लोहे (Iron), निकिल (Nickel), कोबाल्ट (Cobalt) आदि धातुओं को अपनी ओर आकर्षित करने का गुण रखता है।
  • चुुम्बक के दो ध्रुव होते हैं। जैसे-
  • (I) उत्तरी ध्रुव (North Pole)
  • (II) दक्षिण ध्रुव (South Pole)
  • चुम्बक में ध्रुवों के पास चुम्बकत्व सर्वाधिक (Highest) होता है तथा मध्य भाग में चुम्बकत्व कम (Lowest) होता है।
  • चुम्बक के ठीक मध्य भाग में चुम्बकत्व नहीं होता इसलिए चुम्बक के ठीक मध्य भाग को उदासीन बिंदु (Neutral Point) कहते हैं।
  • चुम्बक के समान ध्रुवों के मध्य प्रतिकर्षण या विकर्षण (Repulsion) होता है।
  • चुम्बक के विपरीत ध्रवों के मध्य आकर्षण (Attraction) होता है।
  • चुम्बक को तोड़ने पर उसका प्रत्येक टुकड़ा पुनः एक नया चुम्बक बन जाता है जिसके पुनः दो ध्रुव होते हैं अर्थात् चुम्बक के ध्रुवों को अलग नहीं किया जा सकता है।
  • लोहे के टुकड़े को शक्तिशाली चुम्बक के समीप लाने पर लोहे का टुकड़ा चुम्बक के समान व्यवहार करता है।


चुम्बक के उपयोग (Uses of Magnets)-

  • लौह पदार्थों की पहचान करने में। (In the identification of ferrous materials)
  • कम्प्यूटर मेमोरी के निर्माण में। (In the manufacturing of computer memory)
  • NMR में
  • MRI में
  • दिशा सूचक यंत्र में।
  • आवेशित कणों को त्वरित करने में भी चुम्बकीय क्षेत्र का प्रयोग किया जाता है। (Magnetic field is also used to acceleration charged particles)
  • वीडियोग्राफी टेप व फोटोग्राफी टेप में।
  • क्रेडिट कार्ट (Credit Card) व डेबिट कार्ट (Debit Card) के पीछे चुम्बकीय पदार्थ की लेप की एक पट्टी में।


महत्वपूर्ण लिंक (Important Link)-

Post a Comment

0 Comments

Top Post Ad

Android App Download Now

Below Post Ad

Latest Post Down Ads