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रौलेट एक्ट (Rowlatt Act)

रौलेट एक्ट (Rowlatt Act)-

  • 1917 ई. में सिडनी रौलेट (Sidney Rowlatt) की अध्यक्षता में एक सेडीशन कमेटी (Sedition Committee) का गठन किया गया।
  • सेडिशन कमेटी (Sedition Committee) की सिफारिशों के आधार पर 1919 ई. में दो कानून पारित किये गए जिन्हें सम्मिलित रूप से रौलेट एक्ट (Anarchical and Revolutionary Crimes Act, 1919) कहा जाता है।
  • रौलेट एक्ट का मूल नाम या वास्तविक नाम "अराजक और क्रांतिकारी अपराध अधिनियम, 1919" (Anarchical and Revolutionary Crimes Act, 1919) था।
  • रौलेट एक्ट के अंतर्गत किसी भी व्यक्ति को शक के आधार पर गिरफ्तार किया जा सकता था।
  • मोहम्मद इकबाल ने रौलेट एक्ट को "काला कानून" कहा था।
  • मोहम्मद इकबाल कवि थे।
  • मोतिलाल नेहरू ने रौलेट एक्ट को "बिना अपील, बिना वकील, बिना दलील" (without appeal, without lawyers, without hearing) का कानून कहा था।
  • गाँधीजी ने रौलेट एक्ट के खिलाफ 'सत्याग्रह सभा' (Satyagraha Sabha) का आयोजन किया।
  • 6 अप्रैल 1919 ई. को बॉम्बे में मजदूरों के द्वारा हड़ताल की गई।
  • स्वामी श्रद्धानन्द ने गाँधीजी को दिल्ली आमंत्रित किया।
  • गाँधीजी के दिल्ली जाते समय सरकार ने हरियाणा के पलवल नामक स्थान से गाँधीजी को गिरफ्तार कर लिया तथा बॉम्बे वापस भेज दिया।
  • 9 अप्रैल 1919 ई. को पंजाब में सरकार के द्वारा सैफुद्दीन किचलू व डॉ. सतपाल को गिरफ्तार कर लिया गया।
  • 10 अप्रैल 1919 ई. को इस गिरफ्तार के विरोध में सैफुद्दीन किचलू व डॉ. सतपाल के समर्थनों ने आंदोलन किया इस दौरान 5 अंग्रेजों की हत्या कर दी गई अतः पंजाब में मार्शल लॉ (सैनिक शासन) लागू कर दिया गया।

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