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शाही भारतीय नौसेना विद्रोह (Royal Indian Navy Mutiny)

शाही नौसेना विद्रोह (Royal Navy Mutiny) या शाही भारतीय नौसेना विद्रोह (Royal Indian Navy Mutiny)-

  • समय- 18 फरवरी- 25 फरवरी, 1946
  • 18 फरवरी, 1946 को बॉम्बे बंदरगाह के नौसेनिको ने विद्रोह प्रारम्भ कर दिया।
  • M.S. खान के नेतृत्व में एक केंद्रीय हड़ताल समिति (Central Strike Committee) का गठन किया गया।
  • 22 फरवरी को बॉम्बे के मजदूरो ने नौसेनिकों के पक्ष में हड़ताल की।
  • धीरे-धीरे शाही नौसेना विद्रोह अन्य बंदरगाहों पर भी फैलने लगा। जैसे- करांची बंदरगाह (Karachi Port), कलकत्ता बंदरगाह (Calcutta Port), मद्रास बंदरगाह (Madras Port)
  • करांची में 'INS हिंदुस्तान' (INS Hindustan) नामक जहाज पर शाही नौसेना विद्रोह हुआ।
  • वायु सेना (Air Force) ने भी नौसेना (Navy) का समर्थन किया।
  • 25 फरवरी को वल्लभ भाई पटेल तथा मोहम्मद अली जिन्ना के समझाने पर नौसेनिको ने आत्मसमर्पण कर दिया।
  • 25 फरवरी 1946 को शाही नौसेना विद्रोह समाप्त हो गया था।


आत्मसमर्पण के कारण (Reasons for Surrender)-

  • 1. ब्रिटिश सरकार शाही नौसेना विद्रोह को हिंसा (Violence) द्वारा कुचल सकती थी।

  • 2. सैनिको के विद्रोह की संंभावना अंग्रेजों के जाने के बाद भी बनी रह सकती थी।


शाही भारतीय नौसेना विद्रोह के कारण (Causes of the Royal Indian Navy Mutiny)-

  • 1. B.C दत्त की गिरफ्तारी [B.C. दत्त नामक नौसेनिक ने बॉम्बे में 'INS तलवान' (INS Talwar) नामक जहाज पर 'अंग्रेजों भारत छोड़ो' (Britishers Quit India) लिख दिया था।]
  • 2. खराब भोजन (Bad Food)
  • 3. नस्लीय भेदभाव (Racial Discrimination)
  • 4. कम वेतन (Low Salary)
  • 5. आजाद हिन्द फौज के सैनिकों का मुकदमा (Trial of Soldiers of Azad Hind Fauj) या INA मुकदमा
  • आजाद हिन्द फौज को भारतीय राष्ट्रीय सेना (Indian National Army-INA) भी कहा जाता है।

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