Ads Area

स्वदेशी आंदोलन (Swadeshi Movement)

स्वदेशी आंदोलन (Swadeshi Movement)-

  • बंगाल विभाजन (Swadeshi Movement)


बंगाल विभाजन (Bengal Partition)-

  • 19 जुलाई 1905 ई. को लॉर्ड कर्जन ने बंगाल विभाजन की घोषणा की।
  • 7 अगस्त 1905 ई. को स्वदेशी आंदोलन (Swadeshi Movement) प्रारम्भ किया गया।
  • आनन्द मोहन बोस ने कलकत्ता के टाउन हॉल में बड़ी सभा को संबोधित किया।
  • 16 अक्टूबर 1905 ई. को बंगाल विभाजन लागू कर दिया गया।
  • 16 अक्टूबर 1905 ई. को बंगाल में 'शोक दिवस' (Mourning Day) मनाया गया।
  • रवीन्द्र नाथ टैगोर के कहने पर बंगाल में लोगों ने एक दूसरे के राखी बांधी थी।
  • मुख्य गीत (Main Song)- बंगाल विभाजन या स्वदेशी आंदोलन के दौरान गाये गये थे।
  • (I) वन्दे मातरम (Vande Matram)
  • (II) आमार सोनार बांग्ला (Amar Sonar Bangla)
  • सुरेन्द्र नाथ बनर्जी ने बंगाल विभाजन का आसमान से वज्रपात (Bolt from Blue) कहा था।
  • कृष्ण कुमार मित्र के 'संजीवनी' (Sanjeevani) समाचार पत्र में विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए कहा।
  • अश्विन कुमार दत्त ने "स्वदेशी बांधव समिति" (Swadeshi Bandhav Samiti) की स्थापना की तथा 'स्वदेशी' (Swadeshi) नामक समाचार पत्र निकाला।
  • अश्विन कुमार दत्त बारीसाल (बंगाल) के अध्यापक थे।
  • अवनीन्द्र नाथ टैगोर ने स्वदेशी चित्रकारी प्रारम्भ की तथा "इंडियन सोसायटी ऑफ ओरिएंटल आर्ट" (Indian Society of Oriental Arts) की स्थापना की।
  • इंडियन सोसायटी ऑफ ओरिएंटल आर्ट संस्था छात्रवृति (Scholarship) देने का कार्य करती थी।
  • इंडियन सोसायटी ऑफ ओरिएंटल आर्ट संस्था के तहत नन्दलाल बोस को पहली छात्रवृति दी थी।
  • पी.सी. रॉय (P.C. Roy) ने "बंगाल केमिकल्स एण्ड फार्मास्यूटिकल कंपनी" (Bengal Chemicals and Pharmaceutical Company) की स्थापना की।
  • गुरुदास बनर्जी ने "राष्ट्रीय शिक्षा परिषद्" (National Education Council) की स्थापना की।
  • राष्ट्रीय शिक्षा परिषद के तहत गुरुदास बनर्जी ने कलकत्ता में नेशनल कॉलेज की स्थापना की।
  • अरविन्द घोष कलकत्ता के नेशनल कॉलेज (National College of Calcutta) के प्रिंसिपल थे।
  • स्वदेशी आंदोलन बंगाल के अलावा देश के अन्य भागों में भी हुआ जैसे-
  • (I) दिल्ली (Delhi)- सैय्यद हैदर रजा (Syed Haider Raza)
  • (II) मद्रास (Madras)- चिदम्बरम पिल्लै (Chidambaram Pillai)
  • (III) आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh)- हरि सर्वोतम राव (Hari Sarvotham Rao)
  • (IV) पंजाब (Punjab)- लाला लाजपत राय (Lala Lajpat Rai)
  • (V) महाराष्ट्र (Maharashtra)- बाल गंगाधर तिलक (Bal Gangadhar Tilak)
  • स्वदेशी आंदोलन को लेकर नरम दल व गरम दल में मतभेद हो गया था। जैसे-
  • (I) नरम दल (Moderates)-
  • (A) नरम दल स्वदेशी आंदोलन को बंगाल तक सीमित रखना चाहता था।
  • (B) नरम दल केवल विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार के पक्ष में था।
  • (II) गरम दल (Extremists)-
  • (A) गरम दल स्वदेशी आंदोलन को पूरे देश में फैलाना चाहता था।
  • (B) गरम दल ब्रिटिश सरकार के प्रत्येक पक्ष का बहिष्कार करना चाहता था।
  • 1907 ई. में कांग्रेस में विभाजन हो गया तथा ब्रिटिश सरकार ने स्वदेशी आंदोलन को कुचन दिया।
  • बाल गंगाधर तिलक पर राजद्रोह की धारा 124 (A) लगाकर 6 वर्ष की सजा सुनाई गई तथा बर्मा (Burma) की मांडले जेल (Mandalay Jail) में भेज दिया गया।
  • लाला लाजपत राय इंग्लैंड (UK) चले गये तथा बाद में अमेरिका (USA) चले गये थे।
  • विपिनचन्द्र पाल ने राजनीति से संन्यास ले लिया था।
  • अरबिंदो घोष ने भी राजनीति से संन्यास की घोषणा कर दी तथा पोंडीचेरी में एक आश्रम स्थापित कर लिया।


स्वदेशी आंदोलन का महत्व (Importance of Swadeshi Movement)-

  • (I) स्वदेशी आंदोलन भारत का पहला जन आंदोलन था जिसमें सभी वर्गो ने भाग लिया था।
  • (II) स्वदेशी आंदोलन बंगाल विभाजन जैसे क्षेत्रीय मुद्दे से प्रारम्भ हुआ था लेकिन बाद में सम्पूर्ण भारत में फैल गया था।
  • (III) स्वदेशी अपनाने (Adopting Swadeshi) तथा विदेशी बहिष्कार (Boycotting Foreign) से स्वदेशी उद्योग धंधों को फायदा हुआ।
  • (IV) स्वेदशी आंदोलन के दौरान अनेक स्वदेशी शिक्षण संस्थाऐ स्थापित की गई जिससे भारत में शिक्षा का प्रचार प्रसार हुआ।
  • (V) हमने स्वदेशी अपनाने तथा विदेशी बहिष्कार जैसे नये उपकरण प्राप्त किये जो गांधीजी के असहयोग आंदोलन में सहायक सिद्ध हुए।
  • (VI) स्वदेशी आंदोलन के दबाव के कारण ब्रिटिश सरकार (British Government) को 1909 ई. में सुधार करने पड़े।
  • (VII) जब सरकार ने इस अहिंसक आंदोलन का दमन किया तो भारतीय युवाओं का रुझान क्रांतिकारी आंदोलन की तरफ बढ़ा।

Post a Comment

0 Comments

Top Post Ad

Below Post Ad