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राजस्थान की खारे पानी की झीलें (Brine Water Lakes of Rajasthan)

राजस्थान की खारे पानी की झीलें (Brine Water Lakes of Rajasthan)-

  • राजस्थान में खारे पानी की झीलों का पानी खारा होने का कारण टेथिस सागर के अवशेष को माना जाता है।
  • राजस्थान में खारे पानी की सर्वाधिक झीलें डीडवाना-कुचामन जिले में स्थित है। (पहले नागौर जिले में)
  • खारे पानी की झीलों का पानी खारा होने का मुख्य कारण माइका शिष्ट चट्टानें है जो खारे पानी की झीलों के नीचे पायी जाती है।

 

राजस्थान में खारे पानी की झीलें (Brine Water Lakes in Rajasthan)-

  • राजस्थान में कुल 12 खारे पानी की झीलें है। जैसे-

  • 1. सांभर झील (जयपुर ग्रामीण, राजस्थान)
  • 2. पंचपदरा झील (बालोतरा, राजस्थान)
  • 3. डीडवाना झील (डीडवाना-कुचामन, राजस्थान)
  • 4. कुचामन झील (डीडवाना-कुचामन, राजस्थान)- पहले नागौर जिले में
  • 5. नावा झील (डीडवाना-कुचामन, राजस्थान)- पहले नागौर जिले में
  • 6. डेगाना झील (नागौर, राजस्थान)
  • 7. लूणकरणसर झील (बीकानेर, राजस्थान)
  • 8. तालछापर झील (चूरू, राजस्थान)
  • 9. रैवासा झील (सीकर, राजस्थान)
  • 10. कोछौर झील (सीकर, राजस्थान)
  • 11. कावोद झील (जैसलमेर, राजस्थान)
  • 12. फलौदी झील (फलौदी, राजस्थान)


1. सांभर झील (जयपुर ग्रामीण, राजस्थान)-

  • स्थित- सांभर झील जयपुर ग्रामीण जिले में स्थित खारे पानी की झील है। (पहले जयपुर जिले में स्थित)
  • लम्बाई- सांभर झील की लम्बाई 36 किलोमीटर है।
  • चौड़ाई- सांभर झील की चौड़ाई 3 से 12 किलोमीटर है।
  • निर्माण- बिजोलिया शिलालेख के अनुसार सांभर झील का निर्माण वासुदेव चौहान ने करवाया था।
  • विशेषताएं-
  • सांभर झील में 5 नदियों का पानी आता है। जैसे- तुरतमती नदी, मेंथा या मेंडा नदी, खारी नदी, खंडेल नदी, रूपनगढ़ नदी
  • सांभर झील राजस्थान की सबसे बड़ी झील है।
  • सांभर झील राजस्थान की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है।
  • सांभर झील भारत की तीसरी सबसे बड़ी खारे पानी की झील है।
  • चिल्का झील (ओडिशा) भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है।
  • चिल्का झील (ओडिशा) भारत की सबसे बड़ी झील है।
  • पुलीकट झील (आंध्रप्रदेश व तमिलनाडु) भारत की दूसरी सबसे बड़ी खारे पानी की झील है।
  • अन्तः स्थलीय भाग पर भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील सांभर है।
  • कैस्पियन सागर (मध्य एशिया) विश्व की सबसे बड़ी झील है।
  • कैस्पियन सागर (मध्य एशिया) विश्व की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है।
  • सांभर झील में भारत का लगभग 8% नमक उत्पादित होता है। (पहले 8.7%)
  • सांभर झील में राजस्थान का लगभग 80-90% नमक उत्पादित होता है।
  • सांभर झील से भारत में सर्वाधिक नमक उत्पादित होता है।
  • सांभर झील से राजस्थान में सर्वाधिक नमक उत्पादित होता है। 
  • सांभर झील से नमक का उत्पादन "सांभर साल्ट लिमिटेड" करता है। (राज्य)
  • सांभर साल्ट लिमिटेड, हिंदुस्तान साल्ट लिमिटेड (HSL) के अधीन कार्य करता है। (केंद्र)
  • सांभर झील में सांभर साल्ट लिमिटेड (राज्य) का हिस्सा 40% एवं हिंदुस्तान साल्ट लिमिटेड (केंद्र) का हिस्सा 60% है।
  • सांभर झील पर मुख्य अधिकार हिंदुस्तान साल्ट लिमिटेड (HSL) का है।
  • 1990 में सांभर झील को रामसर साइट में शामिल किया गया था।
  • सांभर झील रामसर साइट में कुरजा पक्षी व राजहंस पक्षी को संरक्षण प्राप्त है।
  • सांभर झील राजस्थान की एकमात्र झील है जो रामसर साइट में शामिल है।
  • सांभर झील से उत्पादिक नमक को क्यार कहते हैं।
  • सांभर झील से नमक बनाने की तकनीक को क्यारी कहते हैं।
  • 2019 में सांभर झील कुरजा पक्षियों की मृत्यु के कारण चर्चा में रही थी।
  • 2019 में कुरजा पक्षियों की मृत्यु का कारण एवियन बोटुलिज्म बीमारी को माना गया था।


राजस्थान में रामसर साइट-

  • वर्तमान में राजस्थान में केवल दो रामसर साइट है। जैसे-
  • (I) केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (भरतपुर)- 1981
  • (II) सांरभ झील (जयपुर ग्रामीण)- 1990
  • रामसर सम्मेलन 2 फरवरी, 1971 में आयोजित।


कुरजा पक्षी-

  • संख्या की दृष्टि से राजस्थान में सर्वाधिक कुरजा पक्षी खींचन (जोधपुर) में पाया जाता है।
  • अभयारण्य की दृष्टि से राजस्थान में सर्वाधिक कुरजा पक्षी तालछापर अभयारण्य (चूरू) में पाया जाता है।
  • रामसर साइट की दृष्टि से राजस्थान में सर्वाधिक कुरजा पक्षी सांभर झील (जयपुर ग्रामीण) में पाया जाता है।


2. पंचपदरा झील (बालोतरा, राजस्थान)-

  • स्थित- पंचपदरा झील बालोतरा जिले में स्थित खारे पानी की झील है। (पहले बाड़मेर जिले में)

  • विशेषताएं-

  • पंचपदरा झील से सर्वश्रेष्ठ किस्म का नमक उत्पादित होता है क्योंकि पंचपदरा झील के उत्पादित नमक में सोडियम क्लोराइ़ड (Nacl) की मात्रा 98% होती है अर्थात् इसमें अशुद्धि केवल 2% ही होती है।
  • खारवाल जाति द्वारा पंचपदरा झील से नमक उत्पादित किया जाता है।
  • पंचपदरा झील से नमक उत्पादित करने के लिए मोरली झाड़ी का उपयोग किया जाता है।
  • पंचपदरा झील से नमक उत्पादित करने के लिए छोटे-छोटे कुएं या कुंड बनाये जाते हैं जिन्हें कोसिया कहा जाता है।
  • कोसिया से उत्पादिक नमक को रेस्ता कहा जाता है।


3. डीडवाना झील (डीडवाना-कुचामन, राजस्थान)-

  • स्थित- डीडवाना झील डीडवाना-कुचामन जिले में स्थित खारे पानी की झील है। (पहले नागौर जिले में स्थित)

  • विशेषताएं-

  • डीडवाना झील से निम्न श्रेणी का नमक उत्पादित होता है क्योंकि डीडवाना झील से उत्पादित नमक में सोडियम क्लोराइड (Nacl) के स्थान पर सोडियम सल्फेट (Na2So4) की मात्रा अधिक पायी जाती है।
  • डीडवाना झील के पास "राजस्थान राज्य केमिकल वर्क्स" की स्थापना 1964 में की गई।
  • सोडियम सल्फेट का उपयोग काँच उद्योग, कागज उद्योग व चमड़ा उद्योग में किया जाता है।


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