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राजस्थान की प्रमुख झीलें (Major Lakes of Rajasthan)

राजस्थान की प्रमुख झीलें (Major Lakes of Rajasthan)-

  • राजस्थान में सर्वाधिक झीलें उदयपुर जिले में स्थित है इसलिए उदयपुर को झीलों की नगरी (Lake City) कहा जाता है।

  • पानी की प्रकृति के आधार पर राजस्थान में झीलों को 2 भागों में विभाजित किया गया है। जैसे-
  • (अ) खारे पानी की झीलें (Brine Water Lakes)
  • (ब) मीठे पानी की झीलें (Fresh Water Lakes)


(अ) खारे पानी की झीलें (Brine Water Lakes)-

  • राजस्थान में खारे पानी की झीलों का पानी खारा होने का कारण टेथिस सागर के अवशेष को माना जाता है।
  • राजस्थान में खारे पानी की सर्वाधिक झीलें डीडवाना-कुचामन जिले में स्थित है। (पहले नागौर जिले में)
  • खारे पानी की झीलों का पानी खारा होने का मुख्य कारण माइका शिष्ट चट्टानें है जो खारे पानी की झीलों के नीचे पायी जाती है।


👉राजस्थान की खारे पानी की झीलों की अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।


(ब) मीठे पानी की झीलें (Fresh Water Lakes)-

  • राजस्थान में मीठे पानी की झीलों का पानी मीठा होने का कारण वर्षा जल (ताजा पानी) को माना जाता है अर्थात् मीठे पानी की झीलें वर्षा पर निर्भर है।

  • राजस्थान में मीठे पानी की सर्वाधिक झीलें उदयपुर जिले में स्थित है।


👉राजस्थान की मीठे पानी की झीलों की अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।


राष्ट्रीय झील संरक्षण योजना (National Lake Conservation Plan)-

  • राष्ट्रीय झील संरक्षण योजना की शुरुआत 2001 में केंद्र सरकार द्वारा की गई थी।
  • कालांतर में इस योजना को बंद कर दिया गया था।
  • 1 अप्रैल 2016 में इस योजना को दोबारा शुरू किया गया था।
  • सहयोग- केंद्र (60%) व राज्य (40%)
  • वर्तमान में राष्ट्रीय झील संरक्षण योजना में राजस्थान की 5 झीलों को शामिल किया गया है। जैसे-
  • (I) पिछोला झील (उदयपुर)
  • (II) फतेहसागर झील (उदयपुर)
  • (III) आनासागर झील (अजमेर)
  • (IV) पुष्कर झील (अजमेर)
  • (V) नक्की झील (सिरोही)
  • पहले राष्ट्रीय झील सरंक्षण योजना में राजस्थान की 6 झीलों को शामिल किया गया था। जैसे-
  • (I) मानसागर झील (जयपुर)
  • (II) पिछोला झील (उदयपुर)
  • (III) फतेहसागर झील (उदयपुर)
  • (IV) आनासागर झील (अजमेर)
  • (V) पुष्कर झील (अजमेर)
  • (VI) नक्की झील (सिरोही)


राजस्थान के प्रसिद्ध कुएँ (Famous Wells of Rajasthan)-

  • 1. चंदन ट्यूबवेल (जैसलमेर, राजस्थान)- इसे थार का घड़ा कहा जाता है।

  • 2. बाटाडू कुआं (बायतु, बालोतर, राजस्थान)- इसे रेगिस्तान का जल महल या मरुस्थल का जल महल कहा जाता है। (पहले बायतु नामक स्थान बाड़मेर में था)


अन्य महत्वपूर्ण तथ्य (Other Important Facts)-

  • जोधपुर जिले का प्रतीक चिह्न- कुरजा पक्षी
  • नागौर जिले का प्रतीक चिह्न- राजहंस पक्षी
  • सवाई माधोपुर का प्रतीक चिह्न- बाघ


महत्वपूर्ण लिंक (Important Link)-

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