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खिलजी वंश (Khilji Dynasty)

खिलजी वंश (Khilji Dynasty)- दिल्ली सल्तनत (Delhi Sultanate)

  • शासन काल- 1290-1320 ई.
  • खिलजी मूलतः तुर्क थे लेकिन इनके पूर्वज अफगानिस्तान में बस गए थे।
  • इन्होंने अफगानी रीति-रिवाजों व संस्कृति को अपना लिया था।
  • मोहम्मद हबीब ने खिलजी वंश की स्थापना को खिलजी क्रांति कहा है।


खिलजी क्रांति (Khilji Revolution)-

  • मोहम्मद हबीब ने खिलजी वंश की स्थापना को खिलजी क्रांति कहा है क्योंकि-
  • (I) इससे तुर्क श्रेष्ठता की मनोवृति को आघात लगा।
  • (II) खिलजी शासकों ने साम्राज्यवादी नीति को अपनाया।
  • (III) खिलजी शासकों ने धर्म को राजनीति से पृथक किया।
  • (IV) सांस्कृतिक योगदान।


खिलजी वंश के शासक (Ruler of Khilji Dynasty)-

  • खिलजी वंश के शासकों का क्रम-
  • 1. जलालुद्दीन खिलजी (Jalaluddin Khilji)- 1290-1296 ई.
  • 2. अलाउद्दीन खिलजी (Alauddin Khilji)- 1296-1316 ई.
  • 3. शिहाबुद्दीन उमर (Shihabuddin Omar)- 1316 ई.
  • 4. मुबारक खिलजी (Mubarak Khilji)- 1316-1320 ई.
  • 5. खुशरव शाह (Khusrav Shah)- 1320 ई.


1. जलालुद्दीन खिलजी (Jalaluddin Khilji)-

  • शासन काल- 1290- 1296 ई.
  • जलालुद्दीन खिलजी को फिरोज भी कहा जाता है।
  • जलालुद्दीन खिलजी ने एक वर्ष तक अपना शासन किलोखरी से चलाया।
  • जलालुद्दीन खिलजी ने बलबन के सिंहासन का प्रयोग नहीं किया।
  • जलालुद्दीन खिलजी ने मलिक छज्जू के विद्रोह को माफ कर दिया।
  • मलिक छज्जू बलबन का भतीजा था।
  • जलालुद्दीन खिलजी ने रणथम्भौर पर आक्रमण किया जो असफल रहा।
  • रणथम्भौर के शासक हमीर चौहान ने जलालुद्दीन खिलजी को पराजित किर दिया।
  • जलालुद्दीन खिलजी ने सूफीसंत सिद्दी मौला को मृत्युदंड दिया।
  • जलालुद्दीन खिलजी ने दिल्ली के ठगों व चोरों को दावत दी तथा नावों द्वारा उन्हें दिल्ली से बाहर भेज दिया।
  • जलालुद्दीन खिलजी ने दीवान-ए-वकूफ (व्यय विभाग) नामक विभाग की स्थापना की।
  • मंगोल नेता उलूग खाँ ने दिल्ली पर आक्रमण किया लेकिन जलालुद्दीन खिलजी ने उसे पराजित किया।
  • उलूग खाँ के नेतृत्व में कुछ मंगोल दिल्ली में बस गये।
  • कालांतर में इन मंगोलों ने इस्लाम धर्म अपनाया एवं नवीन मुसलमान कहलाये।
  • जलालुद्दीन खिलजी के भतीजे अलाउद्दीन खिलजी ने दक्षिण भारत में देवगिरी पर आक्रमण किया।
  • अलाउद्दीन खिलजी ने अपने चाचा जलालुद्दीन खिलजी की हत्या कर दी।


2. अलाउद्दीन खिलजी (Alauddin Khilji)-

  • शासन काल- 1296-1316 ई.
  • बचपन का नाम- अली गुरशास्प
  • अलाउद्दीन खिलजी का पालन-पोषण चाचा जलालुद्दीन खिलजी द्वारा किया गया था।
  • दिल्ली प्रवेश के समय अलाउद्दीन खिलजी ने जनता में चाँदी के सिक्के बांटे।
  • अलाउद्दीन खिलजी के दो सपने थे। जैसे-
  • (I) अलाउद्दीन खिलजी सम्पूर्ण विश्व को जीतना चाहता था इसलिए अलाउद्दीन खिलजी ने सिकन्दरसानी की उपाधि धारण की।
  • (II) नए धर्म की स्थापना।
  • अलाउद्दीन खिलजी ने अपने मित्र अल्लाह-उल-मुल्क के सुझाव पर ये विचार त्याग दिये।
  • अलाउद्दीन खिलजी ने धर्म को राजनीति से अलग किया। [काजी मुंगीस (मुंगिसुद्दीन) के साथ उसका वार्तालाप]
  • सल्तनत काल में सर्वाधिक मंगोल आक्रमण अलाउद्दीन खिलजी के काल में हुए।
  • 1316 ई. में अलाउद्दीन खिलजी की मृत्यु हो गई थी।


अलाउद्दीन खिलजी के विद्रोह या अलाउद्दीन खिलजी के काल के विद्रोह-

  • (I) मंगू खाँ का विद्रोह (Revolt of Mangu Khan)
  • (II) अक्त खाँ का विद्रोह (Revolt of Akt Khan)
  • (III) नवीन मुसलमानों का विद्रोह (Revolt of New Muslims)
  • (IV) हाजी मौला का विद्रोह (Revolt of Hazi Maula)


अलाउद्दीन खिलजी के सैन्य सुधार (Military Reforms of Alauddin Khilji)-

  • अलाउद्दीन खिलजी ने नियमित सेना (Permanent Army) का गठन किया।
  • सेनिकों को वेतन दिया एवं प्रशिक्षण की व्यवस्था की।
  • खुम्स में सैनिकों का हिस्सा 20% किया।
  • सैनिकों का हुलिया लिखवाना प्रारम्भ किया।
  • घोड़ों को दागना प्रारम्भ किया।
  • हुलिया व घोड़ों को दागना दोनों को चेहरा और दाग व्यवस्था कहा जाता था।


खुम्स-

  • खुम्स- शरीयत के अनुसार कर

  • खुम्स- युद्ध में से जो माल लूटा जाता है सुल्तान के हिस्से को खुम्स कहा जाता है।

  • युद्ध की लूट में सुल्तान को 20% मिलता था।
  • अलाउद्दीन खिलजी एवं मोहम्मह बिन तुगलक ने इस अनुपात को उल्टा कर दिया। (सुल्तान 80% वे सैनिकों का 20%)


अलाउद्दीन खिलजी के राजस्व सुधार (Revenue Reform of Alauddin Khilji)-

  • मसाहत = भूमि की पैमाईश कर भू-राजस्व का निर्धारण करना।
  • भू-राजस्व दर को 50% किया।
  • अधिक से अधिक भूमि को खालसा में परिवर्तित किया।
  • दीवान-ए-मुस्तखराज (राजस्व विभाग) = बकाया भू-राजस्व की वसूली के लिए स्थापित विभाग।
  • दो नये कर लगाये। जैसे-
  • (I) चरी कर- चारागाह कर
  • (II) घरी कर- गृह कर


अलाउद्दीन खिलजी के बाजार सुधार (Market Reforms of Alauddin Khilji)-

  • उद्देश्य- कम वेतन पर बड़ी सेना रखना।
  • जानकारी के स्रोत-
  • (I) बरनी (लेखक) = तारीक-ए-फिरोजशाही (पुस्तक)
  • (II) अमीर खुसरो (लेखक) = खजाईन-उल-फुतूह (पुस्तक)
  • (III) इब्न बबतू (लेखक) = रेहला (पुस्तक)
  • (IV) इसामी (लेखक) = फुतूह-उस-सलातीन (पुस्तक)
  • दीवान-ए-रियासत (विभाग)- बाजार सुधार के लिए स्थापित विभाग
  • तीन प्रकार के बाजार की स्थापना की। जैसे-
  • (I) सराय-ए-अदल = सामान्य वस्तुओं का बाजार
  • (II) मंडी = अनाज बाजार
  • (III) दासो व घोड़ों को बाजार
  • चार प्रकार के अधिकारियों की नियुक्ति की। जैसे-
  • (I) शहना-ए-मंडी = पुलिस अधिकारी
  • (II) बरीद एवं मुन्ही या मुन्हैयान = गुप्तचर
  • (III) परवाना नवीस = मंगी वस्तुएं खरीदने का लाइसेंस देता था।


अलाउद्दीन खिलजी के अभियान (Campaigns of Alauddin Khilji)-

  • 1298 ई. गुजरात (गुजरात का शासक- कर्ण बघेल)
  • 1299 ई. जैसलमेर (जैसलमेर का शासक- मूलराज-प्रथम)
  • 1301 ई. रणथम्भौर अभियान (रणथम्भौर का शासक- हमीर देव चौहान)
  • 1303 ई. चित्तौड़गढ़ (चित्तौड़गढ़ में शासक- रतन सिंह)
  • 1305 ई. मालवा (मालवा का शासक- महलक देव, परमार वंश)


अलाउद्दीन खिलजी के दक्षिण भारत के अभियान (Campaigns of Alauddin Khilji in South India)-

  • अलाउद्दीन खिलजी के दक्षिण भारत अभियान का नेतृत्व मलिक काफूर ने किया था।
  • (I) देवगिरी अभियान
  • (II) वारंगल अभियान
  • (III) द्वारसमुद्र अभियान
  • (IV) मदुरै अभियान


(I) देवगिरी अभियान-

  • अलाउद्दीन खिलजी के देवगिरी अभियान के दौरान देवगिरी का शासक रामचन्द्र देव था।
  • रामचन्द्र देव यादव राजवंश का शासक था।
  • अलाउद्दीन खिलजी ने रामचन्द्र को राय रहान की उपाधि दी।


(II) वारंगल अभियान-

  • अलाउद्दीन खिलजी के वारंगल अभियान के दौरान वारंगल का शासक प्रताप रुद्र देव था।
  • प्रताप रुद्र देव काकातीय राजवंश का शासक था।
  • वारंगल अभियान के दौरान मलिक काफूर को यहाँ से कोहिनूर हीरा प्राप्त हुआ।


(III) द्वारसमुद्र अभियान-

  • अलाउद्दीन खिलजी के द्वारसमुद्र अभियान के दौरान द्वारसमुद्र का शासक वीर बलला-III था।

  • वीर बलला होयसल राजवंश का शासक था।


(IV) मदुरै अभियान-

  • अलाउद्दीन खिलजी के मदुरै अभियान के दौरान मदुरै में वीर पाण्ड्य एवं सुन्दर पाण्ड्य के मध्य उत्तराधिकार संघर्ष चल रहा था।
  • मलिक काफूर सर्वाधिक धन मदुरै से प्राप्त हुआ।
  • वीर पाण्डय एवं सुन्दर पाण्ड्य ने आत्मसमर्पण नहीं किया।


अलाउद्दीन खिलजी के चार खान (Four Khans of Alauddin Khilji)-

  • (I) नुसरत खान- रणथम्भौर अभियान के दौरान मारा गया।
  • (II) जफर खान- मंगोलों के विरुद्ध लड़ते हुए मारा गया।
  • (III) उलूग खान
  • (IV) अलप खान


मलिक काफूर (Malik Kafur)-

  • मलिक काफूर एक किनर (हिजड़ा) था।
  • नुसरत खान ने मलिका काफूर को भरुच (गुजरात) से 1000 दिनार में खरीदा था इसलिए मलिका काफूर को हजार दिनारी कहा जाता है।
  • मलिक काफूर के प्रभाव में अलाउद्दीन खिलजी ने अपने बेटों शादी खाँ व खिज्र खाँ को अंधा करवा दिया था।
  • मुबारक खिलजी को जेल में डलवा दिया था।


3. शिहाबुद्दीन उमर (Shihabuddin Omar)-

  • शासन काल- 1316 ई.
  • मलिक काफूर शिहाबुद्दीन उमर का संरक्षक था।
  • मुबारक खिलजी ने मलिक काफूर की हत्या करवा दी।


4. मुबारक खिलजी (Mubarak Khilji)-

  • शासन काल- 1316-1320 ई.
  • मुबारक खिलजी ने स्वयम् को खलीफा घोषित किया।
  • मुबारक खिलजी का निजामुद्दीन औलिया के साथ विवाद हुआ।
  • खुशरव शाह ने मुबारक खिलजी की हत्या कर दी।


5. खुशरव शाह (Khusrav Shah)-

  • शासन काल- 1320 ई.

  • खुशरव शाह ने स्वयम् को पेगम्बर का सेनापति घोषित किया।
  • खुशरव शाह ने निजामुद्दीन औलिया को 5 लाख टंका उपहार दिये।
  • गाजी मलिक ने खुशरव शाह की हत्या कर तुगलक वंश की स्थापना की।


खिलजी वंश की स्थापत्य कला (Architecture of Khilji Dynasty)-

  • सल्तनत काल में खिलजीकालीन इमारतों में अत्यधिक सुंदर अलंकरण का कार्य किया गया है।
  • यह खिलजी शासकों को अच्छी आर्थिक स्थिति को दर्शाता है।
  • इस स्थापत्य कला में लाल बलूआ पत्थर का प्रयोग।
  • इस स्थापत्य कला में सफेद संगमरमर पर अलंकरण किया गया।
  • इस स्थापत्य कला में इस्लामिक प्रभाव अधिक दिखाई देता है।
  • इस स्थापत्य में सेल्जुक शैली का प्रयोग।
  • खिलजी वंश की स्थापत्य कला जैसे-
  • 1. अलाउद्दीन खिलजी
  • 2. मुबारक खिलजी


1. अलाउद्दीन खिलजी-

  • अलाउद्दीन खिलजी के काल में निर्मित इमारतें-
  • (I) नवनगर या नौनगर
  • (II) हौज खास
  • (III) सिरी फोर्ट (Siri Fort)
  • (IV) अलाई मीनार (Alai Minar)
  • (V) अलाई दरवाजा (Alai Darwaja)
  • (VI) जमात खाना मस्जिद (Jamat Khana Mosque)


(I) नवनगर या नौनगर-

  • स्थित- दिल्ली

  • निर्माण- अलाउद्दीन खिलजी


(II) हौज खास-

  • स्थित- दिल्ली

  • हौज खास नवनगर में ही स्थित है।

  • निर्माण- अलाउद्दीन खिलजी


(III) सिरी फोर्ट (Siri Fort)-

  • स्थित- दिल्ली
  • निर्माण- अलाउद्दीन खिलजी
  • सिरी फोर्ट सल्तनत काल की दूसरी दिल्ली है।
  • सल्तनत काल की पहली दिल्ली "किला राय पिथौरा" (दिल्ली) है।
  • सिरी फोर्ट में अलाउद्दीन खिलजी ने "हजार सितून" महल का निर्माण करवाया। (सितून = खम्बे)
  • वर्तमान में हजार सितून महल अस्तित्व में नहीं है।


(IV) अलाई मीनार (Alai Minar)-

  • स्थित- दिल्ली

  • निर्माण- अलाउद्दीन खिलजी


(V) अलाई दरवाजा (Alai Darwaja)-

  • स्थित- दिल्ली
  • निर्माण- अलाउद्दीन खिलजी
  • इसमें बना गुंबद वैज्ञानिक दृष्टिकोण से निर्मित प्रथम गुबंद है।
  • कुतुब कॉम्प्लेक्स के आस पास परकोटे का निर्माण करके प्रवेश द्वार के रूप में अलाई दरवाजे का निर्माण करवाया गया।
  • यह लाल बलूआ पत्थर से निर्मित है।
  • इसमें सफेद संगमरमर पर अलंकरण किया गया है।


(VI) जमात खाना मस्जिद (Jamat Khana Mosque)-

  • स्थित- दिल्ली
  • निर्माण- अलाउद्दीन खिलजी
  • यह शुद्ध इस्लामिक (गुबंद) शैली में निर्मित भारत की पहली इमारत है।


2. मुबारक खिलजी-

  • मुबारक खिलजी के काल में निर्मित इमारतें-

  • (I) ऊखा मस्जिद (Ukha Mosque)


(I) ऊखा मस्जिद (Ukha Mosque)-

  • स्थित- बयाना, भरतपुर

  • निर्माण- मुबारक खिलजी

  • ऊखा मस्जिद को उषा मंदिर भी कहा जाता है।

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