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लोकपाल (Lokpal)

भारत के लोकपाल (Lokpal of India)-

  • यह एक सांविधिक या वैधानिक आयोग (Statutory Commission) है।
  • भारत में लोकपाल की व्यवस्था स्वीडन के औम्बुडसमैन संस्था से प्रभावित व प्रेरित है।
  • औम्बुडसमैन (Ombudsman) शब्द का अर्थ है- किसी का प्रतिनिधित्व करने वाला।
  • 1809 में विश्व में सबसे पहले स्वीडन से लोकपाल की शुरुआत हुई है जिसे ओम्बुडसमेन कहते हैं।
  • 1963 में भारत में राजस्थान प्रशासनिक सुधार समिति गठन किया गया है जिसके अध्यक्ष हरिश्चन्द्र माथुर थे।
  • 1963 में हरिश्चन्द्र माथुर की अध्यक्षता वाला राजस्थान प्रशासनिक सुधार समिति के द्वारा भारत में पहली बार लोकपाल व लोकायुक्त की माँग की गई।
  • भारत में संसद में सबसे पहले लोकपाल की माँग एल.एम. सिंधवी ने की थी।
  • 1966 में प्रथम प्रशासनिक सुधार आयोग (ARC) का गठन किया गया जिसके अध्यक्ष मोरारजी देसाई थे।
  • 1966 में प्रथम प्रशासनिक सुधार आयोग द्वारा केंद्र स्तर पर लोकपाल व राज्य स्तर पर लोकायुक्त की माँग की गई।
  • 1968 में प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के शासन काल में लोकपाल बिल लाया गया लेकिन यह बिल पारित नहीं हुआ।
  • 1970 में ओडिशा में पहली बार लोकायुक्त बिल पारित हुआ।
  • 1970 में लोकायुक्त बिल पारित करने वाला भारत का पहला राज्य ओडिशा बना लेकिन इस समय ओडिशा में लोकायुक्त नियुक्ति नहीं किया गया था।
  • ओडिशा में पहली बार 1983 में लोकायुक्त नियुक्त किया गया था।
  • 1971 में महाराष्ट्र में लोकायुक्त बिल पारित हुआ तथा लोकायुक्त की नियुक्ति भी की गई।
  • भारत में लोकायुक्त की नियुक्ति करने वाला पहला राज्य महाराष्ट्र था।
  • 3 फरवरी, 1973 को राजस्थान में लोकायुक्त बिल पारित हुआ।
  • 2007 में दूसरा प्रशासनिक सुधार आयोग (ARC) बनाया गया जिसके अध्यक्ष वीरप्पा मोइली थे।
  • 2007 में दूसरे प्रशासनिक सुधार आयोग (ARC) की सिफारिश के अनुसार राष्ट्रीय लोकयुक्त व राज्य में लोकायुक्त होना चाहिए।
  • 2011 में अन्ना हजारे आंदोलन किया गया जिसे India Against Corruption (IAC) द्वारा चलाया गया तथा इस आंदोलन में भी लोकपाल बिल पारित करने की माँग की गई।
  • 2011 में 10वीं बार लोकपाल बिल संसद में रखा गया तथा 10वीं बार में पारित हुआ।
  • 17 दिसम्बर, 2013 में लोकपाल बिल राज्यसभा में पारित हुआ।
  • 18 दिसम्बर, 2013 में लोकपाल बिल लोकसभा में पारित हुआ।
  • 1 जनवरी, 2014 को राष्ट्रपति द्वारा लोकपाल बिल पर हस्ताक्षर कर सहमति दी गयी।
  • 16 जनवरी 2014 को लाकपाल प्रभावी हुआ।


संरचना (Structure)-

  • यह एक बहुसदस्यीय आयोग है।
  • लोकपाल में कुल 9 सदस्य होते हैं। जैसे-
  • (I) लोकपाल (अध्यक्ष)- 1
  • (II) अन्य सदस्य- 8
  • 8 अन्य सदस्यों में से 4 सदस्य न्यायिक क्षेत्र से तथा 4 सदस्य SC/ST/OBC/Female/Minority आदि वर्गों से होते हैं।


नियुक्ति (Appointment)-

  • लोकपाल में सभी सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा एक चयन समिति की सिफारिश पर की जाती है जिसमें निम्न सदस्य होते हैं।-
  • (I) प्रधानमंत्री- अध्यक्ष
  • (II) विपक्ष का नेता
  • (III) लोकसभा अध्यक्ष
  • (IV) सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश (CJI) या उनके द्वारा नामित न्यायाधीश या न्यायवेत्ता


पुनर्नियुक्ति (Reappointment)-

  • लोकपाल में पुनर्नियुक्ति का प्रावधान नहीं है।


त्याग पत्र (Resignation Letter)-

  • लोकपाल अपना त्याग पत्र राष्ट्रपति को देता है।


निष्कासन की प्रक्रिया या पद से हटाने की प्रक्रिया (Removal Process)-

  • राष्ट्रपति द्वारा लोकपाल को निम्न आधारों पर निष्कासित किया जा सकता है।-
  • (I) दिवालिया घोषित होने पर।
  • (II) लाभ का पद धारण करने पर।
  • (III) मानसिक या शारीरिक अक्षमता।
  • (IV) पागल
  • (V) न्यायालय द्वारा अपराध सिद्धि होने पर।

  • दुर्व्यवहार या अक्षमता की स्थिति में न्यूनतम 100 सांसदो द्वारा हस्ताक्षरित एक याचिका राष्ट्रपति को प्रस्तुत होगी जिसे जाँच के लिए सर्वोच्च न्यायालय भेजा जाता है।
  • सर्वोच्च न्यायालय की जाँच में दोषी पाए जाने पर राष्ट्रपति लोकपाल और सदस्यों को पद से हटा देता है।


लोकपाल व सदस्यों के विरुद्ध जाँच-

  • लोकपाल व सदस्यों के विरुद्ध होने वाली जाँच का समय निम्न है।
  • (I) सामान्य प्रकृति की जाँच में 3 माह का समय
  • (II) गंभीर प्रकृति की जाँच में 6 माह का समय

  • (III) अभियोजन प्रकृति की जाँच में 1 वर्ष का समय
  • यदि कोई गलत या भ्रामक शिकायत करता है तो उसके विरुद्ध दण्ड का प्रावधान है।
  • केंद्र सरकार लोकपाल से जुड़े मामलों के निस्तारण हेतु विशिष्ट अदालत का गठन करती है।


योग्यता (Qualification)-

  • लोकपाल पद से लिए सर्वोच्च न्यायालय का पूर्व मुख्य न्यायाधीश या अन्य न्यायधीश या प्रतिष्ठित व्यक्ति होना चाहिए।

  • लोकपाल के लिए न्यूनतम आयु 45 वर्ष होनी चाहिए।


अयोग्यता (Disqualification)-

  • निम्न आधारों पर लोकपाल पद के लिए अयोग्य माना जाएगा।
  • (I) आयु 45 वर्ष से कम होने पर।
  • (II) अपराध का दोषी होने पर।
  • (III) ससंद का सदस्य (MP) या राज्य विधानमंडल का सदस्य (MLA/MLC) होने पर।


कार्यकाल (Tenure)-

  • लोकपाल का कार्यकाल 5 वर्ष या 70 वर्ष की आयु जो भी पहले हो।


वेतन (Salary)-

  • लोकपाल के वेतन का निर्धारण संसद द्वारा किया जाता है।


लोकपाल का क्षेत्राधिकार (Jurisdiction of Lokpal)-

  • 1. प्रधानमंत्री (लेकिन जाँच प्रतिबंध एवं शर्तों के अधीन)
  • प्रधानमंत्री के विरुद्ध लोकपाल जाँच कर सकता है लेकिन निम्न मामलों में प्रधानमंत्री के विरुद्ध जाँच नहीं कर सकता है जैसे-
  • (I) विदेश संबंध
  • (II) अंतर्राष्ट्रीय संबंध
  • (III) आंतरिक या बाह्य सुरक्षा
  • (IV) परमाणु ऊर्जा
  • (V) अंतरिक्ष
  • अन्य मामलों में लोकपास के न्यूनतम 2/3 सदस्यों (6 सदस्य) की अनुमति मिलने पर ही प्रधानमंत्री के विरुद्ध जाँच की जा सकती है।
  • 2. समस्त पूर्व एवं वर्तमान मंत्री एवं सांसद
  • 3. भारत सरकार के प्रशासनिक अधिकारी (श्रेणी A, B, C, D) व कर्मचारी
  • 4. भारत सरकार द्वारा संचालित लोक उपक्रमो के लोक सेवक।
  • 5. गैर सरकारी संगठन (NGO) जो 10 लाख या इससे अधिक विदेशी अनुदान प्राप्त करते हैं।


लोकपाल की शक्तियां-

  • लोकपाल को सिविल न्यायालय की शक्तियां प्राप्त है।
  • लोकपाल CBI / CVC/ ED आदि को निर्देश दे सकता है।
  • लोकपास की खुद की जाँच एजेंसी भी हो सकती है।
  • लोकपाल CBI या CVC / ED को भी विषय सौंप सकता है जिसके अधीक्षण, पर्यवेक्षण, नियंत्रण का अंतिम अधिकार लोकपाल के पास होता है तथा CBI के उन अधिकारियों का स्थानान्तरण भी लोकपाल की सहमति से होगा।
  • जाँच के दौरान भ्रष्टाचार के माध्यम से अर्जित चल एवं अचल सम्पति या दस्तावेज जब्त, कुर्की या नीलामी का अधिकार है।


सेवानिवृति के बाद-

  • लोकपाल सेवानिवृति के बाद कूटनीतिज्ञ पद प्राप्त नहीं कर सकता।
  • लोकपाल सेवानिवृति के बाद चुनाव भी नहीं लड़ सकता।
  • लोकपास को सेवानिवृति के बाद अन्य किसी पद पर भी नियुक्ति नहीं किया जा सकता है। अर्थात् लाभ का पद प्राप्त नहीं कर सकता।


लोकपाल तथा लोकायुक्त अधिनियम, 2013 की कमियां-

  • किसी सरकारी कर्मचारी के खिलाफ लोकपाल स्वतः संज्ञान लेते हुए कोई कार्यवाही शुरू नहीं कर सकता है।
  • जोर शिकायत के रूप पर है, विषयवस्तु पर नहीं।
  • गलत व भ्रामक शिकायतों के लिए कड़े दंड का प्रावधान है सरकारी कर्माचारियों के खिलाफ ऐसी शिकायतें लोकपाल के यहाँ शिकायत पर लगाम लगाती है।
  • अनाम शिकायत की अनुमति नहीं है और सादे कागज पर शिकायत नहीं कर सकते भले ही उसके साथ सहयोगी दस्तावेज हो तथा उसे डब्बे में गिरा दिया गया हो।
  • जिस सरकारी कर्मचारी के विरुद्ध शिकायत है उसको कानूनी सहायता का प्रावधान है।
  • लोकपाल में 5 साल के भीतर शिकायत करने की बाध्यता।


वर्तमान लोकपाल-

  • वर्तमान में लोकपाल न्यायमूर्ति प्रदीप कुमार मोहंती है। (प्रदीप कुमार मोहंती वर्तमान में कार्यवाहक लोकपाल है।)


अन्य तथ्य (Other Facts)-

  • 2019 में भारत का पहला लोकपाल पिनाकी चंद्र घोष को बनाया गया था।
  • CBI के निर्देशक का कार्यकाल न्यूनतम 2 वर्ष होगा जिसका उल्लेख लोकपाल बिल में किया गया है।
  • प्रशासनिक अधिकारियों को प्रतिवर्ष अपनी व अपने परिवार की सम्पति का ब्यौरा लोकपाल को देना होगा जिसका निर्देश लोकपाल द्वारा दिया गया है लोकपाल को यह अधिकार लोकपाल बिल से मिलता है।
  • लोकपाल स्वतः संज्ञान से किसी मामले की सुनवाई नहीं कर सकता है।
  • लोकपाल को की गई अनाम शिकायत की सुनवाई से लोकपाल मना कर सकता है।
  • लोकपाल में झुठी शिकायत करने पर लोकपाल उसके खिलाफ कार्यवाही भी कर सकता है।
  • लोकपाल 5 वर्ष से पूराने मामलों की जाँच नहीं कर सकता है।
  • लोकपाल पद के लिए न्यूनतम आयु 45 वर्ष व अधिकतम आयु 70 वर्ष


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