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तुगलक वंश (Tughlaq Dynasty)

तुगलक वंश (Tughlaq Dynasty)-

  • शासन काल- 1320-1414 ई.
  • दिल्ली सल्तन में सबसे लम्बा शासन काल तुगलक वंश का था।
  • तुगलक कौरानी तुर्क थे।
  • तुगलक वंश ने 94 वर्षों तक शासन किया था।


तुगलक वंश के शासक (Ruler of Tughlaq Dynasty)-

  • तुगलक वंश के शासक क्रमशः-
  • 1. गयासुद्दीन तुगलक (Ghiyasuddin Tughlaq)- 1320-1325 ई.
  • 2. मोहम्मद बिन तुगलक (Muhannad Bin Tughluq)- 1325-1351 ई.
  • 3. फिरोज शाह तुगलक (Firoz Shah Tughluq)- 1351-1388 ई.
  • 4. गयासुद्दीन तुगलक-द्वितीय (Ghiyasuddin Tughlaq-II)- 1388-1389 ई.
  • 5. अबू बक्र (Abu Bakr)- 1389-1390 ई.
  • 6. मुहम्मद शाह (Muhammad Shah)- 1390-1394 ई.
  • 7. नासिरुद्दीन महमूद तुगलक (Nasiruddin Mahmud Tughluq)- 1394-1412 ई.
  • 8. दौलत खान (Daulat Khan)- 1412-1414 ई.


        1. गयासुद्दीन तुगलक (Ghiyasuddin Tughlaq)-

        • शासन काल- 1320-1325 ई.
        • वास्तविक नाम- गाजी मलिक
        • इसने अलाउद्दीन खिलजी के सभी सुधारों को समाप्त किया।
        • मुबारक खिलजी ने भी अलाउद्दीन खिलजी के सुधारों को समाप्त किया।
        • इसने सल्तनत काल में नहरों का सबसे पहले निर्माण करवाया।
        • रस्म-ए-मियाना या रश्म-ए-मियामी (मध्यम मार्ग) = इसकी भू-राजस्व नीति
        • इसका सूफी संत निजामुद्दीन औलिया के साथ विवाद हुआ।
        • निजामुद्दीन औलिया का कथन- "हनुज दिल्ली दूरस्थ" (दिल्ली अभी दूर है)
        • जौना खाँ द्वारा निर्मित लकड़ी के पांडाल (महल) में दबकर इसकी मृत्यु हो गयी।
        • इब्नबतूता के अनुसार यह एक षड्यंत्र था।
        • अन्य इतिहासरकारों के अनुसार यह एक दुर्घटना थी।


        2. मोहम्मद बिन तुगलक (Muhannad Bin Tughluq)-

        • शासन काल- 1325-1351 ई.
        • वास्तविक नाम- जौना खाँ
        • यह सल्तनत काल का सबसे विद्वान शासक था।
        • यह कई विषयों का ज्ञाता था जैसे- दर्शनशास्त्र (Philosophy), खगोलशास्त्र (Astronomy), ज्योतिष शास्त्र (Astrology), इतिहास सुलेखन (History Calligraphy)
        • इसे कई भाषाओं का ज्ञान था जैसे- तुर्की (Turkish), अरबी (Arabic), फारसी (Persian), संस्कृत (Sanskrit) व अन्य स्थानीय व क्षेत्रिय भाषाएं (Other Local and Regional Languages)
        • इतिहासकारों के अनुसार यह पागल व रक्त पिपासु शासक था।
        • इसने कई प्रयोग किये।

        • 1351 ई. में थट्टा (सिंध) में मोहम्मद बिन तुगलक की मृत्यु हो गयी।


        मोहम्मद बिन तुगलक के प्रयोग (Experiments of Mohammad Bin Tughluq)-

        • (I) राजधानी परिवर्तन (Capital Transfer)
        • (II) सांकेतिक मुद्रा (Token Currency)
        • (III) खुरासान अभियान (Khurasan Campaign)
        • (IV) कराचिल अभियान (Karachil Campaign)
        • (V) गंगा यमुना दोआब में कर वृद्धि (Tax Increment in Ganga Yamuna Doab)

        • (VI) दीवान-ए-अमीरकोही (Diwan-e-Amirkohi)


        (I) राजधानी परिवर्तन (Capital Transfer)-

        • राजधानी को दिल्ली से देवगिरी ले जाया गया।
        • देवगिरी का नाम बदलकर दौलताबाद रखा।
        • यह प्रयोग असफल रहा।


        राजधानी परिवर्तन के कारण (Causes of Capital Transfer)-

        • बरनी के अनुसार देवगिरी सल्तनत के केंद्र में था।
        • इब्नबतूता एवं अबु बक्र इसामी के अनुसार दिल्ली की जनता सुल्तान को गालियों भरे पत्र लिखती थी।
        • कुछ विद्वान मंगोल आक्रमण को कारण बताते है।
        • इसके काल में एक ही मंगोल आक्रमण हुआ वह तरमाशिरीन का था।
        • अरब यात्री अब्बासी के अनुसार सल्तलत की दो राजधानियां थी।


        (II) सांकेतिक मुद्रा (Token Currency)-

        • प्रेरणा- कुबलाई खाँ (मंगोल शासक) तथा गेतुाखु या गाजन खाँ (फारस शासक)
        • इसने चाँदी के सिक्कों के स्थान कांसा (तांबा) के सिक्के जारी किये गये।
        • यह प्रयोग असफल रहा।


        असफल होने के कारण (Causes of Failure)-

        • अपूर्ण तैयारी
        • जनता सांकेतिक मुद्रा के महत्व को समझ नहीं पायी।
        • अधिकारियों के द्वारा असहयोग।
        • जाली मुद्रा।
        • विदेशी व्यापरियों ने सांकेतिक मुद्रा को स्वीकार नहीं किया।


        (III) खुरासान अभियान (Khurasan Campaign)-

        • फारस के शाह, तरमाशिरीन एवं मोहम्मद बिन तुगलक ने खुरासान पर आक्रमण की योजना बनायी।
        • इसने 3.70 लाख सैनिक भर्ती कर उन्हें अग्रिम वेतन दिया।
        • कालांतर में यह योजना रद्द कर दी गई।


        (IV) कराचिल अभियान (Karachil Campaign)-

        • स्थित- कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश
        • इस अभियान में मात्र कुछ सैनिक जीवित बचे थे।
        • मोहम्मद बिन तुगलक ने इन सैनिकों की हत्या करवा दी।


        (V) गंगा यमुना दोआब में कर वृद्धि (Tax Increment in Ganga Yamuna Doab)-

        • इसने भू-राजस्व दर को बढ़ाकर 50% (1/2) कर दिया।

        • वहाँ अकाल के कारण किसानों को कृषि ऋण दिये गये जिन्हें टकाबी या सोन्धर (लोन) कहा जाता है।


        (VI) दीवान-ए-अमीरकोही (Diwan-e-Amirkohi)-

        • यह एक कृषि विभाग था जिसकी स्थापना मोहम्मद बिन तुगलक ने की थी।
        • कार्य- बंजर भूमि को उपजाऊ भूमि बनाना।
        • इसने फसल चक्र को प्रोत्साहित किया।
        • अकाल संहिता तैयार करवायी।


        मोहम्मद बिन तुगलक की धार्मिक नीति (Religious Policies of Mohammad Bin Tughluq)-

        • यह धर्म सहिष्णु शासक था।
        • यह हिन्दू त्योहार भी मनाता था।
        • होली इसका पसंदीदा त्योहार था।
        • जैन संत जिन प्रभ सूरी इसके दरबार में थे।


        मोहम्मद बिन तुगलक से संबंधित अन्य तथ्य (Other Facts Related to Mohammad Bin Tughluq)-

        • सल्तनत काल के समय सर्वाधिक विद्रोह मोहम्मद बिन तुगलक के काल में हुए।
        • सल्तनत का सर्वाधिक विस्तार इसी के काल में था। जैसे-
        • (I) 1336 ई. विजयनगर की स्थापना
        • (II) 1347 ई. में बहमनी साम्राज्य की स्थापना


        इब्नबतूता (Ibnbatutah)-

        • यह तजियार (मोरक्को) को निवासी था।
        • 1333 ई. में मोहम्मद बिन तुगलक के शासक काल में भारत आया था।
        • मोहम्मद बिन तुगलक ने इसे दिल्ली का काजी नियुक्त किया।
        • इसे कुछ दिनों के लिए जेल में रखा गया।
        • मोहम्मद बिन तुगलक ने इसे दूत बना कर चीन भेजा।
        • चीन में रहकर 'रेहला' नामक अरबी भाषा में यात्रा वृतांत लिखा।
        • यह चीन से सीधे मोरक्को चला गया।
        • यह दासों द्वारा जासूसी का उल्लेख करता है।
        • इसने डाक व्यवस्था, सती प्रथा आदि का वर्णन किया।
        • इसके अनुसार मोहम्मह बिन तुगलक बुद्धिमान शासक था लेकिन पागल भी तथा वह दूसरों से सलाह नहीं लेता था।
        • इसने अपनी पुस्तक में भारत की राजनीतिक व आर्थिक परिस्थितियों का उल्लेख किया।


        3. फिरोज शाह तुगलक (Firoz Shah Tughluq)-

        • शासन काल- 1351-1388 ई.
        • यह मोहम्मद बिन तुगलक का चचेरा भाई था।
        • यह अमीरों एवं उलेमाओं की सहायता से शासक बना।
        • फिरोज शाह तुगलक का राज्याभिषेक थट्टा (सिंध) में हुआ।
        • इसने इक्ता एवं अमीरों के पदों को वंशानुगत कर दिया।
        • इसे कल्याणकारी निरंकुश शासक कहा जाता है।
        • इसने दिल्ली आते समय मस्जिद में बड़ा दान दिया।
        • इसके शासन काल में अमीर व उलेमा अत्यधिक शक्तिशाली हो गए थे।
        • इतिहासकार अफीफ के अनुसार इसके काल में भ्रष्टाचार बढ़ गया था
        • इसके काल में 1.80 लाख दास थे। (सल्तनत काल में सर्वाधिक)
        • इसके काल के बंगाल एवं सिंध अभियान असफल रहे।


        फिरोज शाह तुगलक के काल के सुधार (Reforms during the period of Firoz Shah Tughlaq)-

        • राज्य की वार्षिक आय की गणना करवायी जो 6.78 करोड़ टंका थी।
        • अधिकारी- हैसामुद्दीन जुनैद
        • इसने तीन प्रकार के सिक्के चलाये जैसे-
        • (I) शशगनी- चाँदी का सिक्का
        • (II) अद्दा- आधा जीतल (1/2 जीतल)
        • (III) बिख- चौथाई जीतल (1/4 जीतल)
        • इसने शरीयत के अनुसार चार कर लागू किये जैसे-
        • (I) जजिया- गैर मुस्लिमों पर लगने वाला कर
        • (II) खुम्स- लूट
        • (III) जकात- धार्मिक कर (मुस्लिमों की आय का 2.5%)
        • (IV) खराज- गैर मुस्लिमों पर भू-राजस्व कर
        • उश्र- मुस्लिमों पर भू-राजस्व कर
        • अबवाब- अतिरिक्त कर जिनका शरीयत में वर्णन नहीं है।
        • फिरोज शाह ने इस तरह (अबवाब) के 23 करों को समाप्त किया।
        • इसने लगभग 300 शहरों की स्थापना की जिसमें प्रमुख-
        • (I) फिरोजशाह कोटला- पाँचवी दिल्ली
        • (II) फिरोजाबाद
        • (III) फतेहाबाद- बेटे फतेहखान की याद में स्थापना की।
        • (IV) जौनपुर- बंगाल अभियान से लौटते समय जौना खाँ (मोहम्मद बिन तुगलक) की याद में स्थापना की।
        • इसने लगभग 1200 फलों के बाग लगवाये।
        • इसके द्वारा स्थापित विभाग-
        • (I) दीवान-ए-इस्तिहाक (पेंशन विभाग)
        • (II) दीवान-ए-खैरात (दान विभाग)
        • (III) दीवान-ए-बंदगान (गुलाम विभाग)
        • (IV) दार-उल-शफा (चिकित्सालय)
        • सल्तनत काल में सर्वाधिक नहरों का निर्माण करवाया। जिसमें प्रमुख नहरें-
        • (I) राजवाही
        • (II) उलूगखानी
        • हक-ए-शर्ब (सिंचाई कर)
        • इसके काल में ये सुधार खान-ए-जहाँ-तेलंगानी (वजीर) के द्वारा किये गये।
        • खान-ए-जहाँ-तेलंगानी का वास्तविक नाम कन्नु था।


        साहित्य (Literature)-

        • फिरोज शाह तुगलक ने अपनी आत्मकथा 'फुतुहात-ए-फिरोजशाही' लिखी।
        • जियाउद्दीन बरनी के द्वारा 'तारीख-ए-फिरोजशाही' व 'फतवा-ए-जहाँदारी' पुस्तकें लिखी गई।
        • शम्स-ए-सिराज-अफीफ के द्वारा 'तारीख-ए-फिरोजशाही' पुस्तक लिखी गई जिसमें फिरोज शाह तुगलक के शासन काल के भ्रष्टाचार का वर्णन किया गया है।
        • 'सीरत-ए-फिरोजशाही' पुस्तक में नहरों का वर्णन किया गया। (लेखक- अज्ञात)


        फिरोज शाह तुगलक की धार्मिक नीतियां (Religious Policy of Firoz Shah Tughluq)-

        • फिरोज शाह तुगलक की माँ हिंदू थी।
        • फिरोज शाह तुगलक ने पहली बार ब्राह्मणों पर जजिया कर लगाया।
        • इसने बंगाल अभियान से लौटते समय पूरी (जगन्नाथ मंदिर) एवं कांगड़ा (ज्वाला देवी मंदिर) कें मंदिरों को तुड़वाया।
        • कांगड़ा (ज्वाला देवी मंदिर) से इसे कुछ पाण्डुलिपियों प्राप्त हुई जो संस्कृत में थी।
        • इन पाण्डुलिपियों का 'दयालल-ए-फिरोजशाही' नाम से फारसी अनुवाद करवाया गया। जिसके अनवादक अजीजुद्दीन खान थे।


        4. गयासुद्दीन तुगलक-द्वितीय (Ghiyasuddin Tughlaq-II)-

        • शासन काल- 1388-1389 ई.
        • इसके काल में गुलाम अत्यधिक शक्तिशाली हो गए थे।
        • इसके काल में सल्तनत कई भागों में विभाजित हो गयी थी।


        5. अबू बक्र (Abu Bakr)-

        • शासन काल- 1389-1390 ई.


        6. मुहम्मद शाह (Muhammad Shah)-

        • शासन काल- 1390-1394 ई.


        7. नासिरुद्दीन महमूद तुगलक (Nasiruddin Mahmud Tughluq)-

        • शासन काल- 1394-1412 ई.

        • इसके काल में मशहूर कहावत "सल्तनत का विस्तार दिल्ली से पालम तक है।"


        तैमूर का आक्रमण (1398 ई.)-

        • समय- 1398 ई.
        • तैमूर ने भारत पर आक्रमण किया तथा दिल्ली को लूट लिया।
        • तैमूर भारतीय कारीगरों को अपने साथ समरकंद (उज्बेकिस्तान) ले गया एवं समरकंद में  स्वयं का मकबरा बनवाया।


        8. दौलत खान (Daulat Khan)-

        • शासन काल- 1412-1414 ई.


        तुगलक वंश की स्थापत्य कला (Architecture of Tughluq Dynasty)-

        • इस काल की इमारतों में मजबूती पर अधिक बल दिया गया।
        • इन इमारतों पर अलंकरण का अभाव है।
        • तुगलक वंश की स्थापत्य कला जैसे-
        • 1. गयासुद्दीन तुगलक
        • 2. मोहम्मद बिन तुगलक
        • 3. फिरोज शाह तुगलक
        • 4. गयासुद्दीन तुगलक-II


        1. गयासुद्दीन तुगलक-

        • गयासुद्दीन तुगलक के काल में निर्मित इमारतें-
        • (I) तुगलकाबाद (Tughlaqabad)
        • (II) तुगलकाबाद का किला (Tughlaqabad's Fort)
        • (III) गयासुद्दीन तुगलक का मकबरा (Tomb of Gyasuddin Tughlaq)


        (I) तुगलकाबाद (Tughlaqabad)-

        • गयासुद्दीन तुगलक ने तुगलकाबाद बसाया।


        (II) तुगलकाबाद का किला (Tughlaqabad's Fort)-

        • स्थित- दिल्ली
        • निर्माण- गयासुद्दीन तुगलक
        • अन्य नाम- छप्पनकोट
        • इसमें 52 द्वार है।
        • तुगलकाबाद को सल्तनत काल की तीसरी दिल्ली कहा जाता है।
        • सल्तनत काल की दूसरी दिल्ली "सिरी फोर्ट" (दिल्ली) को कहा जाता है।
        • सल्तनत काल की पहली दिल्ली "किला राय पिथौरा" (दिल्ली) को कहा जाता है।
        • इसे सलामी शैली में बनाया गया है।
        • सलामी शैली रोमन शैली से प्रभावित है जैसे- ढलवा दिवारे


        (III) गयासुद्दीन तुगलक का मकबरा (Tomb of Gyasuddin Tughlaq)-

        • स्थित- दिल्ली
        • निर्माण- गयासुद्दीन तुगलक
        • यह कृत्रिम झील में बना हुआ है।
        • इस पर हिंदू प्रभाव दिखाई देता है।
        • इस पर कलश व आमलक बना हुआ है।
        • निर्माण में लाल बलूआ पत्थर का प्रयोग।
        • गुंबद में सफेद संगमरमर का प्रयोग।
        • सेफद संगमरमर पर अलंकरण का कार्य किया गया है।


        2. मोहम्मद बिन तुगलक-

        • मोहम्मद बिन तुगलक के काल में निर्मित इमारतें-
        • (I) जहाँपनाह नगर (Jahanpanah Nagar)
        • (II) आदिलाबाद का किला (Fort of Adilabad)
        • (III) बाराखम्भा (Barahkhamba)
        • (IV) सतपुल (Satpul)


        (I) जहाँपनाह नगर (Jahanpanah Nagar)-

        • स्थित- दिल्ली
        • मोहम्मद बिन तुगलक ने जहाँपनाह नगर बसाया।
        • जहाँपना नगर का सल्तनत काल की चौथी दिल्ली कहा जाता है।


        (II) आदिलाबाद का किला (Fort of Adilabad)-

        • स्थित- दिल्ली

        • निर्माण- मोहम्मद बिन तुगलक

        • आदिलाबाद का किला जहाँपनाह नगर में स्थित है।


        (III) बाराखम्भा (Barahkhamba)-

        • स्थित- दिल्ली

        • निर्माण- मोहम्मद बिन तुगलक

        • इसे धर्मनिरपेक्ष इमारत भी कहते हैं।


        (IV) सतपुल (Satpul)-

        • स्थित- दिल्ली

        • निर्माण- मोहम्मद बिन तुगलक

        • गयासुद्दीन के मकबरे में जाने के लिए 7 महराबों वाला पुल है।


        3. फिरोज शाह तुगलक-

        • फिरोज शाह तुगलक के काल को मस्जिदों का काल कहा जाता है।
        • फिरोज शाह तुगलक ने अशोक के टोपरा व मेरठ स्तम्भों को दिल्ली में स्थापित करवाया था।
        • फिरोज शाह तुगलक के काल में निर्मित इमारतें-
        • (I) फिरोजशाह कोटला (Firozshah Kotla)
        • (II) खिरकी मस्जिद (Khirki Mosque)
        • (III) बेगमपुरी मस्जिद (Begum Puri Mosque)
        • (IV) काली मस्जिद (Kali Mosque)
        • (V) कला मस्जिद (Kala Mosque)
        • (VI) कुश्क-ए-शिकार मस्जिद (Kushk e Shikar Mosque)
        • (VII) खान-ए-जहाँ तेलंगानी का मकबरा (Tomb of Khan-E-Jahan Telangani)


        (I) फिरोजशाह कोटला (Firozshah Kotla)-

        • स्थित- दिल्ली
        • फिरोजशाह कोटला फिरोज शाह तुगलक ने बसाया था।
        • फिरोजशाह कोटला सल्तनत काल की पाँचवी दिल्ली है।
        • फिरोज तुगलक ने अशोक के टोपरा स्तम्भ को जामा मस्जिद के पास फिरोजशाह कोटला में लगवाया था।


        (II) खिरकी मस्जिद (Khirki Mosque)-

        • स्थित- दिल्ली
        • निर्माण- फिरोज शाह तुगलक
        • यह तहखाने पर निर्मित मस्जिद है।
        • ASI को खुदाई के दौरान यहाँ से सिक्के प्राप्त हुए।
        • भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India)


        (III) बेगमपुरी मस्जिद (Begum Puri Mosque)-

        • स्थित- दिल्ली

        • निर्माण- फिरोज शाह तुगलक


        (IV) काली मस्जिद (Kali Mosque)-

        • स्थित- दिल्ली

        • निर्माण- फिरोज शाह तुगलक


        (V) कला मस्जिद (Kala Mosque)-

        • स्थित- दिल्ली

        • निर्माण- फिरोज शाह तुगलक


        (VI) कुश्क-ए-शिकार मस्जिद (Kushk e Shikar Mosque)-

        • स्थित- दिल्ली
        • निर्माण- फिरोज शाह तुगलक
        • यह एक महल है।
        • फिरोज शाह तुगलक ने अशोक के मेरठ स्तम्भ को इसी महल में स्थापित करवाया था।


        (VII) खान-ए-जहाँ तेलंगानी का मकबरा (Tomb of Khan-E-Jahan Telangani)-

        • स्थित- दिल्ली
        • यह भारत का पहला अष्टकोणीय मकबरा है।
        • इसका निर्माण जूना शाह ने करवाया था।
        • जूना शाह खान-ए-जहाँ तेलंगानी का बेटा था।


        4. गयासुद्दीन तुगलक-II-

        • गयासुद्दीन तुगलक-II के काल में निर्मित इमारतें-
        • (I) कबीरुद्दीन औलिया का मकबरा (Tomb of Kabiruddin Auliya)


          (I) कबीरुद्दीन औलिया का मकबरा (Tomb of Kabiruddin Auliya)-

          • स्थित- दिल्ली
          • निर्माण- गयासुद्दीन तुगलक-II
          • इसे लाल गुंबद कहा जाता है।

          • यह लाल बलूआ पत्थर से निर्मित है।

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