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राजस्थान का एकीकरण

👉 राजस्थान का एकीकरण महत्वपूर्ण तथ्य-
✍ आजादी के समय राजस्थान मे 19 रियासत व 3 ठिकाने तथा 1 केन्द्रशासित प्रदेश था।

👉 राजस्थान एकीकरण के समय तीन ठिकाने-
1. लावा (जयपुर)
2. कुशलगढ़ (बाँसवाड़ा)
3. नीमराना (अलवर)

👉 राजस्थान एकीकरण के समय एक चीफ कमीश्नरी क्षेत्र-
1. अजमेर (मेरवाड़ा)

👉 एकीकरण के समय की महत्त्वपूर्ण रियासते-
✍ सबसे प्राचीन रियासत मेवाड़ थी।
✍ सबसे बड़ी रियासत मारवाड़ थी।
✍ सबसे छोटी रियासत शाहपुरा थी।
✍ सबसे नई रियासत झालावाड़ थी। (यह कोटा से अलग हुई थी)

👉 राजस्थान के एकीकरण समय के महत्त्वपूर्ण तथ्य-
✍ राजपुताना की रियासतो को एक इकाई के रूप मे संगठित करने का कार्य कोटा के महारावल भीमसिंह द्वारा किया गया
✍ मेवाड़ के राणा भूपालसिंह ने राजस्थान युनियन बनाने का निर्णय लिया था जिसके लिए 25 व 26 जून 1946 को उदयपुर मे राजाओ का एक समेलन हुआ।
✍ जयपुर के महाराजा मानसिंह द्वितिय ने राजपूताना संघ बनाने का प्रयास किया।
✍ धौलपुर नरेश उदयभान सिंह और जोधपुर नरेश हनुमन्त सिंह पाकिस्तान मे मिलना चाहते थे।

👉 शाहपुरा (किशनगढ़)-
✍ यह एकमात्र ऐसी रियासत थी जिसे तोपो की सलामी का अधिकार नहीं था।

👉 रियासती विभाग-
-देशी रियासतो के मामले को हल करने के लिए 5 जुलाई 1947 को सरदार पटेल के नेतृत्व मे रियासती विभाग कि स्थापना कि गई।
-रियासती विभाग के सचीव V.P. मेनन थे।

👉 प्रथम व अंतिम शासक-
✍ बीकानेर नरेश शार्दुलसिंह एक्सेज पर हस्ताक्षर करने वाले प्रथम शासक थे जिन्होने 7 अगस्त 1947 को हस्ताक्षर किये थे।
✍ धौलपुर नरेश उदयभान सिंह एक्सेज पर हस्ताक्षर करने वाले अंतिम शासके थे जिन्होने 14 अगस्त 1947 को हस्ताक्षर किये थे।

👉 राजस्थान एकीकरण का समय-
✍ राजस्थान का एकीकरण कुल 7 चरणो मे पुरा हुआ।
✍ राजस्थान का एकीकरण 18 मार्च 1948 से प्रारम्भ होकर 1 नवम्बर 1956 तक चला।
✍ राजस्थान एकीकरण में कुल 8 वर्ष, 7 माह, व 14 दिन लगे थे।

👉 एकीकरण में शामिल अंतिम रियासत-
✍ एकीकरण कि प्रक्रिया मे सबसे अंतिम रूप से शामिल होने वाली रियासत देलवाड़ा, आबू (सिरोही) थी।

👉 सिरोही का विलय-
✍ राजस्थान मे सिरोही का विलय दो चरणो मे पुरा हुआ।
✍ शंकर देव समिति की सिफारिस पर सिरोही को राजस्थान मे मिलाया गया था।
✍ गोकुल भाई भट्ट के प्रयासो से देलवाड़ा, आबू राजस्थान मे शामिल किए गये।

👉 भाषा आधार-
✍ मत्स्य संघ कि दो रियासते भरतपुर व धौलपुर भाषा के आधार पर उत्तरप्रदेश मे मिलना चाहती थी।

👉 बांसवाड़ा-
✍ बांसवाड़ा के महारावल चन्द्रवीर ने विलय पत्र पर हस्ताक्षर करते हुए कहा मैं अपनी मृत्यु दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर रहा हुँ।

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