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राजसमंद झील (राजसमंद, राजस्थान)

राजसमंद झील
➧राजस्थान में जयसमंद झील के बाद राजस्थान की दूसरी सबसे बड़ी मिठे या ताजा पानी की झील राजसमंद झील है।
➧राजसमंद झील की कुल लम्बाई 6.5 किलोमीटर है।
➧राजसमंद झील मीठे पानी की झील है।

राजसमंद झील का नामकरण-
➧राजसमंद झील राजस्थान की एकमात्र ऐसी झील है जिसका नामकरण उसी जिले के नाम पर किया गया है जिस जिले में राजसमंद झील है। अर्थात् राजसमंद झील का नाम राजसमंद जिले पर ही किया गया है।

महाराणा राज सिंह-
➧राजसमंद झील का निर्माण महाराणा राज सिंह के द्वारा करवाया गया था।
➧राजसमंद झील का निर्माण 1662 ई. में करवाया गया था।
➧राजसमंद झील का निर्माण अकाल राहत कार्यो के उद्देश्य से करवाया गया था।
➧राजसमंद झील का निर्माण गोमती नदी के पानी को रोककर किया गया था।
➧राजसमंद झील का निर्माण राजस्थान के राजसमंद जिले की कांकरोली नामक जगह पर करवाया गया था।

घेवर माता-
➧जन श्रुति के अनुसार ऐसा माना जाता है की राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित राजसमंद झील का निर्माण घेवर माता ने करवाया था।
➧घेवर माता राजस्थान की लोक देवी मानी जाती है।
➧घेवर माता राजस्थान की एकमात्र ऐसी लोक देवी है जो बिना पती के ही सत्ती हुई थी।

9 चौकी (नौ चौकी)-
➧राजसमंद झील के उत्तरी भाग में संगमरमर की नौ सीढियाॅं स्थित है उन्ही नौ सीढियों को नौ चौकी कहते है।

राज प्रशस्ति शिलालेख-
➧राज प्रशस्ति शिलालेख विश्व का सबसे बड़ा तथा विश्व का सबसे लम्बा शिलालेख है।
➧राज प्रशस्ति शिलालेख राजस्थान राज्य के राजसमंद जिले की राजसमंद झील के पास स्थित है।
➧राज प्रशस्ति शिलालेख 25 काले संगमरमर के पत्थरों पर लिखा गया शिलालेख है।
➧राज प्रशस्ति शिलालेख महाराणा राज सिंह के समय लिखा गया था।
➧राज प्रशस्ति शिलालेख संस्कृत भाषा में लिखा गया शिलालेख है।
➧राज प्रशस्ति शिलालेख रणछोड़ भट्ट के द्वारा लिखा गया शिलालेख है।
➧राज प्रशस्ति शिलालेख पर मेवाड़ का इतिहास उलेखित किया गया है।

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