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राजस्थान के प्रमुख लोक गीत (Major Folk Songs of Rajasthan)

राजस्थान के लोक गीत (Folk Songs of Rajasthan)-

  • महात्मा गांधी के अनुसार लोक गीत जनता की भाषा है तथा हमारी संस्कृति के पहरेदार है।
  • रविन्द्र नाथ टैगोर के अनुसार लोक गीत हमारी संस्कृति को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक ले जाने वाली एक कला है।


राजस्थान के प्रमुख गीत (Prominent Songs of Rajasthan)-

  • 1. केसरिया बालम (Kesariya Balam)
  • 2. कुरजां (Kurajan)
  • 3. सुवटियो (Suvatiyo)
  • 4. मोरिया (Moriyo)
  • 5. बधावा (Badhava)
  • 6. कामण (Kaman)
  • 7. सीठणे (Sithane)
  • 8. पावणा (Pavana)
  • 9. कोयल (Koyal) या ओल्यूं (Olyon)
  • 10. बिच्छूडो (Bichchhuro)
  • 11. हिचकी (Hichaki)
  • 12. झोरावा (Jhorawa)
  • 13. ढोला-मारू (Dhola-Maru)


1. केसरिया बालम (Kesariya Balam)-

  • केसरिया बालम राजस्थान का राज्य गीत है।
  • केसरिया बालम गीत माँड गायन शैली में गाया जाता है।
  • जैसलमेर का प्राचीन नाम माँड था।
  • केसरिया बालम गीत के माध्यम से पत्नी अपने पति को प्रदेश से वापस बुलाती है।


2. कुरजां (Kurajan)-

  • कुरजां एक विदेशी पक्षी है।

  • कुरजां पक्षी (कुरजां गीत) के माध्यम से पत्नी अपने पति के पास संदेश भेजती है।


3. सुवटियो (Suvatiyo)-

  • सुवा = तोता

  • भील महिला तोते के माध्यम से अपनी पति के पास संदेश भेजती है।


4. मोरिया (Moriyo)-

  • मारियो गीत उस लड़की के द्वारा गाया जाता है जिसकी सगाई हो चुकी है लेकिन विवाह होना अभी बाकी है।


5. बधावा (Badhava)-

  • किसी शुभ काम के पूरा होने पर बधावा गीत गाया जाता है।


6. कामण (Kaman)-

  • दूल्हे को जादू टोने से बचाने के लिए कामण गीत गाया जाात है। अर्थात् दूल्हे की रक्षा के लिए कामण गीत गाया जाता है।


7. सीठणे (Sithane)-

  • सीठणे गीत विवाह में महिलाओं के द्वारा गाये जाने वाले गालियों भरे गीत है।


8. पावणा (Pavana)-

  • दामाद के ससुराल आने पर पावणा गीत गाया जाता है।


9. कोयल (Koyal) या ओल्यूं (Olyon)-

  • कोयल गीत को ही ओल्यूं कहा जाता है।

  • लड़की की विदाई के समय कोयल या ओल्यूं गीत गाया जाता है।


10. बिच्छूडो (Bichchhuro)-

  • क्षेत्र- बिच्छूडो हाड़ौती क्षेत्र का लोक गीत है।

  • बिच्छू के खाने से मर रही महिला बिच्छूडो गीत के माध्यम अपने पति को दूसरी शादी करने की सलाह देती है।


11. हिचकी (Hichaki)-

  • क्षेत्र- हिचकी मेवात क्षेत्र का लोक गीत है।

  • हिचकी लोक गीत किसी की याद में गाया जाता है।


12. झोरावा (Jhorawa)-

  • क्षेत्र- झोरावा जैसलमेर क्षेत्र का लोक गीत है।

  • झोरावा लोक गीत किसी की याद में गाया जाता है।


13. ढोला-मारू (Dhola-Maru)-

  • क्षेत्र- ढोला-मारू सिरोही क्षेत्र का लोक गीत है।
  • ढोला-मारू लोक गीत ढ़ोला-मारू की प्रेम कहानी पर आधारित है।
  • ढोला-मारू लोक गीत ढ़ाढ़ी जाति के लोगों द्वारा गाया जाता है।


राजस्थान के लोक गीतों की विशेषताएं (Features of Folk Songs of Rajasthan)-

  • राजस्थान के लोक गीतों में प्रकृति का मानवीकरण किया गया है। जैसे- चिरमी
  • राजस्थान के लोक गीतों में पेड़-पौधों तथा पशु पक्षियों को पारिवारिक सदस्य माना गया है तथा उन्हें मनुष्य के सुख दुख के साथ जोड़ा गया है। जैसे- सुवटिया
  • राजस्थान के धार्मिक लोक गीत निराशा में भी आशा का संचार करते है जैसे- तेजा, लांगुरिया
  • सामंती प्रभाव के कारण राजस्थान के लोक गीतों में वीर रस अधिक दिखाई देता है। जैसे- पाबूजी के पवाड़े, रतन राणो
  • राजस्थान के लोक गीतों में अश्लीलता नहीं है बल्कि राजस्थान के लोक गीत पति पत्नी के आदर्श प्रेम पर आधारित है। जैसे- पणिहारी
  • राजस्थान के लोक गीतों से राजस्थान की सामाजिक व आर्थिक स्थित का पता चलता है।
  • राजस्थान के लोक गीतों से राजस्थान की संस्कृति एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक हस्तांतरित होती है।
  • राजस्थान के जनजातीय लोक गीतों से जनजातीय संस्कृति का पता चलता है।
  • राजस्थान के लोक गीतों ने राजस्थान की संस्कृति को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय किया।
  • राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान राजस्थान के लोक गीतों ने जनता में राष्ट्रीय भावनाओं का संचार किया। जैसे- पंछीड़ा गीत
  • लोक गीत नियम, कानून व कायदो से बंधे नहीं होते है लेकिन फिर भी राजस्थान के लोक गीतों के आधार पर लोक गायन शैलियां तथा संगीत घराने विकसित हुए थे।


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