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जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC)

जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC)-

  • UNFCCC Full Form = United Nation Framework Convention on Climate Change
  • UNFCCC का पूरा नाम = जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र का फ्रेमवर्क अभिसमय (जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन)
  • UNFCCC रियो सम्मेलन का सबसे महत्वपूर्ण एवं व्यापक दस्तावेज था जिसका उद्देश्य मानव द्वारा उत्सर्जित की जाने वाली ग्रीनहाऊन गैसों की सांद्रता में कमी लागकर जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करना था।
  • सन् 1992 में UNFCCC को सदस्य देशों के सामने हस्ताक्षर हेतु रखा गया था।
  • 21 मार्च 1994 को 50 सदस्य देशों के अनुमोदन के पश्चात UNFCCC प्रभावी हुआ।
  • वर्तमान में 196 देश तथा यूरोपीयन यूनियम UNFCCC के सदस्य है।
  • UNFCCC का मुख्यालय बॉन (जर्मनी) में है।
  • UNFCCC समझौते के क्रियान्वयन हेतु प्रतिवर्ष सदस्य देशों का सम्मेलन होता है जिसे Conference of Parties कहा जाता है।


जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र का फ्रेमवर्क अभिसमय (UNFCCC) के महत्वपूर्ण अनुच्छेद-

    • अनुच्छेद 2
    • अनुच्छेद 3 (1)
    • अनुच्छेद 4


        अनुच्छेद 2- 

        • वायुमण्डल में ग्रीनहाऊस गैसों की सांद्रता को उस स्तर तक बनाये रखना जहाँ पर ये प्राकृतिक रूप से समायोजित हो जाए तथा जलवायु परिवर्तन का खतरा उत्पन्न ना हो।

        • इसके साथ-साथ आर्थिक विकास भी प्रभावित नहीं हो तथा प्राकृतिक खाद्य श्रृंखलाओं को भी खतरा नहीं हो।


        अनुच्छेद 3 (1)-

        • इसमें CBDR के सिद्धांत को अपनाया गया था। जिसके अनुसार जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी सभी राष्ट्रों की है परन्तु यह जिम्मेदारी विकासशील देशों की तुलना में विकसित देशों की अधिक है क्योंकि जलवायु परिवर्तन के लिए भी मुख्य रूप से विकसित देश जिम्मेदार है।
        • CBDR Full Form = Common But Differentiated Responsibility
        • CBDR का पूरा नाम = सामान्य लेकिन विभेदित जिम्मेदारी


        अनुच्छेद 4-

        • सभी सदस्य देश जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए अपने सामान्य प्रतिबद्धता का निर्धारण करेंगे।


        जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र का फ्रेमवर्क अभिसमय (UNFCCC) की महत्वपूर्ण COP (Meeting of UNFCCC)-

        • COP Full Form = Conference of Parties
        • COP का पूरा नाम = पार्टियों का सम्मेलन (कोम्फ्रेंस ऑफ पार्टी)
        • MOP Full Form = Meeting of the Parties
        • MOP का पूरा नाम = पार्टियों की बैठक
        • 1. UNFCCC की COP-1 (1995)
        • 2. UNFCCC की COP-2 (1996)
        • 3. UNFCCC की COP-3 (1997)
        • 4. UNFCCC की COP-13/ MOP-3 (2007)
        • 5. UNFCCC की COP-15/ MOP-5 (2009)
        • 6. UNFCCC की COP-16/ MOP-6 (2010)
        • 7. UNFCCC की COP-18/ MOP-8 (2012)
        • 8. UNFCCC की COP-19/MOP-9 (2013)
        • 9. UNFCCC की COP-21/MOP- 11 (2015)
        • 10. UNFCCC की COP-22/MOP-12 (2016)
        • 11. UNFCCC की COP-23/MOP-13 (2017)
        • 12. UNFCCC की COP-24/ MOP-14 (2018)
        • 13. UNFCCC की COP-26/MOP-16 (2021)
        • 14. UNFCCC की COP-27/ MOP-17 (2020)
        • 15. UNFCCC की COP-28/ MOP-18 (2023)
        • वर्ष 1995 से लेकर 2023 तक UNFCCC की कुल 28 COP हुई है। (वर्ष 2023 की COP अभी हुई नहीं है।)


        1. UNFCCC की COP-1 (1995)-

        • स्थान- बर्लिन, जर्मनी (Berlin, Germany)

        • वर्ष- 1995


        2. UNFCCC की COP-2 (1996)-

        • स्थान- जेनेवा, स्वीजरलैण्ड (Geneva, Switzerland)
        • वर्ष- 1996


        3. UNFCCC की COP-3 (1997)-

        • स्थान- क्योटो, जापान (Kyoto, Japan)

        • वर्ष- 1997

        • UNFCCC की COP-3 को क्योटो प्रोटोकॉल (Kyoto Protocol) भी कहा जाता है।


        4. UNFCCC की COP-13/ MOP-3 (2007)-

        • स्थान- बाली, इण्डोनेशिया (Bali, Indonesia)
        • वर्ष- 2007
        • MOP Full Form = Meeting of the Parties
        • MOP का पूरा नाम = पार्टियों की बैठक
        • COP-13/ MOP-3 सम्मेलन में जो कार्य योजना तैयार की गई उसे "बाली रोड मैप" (Bali Road Map) या "बाली एक्सन प्लान" (Bali Action Plan) के नाम से जाना जाता है।
        • COP-13 सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य वर्ष 2012 में क्योटो प्रोटोकॉल के समाप्त होने के पश्चात नये जलवायु परिवर्तन समझौते को लागू करना था।
        • यह नया समझौता वर्ष 2009 में कोपनेहेगन में होने वाले सम्मेलन में प्रस्तुत किया जायेगा।
        • कोपनेहेगन में प्रस्तुत किये जाने वाले समझौते के विकास हेतु की जाने वाली वार्ता की रूपरेखा बाली सम्मेलन में तैयार की गई थी जिसे "बाली रोड मैप" (Bali Road Map) कहा जाता है।


        UNFCCC की COP-13 के उद्देश्य (Objectives of COP-13 of UNFCCC)-

        • जलवायु परिवर्तन को प्रभावित करने वाली ग्रीनहाऊस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाने हेतु सदस्य देशों को प्रोत्साहित करना।
        • 2012 के पश्चात की जलवायु परिवर्तन से संबंधित रणनीतियों एवं नियमों के लिए सहयोगात्मक कार्य योजना का निर्धारण करना।
        • विकासशील देशों पर भी ग्रीनहाऊस गैसों के उत्सर्जन से संबंधित प्रतिबद्धताएं लागू करना।


        UNFCCC की COP-13 का परिणाम (Outcome of COP-13 of UNFCCC)-

        • 2012 के पश्चात की जलवायु परिवर्तन से संबंधित प्रतिबद्धताओं को 2009 तक अंतिम रूप देने पर सहमति बनी।

        • अनुकूलन फण्ड को जारी किया गया।
        • UN REDD कार्यक्रम पर सहमति बनी।
        • भविष्य में होने वाले जलवायु परिवर्तन समझौते के लिए निम्नलिखित चार स्तम्भ निर्धारित किये गये है।-
        • (I) शमन (Mitigation)
        • (II) अनुकूलन (Adaptation)
        • (III) तकनीकी हस्तानान्तरण (Technology Transfer)
        • (IV) वित्त (Finance)


        5. UNFCCC की COP-15/ MOP-5 (2009)-

        • स्थान- कोपेनहेगन, डेनमार्क (Copenhagen, Denmark)
        • वर्ष- 2009
        • इस सम्मेलन में अमेरिका के द्वारा यह मांग की कि कार्बन उत्सर्जन में कटौती हेतु विकासशील देशों के लिए भी कानूनन् बाध्यकारी समझौता लागू किया जाना चाहिए।
        • विकासशील देशों ने इसका विरोध किया तथा BASIC (ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, चीन, भारत) नामक संगठन बनाया।
        • BASIC Full Form = Brazil, South Africa, China, India
        • BASIC का पूरा नाम = ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, चीन, भारत
        • BASIC देशों ने भविष्य में होने वाले सम्मेलनों में अपनी बात सामूहिक रूप से रखने का निर्णय किया।
        • विकसित तथा विकासशील देशों के मध्य उत्पन्न मतभेदों के कारण इस सम्मेलन में क्योटो प्रोटोकॉल की द्वितीय प्रतिबद्धता से संबंधित कोई निर्णय नहीं हो पाया।
        • इस सम्मेलन के अंत में अमेरिका तथा BASIC देशों के मध्य जो समझौता हुआ उसे "Copenhagen Accord' कहते हैं।
        • कोपेनहेगन समझौते में निम्न बिंदु शामिल किये गये।-
        • (I) जलवायु परिवर्तन को एक वैश्विक समस्या माना गया तथा इसका हल अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग से करना होगा।
        • (II) जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को रोकने के लिए वैश्विक तापमान वृद्धि को इस सदी के अन्त तक 2℃ पर सीमित करने का निर्णय लिया गया।
        • (III) सभी विकसित देश वर्ष 2020 तक अपनी कार्बन उत्सर्जन सीमाएं निर्धारित करेंगे तथा इसको बनाये रखना उन पर कानूनन् बाध्यकारी होगा।
        • (IV) सभी विकासशील देश भी वर्ष 2020 तक अपनी कार्बन उत्सर्जन सीमाएं निर्धारित करेंगे तथा यह उन पर कानूनन् बाध्यकारी नहीं होगी।


        6. UNFCCC की COP-16/ MOP-6 (2010)-

        • स्थान- कानकून, मैक्सिको (CANCUN, Mexico)
        • वर्ष- 2010
        • इस सम्मेलन में यह निर्णय किया गया की विकसित देशों द्वारा विकासशील देशों को 2010 से 2012 के बीच 30 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
        • इस कार्य के लिए ग्रीन क्लाइमेट फण्ड (Green Climate Fund) की स्थापना की गई।


        7. UNFCCC की COP-18/ MOP-8 (2012)-

        • स्थान- दोहा, कतर (Doha, Qatar)

        • वर्ष- 2012
        • इस सम्मेलन में जो दस्तावेज जारी किया गया उसे "दोहा क्लाइमेट गेटवे" (Doha Climate Gateway) के नाम से जाना जाता है।
        • इस सम्मेलन के दौरान क्योटो प्रोटोकॉल की समय सीमा 1 जनवरी 2013 से दिसंबर 2020 तक के लिए बढ़ा दी गई जिसे द्वितीय प्रतिबद्धता अवधि कहते हैं। लेकिन द्वितीय प्रतिबद्धता अवधि के प्रावधान लागू नहीं हो सके।
        • इसी सम्मेलन के दौरान यह निर्णय लिया गया की एक नया वैश्विक जलवायु परिवर्तन समझौता किया जाएगा जिसमें 2015 तक सभी सदस्य देशों को जोड़ा जाएगा तथा यह 2020 के बाद प्रभावी होगा।
        • यहाँ पर "ग्रीन क्लाइमेट फण्ड" (Green Climate Fund) के मुख्यालय को दक्षिण कोरिया (South Korea) के इंचियोन (Incheon) में स्थित करने का निर्णय लिया गया।


        8. UNFCCC की COP-19/MOP-9 (2013)-

        • स्थान- वार्सा, पोलैण्ड (Warsaw, Poland)
        • वर्ष- 2013
        • इस सम्मेलन के दौरान विकासशील देशों द्वारा जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाले नुकसान (Loss and Damage) का मुद्दा उठाया गया।
        • इस सम्मेलन में AOSIS द्वारा जलवायु परिवर्तन से हो रहे नुकसान के बदले विकसित देशों से वित्तीय मुआवजे की मांग की तथा Loss and Damage को जलवायु परिवर्तन के पांचवें स्तम्भ के रूप में शामिल करने की मांग की। परन्तु विकसित देशों ने दोनों मांगे मानने से इंकार कर दिया।
        • AOSIS Full Form = Association of Small Island State
        • AOSIS का पूरा नाम = एसोसिएशन ऑफ स्मॉल आइलैंड स्टेट
        • इस सम्मेलन के अन्त में Loss and Damage के मुद्दे पर "वार्सा व्यवस्था" (Warsaw Arrangement) स्थापित की गई।
        • वार्सा व्यवस्था के तहत विकसित देशों द्वारा विकासशील देशों को निम्न सुविधाएं उपलब्ध करवायी जाएंगी।
        • (I) तकनीकी सहायता (Technical Support)
        • (II) पूर्व चेतावनी प्रणाली (Early Warning System)
        • (III) आपतकालीन मदद (Emergency Help)
        • (IV) जोखीम का बीमा (Insurance of Risk)


        9. UNFCCC की COP-21/MOP- 11 (2015)-

        • स्थान- पेरिस, फ्रांस (Paris, France)

        • वर्ष- 2015

        • UNFCCC की COP-21/MOP-11 को पेरिस समझौता भी कहा जाता है।


        10. UNFCCC की COP-22/MOP-12 (2016)-

        • स्थान- माराकेश, मोरक्को (Marrakesh, Morocco)

        • वर्ष- 2016


        11. UNFCCC की COP-23/MOP-13 (2017)-

        • स्थान- बॉन, जर्मनी (Bonn, Germany)
        • वर्ष- 2017
        • इस सम्मेलन की अध्यक्षता फीजी (Fiji) के प्रधानमंत्री ने की थी।
        • इस सम्मेलन में पेरिस समझौते के विभिन्न प्रावधानों पर समहति बनाने हेतु "तालानाओ वार्ता" (Talanoa Dialogue) आरम्भ करने का निर्णय लिया गया।
        • तालानाओं वार्ता का अर्थ होता है आपसी विचार विमर्श से सहमती बनाना।


        12. UNFCCC की COP-24/ MOP-14 (2018)-

        • स्थान- केटोविच, पोलैण्ड (Katowice, Poland)
        • वर्ष- 2018
        • इस सम्मेलन में पेरिस समझौते के सभी प्रावधानों पर सहमति बन गई तथा पेरिस समझौते के क्रियान्वयन हेतु नियम कायदो से संबंधित पेरिस नियम पुस्तिका को लिखा जाना प्रारम्भ किया गया।
        • इस नियम पुस्तिका में अनेक बाते जैसे- कार्बन उत्सर्जन में कटौती के लक्ष्य, सरकारें उत्सर्जन का मापन कैसे करेंगी, उत्सर्जन कटौती के लिए किये गये प्रयासों की रिपोर्ट, सत्यापन तथा उसके क्रियान्वयन की समीक्षा इत्यादि शामिल की जाएंगी।
        • इस सम्मेलन के दौरान तालानाओं वार्ता पूर्ण कर ली गई।
        • IPCC की विशेष रिपोर्ट "ग्लोबल वार्मिंग एट 1.5℃" (Global Warming at 1.5℃) का विरोध विकसित देशों जैसे- सऊदी अरब (Saudi Arabia), रूस (Russia), अमेरिका (America) तथा कुवैत (Kuwait) आदि देशों ने किया तथा इस रिपोर्ट को अस्वीकार कर दिया।


        13. UNFCCC की COP-26/MOP-16 (2021)-

        • स्थित- ग्लासगो, स्कॉटलैंड (Glasgow, Scotland, U.K)
        • वर्ष- 2021
        • इस सम्मेलन के महत्वपूर्ण बिंदु-
        • (I) इस सम्मेलन में विकसित देशों ने सन् 2050 तक "नेट शून्य उत्सर्जन" (Net Zero Emission) प्राप्त करने का लक्ष्य रखा तथा तापमान वृद्धि को 1.5℃ तक सीमित करने का निर्णय लिया।
        • (II) वैश्विक मीथेन शपथ (Global Methane Pledge)-
        • विश्व के 15 प्रमुख मिथेन उत्सर्जन देशों सहीत 103 देशों ने वैश्विक मिथेन शपथ पर हस्ताक्षर किये जिसके अनुसार वर्ष 2030 तक वैश्विक मिथेन उत्सर्जन में 2020 के स्तर से 30% कटौती की जाएगी।
        • (III) प्राकृतिक आवासों का संरक्षण अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग से किया जाएगा।
        • (IV) इस सम्मेलन में पेरिस नियम पुस्तिका को पूर्ण कर लिया गया।
        • (V) विकसित देश अपना वित्तीय सहायता का वादा पूरा करेंगे।


        UNFCCC की COP-26/MOP-16 में भारत का योगदान-

          • (I) भारत का पंचामृत सिद्धांत (Panchamrit Principle of India)


          (I) भारत का पंचामृत सिद्धांत (Panchamrit Principle of India)-

          • भारत के पंचामृत सिद्धांत के अनुसार सन् 2030 तक भारत के द्वारा-
          • (A) 500 GW नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता विकसित कर ली जाएगी।
          • (B) हमारी कुल ऊर्जा आवश्यकताओं का 50% भाग नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों से प्राप्त होगा।
          • (C) GDP उत्सर्जन तीव्रता में 45% की कटौती की जाएगी।
          • (D) 1 अरब टन CO2 के अतिरिक्ति अवशोषण की क्षमता विकसित कर ली जाएगी।
          • सन् 2070 तक भारत के द्वारा "नेट शून्य उत्सर्जन" (Net Zero Emission) का लक्ष्य प्राप्त कर लिया जाएगा।


          14. UNFCCC की COP-27/ MOP-17 (2020)-

          • स्थान- शर्म-अल-शेख, मिस्र (Sharm-El-Sheikh, Egypt)

          • वर्ष- 2020
          • इस सम्मेलन में लॉस और डैमेज फंड (Loss and Damage Fund) की स्थापना की गई।


          15. UNFCCC की COP-28/ MOP-18 (2023)- 

          • स्थान- दुबई, संयुक्त अरब अमीरात (Dubai, United Arab Emirate -UAE)

          • वर्ष- 2023 (वर्ष 2023 में होने वाला है।)


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