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भारत में क्रांतिकारी आंदोलन (Revolutionary Movement in India)

भारत में क्रांतिकारी आंदोलन (Revolutionary Movement in India)-

    • (अ) भारत में क्रांतिकारी आंदोलन का पहला चरण (First Phase of Revolutionary Movement in India)

    • (ब) भारत में क्रांतिकारी आंदोलन का दूसरा चरण (Second Phase of Revolutionary Movement in India)


    👉भारत में क्रांतिकारी आंदोलन के पहले चरण की अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।

    👉भारत में क्रांतिकारी आंदोलन के दूसरे चरण की अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।


    भारत के क्रांतिकारी आंदोलन के प्रथम व द्वितीय चरण में अंतर (Difference Between First and Second Phase of Revolutionary Movement in India)

    • (A) भारत में क्रांतिकारी आंदोलन का प्रथम चरण (First Phase of Revolutionary Movement in India)-
    • 1. संगठन का अभाव था।
    • 2. इनके पास विचारधारा (Ideology) का अभाव था।
    • 3. केवल राजनैतिक स्वतंत्रता में विश्वास करते थे।
    • 4. धार्मिक प्रतीकों (Religious Symbols) का प्रयोग किया।
    • 5. महिलाएं शामिल नहीं हुई।
    • 6. भारत में लोकप्रिय आंदोलन नहीं बन पाया।
    • (B) भारत में क्रांतिकारी आंदोलन का द्वितीय चरण (Second Phase of Revolutionary Movement of India)-
    • 1. बड़े संगठनों की स्थापना की गई।
    • 2. ये समाजवादी विचारधारा में विश्वास करते थे।
    • 3. सम्पूर्ण क्रांति में विश्वास करते थे। जैसे-
    • (I) राजनीतिक स्वतंत्रता (Political Freedom)
    • (II) आर्थिक स्वतंत्रता (Economic Freedom)
    • (III) सामाजिक स्वतंत्रता (Social Freedom)
    • 4. आंदोलन का स्वरुप धर्म निरपेक्ष (Secular Nature) था।
    • 5. बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया।
    • 6. ये क्रांतिकारी भारत में अत्यधिक लोकप्रिय हुए थे।

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