राजस्थान में सिंचाई परियोजनाएं (Irrigation Projects in Rajasthan)-
- (A) सिंचाई के साधन या माध्यम (Mode of Irrigation)
- (B) सिंचाई परियोजनाओं का वर्गीकरण (Classification of Irrigation)
- (C) बहुउद्देशीय परियोजना (Multipurpose Project)-
- (D) अन्य प्रमुख परियोजनाएं (Other Important Projects)
(A) सिंचाई के साधन या माध्यम (Mode of Irrigation)-
- राजस्थान में सिंचाई के निम्न साधन या माध्यम है।-
- (I) नलकूप (Tube well)- 42% (सर्वाधिक- जयपुर)
- (II) नहर (Canal)- 30% (सर्वाधिक- श्री गंगानगर)
- (III) कुएँ (Well)- 24% (सर्वाधिक- जयपुर)
- (IV) तालाब (Tank/Ponds)- 1% (सर्वाधिक- भीलवाड़ा)
- (V) अन्य (Other)- 3%
- राजस्थान में नलकूल से सर्वाधिक सिंचाई जयपुर में होती है।
- राजस्थान में नहरों से सर्वाधिक सिंचाई श्री गंगानगर में होती है।
- राजस्थान में कुओं से सर्वाधिक सिंचाई जयपुर में होती है।
- राजस्थान में तालाबों से सर्वाधिक सिंचाई भीलवाड़ा में होती है।
- भारत में प्रति हेक्टेयर सर्वाधिक सिंचाई पंजाब में होती है।
- भारत में सर्वाधिक नहरें उत्तर प्रदेश में है।
(B) सिंचाई परियोजनाओं का वर्गीकरण (Classification of Irrigation Projects)-
- सिंचाई क्षेत्र के आधार पर राजस्थान में सिंचाई परियोजनाओं को 3 भागों में विभाजित किया गया है। जैसे-
- (I) लघु सिंचाई परियोजना (Small Irrigation Project) = 0-2000 हेक्टेयर तक
- (II) मध्यम सिंचाई परियोजना (Medium Irrigation Project) = 2000-10000 हेक्टेयर तक
- (III) वृहद सिंचाई परियोजना (Macro Irrigation Project) = 10000 हेक्टेयर से अधिक
- राजस्थान में सिंचाई में सर्वाधिक योगदान लघु सिंचाई परियोजना का होता है।
- लघु सिंचाई परियोजना- 0 से 2000 हेक्टेयर भूमी पर होने वाली सिंचाई परियोजना।
- मध्य सिंचाई परिजोयना- 2000 से 10,000 हेक्टेयर भूमी पर होने वाली सिंचाई परियोजना।
- वृहद सिंचाई परियोजना- 10,000 हेक्टेयर से अधिक भूमी पर होने वाली सिंचाई परियोजना।
(C) बहुउद्देशीय परियोजना (Multipurpose Project)-
- वे परियोजनाएं जिनके उद्देश्य 2 या 2 से अधिक होते हैं उन्हें बहुउद्देशीय परियोजना कहते हैं। जैसे- सिंचाई, पेयजल एवं जल विद्युत परियोजना
- पंडित जवाहर लाल नेहरू ने बहुउद्देशीय परियोजनाओं को "आधुनिक भारत के मंदिर" (Temples of Modern India) कहा है।
- विश्व की प्रथम बहुउद्देशीय परियोजना की शुरुआत 1933 में अमेरिका में टेनेसी नदी से की गई थी।
- भारत में प्रथम बहुउद्देशीय परियोजना की शुरुआत 1948 में दामोदर नदी से की गई थी।
- राजस्थान में प्रथम बहुउद्देशीय परियोजना की शुरुआत 1950 में गंगनगर से की गई थी।
- गंगनगर का पुराना नाम बीकानेर नहर था।
- गंगनगर का निर्माण बीकानेर महाराजा गंगासिंह ने करवाया था।
- बहुउद्देशीय परियोजनाएं दो प्रकार की होती है। जैसे-
- (अ) नदी घाटी बहुउद्देशीय परियोजना (River Valley Multipurpose Project)
- (ब) नहर बहुउद्देशीय परियोजना (Canal Multipurpose Project)
(अ) नदी घाटी बहुउद्देशीय परियोजना (River Valley Multipurpose Project)-
- 1. चंबल बहुउद्देशीय परियोजना (Chambal Multipurpose Project)
- 2. माही बहुउद्देशीय परियोजना (Mahi Multipurpose Project)
- 3. भाखड़ा-नांगल बहुउद्देशीय परियोजना (Bhakra-Nangal Multipurpose Project)
- 4. व्यास बहुउद्देशीय परियोजना (Vyas Multipurpose Project)
- 5. रेणुकाजी बहुउद्देशीय परियोजना (Renukaji Multipurpose Project)
- 6. लखवार बहुउद्देशीय परियोजना (Lakhwar Multipurpose Project)
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(ब) नहर बहुउद्देशीय परियोजना (Canal Multipurpose Project)-
- 1. राजस्थान नहर (Rajasthan Canal Project) या इंदिरा गांधी नहर परियोजना (Indira Gandhi Nahar Pariyojana- IGNP)
- 2. गंग नगर परियोजना (Gang Canal Project)
- 3. राजीव गांधी सिद्धमुख नहर परियोजना (Rajiv Gandhi Sidhmukh Canal) या नोहर नहर परियोजना (Nohar Canal Project)
- 4. नर्मदा नहर परियोजना (Narmada Canal Project)
- 5. यमुना लिफ्ट नहर परियोजना (Yamuna Lift Canal Project) या गुडगाँव नहर परियोजना (Gurgaon Canal Project)
- 6. भरतपुर नहर परियोजना (Bharatpur Canal Project)
- 7. पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (Eastern Rajasthan Canal Project- ERCP)
1.👉इंदिरा गांधी नहर परियोजना की अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।
2. गंग नहर परियोजना (Gang Canal Project)-
- निर्माण- 1922 से 1927
- नदी- सतलज
- निर्माता- बीकानेर महाराजा गंगा सिंह
- महाराजा गंगा सिंह को "आधुनिक भारत का भागीरथ" कहा जाता है।
- सर्वाधिक लाभ- श्री गंगानगर
- लम्बाई- गंग नहर की कुल लम्बाई 129 km है। (112 km पंजाब + 17 km राजस्थान)
- गंग नहर पंजाब के हुसैनीवाला नामक स्थान से सतलज नदी से निकाली गई है।
- यह विश्व की पहली पक्की नहर है।
- यह राजस्थान की पहली बहुउद्देशीय परियोजना है।
- गंग नहर के लिफ्ट नहरे निकाली गई है। जैसे-
- (I) करणी लिफ्ट- श्री गंगानगर
- (II) लक्ष्मीनारायण लिफ्ट- श्री गंगानगर
- (III) समीजा लिफ्ट- श्री गंगानगर
- (IV) लालगढ़ लिफ्ट- श्री गंगानगर
- ये सभी लिफ्ट नहरे बांयी ओर से निकाली गई है।
- ये सभी लिफ्ट नहरे गंगानगर में स्थित है।
- गंग नहर को पहले बीकानेर नहर के नाम से जाना जाता था। अर्थात् बीकानेर नहर का ही वर्तमान नाम गंग नहर है।
- कल्पनाकार- इंजीनियर कंवर सेन
3. राजीव गांधी सिद्धमुख नहर परियोजना (Rajiv Gandhi Sidhmukh Canal) या नोहर नहर परियोजना (Nohar Canal Project)-
- नींव- इस नहर परियोजना की नींव राजीव गांधी के द्वारा 1989 में सिद्धमुख नहर के नाम से रखी गई थी।
- शुरुआत- 2002 (उद्घाटन- श्री अशोक गहलोत)
- नदी- रावी, व्यास का अतिरिक्त पानी
- लाभान्वित जिले-
- (I) हनुमानगढ़- नोहर तहसील, भादरा तहसील
- (II) चूरू- राजगढ़ या सादुलपुर तहसील
- इस परियोजना का सर्वाधिक लाभ नोहर तहसील को होता है इसलिए इसे नोहर नहर परियोजना भी कहा जाता है।
- वित्तीय सहयोग- यूरोपीयन यूनियन (European Union- EU) व नाबार्ड (NABARD)
- 1998 के परमाणु परीक्षण के बाद यूरोपीय संघ (European Union- EU) ने अपना आर्थिक सहयोग बंद कर दिया जिसके बाद नाबार्ड (NABARD) ने आर्थिक सहयोग किया।
4. नर्मदा नहर परियोजना (Narmada Canal Project)-
- शुरुआत- 2008
- नदी- नर्मदा
- यह नहर गुजरात के सरदार सरोवर बांध से निकाली गई है।
- सरदार सरोवर बांध नर्मदा नदी पर गुजरात में स्थित है।
- सहयोग- गुजरात + राजस्थान
- लम्बाई- नर्मदा नहर की कुल लम्बाई 532 km है। (458 km गुजरात + 74 km राजस्थान)
- सर्वाधिक लाभान्वित क्षेत्र- सांचोर (पहले जालौर) व बाड़मेर (आंशिक भाग)
- नर्मदा नहर से राजस्थान का सर्वाधिक लाभान्वित जिला सांचोर है।
- जालौर जिले के सीलू गाँव से नर्मदा नहर राजस्थान में प्रवेश करती है।
- नर्मदा नहर पर फव्वारा और बूंद-बूंद सिंचाई तकनीक को अनिर्वाय रूप से लागू किया गया है।
- नर्मदा नहर से लिफ्ट नहर निकाली गई है। जैसे-
- (I) सांचोर लिफ्ट- जालौर
- (II) भादरेड़ा लिफ्ट- जालौर
- (III) पनोरिया लिफ्ट- बाड़मेर
5. यमुना लिफ्ट नहर परियोजना (Yamuna Lift Canal Project) या गुडगाँव नहर परियोजना (Gurgaon Canal Project)-
- सहयोग- राजस्थान + हरियाणा
- नदी- यमुना
- लाभान्वित क्षेत्र-
- (I) भरतपुर (सर्वाधिक)
- (II) शेखावाटी- सीकर, झुंझुनूं, चूरू
- यमुना लिफ्ट नहर परियोजना को गुड़गाँव नहर परियोजना भी कहा जाता है।
6. भरतपुर नहर परियोजना (Bharatpur Canal Project)-
- सहयोग- राजस्थान + उत्तर प्रदेश
- नदी- यमुना
- लाभान्वित क्षेत्र- भरतपुर
7. पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (Eastern Rajasthan Canal Project- ERCP)-
- संभावित बजट- 37,500 करोड़ रुपये
- वर्तमान में यह परियोजना निर्माणाधीन है।
- लाभान्वित क्षेत्र-
- (I) भरतपुर संभाग- भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर
- (II) कोटा संभाग- कोटा, बूंदी, बारा, झालावाड़
- (III) अजमेर संभाग- अजमेर, टोंक
- (IV) जयपुर संभाग- जयपुर, दौसा, अलवर
- मुख्य उद्देश्य- 13 जिलों को सिंचाई व पेयजल के लिए पानी की आपूर्ति करना।
- इस परियोजना में 26 वृहद एवं मध्यम बांध परियोजनाओं का निर्माण किया जायेगा जिसके द्वारा 2.8 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की जायेगी।
- यह राजस्थान राज्य के लिए एक महत्वाकांशी परियोजना है।
- इस परियोजना के तहत मानसूस के समय में चंबल की सहायक नदियों (कालीसिंध, कुनू, कुराल, चाकण, पार्वती, मेज) का अतिरिक्त पानी चम्बल, बनास, गंभीर, बाणगंगा नदियों में वितरित किया जायेगा।
- हाल ही (15 अगस्त, 2023) में इस परियोजना में 53 बांधों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। (घोषणा)
(D) अन्य प्रमुख परियोजनाएं (Other Important Projects)-
- राजस्थान की प्रमुख लघु और मध्यम सिंचाई परियोजनाएं-
- 1. भीम सागर परियोजना- झालावाड़
- 2. मनोहरथाना परियोजना- झालावाड़
- 3. गागरीन परियोजना- झालावाड़
- 4. पिपलाद परियोजना- झालावाड़
- 5. कालीसिंध परियोजना- झालावाड़
- 6. चौली या चवरी परियोजना- झालावाड़
- 7. छापी परियोजना- झालावाड़
- 8. रेवा परियोजना- झालावाड़
- 8. राजगढ़ परियोजना- झालावाड़
- 10. बैंथली परियोजना- बारां
- 11. बिलास परियोजना- बारां + कोटा
- 12. परवन परियोजना- बारां + कोटा + झालावाड़
- 13. अंधेरी परियोजना- बारां
- 14. ल्हासी परियोजना- बारां
- 15. हथियादेह परियोजना- बारां
- 16. नवनेरा परियोजना (कालीसिंध)- कोटा
- 17. हरिश्चंद्र सागर परियोजना- कोटा
- 18. गोपालपुरा परियोजना- कोटा
- 19. तकली परियोजना- कोटा
- 20. सावण-भादो परियोजना- कोटा
- 21. आलनिया परियोजना- कोटा
- 22. गुढ़ा परियोजना- बूंदी
- 23. गरदड़ा परियोजना- बूंदी
- 24. जिगजैग परियोजना- बूंदी
- 25. जैतसागर परियोजना- बूंदी
- 26. चाकण परियोजना- बूंदी
- 27. मेज परियोजना- बूंदी
- 28. मेजा बांध परियोजना- भीलवाड़ा
- 29. माधोसागर परियोजना- दौसा
- 30. रेडियो सागर परियोजना- दौसा
- 31. मोरेल परियोजना- दौसा, सवाई माधोपुर (प्राथमिकता- सवाई माधोपुर)
- 32. चिरमिरी परियोजना- दौसा
- 33. झील मिली परियोजना- दौसा
- 34. बीसलपुर परियोजना- टोंक
- 35. टोरड़ी सागर परियोजना- टोंक
- 36. गलवा परियोजना (गलवा नदी)- टोंक
- 37. ईसरदा परियोजना- सवाई माधोपुर (रामगढ़-जयपुर)
- 38. पिपलदा परियोजना- सवाई माधोपुर
- 39. इंदिरा गांधी लिफ्ट नहर परियोजना (चम्बल नदी)- सवाई माधोपुर + करौली
- 40. धौलपुर लिफ्ट परियोजना (चम्बल नदी)- धौलपुर
- 41. कालीतीर परियोजना (चम्बल नदी)- धौलपुर (पार्वती व रामसागर झील को जलापूर्ति)
- 42. पार्वती परियोजना (गंभीर की सहायक)- धौलपुर
- 43. नारायण सागर परियोजना- अजमेर
- 44. बांडी-सेंदड़ा या बांडी-सेंदरा परियोजना- जालोर
- 45. बांकली बांध परियोजना (सुकड़ी नदी)- जालोर
- 46. सुकली-सेलवाड़ा परियोजना (पश्चिमी बनास की सहायक सुकली पर)- सिरोही
- 47. बत्तीसा नाला परियोजना- सिरोही
- 48. भाभराना परियोजना- डूंगरपुर
- 49. सोम कमला अम्बा परियोजना- डूंगरपुर
- 50. भीखाभाई सागवाड़ा नहर परियोजना (माही नदी)- डूंगरपुर
- 51. कडाना बैक वॉटर परियोजना- डूंगरपुर
- 52. अन्नास परियोजना- बांसवाड़ा
- 53. ओराई परियोजना- चित्तौड़गढ़ एवं भीलवाड़ा
- 54. मानसी-वाकल परियोजना- उदयपुर
- 55. मदार बांध परियोजना (बेड़च नदी)- उदयपुर (फतेहसागर को जलापूर्ति)
- 56. टिडी बांध परियोजना- उदयपुर
- 57. सोम कागदर परियोजना- उदयपुर
- 58. अनास परियोजना- बांसवाड़ा
- 59. नारायण सागर बांध परियोजना- अजमेर (अजमेर का सबसे बड़ा बांध)
- 60. ओराई बांध परियोजना (बेड़च की सहायक ओराई नदी पर)- चित्तौड़गढ़ + भीलवाड़ा
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य (Other Important Link)-
- राजस्थान का राज्य पशु चिंकारा व ऊँट है।
- ऊँट को 2014 में राजस्थान का राज्य पशु घोषित किया था।
- घरेलू पशु सम्पदा में राजस्थान का राज्य पशु ऊँट है।
- वन्यजीवों में राजस्थान का राज्य पशु चिंकारा है।
महत्वपूर्ण लिंक (Important Link)-
Question ❓ option
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