राठौड़ वंश
राठौड़ वंश-
➠'राठौड़' शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के 'राष्ट्रकूट' शब्द से हुई है।
➠'राष्ट्रकूट' शब्द का प्राकृत रूप 'रट्टऊड' होता है तथा 'रट्टऊड' से ही 'राडउड' या 'राठौड़' शब्द बना है।
➠राजस्थान में मारवाड़ (जोधपुर), बीकानेर तथा किशनगढ़ रियासतों पर ही राठौड़ वंश का शासन था।
राठौड़ वंश की उत्पत्ति से संबंधित निम्नलिखित मत प्रचलित है।-
हिरण्यकश्यप-
➠भाटों की पोथियों के अनुसार राठौड़ों को हिरण्यकश्यप की संतान माना जाता है।
सूर्यवंशी-
➠दयालदास की ख्यात में राठौड़ों को सूर्यवंशी बताया है तथा ब्राह्मण भल्लाराव की संतान माना है।
कन्नौज तथा महाराष्ट्र-
➠राजस्थान में राठौड़ वंश की उत्पत्ति कन्नौज (उत्तर प्रदेश) के गहडवाल वंश तथा दक्षिण भारत (महाराष्ट्र) के राष्ट्रकूट वंश से मानी जाती है।
गहडवाल वंश-
➠कन्नौज में गहडवाल वंश का शासन था।
➠कन्नौज भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है।
➠पृथ्वीराज रासो, मुहणौत नैणसी तथा जोधपुर राज्य की ख्यात के अनुसार राठौड़ों को कन्नौज से आया हुआ माना जाता है।
राष्ट्रकूट वंश-
➠राष्ट्रकूट वंश का शासन दक्षिण भारत में था।
➠राष्ट्रकूट वंश ने अपनी राजधानी महाराष्ट्र को बना रखा था।
जयचंद का वंशज-
➠कर्नल जेम्स टाॅड ने ख्यातों के आधार पर राठौड़ों को जयचंद का वंशज माना है।
➠विश्वेश्वर नाथ रेऊ के अनुसार राठौड़ जयचंद के वंशज है।
बदायूं के राठौड़ों का वंशज-
➠डाॅ. गौरीशंकर हीराचंद ओझा ने राजस्थान के राठौड़ों को बदायूं के राठौड़ों का वंशज सिद्ध किया है।
राजस्थान में राठौड़ वंश की रियासते-
2. बीकानेर
3. किशनगढ़