भारत में ग्रामीण व शहरी जनसंख्या (Rural and Urban Population in India)-
- भारत में सन् 1931 के बाद शहरी जनसंख्या में निरंतर वृद्धि दर्ज हुई है इसलिए सन् 1931 को शहरी जनसंख्या (Urban Population) की दृष्टि से जननांककीय विभाजन (Demographic Divide) वर्ष माना जाता है।
वर्ष (Year) | ग्रामीण (Rural) (Million) | शहरी (Urban) (Million) | शहरी जनसंख्या वृद्धि |
---|---|---|---|
1921 | 233.23 | 28.08 | 11.20% |
1931 | 245.52 | 33.45 | 12.00% |
1941 | 274.50 | 44.15 | 13.80% |
1951 | 298.64 | 62.44 | 17.30% |
1961 | 360.29 | 78.93 | 17.96% |
1971 | 439.04 | 109.11 | 19.90% |
1981 | 538.94 | 159.46 | 23.40% |
1991 | 627.15 | 217.17 | 25.70% |
2001 | 741.66 | 285.35 | 27.80% |
2011 | 833.75 | 377.10 | 31.16% |
भारत में ग्रामीण जनसंख्या (Rural Population in India)-
- सन् 1961 में भारत में ग्रामीण जनसंख्या 82.04% थी।
- सन् 2011 में भारत में ग्रामीण जनसंख्या 68.84% है।
भारत में शहरी जनसंख्या (Urban Population in India)-
- सन् 1911 में भारत में शहरी जनसंख्या 10% थी।
- सन् 1961 में भारत में शहरी जनसंख्या 17.96% थी।
- सन् 2011 में भारत में शहरी जनसंख्या 31.16% है।
भारत में शहरी जनसंख्या के बढ़ने के कारण (Factors of Urban Population Growth in India)-
- ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों की कमी है। (Lack of employment opportunities in rural areas)
- शहरों में अधिक सुविधाओं का होना। (Availability of more facilities in towns)
- शहरी आकर्षण होना। (Urban Attraction)
- शिक्षा का प्रसार अधिक होना। (Spread of Education)
- शहरों में औद्योगिकिकरण (Industrialization) का होना।
- शहर में परिवहन एवं संचार के साधनों का विकास। (Development of transport and means of communication)
- ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि में लाभ कम होना। (Non profitability of agriculture)
- ग्रामीण क्षेत्रों में कुटीर एवं लघु उद्योगों में कमी। (Downfall in the cottage and small scale industries in rural areas)
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