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ढूंढाड़ चित्रकला (Dhundhar Painting)

ढूँढाड़ चित्रकला (Dhundhar Painting)-

  • ढूंढाड़ चित्रकला के भाग (Parts of Dhundhar Painting)-

  • 1. आमेर चित्रकला (Amer Painting) या जयपुर चित्रकला (Jaipur Painting)
  • 2. अलवर चित्रकला (Alwar Painting)
  • 3. शेखावाटी चित्रकला (Shekhawati Painting)
  • 4. उणियारा चित्रकला (Uniara Painting)


1. आमेर चित्रकला (Amer Painting) या जयपुर चित्रकला (Jaipur Painting)-

  • (I) मानसिंह (Man Singh)
  • (II) मिर्जा राजा जयसिंह (Mirza Raja Jai Singh)
  • (III) सवाई जयसिंह (Sawai Jai Singh)
  • (IV) ईश्वरी सिंह (Ishwari Singh)
  • (V) माधोसिंह (Madho Singh)
  • (VI) प्रताप सिंह (Pratap Singh)

  • (VII) आमेर या जयपुर चित्रकला की विशेषताएं (Features of Amer or Jaipur Painting)
  • (VIII) आमेर या जयपुर चित्रकला के प्रमुख चित्रकार (Main Painter of Amer or Jaipur Painting)


    (I) मानसिंह (Man Singh)-

    • आमेर के राजा मानसिंह के शासन काल में चित्रकला का स्वतंत्र विकास प्रारम्भ हुआ।
    • मानसिंह के शासन काल में मौजमाबाद तथा बैराठ के मुगल गार्डन में भित्ति चित्रण किया गया था।
    • मौजमाबाद जयपुर के पास स्थित जगह का नाम
    • बैराठ जयपुर के पास स्थित जगह का नाम
    • मानसिंह के शासन काल में यशोधरा चरित्र का चित्रण किया गया था।
    • पुस्तक = यशोधरा चरित्र (Yashodhara Charitra)
    • मानसिंह के शासन काल में आमेर के चित्रकारों ने रज्मनामा के 169 चित्र बनाये थे।
    • रज्मनामा नामक पुस्तक में अकबर ने महाभारत का फारसी भाषा में अनुवाद करवाया था अर्थात् रज्मनामा नामक पुस्तक महाभारत का फारसी अनुवाद है।


    (II) मिर्जा राजा जयसिंह (Mirza Raja Jai Singh)-

    • आमेर के राजा मिर्जा राजा जयसिंह के शासन काल में आमेर में गणेश पोल पर भित्ति चित्र बनाये गये थे।

    • मिर्जा राजा जयसिंह ने अपनी रानी चंद्रावती के लिए भगवान श्री कृष्ण के चित्र बनवाये थे।


    (III) सवाई जयसिंह (Sawai Jai Singh)-

    • आमेर के राजा सवाई जयसिंह ने आमेर में सूरतखाना का निर्माण करवाया था।


    (IV) ईश्वरी सिंह (Ishwari Singh)-

    • आमेर के राजा ईश्वरी सिंह के शासन काल में चित्रकारों ने आदमकद (Portrait) का चित्रण प्रारम्भ किया।

    • साहिबराम नामक चित्रकार ने राजाओं के आदमकद चित्र बनाये थे।


    (V) माधोसिंह (Madho Singh)-

    • आमेर के राजा माधोसिंह के शासन काल में भित्ति चित्रण अधिक किया गया था। जैसे-
    • (A) पुंडरीक हवेली में भित्ति चित्रण किया गया था।
    • (B) सिसोदिया रानी के महल में भित्ति चित्रण किया गया था।


    (VI) प्रताप सिंह (Pratap Singh)-

    • जयपुर के राजा प्रताप सिंह का शासन काल जयपुर चित्रकला का स्वर्ण काल माना जाता है।
    • प्रताप सिंह ने चित्रकला स्कूल की स्थापना की थी।
    • प्रताप सिंह के शासन काल में लालचन्द नामक चित्रकार ने पशुओं की लड़ाई के चित्र बनाये थे।


    (VII) आमेर या जयपुर चित्रकला की विशेषताएं (Features of Amer or Jaipur Painting)-

    • आमेर या जयपुर चित्रकला में लाल, पीला, हरा व केसरी रंग का प्रयोग किया जाता था।
    • आमेर या जयपुर चित्रकला में हासिये में गहरे लाल रंग का प्रयोग करते थे।
    • आमेर या जयपुर चित्रकला में मुगल शैली का प्रभाव अधिक था।
    • मुगल प्रभाव के कारण जयपुर में आला-गीला चित्रण की शुरुआत हुई थी।
    • आमेर या जयपुर में आदमकद चित्रण की शुरुआत हुई।
    • आमेर या जयपुर चित्रकला में भित्ति चित्रण अधिक हुआ था।
    • आमेर या जयपुर चित्रकला में उद्यानों का चित्रण किया जाता था।
    • आमेर या जयपुर चित्रकला में हाथियों का चित्रण किया जाता था।
    • आमेर या जयपुर चित्रकला में दाढ़ी मूछ विहिन पुरुष का चित्रण किया जाता था।


    (VIII) आमेर या जयपुर चित्रकला के प्रमुख चित्रकार (Main Painter of Amer or Jaipur Painting)-

    • (A) लालजी (Lalji)
    • (B) रामजीदास (Ramjidas)
    • (C) कुशला (Kushala)


    2. अलवर चित्रकला (Alwar Painting)-

    • (I) बख्तावर सिंह (Bakhtawar Singh)
    • (II) विनय सिंह (Vinay Singh)
    • (III) शिवदान सिंह (Shivdan Singh)
    • (IV) मंगल सिंह (Mangal Singh)
    • (V) अलवर चित्रकला की विशेषताएं (Features of Alwar Painting)
    • (VI) अलवर चित्रकला के प्रमुख चित्रकार (Main Painters of Alwar Painting)


    (I) बख्तावर सिंह (Bakhtawar Singh)-

    • अलवर के राजा बख्तावर सिंह के शासन काल में अलवर चित्रकला का स्वतंत्र विकास प्रारम्भ हुआ था।
    • बख्तावर सिंह के शासन काल में राजगढ़ के शीश महल में भित्ति चित्रण किया।
    • राजगढ़ (Rajgarh) अलवर जिले में स्थित है।
    • शीश महल के भित्ति चित्र में बख्तावर सिंह को धार्मिक चर्चा करते हुए दिखाया गया है।


    (II) विनय सिंह (Vinay Singh)-

    • अलवर के राजा विनय सिंह का शासन काल अलवर चित्रकला का स्वर्ण काल माना जाता है।
    • विनय सिंह अलवर चित्रकला में वही स्थान रखता है जो स्थान मुगल चित्रकला में अकबर रखता है।
    • बलदेव नामक चित्रकार विनय सिंह को चित्रकला सिखाता था।
    • बलदेव तथा गुलाम अली ने गुलिस्तां नामक पुस्तक का चित्रण किया था।
    • गुलिस्तां नामक पुस्तक शेख सादी के द्वारा लिखी गई थी।


    (III) शिवदान सिंह (Shivdan Singh)-

    • अलवर के राजा शिवदान सिंह के शासन काल में कामशास्त्र नामक पुस्तक का चित्रण किया गया था।


    (IV) मंगल सिंह (Mangal Singh)-

    • अलवर के राजा मंगल सिंह के शासन काल में मूलचन्द तथा उदयराम नामक चित्रकारों ने हाथीदाँत (Ivory) पर चित्र बनाये थे।


    (V) अलवर चित्रकला की विशेषताएं (Features of Alwar Painting)-

    • अलवर चित्रकला में चिकने तथा उज्जवल रंगों का प्रयोग किया गया था।
    • अलवर चित्रकला में हासिये में फूल-पत्तियों का चित्रण किया जाता था।
    • अलवर चित्रकला में लघु चित्रण किया जाता था।
    • अलवर चित्रकला में वेश्याओं का चित्रण किया जाता था।
    • अलवर चित्रकला में योगासन चित्रण किया जाता था।
    • अलवर चित्रकला पर आमेर, मुगल तथा ईरानी चित्रकलाओं का प्रभाव दिखाई देता है।


    (VI) अलवर चित्रकला के प्रमुख चित्रकार (Main Painters of Alwar Painting)-

    • (A) शिवकुमार (Shivkumar)
    • (B) डालूराम (Daluram)
    • अलवर की स्थापना प्रताप सिंह ने की थी।
    • प्रताप सिंह शिवकुमार व डालूराम को अपने साथ अलवर लेकर गया था।
    • (C) जमनादास (Jamanadas)
    • (D) बक्साराम (Baksaram)
    • (E) नंदराम (Nandram)
    • (F) छोटेराम (Chhoteram)
    • (G) सालिगराम (Saligram)


    3. शेखावाटी चित्रकला (Shekhawati Painting)-

    • शेखावाटी क्षेत्र हवेलियों के लिए प्रसिद्ध है तथा हवेलियां अपने भित्ति चित्रों के लिए जानी जाती है। इसीलिए शेखावाटी को "Open Art Gallery" कहा जाता है।
    • शेखावाटी चित्रकला में नीले रंग का प्रभाव अधिक दिखाई देता है।
    • शेखावाटी चित्रकला में यूरोपीय शैली का प्रभाव अधिक दिखाई देता है।

    • शेखावाटी जयपुर रियासत का ठिकाना था।


    शेखावाटी चित्रकला के प्रमुख चित्र (Main Paintings of Shekhawati Painting)-

    • फतेहपुर की गोयनका हवेली में भगवान श्री कृष्ण का 8 गोपियों के साथ एक भित्ति चित्रण बना हुआ है।
    • फतेहपुर राजस्थान के सीकर जिले में स्थित है।
    • "नादिन ला प्रिन्स" ने फतेहपुर की हवेलियों के भित्ति चित्रों का संरक्षण किया है।
    • नादिन ला प्रिन्स (Nadin La Prince) एक फ्रेंच महिला है।


    शेखावाटी चित्रकला के प्रमुख चित्रकार (Main Painters of Shekhawati Painting)-

    • (A) देवा (Deva)- देवा ने जोगीदास की छत्तरी के भित्ति चित्र बनाये थे।

    • जोगीदास की छतरी राजस्थान के झुंझुनू जिले के उदयपुरवाटी में स्थित है।


    4. उणियारा चित्रकला (Uniara Painting)-

    • उणियारा राजस्थान के टोंक जिले में स्थित जगह का नाम है।
    • उणियारा जयपुर रियासत का प्रथम श्रेणी ठिकाना था।
    • उणियार चित्रकला में ढूंढ़ाड तथा बूंदी चित्रकलाओं का मिश्रण है।

    • उणियारा जयपुर रियासत का ठिकाना था।


    सरदार सिंह (Sardar Singh)-

    • उणियारा के सामंत सरदार सिंह के समय उणियारा चित्रकला का स्वतंत्र विकास प्रारम्भ हुआ।


    उणियारा चित्रकला के मुख्य चित्रकार (Main Painters of Uniara Painting)-

    • (A) मीरबख्श (Meerbakhsha)- मीरबख्श ने राम, लक्ष्मण, सीता तथा हनुमान जी के चित्र बनाये थे।
    • (B) धीमा (Dheema)
    • (C) भीम (Bhim)
    • (D) काशी (Kashi)
    • (E) रामलखन (Ramlakhan)


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