मारवाड़ चित्रकला (Marwar Painting)-
- तिब्बती इतिहासकार तारानाथ लामा के अनुसार 7वीं शताब्दी में मारवाड़ में शृंगधर नामक एक चित्रकार था।
- मारवाड़ चित्रकला के भाग (Parts of Marwar Painting)-
- 1. जोधपुर चित्रकला (Jodhpur Painting)
- 2. बीकानेर चित्रकला (Bikaner Painting)
- 3. किशनगढ़ चित्रकला (Kishangarh Painting)
- 4. नागौर चित्रकला (Nagaur Painting)
- 5. अजमेर चित्रकला (Ajmer Painting)
- 6. जैसलमेर चित्रकला (Jaisalmer Painting)
1. जोधपुर चित्रकला (Jodhpur Painting)-
- (I) मालदेव (Maldev)
- (II) सूरसिंह (Sursingh)
- (III) जसवन्त सिंह (Jaswant)
- (IV) मानसिंह (Mansingh)
- (V) तख्त सिंह (Takhta Singh)
- (VI) जोधपुर चित्रकला की विशेषताएं (Features of Jodhpur Painting)
- (VII) जोधपुर चित्रकला के प्रमुख चित्रकार (Main Painters of Jodhpur Painting)
(I) मालदेव (Maldev)-
- मारवाड़ के राजा मालदेव के शासन काल में जोधपुर चित्रकला का स्वतंत्र विकास प्रारम्भ हुआ।
- मालदेव के शासन काल में जोधपुर के चोखेलाव महल में भित्ति चित्र बनाये गये थे।
- मालदेव के शासन काल में उत्तराध्ययन सूत्र नामक ग्रंथ का चित्रण किया गया।
(II) सूरसिंह (Sursingh)-
- मारवड़ा के राजा सूरसिंह के शासन काल में ढोला मारू तथा भागवत पुराण का चित्रण किया गया था। अर्थात् ढोला मारू व भागवत पुराण नामक पुस्तकों के आधार पर चित्रण किया गया था।
(III) जसवन्त सिंह (Jaswant)-
- मारवाड़ के राजा जसवन्त सिंह के शासन काल में जोधपुर चित्रकला में मुगल प्रभाव दिखाई देता है।
- जसवन्त सिंह के शासन काल में भगवान श्री कृष्ण के चित्र अधिक बनाये गये थे।
(IV) मानसिंह (Mansingh)-
- मारवाड़ के राजा मानसिंह का शासन काल जोधपुर चित्रकला का स्वर्ण काल था।
- मानसिंह के शासन काल में नाथ सम्प्रदाय से संबंधित चित्र अधिक बनाये गये थे। जैसे-
- (A) नाथ चरित्र- नाथ चरित्र नामक पुस्तक पर पर चित्र बने
- (B) शिव पुराण- शिव पुराण नामक पुस्तक पर चित्र बने
- (C) दुर्गा पुराण- दुर्गा पुराण नामक पुस्तक पर चित्र बने
- मतिराम की पुस्तक रसराज के 63 चित्र महामंदिर से प्राप्त होते हैं।
- दानाराम मानसिंह के शासन काल में प्रमुख चित्रकार था।
(V) तख्त सिंह (Takhta Singh)-
- मारवाड़ के राजा तख्त सिंह के शासन काल में मारवाड़ चित्रकला में यूरोपीय प्रभाव दिखाई देता है।
- तख्त सिंह के शासन काल में A.H. Muler नामक चित्रकार ने दुर्गादास राठौड़ का चित्र बनाया था।
- A.H. Muler एक जर्मन चित्रकार था।
(VI) जोधपुर चित्रकला की विशेषताएं (Features of Jodhpur Painting)-
- जोधपुर चित्रकला में लाल व पीले रंगा का अधिक प्रयोग किया जाता था।
- जोधपुर चित्रकला में हाशिये में पीले रंग का चित्रण किया जाता था।
- जोधपुर चित्रकला में बादलों का अधिक चित्रण किया जाता था।
- जोधपुर चित्रकला में प्रेम कहानियों का चित्रण किया जाता था। जैसे-
- (A) ढोला-मारू
- (B) महेन्द्र-मूमल
- (C) बाघा-भारमली
Murals in Marwar-
- Murals in Marwar रामावतार अग्रवाल के द्वारा लिखी गई पुस्तक है।
- Murals in Marwar नामक पुस्तक मारवाड़ के भित्ती चित्रों पर लिखी गई पुस्तक है।
- Mural = भित्ती चित्र
(VII)जोधपुर चित्रकला के प्रमुख चित्रकार (Main Painters of Jodhpur Painting)-
- (A) डालचन्द (Dalchand)- डालचन्द ने महाराजा अभय सिंह का नृत्य देखते हुए चित्र बनाया था।
- (B) वीर जी (Veer Ji)- पाली के सामंत विठ्ठलदास चाम्पावत के लिए रागमाला का चित्रण किया था।
- (C) शिवदास (Shivdas)
- (D) शंकरदास (Shankardas)
- (E) अमरदास (Amardas)
- (F) जीतमल (Jitamal)
- (G) छज्जू (Chhajju)
2. बीकानेर चित्रकला (Bikaner Painting)-
- (I) रायसिंह (Rai Singh)
- (II) अनूप सिंह (Anup Singh)
- (III) बीकानेर चित्रकला के प्रकार (Types of Bikaner Painting)
- (IV) बीकानेर चित्रकला की विशेषताएं (Features of Bikaner Painting)
(I) रायसिंह (Rai Singh)-
- बीकानेर के राजा रायसिंह के शासन काल में बीकानेर चित्रकला का स्वतंत्र विकास प्रारम्भ हुआ था।
- बीकानेर के राजा रायसिंह के शासन काल में भागवत पुराण का चित्रण किया गया था।
(II) अनूप सिंह (Anup Singh)-
- बीकानेर के राजा अनूप सिंह का शासन काल बीकानेर चित्रकला का स्वर्ण काल था।
(III) बीकानेर चित्रकला के प्रकार (Types of Bikaner Painting)-
- बीकानेर में दो प्रकार की चित्रकलाऐं थी। जैसे-
- (A) उस्ता कला (Usta Art)
- (B) मथैरणा कला (Mathairana Art)
(A) उस्ता कला (Usta Art)-
- उस्ता कला में ऊँट के चमड़े पर सोने का कार्य किया जाता है।
- बीकानेर के महाराजा रायसिंह अली रजा व रुक्नुद्दीन को लाहौर से लेकर आये थे।
- मुस्लिम चित्रकारों ने हिन्दू देवी-देवताओं के भी चित्र बनाये थे।
- बीकानेर के Camel Hide Training Center में उस्ता कला सिखाई जाती है।
उस्ता कला के प्रमुख चित्रकार (Main Painters of Usta Art)-
- आसीर खाँ (Asir Khan)
- हसन (Hasan)
- रामलाल (Ramlal)
- हेसामुद्दीन (Hesamuddin)- हेसामुद्दीन पद्म श्री पुरस्कार विजेता है। (उस्ता कला के लिए दिया गया था।)
(B) मथैरणा कला (Mathairana Art)-
- बीकानेर के महाराजा अनूप सिंह के शासन काल में मथैरणा कला को प्रोत्साहन मिला था।
- मथैरणा जैन चित्रकार थे।
- इन्होंने गिली दिवारों पर राजा महाराजाओं के चित्र बनाये थे।
- मथैरणा कला को आलागीला कहा जाता है।
- शेखावाटी क्षेत्र में आलागीला को पणो कहा जाता है।
- मथैरणा कला के अन्य नाम-
- (I) फ्रेस्को (Fresco) या अराईश (Araish)
- (II) टेम्पेरा (Tempera)
मथैरणा कला के प्रमुख चित्रकार (Main Painters of Mathairana Art)-
- चन्दू (Chandu)
- मुन्ना (Munna)
- मुकुन्द (Mukund)
(IV) बीकानेर चित्रकला की विशेषताएं (Features of Bikaner Painting)-
- बीकानेर चित्रकला में मुस्लिम चित्रकारों ने हिन्दू देवी-देवताओं के चित्र बनाये थे।
- बीकानेर चित्रकला में बीकानेर तथा शेखावाटी के चित्रकार अपने चित्रों के साथ नाम व तिथि भी लिखते थे।
- बीकानेर चित्रकला पर मुगल, दक्कनी तथा पंजाबी चित्रकलाओं का प्रभाव दिखाई देता है।
- बीकानेर चित्रकला में लाल, सलेटी तथा बैंगनी रंगों का प्रयोग किया जाता था।
- बीकानेर चित्रकला में रेत के टिलो का चित्रण किया जाता था।
- बीकानेर चित्रकला में पहाड़ों का चित्रण किया जाता था।
- बीकानेर चित्रकला में फूल पत्तियों का चित्रण किया जाता था।
"The Art and Architecture of Bikaner State"
- The Art and Architecture of Bikaner State नामक पुस्तक हरमन गोएट्ज (Hermann Goetz) के द्वारा लिखी गई पुस्तक है।
- हरमन गोएट्ज (Hermann Goetz) एक जर्मन लेखक था।
3. किशनगढ़ चित्रकला (Kishangarh Painting)-
- (I) सावन्त सिंह (Sawant Singh)
- (II) किशनगढ़ चित्रकला के प्रमुख चित्रकार (Main Painters of Kishangarh Painting)
- (III) किशनगढ़ चित्रकला की विशेषताएं (Features of Kishangarh Painting)
- (IV) किशनगढ़ चित्रकला पर रिसर्च (Research on Kishangarh Painting)
(I) सावन्त सिंह (Sawant Singh)-
- वल्लभ सम्प्रदाय के प्रभाव में सावन्त सिंह ने अपना नाम बदलकर नागरीदास रख लिया था।
- सावन्त सिंह ने नागर समुच्चय नामक पुस्तक लिखी थी।
- सावन्त सिंह ने अपना अंतिम समय वृन्दावन में बिताया था।
- सावन्त सिंह का शासन काल किशनगढ़ चित्रकला का स्वर्ण काल था।
- वल्लभ सम्प्रदाय के प्रभाव में राधा-कृष्ण के चित्र अधिक बनाये गये थे।
- सावन्त सिंह ने अपनी प्रेमिका रसिक बिहारी को राधा के रूप में चित्रित करवाया था।
(II) किशनगढ़ चित्रकला के प्रमुख चित्रकार (Main Painters of Kishangarh Painting)-
- (A) मोरध्वज निहालचन्द (Mordhwaj Nihalchand)- मोरध्वज निहालचन्द ने सावन्त सिंह की पुस्तक नागर समुच्चय का चित्रण किया था।
- मोरध्वज निहालचन्द ने सावन्त सिंह की प्रेमिका रसिक बिहारी का एक व्यक्तिगत चित्र बनाया था जिसे बणी-ठणी (Bani-Thani) कहा जाता है।
- एरिक डिक्सन (Eric Dicson) ने बणी-ठणी को भारत की मोनालिसा (Monalisa) कहा था।
- मोनालिसा एक इटालियन पेंटिंग है।
- 1973 ई. में सरकार द्वारा बणी-ठणी पर डाक टिकट जारी किया गया था।
- (B) अमीरचन्द (Ameerchand)- अमीरचन्द ने "चाँदनी रात की गोष्ठी" नामक पेंटीग बनायी थी।
- (C) सूरध्वज (Surdhwaj)
- (D) लाडलीदास (Ladalidas)
- (E) सीताराम (Sitaram)
- (F) सवाईराम (Sawairam)
- (G) रामनाथ (Ramnath)
- (H) बदन सिंह (Badan Singh)
(III) किशनगढ़ चित्रकला की विशेषताएं (Features of Kishangarh Painting)-
- किशनगढ़ चित्रकला में महिला सौंदर्य का चित्रण अधिक किया जाता था।
- किशनगढ़ चित्रकला में गुलाबी तथा सफेद रंग का प्रयोग अधिक किया जाता था।
- किशनगढ़ चित्रकला में हासिये में हल्के गुलाबी रंग का प्रयोग किया जाता था।
- किशनगढ़ चित्रकला में वेसरि का चित्रण किया जाता था। (वेसरि- नाक का आभूषण)
- किशनगढ़ चित्रकला पर कांगड़ा (Kangara) चित्रकला का प्रभाव दिखाई देता है।
- किशनगढ़ चित्रकला में सरोवरो का चित्रण किया जाता था।
- किशनगढ़ चित्रकला में हंसो का चित्रण किया जाता था।
- किशनगढ़ चित्रकला में केले के पेड़ों का चित्रण किया जाता था।
(IV) किशनगढ़ चित्रकला पर रिसर्च (Research on Kishangarh Painting)-
- निम्नलिखित ने किशनगढ़ चित्रकला पर रिसर्च की थी।
- (I) एरिक डिक्सन
- (II) फैयाज अली
4. नागौर चित्रकला (Nagaur Painting)-
- नागौर चित्रकला में लकड़ी के दरवाजों पर भित्ति चित्रण किया जाता था।
- नागौर चित्रकला में वृद्धावस्था का चित्रण अधिक किया जाता था।
- नागौर चित्रकला में पारदर्शी कपड़ों का चित्रण किया जाता था।
- नागौर चित्रकला में बुझे हुए रंगों का प्रयोग किया जाता था।
5. अजमेर चित्रकला (Ajmer Painting)-
- अजमेर चित्रकला में हिन्दू, इस्लाम तथा ईसाई धर्मों का प्रभाव दिखाई देता है।
- ठिकानों की चित्रकला में राजपूत संस्कृति दिखाई देती है।
अजमेर चित्रकला के प्रमुख चित्रकार (Main Painters of Ajmer Painting)-
- (A) चाँद (Chand)- चाँद ने लोक देवता पाबूजी का चित्र बनाया था।
- (B) तैय्यब (Taiyyab)
- (C) रामसिंह (Ram Singh)
- (D) साहिबा (Sahiba)
- (E) उस्ना (Usna)
6. जैसलमेर चित्रकला (Jaisalmer Painting)-
- जैसलमेर चित्रकला में अन्य किसी चित्रकला का कोई प्रभाव नहीं है।
- जैसलमेर चित्रकला में मूमल का चित्रण अधिक किया गया है।
महत्वपूर्ण लिंक (Important Link)-